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82 - ग्रामीण समाज में संचार की भूमिका in Hindi

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Authorडॉ निर्मला सिंह और ऋषि गौतम
“कस्तूरबाग्राम रूरल इंस्टीट्यूट, कस्तूरबाग्राम, इंदौर” में 15-16 जनवरी, 2016 को “ग्रामीण समाज और संचार: बदलते आयाम” विषय पर संपन्न “राष्ट्रीय संगोष्ठी( national seminar)” के तहत प्रस्तुत विद्वता-पूर्ण शोध लेखों का संग्रहणीय संकलन है यह पुस्तक। जो निश्चित रूप से एक पुस्तक के रूप में मीडिया-जगत के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के साथ साथ विभिन्न विषयी अध्येताओं के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा। Voiceover Artist : RJ Manish Author : Dr. Nirmala Singh Author : Rishi Gautam Producer : Saransh Studios Voiceover Artist : Manish Singhal Author : Dr. Nirmala Singh & Rishi Gautam
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ग्रामीण समाज पर संचार की भूमिका संचार और ग्रामीण समाज के बीच घनिष्ठ संबंध है । संचार नई चीजों के प्रति जागरूकता और बदलाव के प्रति इच्छा पैदा करता है । भारत में लोगों को नई सूचनाओं और कौशलों से युक्त करने तथा उन्हें विभिन्न विकास कार्यक्रमों में उनकी ऐच्छिक भागीदारी के लिए लामबंद करने की प्रक्रिया में संचार के महत्व को बखूबी पहचाना गया है । सभी पंचवर्षीय योजनाओं में इन पर और भी दिया गया है जो देश के विकास का रणनीति का खाता है । पहली पंचवर्षीय योजनाओं में लोगों द्वारा विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यक्रमों को समझने रहने की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से रेखांकित कर दिया गया था । वो बाद की योजनाओं में दूर दराज के गांवों में भी लोगों तक पहुंचने की चिंता को अधिकाधिक सौ देकर व्यक्त किया गया । ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंचार किसी में पहुंच को देखते हुए सरकार ने अंतर्वैयक्तिक संचार की शक्ति को बांधने के लिए विभिन्न विकास विभागों और अभी करना द्वारा विस्तार सेवाओं के विस्तृत संचाल का नियोजन और प्रावधान किया । जनसंचार और विस्तार सेवाओं का उद्देश्य ग्रामीण भारत में विकास को बढावा देने के क्रम में एक दूसरे का पूरक और सम्पूरक बनना है । ग्रामीण लोगों को विकास संबंधी विभिन्न संदेशों का संचार करने के प्रयास से विस्तार सेवाएं विभिन्न प्रकार के शोपियां द्रश्य साधनों का प्रयोग करती हैं । उपग्रह केवल टेलीविजन के आगमन के साथ उन्होंने कृषि और विज्ञान के दो विशेष चैनल शुरू किए हैं, जिनका उद्देश्य दूरदराज के आदिवासी और ग्रामीण इलाकों समेत पूरे देश के विशाल जनसमूह की सोचना और विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना है । पूरे देश में जनसंचार ग्रामीण इलाकों में विभिन्न जनसंचार माध्यमों के वास्तविक पहुंच अभी भी सीमित ही बनी हुई है । इसके चार मुख्य कारण है जो एक दूसरे से जुडे हैं । ये हैं काम लगभग प्रतिशत साक्षरता जो की ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में और भी काम है । प्रभावी साक्षरता उससे भी कम है । काम क्रयशक्ति लगभग सत्तर प्रतिशत लोग गरीबी की रेखा के नीचे रहते हैं तो उनके पास देरी हो अथवा टीवी खरीदने लाया पैसे नहीं है । हर पे अखबार भी नहीं ले पाते हैं परिवहन के घटिया साधन, जिनके कारण ग्रामीण इलाकों में समय से अखबार नहीं पहुंच पाते और रेडियो टेलीविजन सेट के रख रखाव अथवा मरम्मत में बाधा आती है । बिजली की नियमित आपूर्ति नहीं हो पाने से लोग ढंग से टीवी नहीं देख सकते हैं । यदि जनसंचार माध्यमों का लक्ष्य उद्देश्यपूर्ण और विकास संचार है तो प्रासंगिक सूचना का अभाव भी एक कारण है । रेडियो वास्तव में एक चल संचार माध्यम है । आबादी के एक बडे तबके तक रेडियो के माध्यम से पहुंचा जा सकता है । इसकी लाभकारी स्थिती यह है कि यह बहुत महंगा नहीं होता जैसे कहीं भी ले जाया जा सकता है । यह सुविधाजनक भी होता है । ग्रामीण इलाकों में जहाँ बाहर बाद बिजली चना आप बात है बाहर रेडियो रखने का बहुत लाभ होता है क्योंकि आम तौर पर यहाँ बैटरी से चलता है । ऐसे कई रेडियो कार्यक्रम होते हैं जिनका ग्राम विकास के मुद्दों पर सीधा असर पडता है । आप अपने इलाके में रेडियो प्रसारण पर नजर रखें तो आपको इस बारे में और अच्छी जानकारी हो सकती है कि इस समय रेडियों पर ग्राम विकास के कांस्य कार्यक्रमों का प्रसारण हो रहा है जो स्थानीय श्रोताओं में लोकप्रिय है । टेलीविजन एक अत्यधिक सशक्त और प्रभावी माध्यम है क्योंकि इसमें श्राॅफ दोनों ही प्रकार के संकेतों का प्रयोग होता है । यह ग्रामीण इलाकों में भी अधिकाधिक लोकप्रिय होता जा रहा है तो बार बार बिजली जाने के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में इसका अधिक उपयोग नहीं हो पाता । इसके अतिरिक् यह माध्यम मुख्य रूप से समाचार और मनोरंजन से जुड गया है । फिर ये मैं भी पडता है । इस प्रकार इस माध्यम का प्रयोग विकास के उद्देश्यों के लिए बहुत सतर्कता से किया जाना चाहिए । किंतु यहाँ तो निश्चित है कि जनसाधारण में जागरूकता पैदा करने की दिशा में पी । वी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है क्योंकि है जनसंचार का एक अत्यंत प्रचलित और लोकप्रिय माध्यम है । भाषाई अखबार और पत्रिकाएं भी अब ग्रामीण समुदायों तक पहुंच रही हैं । आज कल गांव की चाय की दुकान अथवा अन्य किसी सुविधा जन्म स्थल पर गांव वालों का अखबार पढते देख जाना हो गया है । जन संचार के अन्य माध्यमों के डर है पत्र पत्रिकाएं भी जनसाधारण में विभिन्न मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करती है किंतु गांवों में साक्षरता की दर आज भी कम होने के कारण विकास संदेशों के संचार में उतरे माध्यम की उपयोगिता उसी में थी है । किंतु ग्रामीणों के लिए विशिष्ट विकास संदेशों से योग और लक्ष्य समूह में वितरित की गई । उतरन और प्रचार सामग्री विकास के उद्देश्य को पूरा कर सकती है । सारा आएगी । इस इकाई में आपने यह पडा कि संचार समाज में निरन्तरता और बदला दोनों का ही एक अनिवार्य कटक है । संचार और ग्रामीण समाज के बीच एक घनिष्ठ संबंध है । संचार के माध्यम से लोग विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले नए विकासों के प्रति और उनके परिणाम स्वरूप बनने वाले नए अफसरों के प्रति भी जागरूक होते हैं । आप अपने इलाके में रेडियो प्रसारणों पर नजर रखें तो आपको इस बारे में और अच्छी जानकारी हो सकती है कि इस समय रेडियो पर ग्रामविकास गए कौनसे कार्यक्रमों का प्रसारण हो रहा है, जो स्थानीय श्रोताओं से लोकप्रिय है । इस प्रकार इस माध्यम का प्रयोग विकास के उद्देश्य के लिए बहुत सतर्कता से किया जाना चाहिए । तो क्या है तो निश्चित है कि जनसाधारण में जागरूकता पैदा करने की दिशा में टीवी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि यह जनसंचार का एक अत्यंत प्रचलित और लोकप्रिय माध्यम है । जन संचार के अन्य माध्यमों की तरह पत्र पत्रिकाएं भी जनसाधारण में विभिन्न मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करती है कि तुम गांवों में साक्षरता की दर आज भी कम होने के कारण विकास संदेशों के संचार में मुद्रा माध्यम की उपयोगिता सीमित थी है, नहीं नहीं

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“कस्तूरबाग्राम रूरल इंस्टीट्यूट, कस्तूरबाग्राम, इंदौर” में 15-16 जनवरी, 2016 को “ग्रामीण समाज और संचार: बदलते आयाम” विषय पर संपन्न “राष्ट्रीय संगोष्ठी( national seminar)” के तहत प्रस्तुत विद्वता-पूर्ण शोध लेखों का संग्रहणीय संकलन है यह पुस्तक। जो निश्चित रूप से एक पुस्तक के रूप में मीडिया-जगत के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के साथ साथ विभिन्न विषयी अध्येताओं के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा। Voiceover Artist : RJ Manish Author : Dr. Nirmala Singh Author : Rishi Gautam Producer : Saransh Studios Voiceover Artist : Manish Singhal Author : Dr. Nirmala Singh & Rishi Gautam
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