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खाना, नहाना और सोना ठंडा खाये गर्म नहाएं उस बचा के सोवे ऐसे नर के पिछवाडे में वैध बैठ के रो वे भगवान भोजन को ठंडा करके खाने वाले, गर्म गुनगुने पानी से नहाने वाले और उस बचाकर सोने वाले व्यक्ति को कभी भी वैध हकीम डॉक्टर की आवश्यकता नहीं पडती अर्थात ऐसे व्यक्तियों के पडोस में रहने वाला वैध दुखी रहता है । स्पष्टिकरण भोजन को ठंडा करके खाने से तात्पर्य है कि सामान्य ताप होने पर ही भोजन खाना चाहिए । अधिक गर्म खाना खाने से मुख की लार ग्रंथियां प्रभावित हो सकती है । लार ग्रंथि प्रभावित होने पर भोजन का पाचन प्रभावित होगा । गर्म पानी से स्नान करने पर तो जा के रंध्र छिद्र खुलते हैं, मिट्टी धूल साफ होती है और त्वचा के रंग भरोसे विजातीय तत्व जैसे नमक आदि बाहर आते हैं । शरीर में स्फूर्ति आती है । स्पोर्ट्स बचाकर सोने से तात्पर्य है की ओर पडने के मौसम में खुले में नहीं होना चाहिए क्योंकि सोते समय आसमान से पडने वाली ऑस् की नमी के कारण सास के साथ नहीं जाएगी । इससे बहुत से श्वसन संबंधी रोग जैसे नजला, जुकाम, खांसी, अस्थमा दी हो सकते हैं । लाभ ठंडा खाने से मूव तथा उधर संबंधी रोगों, गर्म पानी से नहाने से त्वचा रोगों, वह ओस बचाकर सोने से श्वास संबंधी रोगों से बचा जा सकता है । सारा भोजन को ठंडा करके खाना चाहिए, स्नान गरम पानी से करना चाहिए तथा आद्रता के मौसम में तो उससे बचकर होना चाहिए हैं ।