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50 - ग्रामीण समाज का नवीन रूप और संचार माध्यम in Hindi

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Authorडॉ निर्मला सिंह और ऋषि गौतम
“कस्तूरबाग्राम रूरल इंस्टीट्यूट, कस्तूरबाग्राम, इंदौर” में 15-16 जनवरी, 2016 को “ग्रामीण समाज और संचार: बदलते आयाम” विषय पर संपन्न “राष्ट्रीय संगोष्ठी( national seminar)” के तहत प्रस्तुत विद्वता-पूर्ण शोध लेखों का संग्रहणीय संकलन है यह पुस्तक। जो निश्चित रूप से एक पुस्तक के रूप में मीडिया-जगत के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के साथ साथ विभिन्न विषयी अध्येताओं के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा। Voiceover Artist : RJ Manish Author : Dr. Nirmala Singh Author : Rishi Gautam Producer : Saransh Studios Voiceover Artist : Manish Singhal Author : Dr. Nirmala Singh & Rishi Gautam
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ग्रामीण समाज का नवीन रूप और संचार माध्यम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मानना था कि गांव भारतीय समाज का आइना है । गांव का तात्पर्य किसी विशेष स्थानीय क्षेत्र से नहीं होता है बल्कि गांव तो जीवन की एक में भी है । जिस जगह पर भी लोग दृढ सामुदायिक भावना से बने रहकर परंपरागत ढंग से व्यवहार करते हैं उस स्थान को गांव कहा जाता है । भारत वर्ष प्रधानतः गांवों का देश है इसलिए गांवों के विकास के बिना देश का विकास नहीं किया जा सकता ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता । वर्तमान समय में भारतीय गांवों का जो स्वरूप है वो आज से कुछ वर्ष पूर्व ऐसा नहीं था । आज गांव में पक्की सडकें, पीने के लिए साफ पानी, पक्के घर, पंचायत, भवन, विद्यालय जैसी समस्या सुविधाओं का श्रेय संचार के माध्यमों को दिया जाता है । जिन्होंने ना सिर्फ गांव को एक नई पहचान दिलाई है बल्कि गांव के लोगों को भी समाज के मुख्यधारा में लाकर खडा कर दिया है । संचार माध्यम और भारतीय ग्रांड मानव जीवन के लिए संचार के महत्व को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है । मानव की मूलभूत आवश्यकताओं में संचार भी शामिल है । आज के युग को संचार का योग कहा जाता है । क्योंकि शताब्दी का प्रारंभ सूचना तकनीकी अभूतपूर्व क्रांति के साथ हुआ है । माइक्रो, इलेक्ट्रॉनिक तथा कंप्यूटर तकनीक ने दूर संचार के साथ मिलकर जिस तकनीक को विकसित किया, उसे ही सूचना तकनीक कहा जाता है । सूचना सुविधाओं के कारण ग्रामीण समाज में संचार का कांतिकारी महत्व है । संचार माध्यम की ग्रामीण समाज तक पहुंच देश की महत्वपूर्ण सफलताओं में से एक है । संचार माध्यमों का कार्य भी यही है कि गांवों के प्रत्येक व्यक्ति की आवाज को उठाया जाए और उनकी समस्याओं को प्रमुखता दी जाएगी । संचार माध्यमों के उपयोग के द्वारा गांव में प्रबंधन एवं प्रशासन की कार्यकुशलता में प्रभावी वृद्धि संभव है । सामुदायिक रेडियो और इंटरनेट गांव की कार्यप्रणाली को सुविधाजनक और सरल बनाने का कार्य किया है । संचार माध्यम ने गांव के विकास को नए आयाम प्रदान किए हैं । संचार माध्यमों का उद्देश्य ग्रामीण जीवन के विभिन्न पहलुओं को इंगित कर ग्राम के विकास में सहायता प्रदान करना है । परिवार एवं जनकल्याण साक्षरता, कृषि की उन्नत विधियां, महिला एवं बाल विकास की स्थितियों का आकलन, नवीन योजनाओं की जानकारी, गांव को विकास की मुख्यधारा से जोडना इसमें शामिल है । पत्रकार एक कडी के रूप में भारत की आत्मा गांवों में बसती है और गांव की आत्मा किसानों में संचार माध्यम किसानों की जरूरत है । संचार माध्यम किसानों की समस्याओं को हल करने और उन्हें जानकारी उपलब्ध कराने में मददगार है । लेकिन संचार माध्यम तभी उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं जब इसका मुख्य रूप से उपयोग करने वाले पत्रकार इसके महत्व को समझे और गांव के हित में संचार माध्यमों का प्रयोग पूर्ण ईमानदारी के साथ करें । पत्रकार संचार माध्यमों की मदद से वैज्ञानिक जानकारी और किसानों के मध्य एक गाडी के रूप में कार्य करते हैं । किसानों को कृषि कि जानकारियाँ देने के साथ इनकी आवाज और उनकी समस्याओं को समाज के सामने लाने का प्रयास करते हैं । इन सब कार्य में संचार माध्यम ही है जो पत्रकार की सहायता करते हैं । नवीन संचार माध्यम और ग्रामीण विकास हमारे देश में साक्षरता का स्तर अत्यंत कम है । इस बात को ध्यान में रखते हुए संचार के माध्यम का चुनाव करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है । संचार माध्यम का चुनाव इस बात को भी ध्यान में रखकर किया जाता है कि साक्षर निरक्षर ग्रामीणों तक समान रूप से जानकारी पहुंच सके । आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के रूप में संचार के नवीन माध्यमों में से एक टेलीविजन और रेडियो महत्वपूर्ण है । इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसे रेडियो टीवी के विविध चैनल्स और दूरदर्शन अब गांवों की ओर मुडे हैं । ग्रामीण आवश्यकताओं की पूर्ति है तो प्रदर्शित नियमित कार्यक्रमों के मुख्य दो उद्देश्य ग्रामीण कृषकों को आधुनिक तकनीक और कृषि जगत से संबंधित जानकारी देना है । जैसे उन्नत कृषि पद्धति, उर्वरक, बीज, नए उपकरण, कुटिर, उद्योग धंधों, ग्रामीण विकास, कृषि समाचार, मौसम संबंधी जानकारी दूसरा उद्देश्य है । शिक्षा, स्वास्थ्य, सफाई, परिवार कल्याण, पर्यावरण आदि आते हैं । ग्रामीण कार्यक्रमों के विस्तार के लिए उन्नीस सौ पचहत्तर ईसवी में उपग्रह से संचालित साइट परियोजना शुरू हुई, जिसके अंतर्गत छह राज्यों के चौबीस सौ गांव लाभान्वित हुए । कृषि दर्शन, चौपाल, मेरा फ्रेंड आमची मार्टी जैसे कार्यक्रम कृषि जगह से ही संबद्ध है । स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन, पंचायतीराज, सहकारिता शामिल, कल्याण, युवा जगह, उद्योग, विकास, आवास, विधिविधान आदि सामयिक विषयों पर दूरदर्शन कार्यक्रम प्रसारित करता रहता है । संचार माध्यमों के उपयोग द्वारा सरकार एवं ग्रामीण जनता के मध्य संवाद स्थापित हुआ है एवं नई संचार तकनीक जैसे ऑडियो एॅफ रिकॉर्डिंग के द्वारा संदेशों एवं सूचनाओं के आदान दौरान से सभी वर्गों के मध्य आपसी समझ में वृद्धि हुई है । आज मल्टीमीडिया सीडी, रोम तथा इंटरनेट और मोबाइल फोन जैसे उच्च तकनीकी साधनों के द्वारा सूचनाएं तीव्र गति से संचालित की जा सकती है । आज भौगोलिक सीमाओं का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है । शहर और गांवों का भेद समाप्त हो गया है । इंटरनेट के द्वारा सूचनाओं का आदान प्रदान कम लागत में व्यापक क्षेत्र में संभव है । निष्कर्ष गांव में सही सूचना का नितांत अभाव है । आज रोटी से भी अधिक करीबी सोचना की है । सूचना संचार परिवर्तन का आधार है । संचार साधनों ने विकास को गति दी है । टेलीफोन से शहर का संपर्क गांव से हुआ । व्यापारियों ने गांव की गतिविधियों की प्रतिदिन की जानकारी को महत्वपूर्ण मारा । ग्रामीणों ने शहर और बाजार के भाव की जानकारी ली । टेलीफोन के चलते गांव की प्रगति हुई । वहाँ के निवासियों की आय बडी संचार माध्यमों से गांव का कायाकल्प हुआ । हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि गांवों के विकास पर ही देश का विकास निर्भर है । यहाँ तक कि बडे उद्योगों का माल भी तभी बिकेगा जब किसान के पास पैसा होगा । थोडी से सफाई या कुछ सुविधाएँ प्रदान कर देने मात्र से गांवों का उधार नहीं हो सकेगा । गांवों की समस्याओं पर संचार माध्यमो द्वारा पूरा ध्यान किये जाने की आवश्यकता है ।

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Sound Engineer

“कस्तूरबाग्राम रूरल इंस्टीट्यूट, कस्तूरबाग्राम, इंदौर” में 15-16 जनवरी, 2016 को “ग्रामीण समाज और संचार: बदलते आयाम” विषय पर संपन्न “राष्ट्रीय संगोष्ठी( national seminar)” के तहत प्रस्तुत विद्वता-पूर्ण शोध लेखों का संग्रहणीय संकलन है यह पुस्तक। जो निश्चित रूप से एक पुस्तक के रूप में मीडिया-जगत के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के साथ साथ विभिन्न विषयी अध्येताओं के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा। Voiceover Artist : RJ Manish Author : Dr. Nirmala Singh Author : Rishi Gautam Producer : Saransh Studios Voiceover Artist : Manish Singhal Author : Dr. Nirmala Singh & Rishi Gautam
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