Made with in India
शुक्रवार की सुबह साइमन और गाॅव लाइन मुझ पर सही बैठ रही थी । कॅश अभिवादन अंधेरे मेरे पुराने साथ ही है ना! फिर एक बार तुमसे बात करने आ गया हूँ मीरा के बिना छेना उसके लिए तुम इतना मेरी स्वाभाविक नशा नहीं । वैसे भी नौ साल से मैं वैसे ही जी रहा था । पाल सिर्फ अतीत से अंधेरे की तरफ जाने के लिए ऍम कविता कुछ बेहतर की हाॅल । मैं उसे उन वादों से और भूत नहीं बना सकता था, चाहे मैं पूरा नहीं करता हूँ । मैंने सोचा की मीरा और अपने सच्चे प्यार को पाने में नाकामी की बातें बताकर उसे चोट पहुंचाना अच्छा नहीं होगा । मैंने पहले ही बहुतों को चोट पहुंचाई हूँ । उसे सूची में शामिल नहीं करना चाहता था । सुबह हो चुकी थी । ऍप्स की बत्तियां भी चल रहे थे और सर्दियों के धंधे के बीच गृह की परी कथा जैसी तस्वीर देख रही थी । उनकी हो देवी मैं तभी चमडा तो कविता को अपनी तरफ आते देखा हूँ । उसने बडी साइज ऍम रखा था, मेरे करीब कर बैठे हैं और अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया । ऍम मैं तुमसे किया एक भी वायदा पूरा नहीं कर रहा हूँ, कर रहा हूँ । क्या मेरी कुंवर में उससे पूछा क्या मतलब तुम्हारे? मैंने कोई नई शुरुआत नहीं । मैं आज भी वही पुराना भावना ऍम और भीतर तक भरोसे के लायक नहीं हूँ । मैं एक दम ठीक कह रहा था नहीं सब और इससे भी ज्यादा था । हैरानी इस बात की थी की कविता बातचीत के सोच से बिल्कुल भी परेशान नहीं अगर नया भी नहीं तो कम से कम एक नई कविता दिख रही थी । पिछले दिन तो बहुत को छेडना है मीरा के साथ जो कुछ हुआ और अब ऍम मेरा के साथ कुछ हूँ ऍन इस इसका क्या मतलब है ही पी जानती हो ना तुमसे प्यार करती हूँ हूँ । मैं जानती हूँ की मेरा के साथ तुम्हारा संबंध कह रहा था कुछ और नहीं हो सकता ऍफ में देखा था । तुम ने इंकार कर दिया लेकिन समझ चुकी थी नहीं रखते हैं तो दोनों को एक दूसरे की कमी खलती रही और शायद शायद ही पहले प्यार कच्चा होता है, अच्छी तरह समझ सकती हूँ, उसे कैसा लगता होगा और उसकी शादी किसी और इंसान के साथ हो जाना सर ऍम फिर किस हिसाब से काम था की शादी की मौत हो गई और तुम्हारे पैरों तले जमीन कर सकते हैं । मुझे कि नहीं हो रहा था की कविता नहीं सब कुछ चल दिया था । फिर भी उस शाम और खामोश रही । निश्चित तौर पर उसने मुझे कराने में डाल दिया था । मैं चाहती थी कि बातचीत चल रही होगी । उसने एक मुस्कान के साथ कहा किसी बच्चे । मैंने सुमित से पूछा तो उसका मतलब मीरा से तो नहीं । यही बातचीत की तुम दिल्ली इतने अच्छे नहीं । पर जब भी तुम भावना तक रूप से पेहले परेशान होते हो तो तुम्हारे पाँच निकलने का प्लान तो मैं अच्छी तरह से उठने लगी हूँ । उसने मेरे को हल्के से चूमा और फिर से अपना सिर्फ मेरे कंधे पर रख दिया है । जानते हो गई है उसके पास आगे बढे । दो तरह के मर्द होते हैं । एक तो किसी का सहारा बनते हैं । वो भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं और अगर उनके सामने सुनामी दिया जाए तो हटते नहीं है । सभी तरह के लोग होते हैं, होते हैं । तो जिस ठंड देखते हैं कि वो भावुक हो रहे हैं तो वो भागने की चुकी तलाशने लगते हैं और आखिरकार खुद को या किसी और कुछ चोट पहुंचा देते हैं होती है । लेकिन मैंने तय कर लिया है कि मैं तो भरे साथ भागों में मिस्टर तो संभागों अगर चाहते हो मैंने भी अपनी तैयारी कर ली है । चाहे कितनी भी उदासी मेरे मन परछाई थी लेकिन मैं खुद को हंसने से रोक नहीं सकता । कविता को सब कुछ पता नहीं चल सका था लेकिन वो काफी कुछ चुकी थी । अगर मैं क्यूँकि सुधाकर, वापस भारत और तू मुझे लगा इस पर कुछ तहस इतना कुछ नहीं हुआ । मैंने तो कह दिया कि मैं भी तैयार हूँ तो खुशी मिले तो तुम उत्तरी ध्रुव भागता हूँ । मैं भी तुम्हारे साथ चलना है । फॅमिली और मुझे हमसे छूट गया । मैं शाजिया नहीं है लेकिन तुम्हारे लिए अच्छी कॉफी बना करती है । वो कोई खाना गुनगुनाते स्टेशन की तरफ जा रही थी और मैं उसे देख रहा था । लंदन के किसी उपनगर में कहीं मीरा भी यही कर रहे हैं । अपने पति के लिए काफी बना रही हूँ । अगर कविता सही भी है । अगर मैं भगोडा खाते हैं तो भी सोच रहा था कि क्या कभी मीरा के बिना संस्कृति के डर से तू आप सकून ना
Producer
Sound Engineer
Voice Artist