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35 - ग्रामीण समाज को बदलने में विज्ञान संचार का योगदान in Hindi

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Authorडॉ निर्मला सिंह और ऋषि गौतम
“कस्तूरबाग्राम रूरल इंस्टीट्यूट, कस्तूरबाग्राम, इंदौर” में 15-16 जनवरी, 2016 को “ग्रामीण समाज और संचार: बदलते आयाम” विषय पर संपन्न “राष्ट्रीय संगोष्ठी( national seminar)” के तहत प्रस्तुत विद्वता-पूर्ण शोध लेखों का संग्रहणीय संकलन है यह पुस्तक। जो निश्चित रूप से एक पुस्तक के रूप में मीडिया-जगत के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के साथ साथ विभिन्न विषयी अध्येताओं के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा। Voiceover Artist : RJ Manish Author : Dr. Nirmala Singh Author : Rishi Gautam Producer : Saransh Studios Voiceover Artist : Manish Singhal Author : Dr. Nirmala Singh & Rishi Gautam
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ग्रामीण समाज को बदलने में विज्ञान संचार का योगदान संचार प्रेषक का प्राप्तकर्ता को सूचना भेजने की प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत ऐसे माध्यम या तंत्र का उपयोग किया जाता है जिसे सूचना प्रदाता एवं सूचना प्राप्त करता दोनों ही समझ सकते हैं । आज ग्रामीण समाज भी संचार की प्रक्रिया में अछूता नहीं है । इसका प्रभाव संपूर्ण ग्रामीण मानव जगत मकरानी पर गहन रूप से पडा है । एक । रेडियो दो । टेलीफोन एवा मोबाइल तीन । दूरदर्शन चार कंप्यूटर एवं इंटरनेट रेडियो आजादी के बाद से ही ग्रामीण अंचल में रेडियो का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । सामाजिक तानेबाने को सशक्त बनाने में रेडियो के प्रसारण ओं ने एक अभूतपूर्व भूमिका का निर्वाहन किया है । फिर चाहे जहर उपक या एकल नाटक हो, खेत कल्याण पंचायतीराज हो या को बाॅध कम्पोस्ट खाद बनाने का तरीका । मौसम फसलों से लेकर मौसमी बीमारियों के बचाव में एक सशक्त माध्यम रेडियो ही रहा । भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का भाषण आजादी का पर सभी ने रेडियो प्रसारण पर ऑल इंडिया रेडियो पर ही सुना था और सभी को एक छोर से दूसरे छोर तक अंग्रेजी राज्य के समापन और स्वतंत्र भारत की बात पता चली थी । गांव गांव में क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भी वीडियो को ही जाता है । संचार का एक सशक्त माध्यम आज भी रेडियो है । लोकप्रियता इतनी की किसान आज भी खेत पर खलिहान पर रेडियो के साथ ही अपना काम करता है और तीन व्यतीत करता है । टेलीफोन एवं मोबाइल ग्रामीण क्षेत्र में आज भी टेलीफोन को एक विश्वसनीय एवं आधारभूत संचार स्रोत मना किया है । यही कारण है कि ग्रामीण जगत में हर एक पंचायत में सार्वजनिक टेलीफोन की व्यवस्था है, जिससे कि ग्राम अन्य ग्रामों एवं शहरों के सतत संपर्क में रहे एवं सरकारी प्रशासनतंत्र से भी अपना लगातार संपर्क बनाए रख सके । इनमें पुलिस थाना, राजस्व विभाग, महिला एवं बाल विकास, जिला पंचायत, स्वास्थ्य एवं समुदाय सेवा प्रभाग से इनका निरन्तर सतत एवं जीवन सहयोग बना रहता है । इस प्रकार दूर संचार एक सशक्त एवं अनिवार्य संसाधन के रूप में ग्रामीण जगत में उन्नति के लिए कार्य कर रहा है एवं आगे भी रहेगा । आज सुशासन के लिए दूर संचार एक अति आवश्यक संचार सेवा है, जिसकी ग्रामीण विकास में सक्रिय एवं जीवंत भागीदारी है । भारत एकमात्र देश है जिसने चीन को भी संचार के मामले में पीछे छोड दिया है । मोबाइल यह बात भले ही सचिन की आज भी मोबाइल की दुनिया से ज्यादातर ग्रामीण समाज वंचित है । कहीं टावर की समस्या तो कहीं नेटवर्क मिलने की और मोबाइल में भी ग्रामीण जगत को एक नई दिशा एवं रोजगार का अवसर प्रदान किया है । ई गवर्नेंस और अन्य विकासात्मक कार्यक्रम ग्रामीण समाज को उन्नति का अलग आयाम दे रहे हैं । देश के स्मार्टफोन ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूसी ब्राउसर जैसे एप्स ग्रामीण जगत को भी शहरी संसार से नया विकास का अवसर दिया है । छब्बीस प्रतिशत ग्रामीण जनता ही बत्तीस पर है कि आपको मोबाइल पर उपयोग कर रही है । एशिया में भारत सबसे उच्च स्थिति में है क्योंकि ग्रामीण जगत के साथ ही शहरी जगत सम्मिलित है । दूरदर्शन आज देश के लाखों का और ग्रामीण अंचलों के दूर दराज के इलाकों में दूरदर्शन की पहुंच होने लगी है । ग्रामीण जनता के लिए दूरदर्शन शिक्षा, ज्ञान और मनोरंजन का सशक्त माध्यम बन गया है । किसी कारण दूरदर्शन की दिनों दिन लोकप्रियता बढती जा रही है एवं दूरदर्शन ग्रामीण जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया है । जैसे कृषि चौपाल ग्रामीण छलक की एक पहल, गुजरात के रन से असम के चाँद आदिवासी ग्राम तक लेह से लेकर लक्ष्यद्वीप तक की संस्कृति एवं सामाजिक सांस्कृतिक जीवन से दूरदर्शन में हम सभी को जोडा है । खाना खजाना में पूरे भारत के फैन जनों का स्वाद निर्माण विधि से एक दूसरे को परिचय दिया है । चाहे वह बाटी चूरमा हो, सत्तू की लिट्टी मालपूए हो या रस हुआ वहाँ हो या भाग करवाडी, इनकी ग्रामीण जगह तक पहुंच बनाने का काम दूरदर्शन नहीं किया है । महिला सशक्तिकरण, महिला शिक्षा, महिला व्यवसायी, महिला पुरुष के भेद मिटाने में भी दूरदर्शन की अग्रणी भूमिका रही है । कंप्यूटर एवं इंटरनेट ग्रामों को कंप्यूटर एवं इंटरनेट की त्वरित सुविधा से जोडा गया है । पंद्रह अगस्त दो हजार चार से खाता खतौनी का संधारण कंप्यूटर से किया जाना सुनिश्चित किया गया । देश की जनता को यह सुविधा गुजरात से आरंभ होकर संपूर्ण देश को मिल रही है । ग्रामीण जगत में कंप्यूटर ऍम इंटरनेट के माध्यम से देश के दूर ग्राम से जोडा गया है । ग्राम के चैन, मृत्यु प्रमाणपत्र, आवास प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, विभिन्न योजनाओं के कार्य एवं आवेदन प्राप्त करने एवं भरने की सुविधा दी गई है । ई शासन व्यवस्था लागू होने से ग्रामीण सुशासन सशक्त हुआ है । ग्राम पंचायत प्रशासन जहाँ अपनी सफलता का प्रमाण देकर जनविश्वास जीत रहा है, वहीं अविश्वास की स्थिति में जनता अगर चाहे तो जानकारी भी प्राप्त कर सकती है । ग्रामीण शासन एवं सुशासन को बल मिला है । तीस सूत्रीय कार्यक्रम की सफलता का श्रेय भी कंप्यूटर इंटरनेट को ही जाता है, जिन्होंने ग्रामीण समाज को चेतना प्रदान की है । इस सेवा के चलते ग्राम पंचायतें सरकार की महत्वपूर्ण सामाजिक योजनाएं लागू करने वाली नोडल एजेंसी बन गई है हूँ ।

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Sound Engineer

“कस्तूरबाग्राम रूरल इंस्टीट्यूट, कस्तूरबाग्राम, इंदौर” में 15-16 जनवरी, 2016 को “ग्रामीण समाज और संचार: बदलते आयाम” विषय पर संपन्न “राष्ट्रीय संगोष्ठी( national seminar)” के तहत प्रस्तुत विद्वता-पूर्ण शोध लेखों का संग्रहणीय संकलन है यह पुस्तक। जो निश्चित रूप से एक पुस्तक के रूप में मीडिया-जगत के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के साथ साथ विभिन्न विषयी अध्येताओं के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा। Voiceover Artist : RJ Manish Author : Dr. Nirmala Singh Author : Rishi Gautam Producer : Saransh Studios Voiceover Artist : Manish Singhal Author : Dr. Nirmala Singh & Rishi Gautam
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