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32 : छप्पन भोग in Hindi

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AuthorHarish Darshan Sharma
लोक कहावतों में शतायु जीवन के सूत्र - दैनिक जीवन के लिए उपयोगी युक्तियाँ| writer: मुमताज खान Producer : KUKU FM Voiceover Artist : Harish Darshan Sharma Author : Mumtaz Khan Voiceover Artist : Harish Darshan Sharma
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छप्पन भोग भोग भोगकर भोग को बडा नथन के रोग देश तुझे ही खा रहे तेरे छप्पन भोग भावार्थ कभी कहता है कि विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट वो विलासपूर्ण भोज्य सामग्री का पर्याप्त मात्रा में प्रयोग कर तो अपने शरीर में रोगों को बढने का अवसर प्रदान मत कर क्योंकि स्वादिष्ट गरिष्ठ वह विलासपूर्ण भोजन तेरे को पोषक तत्व प्रदान नहीं करते बल्कि तेरह शरीर का राज कर के रोग उत्पन्न करते हैं । स्पष्टिकरण एक बार में विभिन्न प्रकार की सामग्री को अपने भोजन में सम्मिलित करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है । लोकोक्ति का तात्पर्य है कि भोजन सदेव, सादा और सुपर होना चाहिए । भोजन प्रकृति वो मौसम के अनुसार होना चाहिए । सादा और मौसमी भोजन शरीर को पोषण प्रदान करता है जबकि विभिन्न प्रकार की प्रकृति के भोजन एक साथ करने से भोज्य पदार्थों का पाचन सही प्रकार से नहीं हो पाता जिससे अमृता बढती है और अनेक प्रकार के उधर रोक जन्म लेते हैं । लाभ सादा वह मौसमी भोज्य सामग्री वाला भोजन करने से पाचन तंत्र ठीक कार्य करता है । शरीर को पर्याप्त पोषक तत्वों प्राप्त होते हैं और शरीर निरो वो स्वस्थ रहता है । सारा ज्यादा स्वादिष्ट तले हुए तथा एक साथ में विपरीत प्रकृति के भोज्य पदार्थों को भोजन में सम्मलित करना लाभकारी होने की बजाय हानिकारक है । अतः इनसे बचना चाहिए ।

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लोक कहावतों में शतायु जीवन के सूत्र - दैनिक जीवन के लिए उपयोगी युक्तियाँ| writer: मुमताज खान Producer : KUKU FM Voiceover Artist : Harish Darshan Sharma Author : Mumtaz Khan Voiceover Artist : Harish Darshan Sharma
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