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Part 1 in Hindi

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Authorबालिस्टर सिंह गुर्जर Gurjar
जिम्मेदारी किसकी? Voiceover Artist : Maya Author : Balistar Singh Gurjar Producer : Kuku FM Voiceover Artist : Maya S Bankar
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आप से नहीं हैं कुकू एफ एम आर जे माय के साथ सुनी जमीन चाहे जिम्मेदारी किसकी लेखक बाली स्तर सी गुरचैन बढता आतंक मारते लोग देखो ये जन्नत का खेल अगर आतंक मचाने से जन्नत नसीब होती तो इसमें कोई संदेह नहीं कि विश्व का हर नागरिक आतंकवादी होता और दुनिया भी कभी की मिट चुकी होती । बाली स्टैसी हाॅल उस दिन मानवता जरूर शर्मसार हुई होगी जिस दिन आतंकियों ने पाकिस्तान के पेशावर इलाके में आर्मी स्कूल पर हमला किया था जिसमें की एक सौ बयालीस बेगुना मौसम बच्चों की जाने चली गई । नवंबर का दिन शायद यही दिखा रहा था की अब जो आतंकिया जा रहा है और जन्नत के नाम पर किया जा रहा है और ज्यादा से ज्यादा आम आदमियों को आतंकी बनाकर पूरी धरती पर अन्याय करने के उद्देश्य से लगातार बढता ही जा रहा है । जब पाकिस्तान के पेशावर इलाके में नवंबर को आर्मी स्कूल पर हमला किया गया उस समय सभी बच्चे अपनी अपनी कक्षाओं में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे । हिन्दू कुछ ही पलों में उन के साथ ऐसा अन्याय हो जाएगा ऐसा तो उन्होंने शायद कभी भी सोचा नहीं होगा । माझरा इतना आश्चर्यजनक था की एक माँ अपने बच्चे के घर वापस आने की राह देख रही थी तो अब भुजान बच्चे के उज्जवल भविष्य का सपना देख रहे थे । लेकिन यहाँ तक नीति को शायद कुछ और ही मंजूर था । जब अपने मृत मासूम बच्चे का मासूमियत भरा चेहरा उन माता पिताओं के सामने आया तो हर किसी की आंखों में चाहते हुए भी करना चाहते हुए भी आखिर आंसू निकल नहीं आए थे । पूरा विश्व उस घटना पर यही पश्चातात कर रहा था कि आखिर उन बेगुना बच्चों ने आतंकवादियों का क्या बिगाडा था । जोन बच्चों पर इस तरह का अन्याय किया गया । क्या आतंकवादियों की माँ बहन बच्चे नहीं होते? इस घटना ने एक और जहाँ आतंका क्रूर चेहरा सबके सामने लाकर खडा किया वहीं दूसरी ओर आतंकियों के लोगों को मारने से जन्नत नसीब होती है । लान के इस वाक्य नी पूरे मानव समाज को नीचे की ओर झुका दिया । वैसे तो ऐसी कई तरह के आतंकी घटनाएं घटित होती रहती हैं जिससे लोगों के हिंदी को क्षति पहुंचती हो । लेकिन कई तरह की आतंकवादी क्रियाएं ऐसी भी होती है जिनसे पूरी धरती भी रोने लगती है । हमें ये अक्सर सुनने में आता है की बहुत से घटनाओं में आतंकवादी ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान लेने के चक्कर में स्वयं को ही बॉम से उडा लेते हैं । इसके बाद जन्नत नसीब होती हैं या नहीं ये तो ईश्वरी जानता है । एक आम राय से तो यही कहा जा सकता है कि दूसरे लोगों को मारने से जन्नत तो क्या जहन लंबी नहीं ऐसे नहीं होता । यानी अगर कोई इंसान ये सोचे कि लोगों पर अत्याचार करके उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी तो यहाँ उसकी मूर्खता ही सामने आती है । भला ऐसी स्थिति में तो यही कहा जा सकता है कि अगर लोगों पर अत्याचार करने से स्वर्ग मिल जाता फिर हर इंसान एक दूसरे पर अत्याचार ही करता । लिखता ऐसे लोग वास्तव में वो लोग होते हैं जिनका उद्देश्य इस पृथ्वी पर अत्याचार ही करना होता है । इसीलिए तो ये एक मत रूप से सही राय है कि अत्याचार करने वालों को स्वर्ग तो बहुत दूर की बात है, नरक में भी जगह नहीं मिलती । जन्नत यानी स्वर्ग के नाम पर आज जो खेल अत्याचारियों द्वारा खेला जा रहा है, उससे किसी भी मानव का कभी भी भला होने वाला नहीं है । लेकिन अगर इसे समय रहते ही मिटाया नहीं गया, ये छह पूरी मानव जाति पर है, विजय प्राप्त करने की ताकत रखता है । एक तरीके से पिछली पर मौजूद सभी धर्म अपने अपने मायने में सही होते हैं और कोई भी धर्म हमें आतंक मचाने की शिक्षा कभी नहीं देता । लेकिन आज आतंकवादी जिस तरीके से इस्लाम धर्म के नाम पर अल्लाहू अकबर के नारों के साथ जो आतंक मचा रहे हैं वो सिर्फ इस्लाम धर्म को बदनाम करने की ही साजिश हो सकती हैं । आतंकवादी अपने ज्यादा से ज्यादा संख्या बढाने के चक्कर में किसी विशेष धर्म का सहारा लेकर उठते हैं ताकि उस धर्म के अनुयायियों को बहला फुसलाकर अपना सदस्य बना लिया जाए । एक मानवता की दृष्टि से यही कहना उचित होगा कि आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता । बस अगर उनका कोई धर्म होता भी है तो वह मानवता को ठेस पहुंचाने वाला ही धर्म होता है । आजकल आतंक का नाम सुनते ही लोगों की जिम्मा पर सबसे पहले इस्लाम धन का ही नाम आता है । लेकिन अगर हकीकत देशी जाए तो हम पाएंगे कि इस्लाम धर्म आतंक कभी नहीं फैलाता बल्कि आतंकवादी इस्लाम धर्म को अपने सहारे कल जरिया बना रहे हैं ताकि वे ज्यादा से ज्यादा आतंकी इस्लाम धर्म से ही पहना कर सके । अगर इस्लाम धर्म, आतंकी शिक्षा नेता तो इसमें कोई संदेह नहीं कि विश्व का हर मुसलमान आतंकवादी होता है क्योंकि आज हमारा धर्म होता है । हम उसी के सिद्धांतों पर ही तो चलते हैं । हाँ, हम जरूर कह सकते हैं कि यदि आतंकवादी इस्लाम धर्म का सहारा पाकर आतंक फैलाते हैं, मुस्लिम समुदाय को इसका विरोध तो करना ही चाहिए । आज हम देखते हैं कि आतंक में अपनी जडे इतनी मजबूत कर रखी है कि अब वह जगत्जननी कहीं जाने वाली महिला वर्ग को भी आतंकी बनाने में कोई कसर नहीं छोड रहे हैं । अगर हम दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट पर नजर डाले तो हम पाएंगे कि ये संगठन कितना क्रूर हो चुका है की हमें इसमें महिलाओं की तैनाती भी देखने को आसानी से मिल जाएगी । वर्तमान स्वरूप आतंकी बढते अत्याचारों पर अगर हम ठीक ढंग से अध्ययन करें इसका यही निष्कर्ष निकलकर सामने आएगा कि यदि हमने इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया तो ये जरूर ही अपना मूल समय हमें दिखा देगा । विश्व के हर नागरिक तथा हर धर्म पर हावी होता आतंक आज यही दर्शाता है कि उसका कोई धन होता ही नहीं है । यदि आतंका पृथ्वी पर मौजूद धर्मों में किसी धर्म से संबंध होता तो आतंक उस धर्म पर तो कम से कम अत्याचार नहीं करता । जिस धर्म से उसका संबंध जुड जाता । इसीलिए समय के रहते हुए हमें आतंक को ठीक ढंग से पहचाना होगा । अगर ये हमारे धर्मों में से किसी धर्म को बदनाम करने की सोचता है तो सभी धर्मों के लोगों को मिलकर इस को करारा जवाब देना होगा ।

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जिम्मेदारी किसकी? Voiceover Artist : Maya Author : Balistar Singh Gurjar Producer : Kuku FM Voiceover Artist : Maya S Bankar
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