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मेरा तो फिर मुझे समय कभी अंदाजा नहीं रहा हूँ । मैं चौबीस नहीं कर पाने के लिए हो गए कि शायद मेरे शरीर से जब का अपराध ऍम रहा था जैसे जिसमें ऍम गिर गई थी और ऍम से खून चूसने वाले चौक की तरह है । फिर तो अच्छा हो गई थी और एक बार और दूसरा से रगड थी तो शायद ऍम के पास आॅफिस पर आप चल चुकी थी, सुन नहीं सकती । किसने क्या कहा ऍम और दूसरी हमेशा की तरह घर के ऊपर से उडते किसी विमान की इस किशोर उसके आवास हो तब लेकिन उसके आवास में चिंता थी, कॅश था । मैंने कहा कि मैं ठीक हूँ और ऐसे मैंने अंदाजे से कहा कि शायद वो यही जानना चाहता होगा । ऍम पता नहीं कॅश शरीर के भीतर घुसाए अपराधबोध को भाग लिया था । पूरे डिनर के वक्त मैं अपने ही हूँ । सिर्फ कभी कभी हाँ सिर हिला देती तो कभी कुछ पूछते थे । मैं पूरी तरह से सॉफ्ट की तरह बर्ताव कर रही थी क्योंकि मुझे अंदेशा था कि अगर समझ चुका था कि मेरा दिमाग कहीं और है और कुछ देर बाद उस पार करना बंद कर दिया हूँ । बाद में खिलने मुझे करीब आकर पकड रखा था फिर हो गया जबकि नहीं उस पूरी फॅमिली रही । मैंने ऐसा हो नहीं । ऍम को किस किया और साला मुझे लगा भी नहीं की हालत है । ऐसे लगा जैसे मैं कभी उससे दूर हुई नहीं । पूरी जिंदगी मुझे बिहार में डूबे रहे । ऍसे नहीं हुआ था । कुछ लोगों की मैं फिर से जिंदा हो गई हूँ । समझ गया जब मैं भूल करूँ कि मैंने भी उसे प्यार करना बंद नहीं किया था । वीर में से मुझसे कहने का साहस टाॅस ऍम नहीं था । एक विमान ऊपर से फॅार गए । मैं कैसे कर ली थी कि मैं क्या करती हैं? फॅमिली फॅमिली किया था आपने बीस किस से प्यार कर सकती हूँ कि संभव ही नहीं था । कुछ रखना पडेगा वो पडेगा । ये गलती थी, हो चुकी थी और फिर कभी नहीं होनी चाहिए । हाँ जिनको लेकर पढने बनाता हूँ और धीरे बारे में स्थित तुरंत ही एक बना लिया । उसने कहा कि मैं अपनी फॅमिली बर्ताव केबल को उस जब को बंद करने का नहीं हूँ, उससे कुछ समझे हूँ ऍम हूँ । अब से बंद करना होगा की मैंने बैठ के किनारे की टेबल पर बडी अपनी घडी बोलेगा । अंधेरे मुझे नंबर चमक रहे थे । सुबह तीन बज रही थी । मेरे पास कुछ देर सोने के लिए पांच घंटे बजे ऍम और दोपहर से पहले न्यूयॉर्क के लिए फ्लाइट लेनी थी । मैं कंपनी की ओर से मैनहटन में फोर सीजंस के ट्रेड फेयर में शामिल होने पर सहमती जता चुकी थी । मैं तीन दिन तक लंदन से बाहर होंगी तो सच कहूँ तो इन तीन दिनों का इस्तेमाल । मैं भी किस तरी घटना को अब सिस्टम से बाहर निकालने के लिए कर सकते हैं । कुछ जल्दी ही वैसी मेरा बनना था जो हर हालत से निपटना चाहती थी । मेरे सेलफोन की पत्ती जल्दी ऍम ऐसे जाते ही मैं भारत में अपने मॉम डैड को लेकर परेशान हो जाते हैं । मैंने धीरे से अखिल का हाथ होता है । इस एहतियात के साथ इसके लिए अपने जाए और ऍम तो मैं भी नहीं नहीं आ रही है । मुझे अपने पेट की गहराई में चोट पहुंचने का होगा । किसी किसी ऍसे नीचे जाना शुरू किया होता । ऍम से लगा रही हूँ । बडाई हो रहा है और ऍम बता दिया था कि मैंने मैसेज देख लिया है । फोन को ऐसे घूमती रही जैसे मेरे फैसले पर पूरी दुनिया टिकी है । शायद मुझे मुझे जवाब नहीं देना चाहिए और ऐसे ही छोड देना चाहिए । मुझे अभी जवाब देने की जरूरत नहीं है क्या नहीं । हाँ, फिर दिमाग को डालने, असहमत होने के लिए सहमति जता दी थी । बिहार सबसे पुराना चाहता है । जिस दुनिया का सबसे खूंखार शिकारी है अगर उसने आपका हमला करने का मन बना लिया, उसके हमले आपको कोई नहीं बचा सकता है । कोई कुछ कोई समझ नहीं न परिवार प्रदेश कोई इससे आगे बढने से रोक नहीं सकता है । फॅसे चाहिए नहीं पत्ता नहीं, वीर की हिम्मत कैसे पढते हैं? और भी भावनाओं को लेकर ऍसे हो गया था । मुझे जल्दी उठना है । सोने दो हो अच्छा बताइए इन परेशान करना नहीं चाहता था तो नहीं हूँ । बात खत्म हो गए । मेरे फोन रखा और जबरदस्ती सोने की कोशिश कर रहे हैं । इतनी सब बोल फायदा नहीं हुआ । एक घंटे तक करवटे बदलने के बारे मैं बिस्तर से उतरी और अपने लिए कॉफी बनाने चल पडेंगे । अगर मुझे बेचे नहीं रहना है तो कैसे लेकर बेचैन रहना बेहतर है । अंधेरा छट रहा हूँ और बगीचे की बडी बडी खिडकियों से सुबह की पहली रॉफ्टिंग चलना रही थी । दिन पर दिन सर्दी पडती जा रही है । मैं घास पर बच्चे की रोशनी से चमक उसको देख रही थी । किचन में रखे छोटे से डाइनिंग टेबल पर मैं कॉफी लेकर हमने ढंग से बैठकें और सस्ते में मैं अपने दिल की धडकनों को सुन रही थी और मुझे गहरी दर्द का ऐसा हो रहा था । इस अच्छा दिन में दर्द होता है । कवियों और चारणों ने सही कहा था तो यार जरूर वही रहता है । मैंने हमारे बीच आए गए चार माॅस्को एक बार फिर से देखा था । ऐसा में दस बारह बार पहले ही कर चुकी थी मेरे फिल्में । उठे तर्ज मुझे एक और मैसेज भेजने पर राजी कर लिया । तुम गलत नहीं थे भी कभी भी मैं वैसा लिख रही थी । तब मेरी आंखों में आंसू आ गए । पता नहीं मैं पर यकीन है । बिल्कुल तो हम चुनाव आया और बदलता कर रही थी कि वह कविता से छोटे से मैं भेज रहा होगा । अचानक बूझ अच्छी नहीं लगने लगे । पता नहीं कुछ करना चाहिए, नहीं तो फिर से काम करते हैं । इस तरह छह भगवान बहुत बुरा मजाक करना चाहते हैं था । यह यह है या क्या यह नहीं लगता है की दुखी आत्माओं को दूसरा मौका मिलना चाहिए । अगर मौका पता नहीं क्या सोच रहा है, मैंने फोन रख दिया । मिनिस्टर में लाल छट्टा लिए छोटा सशक्त नाथ नहीं लगा । मैं उस आदमी की बात को सर चुका करवा लिया । उसने प्रचंडा नीचे रख दिया लेकिन इस बात से सहमत नहीं थी । कीमत दूर दूर तक वही नहीं रहा हूँ जो हर हालात से निपटना जानती थी । तो तुम नहीं चाहती कि मैं तुम्हें एयरपोर्ट तक छोड दूँ । मैं ज्यादा दूर नहीं है । तुम जानती हूँ । अखिल टाई पहन रहा था और ड्रेसर के आने से मेरी तरफ से कहा था जब की मैं आखिरी वक्त की कुछ बैंकिंग कर रही थी, मेरे सिर के ऊपर से फॅसे रहते हैं । फिर भी तो मैं लगता है की मुझे बताने की जरूरत है । एयरपोर्ट यहाँ से ज्यादा दूर नहीं हैं । मैंने इसी कॅश की तरह बोला था तो मुझे लगता है मेरी बात कुछ ज्यादा ही हो गई थी । अच्छा था क्या खेलने । इससे सही तरीके से लिया । ठाकरे लगाने लगा हूॅं से कुछ घर देख रहा था । इतनी बडी जगह के लिए अपना पेट काटना बढ जाएगा । मैं तो थोडी कम जगह भी चलेगी तो हम आगे बढ सकते हैं ही कर सकते हैं तो ब्रिटिश होते जा रहे हो ऍम मैं कांग्रेस हो लेकिन मेरी आत्मा हिंदुस्तानी के शरीर में कहते हैं उसे अंग्रेजों जैसी एक्शन में कहा फॅमिली उसके आम चेयर सपिंड जगह उठाई और मेरे करीब आया ऍम क्या स्मारक शानदार होगा? नहीं मुस्कराई और हाँ सर हिला दिया । उसके घर से जाते ही मैंने बाहर के दरवाजे की खुद ब खुद बंद होने की आवाज सुनी । अपने जीवन में कुछ ऐसे आते हैं जो आपको परसों बात तक यात्रा है तो हम बडे मौके नहीं होते बल्कि छोटे हैं । महत्वहीन ऍम जी वैसा ही बाल था जिसे मैं कभी नहीं भूल सकती क्योंकि उस पर मेरे मन में एक खतरनाक सवाल था । क्या दो लोगों से एक साथ करना मुमकिन है? टैक्सी सुबह के ट्रैफिक के से आगे बढ रही थी । मैं सोच रही थी कि क्या रुकने में इतने साल बताने के बाद भी वीर के पास भारतीय पासपोर्ट हो गए । भाजपा सभी भारतीय पासपोर्ट है, उसने जवाब नहीं लिया । एक नई बीमारी जिसे बाॅर्डर कहते हैं उसके लिए भी एक मनोचिकित्सक होना चाहिए क्योंकि कुछ की जरूरत पडेगी जब कोई अपने मैसेज जब उनका जवाब तुरंत मिलने पर अस्वीकृति की तीव्र भावना से पीडित हो जाता है । क्या हो जाती है? मेरे अंदर सी डी के कुछ लक्षण दिख रहे थे, मुझे ऍम कर रही थी । फिर बाॅंटी के लिए लंबी लाइन में खडी थी तब मैंने से दूसरा मैं हो जाएगा । ऍम हूँ एक घंटे बाद बिजनेस क्लास लौंग इस की जरूरत हमेशा पडती है ही चाहती हूँ की मैं ऍम फॅमिली की कोशिश कर रही थी क्या मैं चलती थी? वीर मेरे साथ न्यूयॉर्क में मौजूद रहे कि उसने मेरे मैसेज से समझ लिया या मैंने नहीं भेजा । उससे समझ लिया जाॅन मैंने फोन रख दिया । सीट ऍम चुकी थी । ट्रेन किनारे की ओर जा चुकी हुई और ऍम ऍम बंद करना था । लेकिन बंद करने से पहले मैंने पी थी एक शुभकामना सिर्फ भेजा हाँ ।
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