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5 minsग्रामीण समाज तक आधुनिक संचार माध्यमों की पहुंच, उनका प्रभाव हम उनके लिए उपयोगिता भारत में प्राचीन काल से ही संचार माध्यमों का अस्तित्व रहा है । वे संचार के माध्यम आपसी प्रेम एवं सहयोग सहभागिता के साथ हुआ करते थे । वर्तमान में संचार माध्यमों का विकास बडी तेजी से हुआ है । संचार समाज के आराम से लेकर अब तक के विकास से जुडा हुआ है । संचार सामाजिक उपकरण का सामंजस्य संचार का लक्ष्य ही होता है । सूचनात्मक, प्रेरणात्मक, शिक्षात्मक, मनोरंजनात्मक परन्तु निवर्तमान शताब्दी में भारत के संचार माध्यमों की प्रकृति बच्चा क्षेत्र में बदलाव हुए हैं । यह तकनीकी विकास जिसकी वजह से ग्रामीणों तक इन संचार माध्यमों की पहुंच उपलब्ध हुई है । इनका उपयोग सही तरीके से सही चीजों के लिए हो, इसको भी सुनिश्चित करना अति आवश्यक है । तकनीकी विकास से संचार के माध्यम भी विकसित हुए हैं तथा इस संचार अब ग्लोबल घटना बन गई है । संचार माध्यमों की ग्रामीण समाज तक पहुंच या उपलब्धता एक अदृश्य सूचना क्रांति हमारे आस पास घट रही है । तकनीकी के विकास से समाज को जो फायदा होना चाहिए था वो नहीं हुआ है परंतु उपलब्ध हो रहे साधनों जैसे टीवी, मोबाइल, कम्प्यूटर, इंटरनेट, ग्रामीण समाज में साधा उपयोग हो रहे हैं । आज देश के बहुत से गांवों, हम जिलों के ग्रामीण लोग सूचना माध्यमों से लाभ ले रहे हैं । बहुत से हिस्सों में इंटरनेट, स्थानीय नेटवर्क आदि के सहारे कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं । देश के ग्रामीण बाजारों में इंटरनेट के माध्यम से तारा हट परियोजना के अंतर्गत अभिनीत सूचना एवं सेवाओं की जानकारी दी जा रही है । चेन्नई स्थित एम एस स्वामीनाथन फाउंडेशन की सूचना ग्राम शोध परियोजना के जरिए प्रायोगिक तौर पर गरीबों में इलेक्ट्रॉनिक ज्ञान का विस्तार किया जा रहा है । दक्षिण भारत के दस गांवों को हाइड्रेट नेटवर्क से जोड दिया गया है ताकि ग्रामवासी कृषि लागत वहाँ उत्पादन के मूल्य से संबंधित आवश्यक सूचना प्राप्त कर सके । ग्रामीण समाज पर संचार माध्यमों का प्रभाव संचार माध्यमों का ग्रामीण समाज पर दोनों तरह से प्रभाव पडा है । भारत में सूचना प्रौद्योगिकी के विकास, संचार, माध्यमो से कई क्षेत्रों जैसे शिक्षा के क्षेत्र, सूचना तकनीकी के विभिन्न साधनों, दूरदर्शन, ऑनलाइन शिक्षा, इंटरनेट आदि के जरिए जहाँ दूरस्थ शिक्षा और प्रौढ शिक्षा का विस्तार देश में तेजी से हुआ है, किसी के साथ कुछ बुराइयाँ भी हैं जिसमें संचार माध्यमों के प्रभाव में सूचना महत्वहीन होती जा रही है । हम ग्रामीण समाज पर संचार माध्यमों के प्रभाव को देखें तो कहीं ना कहीं नुकसान ही पहुंचाया है । मैं समाज जो पहले से ही अंधकार था, इन चीजों को बिना सोचे समझे ले रहे हैं । शहरी लोगों के देखा देखी ग्रामीण भी इंटरनेट का उपयोग करने लगे हैं । उन्हें सही जानकारी लेने के जागरूक करना भी जरूरी है, जिससे वह अपने परिवार का विकास कर सके । इसके प्रयास करने होंगे । इसलिए जागरूक करने की आवश्यकता है । ग्रामीण भारत में मीडिया के विकास और दस बार का प्रभाव भारतीय मूल्यों के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से कार्य कर सकते नहीं हुआ है, बल्कि भारतीय जीवन मूल्यों का शरण ही हो रहा है । बिना आवश्यकता जाने की कौन सी जानकारी उपयोगी है, कौन सी लेनी है, बिना समझे ले लेता है । हमें सूचना एवं शिक्षा की खाई को पाटना होगा । एक वर्क जो सूचनाओं से लैस समाज है, दूसरा सोचना भी हिंदू समाज है । इनको बराबर लाना होगा । जागरूकता, शिक्षा, व्यवहार परिवर्तन, अभिप्रेरणा आती द्वारा ग्रामीण समाज के लिए आधुनिक संचार माध्यमों की उपयोगिता, ग्रामीण समाज में सोचना एवम संचार माध्यमों की उपयोगिता भी बहुत अधिक, क्योंकि शहरों में विकास है, जागरूकता है, परंतु ग्रामीण समाज में विभिन्न साथ न तुम्हारा कृषि क्षेत्रों की संभावनाओं का पूर्ण विकास ये वन प्रस्तार करके आम किसान तक कृषि पशुपालन संबंधी, ग्रामीण विकास संबंधी एवं सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों का क्रियान्वयन आज ऍफ जैसी सूचना संस्थाओं के द्वारा ही वृद्धावस्था पेंशन, भूमि रिकॉर्ड, प्रबंध, शिक्षा, सांख्यिकी तथा अन्य सामाजिक आर्थिक कार्यक्रम की जानकारी ग्रामीण लोगों को उपलब्ध हो रही है । किसी के साथ किसान चैनल से किसानों को जानकारी प्रसारित की जाती है । फसल मौसम विज्ञान संबंधी प्रतिदिन की मंडी के सबसे फल पाके भाव क्या है पता लगा सकते हैं । खेती में फसल के अनुसार नई तकनीक का उपयोग करने, स्वास्थ्य, मनोरंजन, पृष्ठ की जानकारी के लिए इनकी उपयोगिता है । निष्कर्ष निष्कर्ष जहाँ हम कह सकते हैं कि ग्रामीण समाज में संचार के आयाम में बदलाव आया है । यह बदलाव विकास भी हुआ है जिससे संचार एवम संचार माध्यमों की पहुंच सुलभ हुई है । उपयोग बडा अब ऐसे आचरण में उतारना होगा जिससे शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक पक्षों पर ज्ञान में वृद्धि हुई है तो देश में सूचना प्रौद्योगिकी की धार निरंतर प्रखर बनाए रखने के लिए मीडिया लैब एशिया परियोजना को शुरू किया गया था । इन सब को अद्यतन रखना होगा । इससे समग्र में देखना होगा तभी हमारा ग्रामीण समाचार प्रगति कर सकेगा ।
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Voice Artist