Made with  in India

Buy PremiumDownload Kuku FM
28-मुट्ठी भर धूप -वीर in  | undefined undefined मे |  Audio book and podcasts

28-मुट्ठी भर धूप -वीर in Hindi

Share Kukufm
153 Listens
AuthorSaransh Broadways
वीर की नजर जब पहली बार मीरा पर पड़ी, तो जबरदस्त आकर्षण के जादू ने उसे अपने वश में कर लिया। मीरा को भी कुछ-कुछ महसूस हुआ। देखते-ही-देखते यही उनकी जिंदगी बन गई। दोनों को एक-दूसरे की तरफ खींचनेवाली ताकत ही मानो एकमात्र सच्चाई थी, जिसे बयां नहीं किया जा सकता। हालांकि यही प्‍यार उन्‍हें एक-दूसरे से अलग कर देता है। अचानक एक तबाही उन पर हमला करती है और उनके सपनों को झकझोर देती है। कुछ बाकी रह जाती है तो सिर्फ नफरत, जो उनके प्यार के जितनी ही ताकतवर है। बरसों बाद, किस्मत एक और चाल चलती है और दोनों को आमने-सामने ला खड़ा करती है। एक बार फिर। इस बार फैसला उन्हें करना हैः अपनी नफरत के हाथों बरबाद हो जाएं या प्यार को एक और मौका दें। Voiceover Artist: Ashish Jain Script Writer: Vikram Bhatt
Read More
Transcript
View transcript

जी बुधवार की सुबह मैंने कविता से किया वायदा पूरा किया और स्तर पर अपनी तरफ का हिस्सा उसके हवाले कर दिया तो फिर से मेरे साथ रहने चली आई थी और इस बार पर परवाह नहीं करता था कि मेरी आलमारी का कौन सा हिस्सा हत्या रही है । नग्गरा किसी के साथ अपनी दुनिया शेयर कर रहे हैं तो कहीं ना कहीं आपको अपने आसपास की चीजों को अपना बताने से बाहर जाना होगा क्योंकि अगर वो आपकी है तो आप भी देने की इच्छा रखेंगे या नहीं रखेंगे लेकिन हूँ आपकी नहीं तो झगडे की गुंजाइश ही नहीं बचेगा । मैं होशियार हो गया था । मैंने सोचा कि मैं सत्ताईस कितनी दूर हूँ । ऍम और मैं देख रहा था कि उसके करोडपति थ्री कोर्ट ने उसके डिजाइनर कपडों पर चमकर पैसा बहाया है । कोच्चि का नया ऍफ साफ दिख रहा था और उसकी नहीं छुट्टियों पर भी अच्छी लिखा दिख रहा था जो उन्हें भड तार बना रहा था तो सोच रहा था कि कॅरियर पहनने वाले कितने तनाव में रहते होंगे । पहले आपको उन पर इतना पैसा खर्च करना पडता है और फिर दुनिया को दिखाने की कला सीखनी पडती है कि आप जो पहन रहे हैं उस सच में ऊंची चीज है । सब देखकर सचमुच कोई जल जाएगी वो अमीरी किए मुश्किल हम पाॅलिटिक्स स्वीट में थे जहां हमने इंडियन फूड कंपनी के लिए बनी फिल्म की साउंड एडिट को अंतिम रूप किया था । अधिक रहा था कि शाजिया मेरी कोशिश से प्रभावित सब कुछ अपने तैयार के लिए है । उस ने छेडा मैंने मुस्कान के साथ आप कह दिया मेरे से विकेट के बारे में बताया हूँ और ही की कैसे होंगे । हम अपील और मौजूदा समय के बीच छोड रहे तो पता चला कि कैसे मीरा और मुझे इटैलियन रेस्टोरेंट में डबल डिजिट झेलना पडा तो रखना पडेगा और जब मैंने बताया कि समारोह के तले क्या क्या बातें हुई तो उसे ऍम हुआ हूँ । फॅमिली फॅमिली नहीं कहा मैंने इस पर कोई बहस नहीं । रॉडी ने तैयार सर को एक हार्ड ड्राइव में शाजिया को सौंप दिया । उम्मीद करते हैं कि इंडियन फूट कंपनी ऍम उतनी ही पसंद आई जितनी हमें आई है । शाजिया ने कहा किसी फिल्म मुझे नहीं देती । मैं खुद ही जाते ऍम अच्छा ऍम मुझे नहीं थी और मेरी बात के जवाब दे । बस हार्ड ड्राइव लेकर ऍसे बाहर चले गए तो मैं सच कह रहा हूँ । मैं उसके पीछे भी चाहते हुए कहा मैं जानती हूँ लेकिन क्लाइंट को तैयार दिखाना । तोहरा गा नहीं ये मेरा काम इसलिए मुझे ही करना तो उसने रहस्यमय हिंदुस्तान के साथ कहा छोडो, तुम भी जानती हूँ की ये तेरह मेरा गांव वाला मामला नहीं है । मेरे से जवाब दिया सच में चार जिया के चेहरे की मुस्कान जा चुकी थी और चिंता की लकीरें दिख रही थी । उसे मिलने के बहाने बैठी हूँ । इन बातों को लेकर मेरी अपनी समझे और इस वक्त उस समझ कह रही तो नहीं । मीरा से रहना चाहिए तो मित्र पर का काम कर दिया तो बहुत अच्छा है । बस नहीं रहने दो तो फॅमिली के बाहर घूम रहा हूँ, लेकिन शायद भी जानता हूँ । उससे बने रहिए आप फ्री मौका होगा इसके पास फिर बस कोई पहना नहीं रह जाएगा । क्या मेरी आवाज में जरूर है । बहुत ज्यादा बढ रही होगी तो शाजिया की आंखें दबदबा है । पहले प्यार के पास दूसरा मौका नहीं होता भी है कि जब होता है कभी हूँ ऍम और मैं यहाँ कोई दूसरा मौका नहीं चाहता । बस इतने सब देखना चाहता है । शाजिया ने रोहासी नजरों से मेरी तरफ कुछ देर तक देखा । फिल्म की हड्डी मेरे हवाले कर दी तो किस बात का नहीं होता कि हम नाकाम हो जाते हैं । वहीं दुख इस बात का होता है कि इसके जिम्मेदार होते हैं । उसमे अफसोस जताते हुए कहा उसका काला भराया था । उसके शब्द मुझ पर वैसे ही गिरे जैसे खास पोस्ट पर आसमानी बिजली गिरी हो । किसी का की दुखद था । बस तो मेरे मुँह दोबारा मिलने का कोई पहना नहीं है । मेरा ऐसा लग रहे जैसे मेरा मन कह रहा हूँ कि तुम अच्छे भर कर देंगे और अपने साथ पूरे जीवन के लिए स्थिति बीरा खोले जाऊँ की अपने मतलब जान वाले दिमाग उसकी तस्वीर लगा सकते हैं । मैंने मीरा को फिर दिखा दी थी । उसने से पसंद कर लिया था । मैंने बता दिया था कि मैं क्या सोचता हूँ और उसमें छुपा लिया था की भूख क्या सोचती है । उसने मेरे ख्याल पर तस्तर तमाचा जड दिया था । अच्छा पढ पढ के बाद में उसे हैरानी से देखने लगा । विश्व तुरंत बाद ही भावनाओं के इस तरह सामने आने का जवाब मिल गया । क्यों तो उसके साथ क्यों सोच उसके साथ और हमेशा के लिए हर तकदीर बदल दी । परसों मीरा के अंदर तबाह हुआ था पडा पर मैं जानता था कि उसके लिए सबसे आसान नहीं था मेरे से तीस तो मेरे से जब मैं तुम्हारे साथ थी, तुम तो सिर्फ मेरे थे जब हम दोनों को लेकर कंफ्यूज थी । तुम धीरे थे । जब मैं तुम से अलग हो गई थी तब भी तुम मेरे थे ऍम रही हूँ और ऍम उसके सुंदर चेहरे पर सब दिख रहा था के साथ कहीं सुबह जाती हूँ और उस पल के दर्ज को लेकर बचाने पीस कोई हो मेरी तुम्हारे साथ स्तर पर होने की कल पता है । मैंने सोचा किसी किसी पहुंॅच रहते हो तो भारत कम दे रही होगी । मैंने उसे तुमसे लगाते हुए आनंद के ऊपर वो में ही भरते हुए देखने की कल्पना की है उसे तुम्हारी पहुँच सूत्र देखने की कृष्णा की निजी पीर की बहुत ऍम तोड दिया । टोमॅटो कुछ दिया ऍम करती हुआ है क्यों सौ बहुत मेरे लिए वहाँ से जाना हो गया उसको ऍम कुछ क्या पुस्तक कोई मतलब नहीं था । मतलब इसका था कि मैंने उस लडकी का दिल दुखाया जिससे बहनी इतना प्यार किया था । मेरी शादी को कहते हुए सुना था तो किस बात का नहीं की हम नाकाम हो जाते हैं तो किस बात का है कि उसके समिधाएं सिर्फ हम खुद होते हैं । और अब तो अब मुख्य सात इतनी मीरा ले जाना चाहते हो जितनी जीवन भर तुम्हारे साथ रहे हैं । कुचिक रही थी हम तो में ऐसी तस्वीर दे दो तो आपने मकर जान गलत विभाग में लगा सको जो तुमने मुझे दी है तो कैसा रहेगा । ठीक है ये तो मतलब दिमाग की आंखों से हर फिल्म देख सकूँ । उसके सवाल मैं थोडा काम था जिसमें किसी और के साथ बिस्तर पे ही रह की नफरत पैदा करने वाली तस्वीर खींचते । मुझे लगा के अंदर ही अंदर मिट्टी जा रहा हूँ । मैं तो सही नहीं पा रहा था । हूँ । उत्तर से मुझे बता रही थी प्रदेश ऍम था हमारे ऍम छोटे की तरह हम दोनों के पीछे उसने कुछ पीछे से लिया । मीरा ने अपने पास ऍम को सीधा किया और फोन उठाने के लिए टेस्ट के करीब जाने लगी । ऍम रही नहीं उसे काॅन्फ्रेंस रूम में मेरा इंतजार करें, पहुँचा नहीं वाले हैं । ऍम उसे फोन रख दिया और मेरी तरफ देखने के लिए नहीं पढते हैं । मैं इंतजार कर रहा था कि भूत कुछ नहीं लेकिन अपनी पीठ मेरी तरफ का उम्र जाने का इंतजार कर रही थी । मैंने अपना लगता उठाया उसके आस पास के लाॅक को समझता है और ऍम बाहर निकल गया । मीरा ने मुझे अपने मकर जान वाले जमाने के हॉल में डालने के लिए तस्वीर से नहीं ज्यादा दे दिया था । अगर ये एक पल के लिए भी था तो उसने मुझे अपना सब कुछ किया था ।

Details

Sound Engineer

Voice Artist

वीर की नजर जब पहली बार मीरा पर पड़ी, तो जबरदस्त आकर्षण के जादू ने उसे अपने वश में कर लिया। मीरा को भी कुछ-कुछ महसूस हुआ। देखते-ही-देखते यही उनकी जिंदगी बन गई। दोनों को एक-दूसरे की तरफ खींचनेवाली ताकत ही मानो एकमात्र सच्चाई थी, जिसे बयां नहीं किया जा सकता। हालांकि यही प्‍यार उन्‍हें एक-दूसरे से अलग कर देता है। अचानक एक तबाही उन पर हमला करती है और उनके सपनों को झकझोर देती है। कुछ बाकी रह जाती है तो सिर्फ नफरत, जो उनके प्यार के जितनी ही ताकतवर है। बरसों बाद, किस्मत एक और चाल चलती है और दोनों को आमने-सामने ला खड़ा करती है। एक बार फिर। इस बार फैसला उन्हें करना हैः अपनी नफरत के हाथों बरबाद हो जाएं या प्यार को एक और मौका दें। Voiceover Artist: Ashish Jain Script Writer: Vikram Bhatt
share-icon

00:00
00:00