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27. Samay Kabhi Nahi Rukta in Hindi

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AuthorArpit Agrawal
मिलिए सिद्धार्थ से, एक अच्छा वकील लेकिन एक बुरा इंसान। मिलिए राहुल से, एक अच्छा इंसान लेकिन एक बुरा डॉक्टर। और मिलिए शुचि से, एक अच्छी इंसान और एक बाकमाल डॉक्टर। शुचि सिद्धार्थ को एक अच्छा इंसान और राहुल को एक अच्छा डॉक्टर बनाना चाहती थी लेकिन मुंबई में हुए बम विस्फोट ने उनकी ज़िन्दगियों को उलट दिया। सुनें इस क्रांतिकारी कहानी को यह जानने के लिए कि कैसे सिद्धार्थ अदालत से एक अनोखी जनहित याचिका पारित करवाता है और कैसे राहुल एक बहुत अनोखी सर्जरी करने में कामयाब होता है उस लड़की को बचाने के लिए जिससे वो प्यार करते हैं। Follow Arpit Agrawal to get updates on his next book. • Facebook – arpit194 • Instagram – arpit1904 Voiceover Artist : Ruby Producer : Kuku FM Author : Arpit Agrawal
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उपसंहार दो साल बाद छुट्टी कहाँ हो तुम? सिद्धार्थ के साथ जल्दी आओ । मेहमान आने शुरू हो गए हैं । हर कोई तुम दोनों के बारे में पूछ रहा है । राहुल ने फोन पर कहा पीछे देखो राहुल में पहले पहुंच चुकी हूँ । शिवजी ने पीछे से कहा । उससे काले रंग के बॉर्डर वाली लाल साडी पहनी हुई थी । वो ऐसे चमक रही थी जैसे आकाश मेदारी बहुत खूबसूरत लग रही हो । तो राहुल ने धीरे से उसका हाथ पकडकर कहा जानती हूँ मैं कोई नई बात बताओ । उस से चुराते हुए कहा । इतने बडे से लॉन के बीच में खडे थे । हर जगह सुंदर रोशनी थी । एक तरफ फूलों से सजे स्टेज थे तो दूसरी तरफ कई खाने पीने के स्टॉल । चलो मंच की ओर बढे । उसने कहा सिद्धार्थ कहा है । राहुल ने पूछा वहाँ के साथ है जल्दी यहाँ आएंगे । उस ने कहा क्या कुछ लेना चाहेंगे सर? वेटर ने उन्हें स्नैक से भरी प्लेट दिखाते हुए पूछा जी नहीं शुक्रिया । राहुल ने अपना सिर्फ नाम हिलाया और शिव जी के साथ स्टेज पर चढ गया । छुट्टी के मांग के एक साल के बच्चे सिद्धार्थ पटेल को अपनी गोद में लेकर पहुंची । उन्होंने उसे स्टेज पर रखे पालने में लिटाया । मेहमान गिफ्ट और ढेर सारे आशीर्वाद के साथ स्टेज पर आने लगे । डॉक्टर अवस्थी अपनी पत्नी के साथ आई । उन्होंने राहुल और सच्ची से नजरें नहीं मिलाई । शुचि की सर्जरी न करने का पश्चताप अभी भी उनकी आंखों में भरा हुआ था । मैसेज अवस्थी ने सूची से कहा नए चीफ ऑफ सर जी को उनके बच्चे के पहले जन्मदिन की बधाई । डॉक्टर अवस्थी के रिटायर होने के बाद वो पोस्ट सूची ने संभाली । वो हमेशा से इसके काबिल थी । उन्होंने ग्रुप फोटो लिया । अवस्थी दंपति के साथ सभी रिश्तेदार और दो बच्चे को आशीर्वाद देने आई । अय्यर अंतिम सूची की माँ के साथ ही सूची को उन्हें स्टेट से उतरने के लिए कहना पडा क्योंकि उन्होंने स्टेज पर ही गपशप करना शुरू कर दिया था । अक्षय एक बडा सा गुलदस्ता लेकर आया । इस तरह के आयोजनों के लिए समय निकालना आपके लिए मुश्किल होगा । है ना? राहुल ने कहा तो मुझे शर्मिंदा मत कीजिए । आकाश ने विनम्रतापूर्वक कहा, आखिरकार तुम देश के सबसे लोकप्रिय वकील हो । हाँ सिद्धार्थ सर की वजह से है सब । उसने कहा और अपने गुरु को याद करते हुए आसमान की और देखा । अब बोलते बॉय के पापा कुछ शब्द कहेंगे । टैंकर ने कहा और कार्यक्रम का समापन करनी है तो माइक राहुल को सौंप दिया । राहुल को पहले तो माइक पकडने में हिचक महसूस हो रही थी लेकिन फिर उसने माइक ले लिया । उसके दिमाग में बहुत सारे विचार चल रही थी लेकिन उसने अपने मन को शांत करके कहना शुरू किया । सबसे पहले सूची को शुक्रिया । मुझे हाँ कहने के लिए जब मैंने उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा । आप किसी लडकी को प्यार भरी जगह पर प्रपोज करते होंगे । जैसे किसी बगीची, समुद्री तट पर मैंने भी ऐसा ही किया था । मगर मुझे उसके बदले एक बम धमाका मिला । बाद में मैंने उसे दवाओं और मरीजों के बीच अस्पताल में प्रपोज किया । वहां मौजूद लोगों की तालियों के शोर से राहुल कि रोंगटे खडे हो गए । मैं अपनी जिंदगी के बेहतरीन दिन जीरा था । मुझे सूची से प्यार था और सबसे अच्छी बात ये थी कि उसे भी मुझसे प्यार था । लेकिन फिर बम विस्फोट हुआ और सब कुछ बदल गया । विस्फोट के बाद हम सभी हिल गए । सूची की आंखे नम हो गई थी । राहुल ने उसे हिम्मत देने के लिए उसके कंधे पर हाथ रखा । हम ये कभी नहीं भूल सकते कि सिर्फ एक आदमी के साहस और बुद्धिमत्ता के कारण हमारी जिंदगी में सब कुछ ठीक हो गया । या यूं कहे कि पहले से भी बेहतर हो गया वह शायद ये सोच कर के हमें हमेशा के लिए छोड गया की एक दिन हम उसे भूल जाएंगे । उसने सोचा कि हम उसका नाम भूल जाएंगे । लेकिन क्या हम कभी ऐसा कर सकते हैं? हमने उसी के नाम पर अपने बेटे का नाम रखा ताकि वो हमें हमेशा याद रहे । तो तो इसी के साथ ये कहानी है दिल का क्या कसूर यहीं पर समाप्त होती है । ऐसे बहुत ही खूबसूरत कहानी लिखी है अर्पित अग्रवाल जी ने । सो मच इस कहानी को हम सभी के साथ शेयर करने के लिए । लेकिन अब बारी है आप सभी की इस कहानी की किस लाइन ने इस कहानी के किस मून ने इस कहानी के किस भागने इस इस कहानी के किस चैप्टर ने आपके दिल कुछ हुआ, आपको रुलाया आपके रोंगटे खडे किए आपको यहाँ तक कि सोचने पर मजबूर किया हमारे साथ जरूर शेयर करें कमेंट बॉक्स में लिख करके और इसी के साथ अब तक ढेर सारा प्यार जो इस कहानी के ऑर्थर है अर्पित अग्रवाल जी उन्हें देख सकते हैं कमेंट बॉक्स में लिखकर के जो भी आप लिखना चाहते हैं जो भइया पूछना चाहते हैं तो फटाफट से लिख दीजिए । हमें आपके कमेंट का इंतजार है तो भी आपसे कहेगी । अपना बहुत सारा ध्यान रखिए । हमेशा खुश रहिए और आगे मुलाकात होगी । ऐसी ही प्यारी प्यारी कहानियों के साथ तब तक के लिए सुनते रहेंगे तो ऍम सुने जो मनचाहे ।

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मिलिए सिद्धार्थ से, एक अच्छा वकील लेकिन एक बुरा इंसान। मिलिए राहुल से, एक अच्छा इंसान लेकिन एक बुरा डॉक्टर। और मिलिए शुचि से, एक अच्छी इंसान और एक बाकमाल डॉक्टर। शुचि सिद्धार्थ को एक अच्छा इंसान और राहुल को एक अच्छा डॉक्टर बनाना चाहती थी लेकिन मुंबई में हुए बम विस्फोट ने उनकी ज़िन्दगियों को उलट दिया। सुनें इस क्रांतिकारी कहानी को यह जानने के लिए कि कैसे सिद्धार्थ अदालत से एक अनोखी जनहित याचिका पारित करवाता है और कैसे राहुल एक बहुत अनोखी सर्जरी करने में कामयाब होता है उस लड़की को बचाने के लिए जिससे वो प्यार करते हैं। Follow Arpit Agrawal to get updates on his next book. • Facebook – arpit194 • Instagram – arpit1904 Voiceover Artist : Ruby Producer : Kuku FM Author : Arpit Agrawal
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