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शक्तिवर्द्धक खान पान माहवार कहाँ तक दूध लगन में आलू पोस्ट पान अरुण मार्ग रतालू फागुन शक्कर ही भरमाए चेतावना कच्चा खाये वैसा खेल में खाये करेला, जेठे दाक असारे केला, खार शतावर भादो रंग सावन ट्रिपल मधु के संग । कुमार मास में तिल गुड खा रहे हैं ऐसा जान बल बुद्धि पाले भगवान कभी कहता है कि कातिक में दूर अब गन में आलू पूछ पान मांग में रतालू फागुन में घी को शक्कर के साथ चैट में कच्चा वाला वेसाक में करेला, जेठ में दाख मुनक्का किसमें अंगूर अषाड में खेला सावन में त्रिफला शहद के साथ बहनों में खाडके साथ शतावर छोडने, कुहार में गोल्ड के साथ बिल खाने से बाल वह बुद्धि में वृद्धि होती है । स्पष्टीकरण कहावत में कभी द्वारा अनुभव के आधार पर प्रत्येक माह में खान पान को ऋतु के अनुसार भोजन करने की सलाह दी गई है । जैसे शरद ऋतु में गरम प्रकृति के खाद्य पदार्थ तथा ग्रीष्मऋतु में ठंडी प्रकृति के पदार्थ तथा बरसात में सुपाच्य भोजन सामग्री का प्रयोग करने की । ऋतु के अनुसार सलाह दी गई है । लाभ उक्तानुसार खाद्य पदार्थों के सेवन से बल बुद्धि बढती है । सारा शारीरिक एवम् मानसिक शक्ति के लिए उक्तानुसार खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए ।
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