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हूँ । लीडी सोसाइटी हमारे कस्बे में लेट इसी कई धर्मार्थ सोसाइटीज हैं । जाने में जब ठंडक ज्यादा हो जाती है और लोगों को जल्दी जल्दी जुकाम हो जाता है तब लीड ईसु वितरण सोसाइटी, लेडीज गोल वितरण सोसाइटी, लेडीज कम्बल वितरण सोसाइटी आदि शुरू हो जाते हैं । गर्मी के समय में जब स्टोन फल बहुतायत में होने लगते हैं और तमाम लोग पेट दर्द से पीडित होने लगते हैं तब हम देखते हैं कि कई ली डॅडी बीमारों का रिससिटेशन सोसाइटी आधी करने जाती हैं और सारे साल भर चलने वाली सोसाइटीज भी है । जैसे चल रही इन सामने सोसाइटी, बच्चों की परीक्षाओं में मदद के लिए लीडी बाइबिल और प्रार्थना पुस्तक वितरण सोसाइटी और बच्चों के कपडे वितरण करने वाली मासिक सोसाइटी । महात्मा गाँधी दोनों सोसाइटी वाकई में बहुत ज्यादा अहम है । हम नहीं जानते कि बच्चों को समाज को कितना लाभ पहुंचाते हैं, पर ही बात जरूर है कि दिन में और सोसाइटीज की तुलना में ज्यादा अफरा तफरी होती है । हमें यहाँ पर जरा आप सोच से कहना पड रहा है । बाइबिल और प्रार्थना पुस्तक सोसाइटी इतनी ज्यादा लोकप्रिय नहीं जितना कि बच्चों के बिस्तर की चादर एवं कपडे वितरण करने वाली सोसाइटी हैं । तथापि पिछले एक दो सालों में आई बिल और प्रार्थना पुस्तक सोसाइटी को थोडी सी बढत इसलिए मिली क्योंकि बच्चों की परीक्षा वाली सोसाइटी का काम अचानक धीमा पड गया था और वो सब अविवाहित महिलाएं तो बच्चों की पढाई लिखाई की और ध्यान देती थी और सब बच्चे सभी लोगों के बयान का केंद्र बन गए थे । तीनों मिस ब्राउन बहनें जो कमजोर बच्चों को पढाती थी, उनको इम्तिहान के लिए तैयारी करती थी और बच्चों को बार बार समझ मश्क और उन की परीक्षा दी थी थी । उनके बच्चे और बच्चियां अचानक बीमार पड गए और कमजोर भी हो गए । वो तीनों में ब्राउन तो बारी बारी करके बच्चों को पढाती रही है । पर वो बच्चे बच्चियां जो उनकी विद्यार्थी थी उनमें थकान और कमजोरी के लक्षण प्रकट होने लगे थे तथा उन पर अब और दबाव नहीं डाला जा सकता था । इस सबके फल शुरू गांव वाले उनका हसी मजाक उडाने लगे और कुछ अन्य लोगों ने तो उनकी गतिविधियों पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से अपने आप को बिल्कुल अलग रखा । पर बहुत समय नहीं देता जब क्यों रे यानी पांचवी का सहायक नहीं चार टी स्कूल के लिए एक चैरिटी दानशीलता पर एक जोरदार भाषण दिया और उस भाषण में कुछ माननीय व्यक्तियों के अथक प्रयासों को खूब सराहा और उनकी प्रशंसा भी की । तीनों में ब्राउन जहाँ चार से बैठी थी, वहाँ से रोने सिसकने की आवाज आएँ । उस विभाग के सब बच्चे का जल्दी से जाकर एक गिलास पानी लेकर आई । फिर किसी की करहाने की आवाज आई । तब कुछ महिलाएं सेविकाओं द्वारा उन्हें चर्च से बाहर ले जाया गया और फिर वो पांच मिनट बाद वापस आएँ । उनके हाथों में सफेद रूमाल थे जिनसे वो अपनी आंखें पूछ रही थी । ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वो चर्च के बाहर बने छर्च यार्ड में किसी मृतकके शोकसभा से आ रही हैं । इससे ये साफ हो गया ये सब किस संदर्भ में कहा जा रहा था और किन व्यक्तियों की ओर इशारा था । उन गरीब या अनाथ बच्चों को सहायता देने की जरूरत सभी की समझ में आ गई थी । तीनों में ब्राउन को समझाया गया, बच्चों के चैरिटी स्कूल को कक्षाओं में विभाजित कर दिया गया तथा हर एक कक्षा में दो महिलाओं को उनकी देखभाल के लिए नियुक्त किया गया । थोडा संज्ञान खतरनाक होता है पर थोडी सी ऍम और ज्यादा खतरनाक हो सकती है । तीनों में ब्राउन ने बूढी बूढी मीट्स को बच्चों की निगरानी के लिए नियुक्त कर दिया और बहुत ही सावधानी से युवतियों को इस काम से बाहर रखा । कुमारी चाचियों को विजय हो गई और लोगों में तीनों में ब्राउन सिस्टर्स के विरोध में रोज की भावना पैदा हो गयी जो कभी भी हिंसक रूप धारण कर सकती थी । पर एक सहयोग इस तरह की कोई दुर्घटना टल गई । ॅ पाकर जो साथ अच्छी अविवाहित लडकियों की माँ थी उन्होंने कई अन्य माताओं से जो स्वयं अविवाहित लडकियों की बात आई थी उन्होंने उनसे बताया की प्रति रविवार को चर्च में पांच आदमी छह और थे और बहुत सारे बच्चे चर्च के अंदर मुफ्त वाली सीटों पर बिना बाइबिल या प्रार्थना पुस्तक के बैठे रहते हैं । क्या ऐसी बात किसी सभ्य समाज में बर्दाश्त की जा सकती है? क्या ऐसी चीज इसाइयों की जमीन पर सही जा सकती थी? कभी नहीं । उसी वक्त एक लेडी सोसाइटी बाइबिल और प्रार्थना किताब के वितरण के लिए बनाई गई नहीं । मिसिस जॉनसन पार कर तो सोसाइटी की प्रेसिडेंट बन गई और उनकी बेटियां ऍम और ऑडिटर बन गई । तत्पश्चात चंदा इकट्ठा किया गया, भाई और प्रेयर बुक्स खरीदी गई तथा उसके चर्च में स्वीस सीट पर बैठने वालों को वितरित कर दिया गया । परंतु अगले रविवार को पादरी ने जब पहला अध्याय पालना शुरू किया तो किताबों के गिरने की और पत्तियों की सरसराहट की इतनी आवाज हो रही थी कि उस दिन पादरी सर्विस में क्या बोल रहे थे । उसे सुनना लगभग असंभव हो गया था । एक भी शब्द वहाँ मौजूद लोगों की समझ में नहीं आया । तीनों चौंसठ बहनों ने आने वाले खतरों को भाप दिया था और उसे ताना, कृषि तथा मजाक उडाकर उसे टालने या बचाने का प्रयास किया । ब्राउन बहनों का कहना था की न तो वृद्ध पुरुष और न ही वृद्ध महिलाएं किताबें पढ पाती हैं । पर मिसिस पार्कर ने कहा कि इससे क्या फर्क पडता है । वो धीरे धीरे पढना सीख चाहेंगे । मिस ब्राउन ने कहा कि वह बच्चे भी किताबें पढ पाती हैं । कोई बात नहीं । मैं इस पार करने उल्टा जवाब दिया । उनको पढना लिखना सिखाया जा सकता था । एक संतुलन पार्टी का आयोजन किया गया ब्राउन बहनों ने खुले आम इसकी परीक्षा जो की लोकप्रिय तरीका था बच्चों की परीक्षा सोसाइटी का । ब्राउन बहनों ने खुले आम इसकी परीक्षा के जो लोकप्रिय तरीका ना बच्चों की परीक्षा सोसाइटी का मिस पार करने, जनता में खोले आम, बाइबिल और प्रार्थना पुस्तक पटवाई एक पर भी किसी के पक्ष में फैसला इधर उधर कर सकता था और एक बंक ने ऐसा है क्या? एक मिशन ही वेस्ट इंडीज से लौटकर आया था और वो एक ढाणी विधवा से अपने विवाह के बाद उसे एक फॅमिली सोसायटी के सामने पेश होना था । ऍम पार करने भी उन्हें अपनी तरफ मिलने का प्रयास किया । उनका सुझाव था कि क्यों न दोनों सोसाइटीज की एक संयुक्त मीटिंग हूँ । ये प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया । सारी जनता में घोषणा करती गई और मीटिंग के समय मीटिंग रूम आदमी और और तो से खतम खर्च भर गया । मिशेल भी मंच पर आया और उसका जोर शोर से स्वागत हुआ । उसने एक संवाद उसने झाडियों पीछे से दो दिन रोज के बीच वितरण सोसाइटी के बारे में सुना था । उसे दोहराया उसका पुरजोर अनुमोदन हुआ । उसमें दोनों नीग्रो उसकी बातचीत हो । उनकी टूटी फूटी अंग्रेजी में नकल करके सुनाया । पूरी छात्र शोर और ठहाकों से गूंज उठे हैं । उसमें से पुस्तक वितरण सोसाइटी की लोकप्रियता धीरे धीरे बढ गई । ऑॅपरेशन सोसाइटी इसका विरोध नहीं कर पाई । अब बात बच्चों के बिस्तर के चादरों के लिए बनी सोसाइटी की थी जो बच्चों के लिए जाते आदि मासिक उधार पर देती थी । इस सोसाइटी की लोकप्रियता अन्य दो सोसाइटी के बारे में जानता किराये पर आश्रित नहीं थी । चाहे जो कुछ भी हो, उन विषयों की कमी नहीं थी जिन पर आप अपनी दानशीलता का उपयोग न कर सकें । हमारे गांव या कस्बे की आबादी काफी धनी थी और वहाँ शहरों की अपेक्षा ज्यादा बच्चे पैदा होते थे । बताया, आप बच्चों के लिए कुछ भी देकर अपनी दानशीलता का प्रदर्शन कर सकते थे । इसके फल शुरू हमारी मासिक बच्चों के कपडों, छात्रों वाली सोसाइटी फलती फूलती रहे हैं । सोसाइटी हर माँ चाहे की मीटिंग करती थी जिसमें बीते हुए माँ का लेखा जोखा होता था तथा उसकी गतिविधियों की समीक्षा भी होती थी और जो पाक से लोन उधार पर नहीं दिए जा सकते थे, उन को अच्छी तरह से देख कर फिर रख दिया जाता था । मीटिंग में अगले माह के है सिक्यूरिटी का चुनाव भी होता था । हम लोग इस मीटिंग में कभी भी हिस्सा नहीं लेते थे जिससे यह साफ सहित था कि आदमी लोग इस मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए वांछित नहीं है और उन्हें सावधानीपूर्वक इससे बाहर रखा जाता था । परंतु मिस्टर बंग को एक सोसाइटी में एक दो बार बुलाया गया था और उन के अनुसार ही मीटिंग बहुत नियमित रूप से अच्छी तरह संचालित होती थी । किसी भी विषय पर एक समय में चार सदस्यों से ज्यादा नहीं बोल सकते थे । जो नियमित कमेटी थी उसमें केवल विवाहित महिलाएं थी । पर कई युवा महिलाएं जो अठारह से पच्चीस वर्ष की तरह की थी उन्हें मानद सदस्य के रूप में सोसाइटी में सदस्यता पडी हुई थी । विशेष कार इसलिए भी कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए जरूरी बक्से बनाने में मददगार थी । परन्तु वो ऐसी महिलाओं का जो सौर में थी जिन्हें हाल ही में बच्चा हुआ था उन्हें समय समय पर जाकर मिल आती थी । ये इसलिए भी जरूरी था कि उन्हें विवाहित जीवन के बाद मातृत्व जीवन का भी कुछ ज्ञान और अनुभव हो जाए और जो चतुर्मास थी वो लडकी की । इस को विवाह के प्रस्ताव के समय अच्छे से बखान की ये सोसाइटी महासिंह बक्सी लोन देने के अलावा कभी कभी अच्छा बच्चा को बीस तीन या गर्म बिरियानी, मसाले, चीनी तथा अंडे भी सप्लाई करते थे । इन बक्सों पर जो नीले रंग के होते थे । सोसाइटी का नाम सफेद अच्छा रूम में लिखा रहता था । इन चीजों को टॅाक कर लाभार्थियों को बता जाता था और ये भी इन चीजों के वितरण के लिए और फॅमिली मेंबर्स की सेवाएं दी जाती थी और ऐसे मौकों पर जब मरीजों को देखने जाती थी तो क्या दिन और बीजेपी की टेस्टिंग यानी स्वास्थ्य खाना भी हो जाती थी और छोटे छोटे सॉसपैन में उन्हें गैस चोले पर रख कर गरम कर लिया जाता था । बच्चों को नहलाया धुलाया जाता था, उनके कपडे बदले जाते थे, उनको दूध पिलाया जाता था तथा उनके नन्हें नन्हें पैरों को हाथ के सामने रखकर सेका जाता था । इतना आनंद में कंफ्यूजन होता था । बाहर बातचीत होती थी, कुकिंग होती थी । हारबर गडबड होती थी कि उसका कुछ कहना नहीं । सब लोग मिलकर इस मौके पर खूब आनंद उठाते थे । इन दोनों संस्थाओं की प्रतिस्पर्धा में और अपने एक अंतिम प्रयास में चल रही परीक्षा सोसाइटी ने जी फैसला लिया कि वह अपने सब विद्यार्थियों की एक पब्लिक परीक्षा लेंगी । इस देश से उन्होंने नेशनल सेमिनरी का विशाल स्कूल का कमरा गांव में चर्च की अनुमति से ले लिया । गांव के मुख पादरियों और अन्य दो संस्थाओं के सदस्यों को भी बुलाया जिन पर उन्हें अपने प्रयासों का असर डालना था । सेमिनरी हॉल के फर्स की एक दिन पहले सूबे अच्छी तरह से धुलाई, सफाई की गई । आप लोगों को बैठाने के लिए इंतजाम किया गया । बच्चों द्वारा बडे बडे लिखावट के नमूनों के चार और गणित के सवालों के चार्ट लगाए गए । ऍम पोस्टों लिखाई में इतना सुधर किया गया था कि वो बच्चे जिन्होंने उसे लिखा था वो स्वयं भी नहीं पहचान पाए कि ये उन्हीं की लिखावट है और वो आश्चर्यचकित रह गए । विद्यार्थियों को कठिन सवालों को तब तक बार बार अभ्यास कराया गया जब तक की वो उनको जमाने याद नहीं हो गए तथा सारे अन्य तैयारियां भी बडी मेहनत और सावधानी से कराई गई और सुबह अंततोगत्वा ही गई । बच्चों को अच्छी तरह नहलाया धुलाया गया । उनको अच्छे अच्छे कपडे पहनाए गए, उनके चेहरे चमक रहे थे । लडकियों को सफेद रंग का काफी जो उनके गले और कंधों को ढक रहे थे, पहनाए गए और सिर पर सफेद टोपी थी जो ऍम बिल से सिर के पीछे बात की गई थी । लाखों की कमियों के कॉर्नर कुछ चौका देने वाले साइंस के थे फिर वहाँ से खोल दिए गए और तीनों में ब्राउन बहने वहाँ पर सफेद रंग के मसले की ड्रेस पहने खडी थी । उन्होंने भी सफेद रंग की वैसे ही टोपी पहनी थी जैसे कि लडकियों ने सबसे बडा रखा । सबका अभिवादन करते हुए वहाँ आया और उसने स्वागत भाषण सब के सम्मान में पढा जो मिस्टर हेनरी ब्राउन द्वारा लिखा गया था । सब लोगों ने खूब जोरो से एक साथ तालियाँ बजाये और सारा हॉल तालियों की गडगडाहट से गूंज था । मिसिस जॉनसन पार कर और उनके साथ ही बहुत छक्का रह गए । बच्चों की परीक्षा बहुत सफलतापूर्वक संपन्न हुए । बच्चों को परीक्षा सोसाइटी को उस समय क्षणिक विजय प्राप्त हुई । मिसिस जॉनसन पार कर और उनके साथ ही थोडा पिछड गए । उस रात मिसिस जॉनसन पार करके जहाँ बच्चों के कपडे वितरण करने वाली सोसाइटी की एक गुप्त मीटिंग हुई जिसमें इस विषय पर चर्चा हुई कि इस प्रकार से विधान सोसाइटी अपनी पुरानी जगह पर वापस आकर और फिर से मान सम्मान प्राप्त कर सकें । इसके लिए क्या करना चाहिए? क्या एक और मीटिंग करनी चाहिए? उसमें शिरकत मैंने कौन आएगा? वो मिशन ऋतु दोबारा आने से रहा । पादरी को फिर से किसी प्रकार से अचंभित कर देना चाहिए । उसके लिए क्या कदम उठाना चाहिए? बाद में काफी वादविवाद के बाद किसी ने एक वृद्ध महिला को कहते हुए सुना एंड आॅल सबके मन में एक बिजली सी कौन गई? सब ने मिलकर ये फैसला किया की कुछ महिलाओं का एक दल उसी विख्यात वक्ता यानी भाषण देने वाले के पास जाए और उसे एक अच्छा सब भाषण देने के लिए मना लिया जाए । तभी वह महिला तल इस गांव के बाहर के गांव में जाएँ और वहाँ से दो तीन अन्य वयोवृद्ध महिलाओं को भी उस सभा में बुलाया जाए जहाँ वो व्यक्ति भाषण देगा । उनके दल का अभियान सफल रहा और मीटिंग हुए भाषणकर्ता जो एक आयरिश था आ गया और उसने पांच कर दिया । विदेशी तत्वों के बारे में हरे भरे दीन ईसाइयों की उदारता और दया भाव पर विशाल अटलांटिक सागर और उसकी गहराई ऍफ विस्तार पर खून खराबा और जातियों के बिना पर दिल में दया पर हाथों में छोरियां, आधार यू बीती का घर और घर के देवी देवताओं पर उसने अपनी ना छुट्टी और हुई आखिर पूछी और लैटिन में कुछ कोर्ट क्या इस सबका बहुत जोरदार असर पडा था तथा लाइटिंग डेकोरेशन का वो कहना ही क्या, किसी को उसका मायने तो समझ नहीं आया और सब यही सोचा की बहुत ही भाव भी हिल करने वाली चीज होगी क्योंकि वो खुद भी बहुत भावुक हो गया था । वितरण सोसाइटी की लोकप्रियता हमारे गांव में बहुत तेजी से बढ गयी तथा शिशु परीक्षा सोसाइटी का धीरे धीरे पतन शुरू हो गया
Sound Engineer
Producer