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रहा घोडा गाडी का स्टाइल हमारा मानना है कि घोडा गाडी जो लंडन में हैकनी खोज कह जाती है केवल मेट्रोपोलिटन शहर में ही पाई जाती थी । हमें ये बताया जाता है कि एडनबरा और बहुत ज्यादा दूर नहीं । लेवल पूल और मैनचेस्टर में भी अपने अपने हक ले कुछ स्टैंड पाए जाते हैं । हम इस बात को भी तुरंत मान लेते हैं कि इस तरह के कुछ घोडा गाडियां इन शहरों में भी पाई जाती हैं । पर वह भी अक्सर लंदन की कई घोडा गाडियों की तरह सुस्त, धीरे धीरे चलने वाली और गंदी होती हैं । पर वो किसी भी तरह लंडन कि घोडा गाडियों की संख्या में कितने स्टैंड हैं, कितने ड्राइवर हैं या कितने घोडे हैं वो कहीं से भी उन की बराबरी नहीं कर पाती हैं । अब एक भारी भरकम टूटी फूटी लंडन कि घोडा गाडी को ही ले लीजिए । मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि दुनिया का कोई भी वहाँ या सवारी लंडन की इस घोडा गाडी की तरह नहीं हो सकती हैं, चाहे वो उतनी ही पुरानी हैकनी कोच क्यों ही ना हो । हमने अभी हाल ही में लंदन की सडकों पर जो बडे अफसोस के साथ कहना पडा रहा है कि कुछ स्टैंडों पर ऐसी गाडियां देखी हैं जो कि एक साफ सुथरे सजे हुए रथ की तरह थे । हरे रंग के रात और पीली पॉलिस कि हुई चार पहियों पर घोडा गाडियां और कुछ गाडियों के पहले भी अलग अलग रन और अलग अलग साइजों के होते हैं । ये एक तरह से नवीनता या विधता लाने का प्रयास है जो कि मानव मन की बेचैनी की ओर इशारा करता है और तमाम समय से चली आई मान्यता हूँ या संस्थाओं का अनादर है । अब आप ही बताइए घोडा गाडियां साफ सुथरी क्यों होनी चाहिए? हमारे पूर्वजों ने उन्हें गंदी पाया और वैसे ही छोड कर चले गए और हमारे अंदर ये इच्छा क्यों होनी चाहिए कि हम हमेशा चलते ही रहे हैं वो भी छह मील प्रति घंटे की रफ्तार से । जबकी बे सिर्फ चार मील प्रति घंटे की रफ्तार से हैं । पथरीली ऊपर खावन सडकों पर चलते रहते थे । ये सब बहुत गंभीर सवाल है । गोला गाडियाँ अब हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है । वे विधायक द्वारा निर्धारित की गई हैं और उन्हें सरकार द्वारा पार्लियामेंट द्वारा बाकायदा रेजिस्टर्ड करके एक नंबर प्लेट दी गई है । फिर क्यों लंडन जैसे शहर को कॅश और शौक नहीं बस द्वारा भर दिया गया है या लोगों को क्यों आठ पैसे प्रति मिल के हिसाब से सफर करने के लिए देना चाहिए । जबकि पार्लियामेंट ने ये फैसला लिया था कि उन्हें धीमी सवारी से आने जाने के लिए एक स्लिंग प्रति मील की दर से भुगतान करना होगा क्योंकि हमें इसका जवाब मिलने की कोई संभावना नजर नहीं आती । इसलिए अब हम एक नया पैरा शुरू करेंगे फॅमिली को जिससे हमारी जान पहचान पुरानी है । हम तो किरायों की चलती फिरती किताब है और हम ये महसूस करते हैं कि अगर इस बात पर कभी कोई विवाद हो तो हम अपने मुद्दे पर सही पाए जाएंगे । कोविंद गार्डंस के आस पास तीन दिन तक कितने पानी वाले हैं वो हमें जानते हैं और हमें उम्मीद है कि उस क्षेत्र के जितने भी घोडे वाले हैं, बहुत सब भी हम लोगों को बहुत अच्छी तरह जानते होंगे अगर वह अंधे नहीं हैं । हमें है अपनी कोच इसमें बहुत ज्यादा दिल सस्ती है पर हम शायद ही कभी कभार उस पर चलते हैं । यदि हमने कभी किसी हैकनी कोच को चलाया तो मुझे उम्मीद है कि वह कुछ जरूर पलट जाएगी । अन्यथा हम घोडों और हैकनी कोच इसके महान दोस्त है । जैसा की मुसलमान टीम है जो एक फेरी वाले के रूप में जाने जाते हैं । हम कोई घोडा नहीं रखते पर केवल एक थार यानी कि सिर्फ एक कपडे का घोडा हमने कभी भी घोडों की काठी पर बैठना पसंद नहीं किया था । केवल मरन की काठी को छोडकर और कभी भी हाउस जाने के शिकारी कुत्तों का पीछा नहीं किया । यातायात के इन साधनों को छोडकर हम अपनी राय आपको घोडा गाडी के स्टैंड के बारे में जाहिर करना चाहते हैं । जिस घर के ऊपरी कमरे में बैठ कर हम ये लेख लिख रहे हैं उसकी छिडकी के नीचे एक हैकनी पूछ स्थान है । इस वक्त वहाँ पर केवल एक ही गाडी खडी है पर इस तरह की गाडियों का एक अच्छा नमूना है एक लम्बी चौडी भर का कार्ड भी जैसे कोई पत्ती रूलेट हो जिसमें छोटी छोटी कांच की खिडकियां हैं तथा बडे बडे फ्रेंड्स है । उनके फाइनल पर किसी राजघराने के कोर्ट फॅस का निशान बना हुआ था जो अब धुन्ना पड चुका था । उसकी एक्सिस या दौरे लाल रंग की थी और ज्यादातर पहिये आरॅन के थे । कोच का मॉक्स एक बडी ओवर कोर्ट से ढका हुआ था । उस पर कंधों ढकने के लिए बहुत सारे क्या या बडे बडे कपडे लगे हुए थे और कुछ आसाधारण कपडे भी ढके हुए थे । कई जगह से उसमें घास स्पोर्ट्स दिख रही थी जो कुशल भरने के लिए इस्तेमाल किया गया था हूँ के सिर झुके हुए थे और उनमें से प्रत्येक का खयाल और पूछूं । बाल इतने कम थे जैसे कि वो घिसेपिटे लकडी के घोडे की पूंछ या आय आल हो । वो धैर्यपूर्वक किसी बीजी घास पर खडे थे और कभी अपनी ढकी हुई आंखों से कुछ देखने की कोशिश करते थे तथा कभी कभी अपने सास को हिलाने की कोशिश किया करते थे और कभी बीस में एक घोडा दूसरे घोडे के कान के पास मूल्य जाता था जैसे कि वो खुसपुसाहट का ये कह रहा हूँ की मेरा बस चले तो मैं उस जवान की हत्या कर दूँ । कोचवान स्वयं जल घर में था और जो पानी वाला था वो अपने दोनों हाथ टाइम्स की जेब में डाले तो बाल सफल का नाच कर रहा था जिससे उसके पैर गर्म रहे हैं । घर नंबर पांच में से एक नौकरानी बालों में खुला भी रिबिन लगाए बाहर निकल जाती है और उसके साथ में चार बच्चे भी हैं । वो जोर जोर से पुकारती है पानी वाला आज में नल घट से भाग कर आता है तथा कुछ पाँच को जोर जोर से आवाज लगता है है । इसी बीच वह घोडों को भी खींच कर लाता है और उन को लगाम लगता है । इसके साथ ही वो उस जवान को भी पुकारता है और फिर ऍम रूम में से कुछ मान अपनी लकडी के स्कूल वाले जूते पहनकर खटखट करते हुए भागता हुआ आ जाता है और खींचतान करके आगे पीछे करके अपने घोडागाडी घर नंबर पांच के दरवाजे के सामने खडी कर देता है । इन सब बातों में कितना हल्ला गुल्ला और गडबड हो रही थी । वो वृद्ध महिला जो वहाँ पिछले चार महीने से रह रही थी वो वापस अपने घर जा रही थीं । कई बॉक्स घर के बाहर आ गए और उससे गाडी का एक हिस्सा सामान से भर गया । बच्चे जो हर आदमी औरत के रास्ते में आ रहे थे उन की बजह से उसके काम में रुकावट आ रही थी । एक छोटा बच्चा जो एक छाता लेकर भाग रहा था वह अचानक गिर गया और उसे चोट लग गई थी तथा उसे जब घर के अंदर लाया जा रहा था तब वो अपने हाथ पैर फेंक रहा था । अन्य बच्चे इधर उधर दुबक गए थे तथा साफ जाहिर था कि वो वृद्ध महिला पिछले कमरे में उन जाते हुए बच्चों का चुंबन ले रही थी । उसके बाद वो उस कमरे से बाहर निकलकर आई । उसके पीछे पीछे उसकी शादी शुदा लडकी तथा उसके बच्चे उनके पीछे पीछे दोनों नौकर भी इन दोनों नौकरों और कोच वान की मदद से सब लोगों को गाडी पर चढा दिए गया । फिर एक कपडा और एक छोटी सी टोकरी जिसमें मेरे खयाल से एक काली बॉटल थी तथा कुछ कागज में लिपटी इंसान बिच भी थे जो पकडा दिए गए थे । गाडी में जब सब सवार हो गए तब उस कोच के दरवाजे बंद कर दिए गए । टॉन गोल्डन क्रॉस ऍम पानी वाले आदमी ने कहा गुड बाय नानी । बच्चे जोर से चिल्लाए और कोच की घंटी बजाते हुए तीन मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल पडे । उनकी जाने के बाद माँ और बच्चे घर के अंदर वापस आ गए पर उनमें से एक बच्चा सडक पर दौड लेता है और नौकरानी उसके पीछे पीछे उसका पकडने के लिए भाग जाती है और उसे किसी प्रकार पकडकर घर में वापस लेकर आती है तो घर के अंदर घुसने के पहले उसने मोड कर हम लोगों की ओर देखा । पता नहीं क्या हुआ लेकिन सच में हैॅ बिल्कुल शांत हो गया । हमने अक्सर बहुत संतोष के साथ ये देखा है कि कैसे कोई नौकरानी जो किसी काम के लिए या कुछ लाने के लिए बाहर भेजी गई वापस घर आने पर एक प्रकार के राहत महसूस करती थी । और यदि इसी काम के लिए किसी लडके या नौकर को भेजा जाता था तो वो उस कोच के बॉक्स पर चढकर बहुत खुशी महसूस करता था । पर हमको इससे ज्यादा घोषित कभी महसूस नहीं हुई । जबकि हमने कुछ जवानों की एक पार्टी देखी । हाँ, एक दिन तो मैं जोड पर थे तो हमने एक काम पर गली से एक शादी की पार्टी को निकलते देखा जो की फिजिशियन के पास है । दुल्हन ने जिसका बडा सा लाल चेहरा था, एक पतली से सफेद शादी के ड्रेस पहनी हुई थी और बुरा इट्स मेरे साथ में चलने वाली सह बालिका ने उसी तरह के उचित कपडे पहने हुए थे और वो एक खुशमिजाज लेकिन थोडी, मोटी सी और कम उम्र और थी । दो बहने नीले रंग का सूट पहना हुआ था और उसके पे स्कोर भी पीले रंग की थी । वो सफेद बैंक पहने हुए था और उस से मिलता जुलता ही बोल इन ग्लव्स भी वो उस गली के खोने पर रुके और बहुत ही फॅमिली लिता से उन्होंने कोच के लिए आवाज लगाई । जैसे ही कोच आई वो लोग उसमें बैठ गए और दुलहन की सहेलियों ने बहुत ही लापरवाही से उसके दरवाजे पर एक लाल सॉलिड दो शायद इसी उद्देश्य लाई गई थी उसको डाल दिए गया जिससे कि उसका नंबर ना देखिए और वो कोई नीचे गाडी प्रतीत हो पर शायद वो ये भूल गई थी । गाडी के पीछे भी नंबर बडे अक्षरों में लिखा था इस तरह से वो लोग वहाँ से चले गए । एक शिलिंग प्रति डर के मिल से और इस बार की शहर शायद उन्हें पांच फिलिंग की पडे एक हाथ नहीं । खोज के बारे में कितनी दिलचस्प उस तक कर लिखी जा सकती थी यदि वो अपने शीर्ष पर भी उतना सामान ले जा सकती थी जितना कि उसके शरीर के अंदर एक टूटे फूटे हैकनी । कोच की आत्मकथा उतनी ही दिलचस्प होगी जितनी की एक गए बीते पुराने जमाने के नाटक कारकी जीवली कितने ही लोगों को इस बिजनेस या मुनाफे के लिए यहाँ घूमने फिरने या दुख तकलीफ में यहाँ से वहाँ पहुंचाया होगा और कितने ही लोगों की उदास कहानियाँ इसमें घाटी होंगे वो गांव की लडकी, ज्यादा पोशाक पहले और दिखावा करने वाली और या फिर मदहोश एशिया एक नौ से क्या जब बहुत कंजूस आदमी या फिर कोई चोर ही
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Producer