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हूँ । गिरवी रखने वाले की दुकान हूँ । ठीक है लंदन में जो तमाम दुःख दारिद्र की चौदह लगाएँ हैं, उनमें से एक हैं कौन रोक यानी रहीन रखने वालों की दुकानें । इन दुकानों के बारे में उन्हें किस्मत के मारे को पता होता है, जो कि आपने निर्धनता के कारण अपना सामान गिरवी रखने पर विवश हो जाते हैं । उन्हें अपना सामान गिरवी रखकर कुछ समय के लिए राहत मिल जाती है । ये विषय पाठकों के लिए बहुत रोज का तो नहीं है, पर फिर भी इतनी घृणा नहीं की जा सकती । सामान गिरवी रखने वालों की भी कई श्रेणियाँ होती हैं । कुछ भी वाली दुकान है तो बहुत ही अच्छे प्रकार की होती हैं, जहाँ पर आपको शाही, स्पेनिश पोशाक या साधारण कैलिको, शेयर्ड चांदी के चम्मच, कांटे या फॅस, थ्री माॅस्, बेचर, गोलू बंद और इसी तरह की अन्य चीजें देखने को मिल जाएंगे । इस तरह की गर्मी की दुकानें अपने आपको सिल्वर इसमें यानी चांदी का काम करने वाला कहते हैं और अपनी दुकानों को महीने की जूलरी और छोटे मोटे साथ सजा के समानों से अपने शो विंडो को सजाए रखते हैं । जबकि ज्यादा विनीत महाजन यानी उधर पर धन देने वाला अपने व्यापार को ज्यादा साहस से प्रदर्शित करते हैं । यहाँ पर हम उन्हें गिरवी वालों की दुकानों की बात कर रहे हैं जो थोडा बहुत मध्यम या गरीब श्रेणी के लोगों को धन देते हैं । हम इसके लिए एक खास दुकान को चुनते हैं । ये कौन रो करके दुकान ड्राइक्लीन के एक कोने में स्थित है जो की एक कोर्ट का कोना है । इस दुकान में साइड से भी जाने का एक दरवाजा है जिससे कि लोग चाहें तो जनता की नजर से भी बचकर जा सकते थे । ये दुकान थोडी सी नीचे गंदी धूलभरी दुकान है जिसका दरवाजा हमेशा थोडा सा ही खोला रहता है जो आपको कभी आधा आमंत्रित करता रहता था तो आधा आने वाली ग्राहक को दूर बताता था और यदि वह नया नया ग्राहक है जिसको यहाँ का कोई तजुर्बा नहीं था तो बाहर की खिडकी में लगे ग्रेनेट के मुझको एक या दो मिनट देखता हूँ जैसे कि वो वहाँ पर कुछ खरीदारी करने आया हो और फिर चारों और नजर घुमाकर ये देखते हुए कि कोई देख तो नहीं रहा था, चुपके से साइड वाले दरवाजे से अंदर घुस जाता है और दरवाजे को धीरे से उतनी चौडाई तक बंद कर देता है जितना कि वह पहले था । इस शॉप के सामने का हिस्सा और खिडकियों को देखने से ऐसा लगता था जैसे कि वो कभी पेट की गई थी । पर कब, कितने समय पहले और मूल रंग क्या रहा होगा ये अभी कहा नहीं जा सकता था । पुराने लोग बताते हैं कि सामने वाले कांच के दरवाजे पर नीले रंग की पृष्ठभूमि रंग पर तीन लाल रंग के गोले बने हुए थे जो राहत में अंदर की रोशनी से झलकते भी थे तथा दरवाजे पर लहरी अगर अच्छरो में लिखा था प्लेट वहाँ आभूषणों तथा पहनने के कपडों और अन्य प्रकार की संपत्ति पर धन कर्ज पर दिया जाता है पर अब समय के साथ सब अच्छा धुंधले पड गए थे । इसके साथ ही दुकान की खिडकी में कुछ सामान रखा था जो किए गए गवर्नमेंट से मेल नहीं खाता था । खिडकी में कुछ टूटे फूटे चीनी, मिट्टी के कप प्लेट, कुछ आधुनिक फूलदान जिस पर कुछ फूल पत्तियाँ अंकित थी और तीन स्पॅाट सवार जो गिटार बजा रहे थे । यह किसी पर कुछ देहाती लोग कुश्ती करते हुए अंकित थे । शतरंज के कई सेट दो या तीन मसूरी एक गोल गोल आंखों वाले पोर्ट्रेट जो की बहुत गहरी पृष्ठभूमि से बाहर जहाँ जा रहा था, कुछ जल्दी चढी । बाइबिल, प्रार्थना, पुस्तकें और टेस्टामेंट चांदी की घडियों की दो कतारें जो ऐसे साडी थी जैसे फर्गुसन की पहली घडी थी । कई एक पुराने फैशन की मेरे सिंह तारे और तमाम चमचे पंखी पर पंखे के आकार में सजाया हुआ था । आधे आधे दर्जन के समूह में मूंग की मान आएँ जिनमें चांदी के छोड ऍप्स लगे थे । अंगूठियों के और बुरी चीज जिनको अलग एक कार्ड में फंसा दिया गया था और उन पर टोक नंबर भी लिखा था जैसे कि ब्रिटिश म्यूजियम में कि दे रखी हूँ सस्ते वाले चांदी के पेन होल्डर जिस पर एक नौसैनिक तारा बना था । ये आभूषण या जूलरी विभाग को पूरा करता था । जब की पांच छह चारपाइयां जिसमें तमाम खटमल मरे हुए थे, कमरे में एक और खडी थी और ये चरपाई ज्यादा उपयोगी वस्तु नहीं थी । यद्यपि उनके कुछ कंबल और चादरें तथा रुमाल और हर तरह के पहनने के कपडे, ये ऍम काम कलाकारी और अलंकृत कपडे भी बिक्री के लिए रखे थे । इसके साथ ही बढी के बहुत सारे टूल्स हजार जैसे कि रंदा वसूली प्लेन आधी भी सेल पर था । ऐसा लगता था कभी गरीबी के दिनों में किसी बढाई ने इन हजारों को रहन पर रखा था और फिर कभी भी ऋण चुकाकर लेने ही नहीं आ पाया और यदि आप दुकान में ऊपर चाहें वहाँ पर आपको बडे बडे बंडल जिनके ऊपर आपको टिकट नंबर लगे हुए मिल जाएंगे वहाँ का पांच पडोसी भी बहुत गन्दा संध्या था और हर खिडकी में से आपको कोई बदसूरत चेहरा बाहर झांकता हुआ मिल जाएगा । इतना ही नहीं चारदीवारियों और मुंह देवियों पर आपको कुछ पौधों के ठूंठ दिख जाएंगे जो कि कभी भी किसी आने जाने वाले को लग सकते थे । आंजन के कोने में मेरा रास्तों के नीचे आपको हमेशा कुछ आदमी इधर उधर आवारा गर्दी करते घूमते नजर आ जाएंगे या फिर वो बाजू में बनी मदिरालय में या फिर उसके इर्द गिर्द घूमते हुए दिख जाएंगे और उनकी पत्नियां बडी बडी टोकरियों में सस्ती सब्जियां लिए सडक पर बेचने के लिए खडी रहती थी । ये सारा माहौल उस फोन दो करके शराब के आस पास का था । यदि गिरवी वाले की दुकान के सामने का हिस्सा और डिस्प्ले पर भी वस्तुएँ ग्राहक को अंदर आने के लिए आकर्षित करने के लिए लगी थी तो अंदर का भी हिस्सा कम दिलचस्प नहीं था । दुकान के सामने का दरवाजा एक कॉमन शॉप में खुलता था जहाँ पर आने जाने वाले कस्टमर्स इसके आदि थी और उन लोगों को इस बाहर की कोई परवाह नहीं थी कि उनके बाजू में कौन बैठा है और वो क्या वस्तु गिर भी रखने के लिए आया है और उस बिचारे की क्या मजबूरी रही होगी । इस मेरे रूम का साइड वाला दरवाजा एक गलियारे में खुलता है जिससे एक तरफ छह क्लोज लिस्ट या अलमारियाँ रखी थी जो अंदर से बंद की जा सकती है और उनके सामने छह छोटे छोटे क्यूबिक है जिसमें वो शर्मीले तथा थोडे अमीर कसम के आदमी आता कर बैठ जाते हैं जो अब किसी वजह से गरीबी के दिन काट रहे हैं और अपनी कुछ मूल्यवान वस्तुएं हैं, दुकान में रखकर अपनी इज्जत बरकरार रखना चाहते हैं तथा जरूरत भी पूरी करना चाहते हैं । मेन काउंटर पर जो आदमी बैठा था उसके काले गंगरैल बाल थे । उसने अपने हाथ की फॅमिली में हीरे की अंगूठी पहनी हुई थी और उसका डबल सिल्वर मौज गार्ड था । उसका ध्यान जब वहाँ छुप कर बैठे ग्राहकों पर जाएगा तो उसकी सेवा कब आरंभ करेगा ही उसी की मर्जी पर था । इस वक्त वो बाद जिसमें बहुत बढिया कपडे पहने हुए थे, काउंटर पर झुककर एक मोदी से रजिस्टर में डिकट की एंट्री कर रहा था और बीच में अपने सहकर्मी से भी बातचीत करता जा रहा था । वो उस घटना का हस्ते हस्ते जिक्र कर रहा था जो उसके साथ रात में एक औरत के साथ घटी थी जब उसने खूब शराब पी रखी थी । उनकी इस हँसी मजाक के कार्यक्रम में नाहक कोई हिस्सा नहीं पा रहा था तो उसी समय एक बुजुर्ग महिला काउंटर पर अपना हाथ धरे जिसमें वो एक मंडल ली थी, बेसब्री से उसका इंतजार कर रही थी क्योंकि वो पिछले आधे घंटे से अपनी बारी का इंतजार कर रही थी । उसने दुकानदार से कहा अरे मिस्टर हेनरी, जरूरत जल्दी कीजिए । पीस मैं अपने दो प्यारे प्यारे बच्चों को घर में बंद कर के आई हूँ और मुझे डर है कि कहीं वह आपके पास ना चले जाएँ । दुकानदार उसकी ओर उपेक्षा से सिर उठाकर देखता है और फिर आपने एंट्री वाले काम में बडे ध्यान से व्यस्त हो जाता है जैसे कि वो उसमें कोई खुदाई या फिर नकाशी कर रहा हूँ । लगभग पांच मिनट बाद वो फिर बोलता है आप जल्दी में है ना मेरी सिस्टर काम है ना वहाँ मिस्टर हेंड्री मैं थोडा जल्दी में ही बच्चों के कारण मुझे सिख हो रही है । उन्हीं की वजह से मुझे आपको परेशान करना पडा है । दुकानदार उसका बंडल लेकर खोलते हुए उससे पूछता है, इसमें क्या है? कुछ पुरानी चीज है यह पेटीकोट वगैरह है । बूढी औरत मैं उन पर तो मैं कुछ नहीं दे सकता । हफ्ते में तीन चार बार पहन कर तो उसे मेरे पास ले आती हो । अरे अरिना मजाक कर रहे हैं, पेटीकोट नहीं है । ये एक बच्चे की फ्रॉक है और एक सुंदर सिल्का रुमाल है जो मेरे पिता का है । उसने इन कपडों के लिए सिर्फ चार शिलिंग भी और दुर्भाग्य वर्ष उसी दिन उसका हाथ टूट गया । इसके लिए आपको क्या चाहिए? मिस्टर हेनरी पूछते हैं इन सामानों में से वो पहले से परिचित थे । आपको अठारह पैसे दूँ या नौ पैसे हूँ? अरे भले आदमी कम से कम शिलिंग यानी बारह पैसे तो कर दीजिए । उस महिला ने प्रार्थना की । नहीं नहीं केवल नौ पैसे इससे अधिक एक फर्जी भी नहीं दे पाऊंगा हूँ । चलिए ठीक है फिर नौ पैसे ही देते हैं । उस महिला को नौ पैसे दे दिए जाते हैं और उसका डुप्लीकेट टिकट बनाया जाता है । एक उस महिला को दे दिया गया और दूसरा उस पार्सल पर लगा दिया गया तथा उसे लाभ भरवा ही से अब एक कोने में भी ठीक दिए गया एक और ग्राहक आ जाता है जो चाहता है कि उसका दावा जल्दी से निपटा दिया जाए । उसकी निगाह फॅार जैसे आदमी पर पडी जो भी गंदी से पेपर क्या पहने हुए था और जो बहुत ही अजीब सा लग रहा था जैसे कि बहुत भद्दा दार ही बडी हुई तथा और बच्चे भी लग रहा था वो अपनी पत्नी को पीते पीते ठक्कर अब पिछले पंद्रह मिनट से आराम कर रहा था । वो अपनी हजार वापस लेने आया था जिससे वो कुछ काम कर सकें । जिसके ऍम उसने पहले से ही अग्रिम राशि ले रखी थी उसे पूरा कर सकें । यदि आप उसकी लडखडाती हुई चाल और सूजी हुए चेहरे से अंदाजा लगा सकें कीजिए आदमी काम कर पाएगा या नहीं कुछ समय तक इंतजार करने के बाद वो अपना गुस्सा एक गरीब से लडके पर होता है जो वहाँ पर काफी देर से खडा था और अपनी ओर दुकानदार का ध्यान खींचने के लिए कूद कर अपनी दोनों कोहनियों को उस पर टिका लेता था और जब वो नीचे गिरता था तो उस आदमी के पास पर गिर जाता था । बदमिजाज शराबी आदमी ने उसके गाल पर एक जोर का तमाचा मार दिया और वो बेचारा चारों खाने चित होकर नीचे गिर पडा । वहाँ खडे आसपास आदमी हूँ और औरतों का गुस्सा उस पर तुरंत ही फूट पडा । तुमने इस बेचारे को इस तरह से क्यों मारा? निर्दयी आदमी एक और जिसने उलजलूल से कपडे पहन रखे थे । उसने पूछा उसके पास के टोकरी में ऍम थी क्या तुम सोचते हो की वो तुम्हारी पत्नी है । वो शराबी बोला जहाँ जाओ अपने आप को सूली पर लटका लो । साथ में उस और आपको घूसा भी मानना चाहा । जो भाग्य वर्ष उसको लगा नहीं मैं तुम्हे ना कार डालूंगा और तुम्हारे टुकडे टुकडे का डालूंगा । जब तक मैं आता नहीं तब तक तुम बच्ची हूँ । मैं तो महीना कार्ड डालों कहीं तो हमारा नहीं हो साथ तुम बेमोल । आवारा आदमी और ऊंची आवाज में उसने कहा तुम्हारी बीवी कहाँ है? और शैतान आपने बताया इस तरह की और थी अपने अंदर बहुत ही कम समय में तमाम माधवेश पैदा कर लेती हैं । बेचारी तुम्हारी बीवी जिसके साथ तुम कुत्ते से भी ज्यादा बुरी तरह से पेश आती हूँ तो आदमी हूँ कि हैवानी मेरा दिल चाहता है कि मैं अभी तुम्हारी जान ले लूँ फिर चाहे मुझे इसके लिए फांसी की सजा ही क्यों ना मिले । शराफत से बात कर वो आदमी बोलता है तुम भी शराफत से बात करो, वो और घृणा से बोलती है ये बहुत ही शौपिंग है, धक्का पहुंचाने वाला है । क्या ये शौक नहीं है? चीफ हुई और चिल्लाती हुई गलियारे से भागे जहाँ कक्ष में से एक महिला झांक रही थी और सोच रही थी कि ये सब आखिर हो क्या रहा है जिसको पता था की क्यो नेट में बंद रहने की वजह से उसका कोई नुकसान नहीं हो सकता था । क्या ये शॉकिंग नहीं है मैंने ये बहुत ही भयानक है । वो और बोली इस आदमी की बीवी है और वह बहुत ही मेहनती है जैसे कि एक जवान हो सकती है तो यह जुगली बहुत तेज आवाज बोलती है । ये लोग हमारे घर के पीछे वाले कमरे में रहते हैं और ये आदमी जब तक नशे में धुत आता है और बिना बात किए उसकी पिटाई करने लगता है और सारी रात और न केवल अपनी बीवी को अपने बच्चों को भी जिससे उसकी जिंदगी और नर्क हो जाए ताकि वो बिचारी और ज्यादा परेशान हो जाए । तुम तो जानवर हो जानवर और वो बेचारी क्या करें वो करी फिर छोला चक्की में लग जाती है । अब कौन रोकर जो सिलिकाॅन ड्रेसिंग गाउन पहना था, काउंटर के पीछे से आ जाता है और कहता है अब ऍम अपनी घरेलू बातें आप अपने तक ही सीमित रखिए । नहीं तो आपको अपने फ्लैट आयरन के जो चार पैसे मिलने हैं वो भी नहीं मिलेंगे । वो अधिकारिक स्वर में बोलता है ऍम आप अपनी पत्नी को भेजी कि वह आकर अपने दो टूल्स ले जाए और आप अपना ये मनहूस चेहरा मुझे तब तक ना दिखाइएगा जब तक आप नशे मुक्त ना हो जाये । हमारी दुकान से दफा हो जाओ और यहाँ फिर शक्ल मत दिखाना हो । इस भाषण का उसके ऊपर कोई असर नहीं होता और उस को ही पीटने लग जाता है जब तक कि वो इस बात पर बाजी नहीं हो जाती है कि वह राहत में वहाँ सोने आ सकता है । तभी वहां पर उसकी पत्नी आ जाती है जो मैंने कुछ कपडे पहने हैं और बहुत ही दुबली पतली है तथा गोद में एक बच्चा भी लिए हैं और आग्रह तथा अनुयाई आप पास में फिर उससे बोला तुम घर आ जाऊँ, तुम एक बहुत अच्छे आदमी हूँ और फिलहाल तुम बिस्तर में जाकर सो जाओ, प्लीज ही घर चली जाओ वो शराबी बदमाश बोलता है कथा साथ में उसे धक्का भी देता है । उसकी पत्नी फिर से उससे विनय पूर्वक कहती है तुम चुपचाप शांति से घर जाओ । बहुत दोबारा उसको उल्टा जवाब देता है तो वो भी घर चली जा और साथ में उसको एक जोर का थप्पड भी जड देता है जिससे वो बच्चे के साथ जमीन पर गिर पडती हैं । बच्चे की टोपी भी खिसककर उसके दुर्बल चेहरे पर आ जाती है । तो उसका जो प्राकृतिक संरक्षक है वो उसे धक्का देता हुआ आंगन में ले जाता है और उसका बच्चा भी इस हमले से रोने लगता है । एक गलियारे के सबसे अंधेरी कोने में एक कक्ष में एक युवा और नाजुक सी लडकी है जो अभी मुश्किल से बीस साल की ही होगी । एक उम्रदराज महिला के साथ बैठी थी जो उसकी माँ लग रही थी और हूँ । ये नहीं चाहती थी कि दुकानदार के अलावा उसे कोई और देख सके । वो लोग वहाँ शायद अक्सर आते रहते थे क्योंकि जो भी सवाल दुकानदार ने पूछा उसका उन्होंने धीमे स्वर में ही फटाफट जवाब दे दिया । मैं यहाँ पर किसका नाम लिख हूँ । निश्चय ही आप का सामान है । आप स्वयं मकान मालिक है जब वहाँ पर किरायेदार के रूप में रह रही है । वह दुकानदार जो उधार उसे दे रहा है वो उससे ज्यादा के लिए मांग करती हैं और मूलभाव भी करती हैं । जो सम्भवता बिल्कुल नया ग्राहक शायद ही कर सकें । इसके लिए जो माँ है वो अपनी बेटी से इशारे में समझाती हैं कि वह दुकानदार को उससे ज्यादा दाम देने के लिए राजी करें तथा जो सामान वो लाए हैं उसका नाम भी कुछ ज्यादा ही बताएं । वो सोने की एक छोटी से जंजीर है और फॅमिली हुई एक अंगूठी है । संभव था उस लडकी की चीजें क्योंकि वो माँ के लिए काफी छोटी थी । ऐसा लगता था कि जिंदगी की जरूरतें पूरी करने के लिए माँ का हिरदय कठोर हो गया था और वो लडकी भी अपनी इन चीजों के लिए दिल मजबूत करके उसे रहन रखने पर राजी हो गई थी और उसके बदले में पर्याप्त धन पाने की संभावना भी । शायद उसके परिजन और जान पहचान वालों ने कठिन समय में उसकी मदद करने से मना कर दिया था या अपना मुंह फेर लिया था । शायद अब यही उनके लिए एक आखिरी उपाय बच्चा था । अन्य था वो अपनी ऐसी बेच तीन टी और भावनात्मक चीजें क्यों गिर भी करने आते हैं । यकीनन उन्होंने कुछ अच्छे दिन जरूर देखे थे लेकिन इस मंदी के दौर में अब उनको भी पूरे दिनों का सामना करना पड रहा था । अगले कक्ष में एक जवान और जिसमें बहुत ही गरीबों वाली ड्रेस पहन रखी थी जो शोक रंग के थे और जिसने जाडे में भी गर्मी वाली टोपी लगाई हुई थी । इस सर्दी के मौसम में बहुत ठंडक महसूस कर रही थी । वो जीवन के इस मोड से किस गरीबी से गुजर रही थी इसका देखते ही पता चल रहा था उसने भारी सैटन गांव और दो किनारों से घिसेपिटे स्टॉकिंग्स पहने हुए थे । ढांसा हुआ चेहरा इस पर थोडा सा रोज लगाकर उसे आकर्षित बनाने की कोशिश की गई थी और जिस से प्रतीत होता था की उस की जवानी और खुशियाँ सब कुछ लुट चुका था । ऐसा लगता था जैसे अब उसकी खुशियाँ कभी भी लौटकर नहीं आएंगे । अगर वह जबरदस्ती भी मुस्कराएं तो वो भी एक नकली मजाक उडाती हुई मुस्कुराहट लगती थी । खैर जो भी हूँ जब उसने अपनी पडोस वाली युवती लडकी को देखा जो अपनी छोटे मोटे गहने गिरवी रखने आई थी तो उसके दिमाग में एक बिजली से कौन गई और उसे अचानक कुछ याद आ गया और उसका पूरा व्यवहार एकदम से बदल गया । उसकी पहली प्रतिक्रिया ये थी कि वह अपनी आधी छुपी हुई पडोसी को फिर से एक बार अच्छी तरह से देखें पर उसकी पडोसी नवनियुक्ति ही उसको देखकर अपने कक्ष में मो छुपा कर रोने लगी । आदमी के दिमाग में कई ऐसे तार होते हैं जो महीनों सालों तक सुषुप्त अवस्था में पडे रहते हैं । पर कभी कभी जरा सा भी जाने अनजाने कनेक्शन जुडने से वो अचानक झंकृत होते हैं और आदमी भावा बीच में रोने लग जाता है । कुछ ऐसा ही उस समय भी हुआ । उस दुकान उस समय एक अन्य औरत थी जो बहुत ही नीचे तबके की और गरीब से लग रही थी । वह थोडी गंदी थी और किसी भी प्रकार की टोपी याॅर्क नहीं लगाई थी । वो उन लोगों की बातों को और आदान प्रदान को दिलचस्पी से देख रही थी । ऐसा लग रहा था जैसे उसमें थोडी सी मदिरा पी रखी थी और उसकी भी उसी तरह की प्रतिक्रिया थी जैसे उन दो महिलाओं की थी और वो दोनों महिलाएं कक्ष में बैठी हुई थी । कौन कह सकता था की अब दो महिलाओं की स्थिति बदल जाएगी और उनमें से कोई उसके साथ स्थान बदलने और इनमें से कब कोई अस्पताल और अस्पताल से खबर में पहुंच जाये । दो सौ हमें गरीबी से लडने के लिए एक दूसरे की मदद करना चाहिए । अगर हमें भगवान इस काबिल क्या है कि हम किसी गरीब के थोडे से ही सही लेकिन अगर हम मदद करने के काबिल हैं तो हमें जरूर करना चाहिए । हो सकता है हमारी इस छोटी सी मदद से वो अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करें । यकीनन हम इंसानों के पास किसी दूसरे इंसान की तकलीफ को महसूस करने के लिए सीने में भगवान ने दिल दिया है जो किसी दूसरे की तकलीफ को महसूस करता है और उसके दर्द को समझता है । इसीलिए हर धर्म में एक इंसान को दूसरे इंसान से प्यार मोहब्बत से पेश आने के लिए कहा गया है । तो अगर हम किसी गरीब की मदद करेंगे तो इसका सिला इसका सवा इसका पूर्ण हमें भगवान जीतेंगे । लेकिन अपनी करने के बदले हमें बन्दों से कोई उपेक्षा नहीं रखनी चाहिए । उम्मीद करता हूँ आपको मेरी कहानी पसंद आए और हो सकता है कि आपके जीवन या आपके सोच में कोई मामूली सा बदलाव आ जाए । अगर ऐसा हुआ तो मेरा जीवन सफल समझिए, धन्यवाद
Sound Engineer
Producer