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11 : कम खाना - ग़म खाना in Hindi

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AuthorHarish Darshan Sharma
लोक कहावतों में शतायु जीवन के सूत्र - दैनिक जीवन के लिए उपयोगी युक्तियाँ| writer: मुमताज खान Producer : KUKU FM Voiceover Artist : Harish Darshan Sharma Author : Mumtaz Khan Voiceover Artist : Harish Darshan Sharma
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कम खाना गर्म खाना रहे निरोगी जो काम खाये, बिगडे काम न जो गम खाये भगवार वहाँ मनुष्य जीवन भर निरोगी रहता है । जो काम खाता है तथा उस मनुष्य का कोई कार्य नहीं । बिगडता जो धीरज, धैर्य वह संतोष को अंगीकृत करता है । स्पष्टिकरण एक पुरानी कहावत है कि संसार में जितने लोग भूख से मरते हैं उससे कहीं अधिक खाकर मारते हैं । कहावत महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक भोजन करने से अम्लीयता तथा अपच बढती है । फिर विभिन्न प्रकार के अलोपथी दवा लेनी पडती है जिसका पाचन तंत्र पर विपरीत प्रभाव पडता है । अधिक भोजन से अनेक प्रकार के उधर रोक पैदा होते हैं जबकि कम भोजन करने से उचित पाचन क्रिया होती है । शरीर भोजन का पाचन करके भोजन को पोषक तत्वों में विभक्त कर ऊर्जा प्रदान करता है । धर्यवान व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी अपने को तटस्थ रखता है, अवसाद नहीं आने देता, क्रोध नहीं करता हूँ इसलिए वहाँ सुखी जीवन जीता है । अंतर की ऊर्जा उसके मनोबल को बढाती है जिसका प्रभाव शरीर पर पडता है और सुखी शरीर स्वस्थ शरीर होता है । लाभ भूख से कम भोजन करने से उधर संबंधी बीमारी नहीं होती है । जबकि धर्यवान व्यक्ति क्रोध जैसे विपरीत नकारात्मक विचारों से बच्चा रहता है इसलिए उसका कोई काम नहीं भी गडता । सारा मनुष्य को अल्पाहारी वह धैर्यवान होना चाहिए ।

Details
लोक कहावतों में शतायु जीवन के सूत्र - दैनिक जीवन के लिए उपयोगी युक्तियाँ| writer: मुमताज खान Producer : KUKU FM Voiceover Artist : Harish Darshan Sharma Author : Mumtaz Khan Voiceover Artist : Harish Darshan Sharma
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