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10. Rishte ka Khatma in Hindi

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AuthorRohit Verma Rimpu
The tale of a troubled kid dealing with his problem of stammering, but possessing abnormally superior brain power. Voiceover Artist : RJ Manish Author : Rohit Verma Author : Rohit Verma Rimpu Producer : Saransh Studios Voiceover Artist : Manish Singhal
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है फॅमिली वार वालों को पी को कि योग अचानक प्रौद्योगकी घायलों का बता नहीं होता । बंदो ने इस बात का पक्का यकीन होता है कि इसके पीछे मुक्ता और उसकी माँ का हाथ है । मैं नहीं यह फैसला करता हूँ कि भभकता उसके माँ को नहीं छोडूंगा । प्रमुख्ता को फोन करता हूँ और उसे बहुत बुरा भला कहता हूँ की बात सुनकर मुक्ता कुछ हो जाती है और अपनी माँ को इस बारे में सब कुछ बता देती है ताकि मैं उसे हौसला देती है और कहती है कि जब तक वह जिंदा है जी को क्या उसका आप भी उसका कुछ नहीं बिगाड सकता हूँ । कुछ दिनों के बाद मुझे पुलिस स्टेशन से होता है । यह फोन मेरे तो उसका होता है और वह मुझे बताता है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ मेरी पत्नी नेता हिज उत्पीडन और मारपीट के इल्जाम के तहत ऍम करवाई है । मैं उसकी बात सुनकर हैरान हो जाता हूँ और बहुत इस बारे में अपने पिता को बताता हूँ । पिताजी तुरंत कार्रवाई करते हुए मेरी मौसी को फोन करके सब बात बताते हैं और उन्हें पूरी बात पता करने के लिए मुक्ता के घर जाने के लिए कहते हैं । मेरी मौसी तुरंत मुद्दा के कहाँ जाती है और मुक्ता कि वहाँ से इस सब के बारे में पूछती है । रोकता की माँ जो कुछ कहती है मैं सुन कर मेरी मौसी ऍम रह जाती है और बहुत जल्दी से वहाँ से मेरे घर चली आती है । मेरे पिता के घर पहुंचने पर बहन मुक्ता और उसकी माँ का संदेश उन्हें सुनने लगती है तो मैं कहती है देख भाई साहब होता कि वहाँ से मेरी बहुत देर तक बातचीत हुई है परंतु करे लाख समझाने पर भी वह नहीं मान रही । इतना ही नहीं बहन मेरी ननद की भी कोई बात सुनने को तैयार नहीं । उसने कहा कि वह जाकर चीकू और उसके परिवार को बता दे कि वह अपनी आधी जायदाद या फिर दो करोड रुपए मेरी बेटी के नाम करने नहीं तो मैं धारा चार सौ अट्ठानबे ए के तहत आप पर केस दर्ज कर देगी ताकि बाकि ऐसा बातें सुनकर मेरे परिवार वाले सब हैरान रह जाते हैं । मैं तो धारा चार सौ अट्ठानबे तीखा नाम सुनकर घबरा जाता हूँ और पिताजी को गुस्से । मैं कहता हूँ कि मैं देखता और उसके भाई को जान से मार दूंगा । पिता जी मुझे संभालते हैं और कहते हैं देखो बेटर ये समय भरने हम मारने का नहीं । ये समय धैर्य रखकर दिमाग से काम लेने का है तो आपके दोस्त सौरभ को फोन करके अपने पास हो । मैं उससे कुछ बातें सलाह मशवरा करना चाहता हूँ । मैं पिताजी के कहने पर सौरभ को फोन करता हूँ और उससे तुरंत घर आने को कहता हूँ । कुछ ही समय में सौरभ घर आ जाता है और सबसे मिलने मिलने के बाद पिताजी सौरभ को सारी बात बता देते हैं और उसे आगे की योजना के बारे में सलाह देने को कहते हैं । तो राज्य की सारी बात चलता है और कहता है अंकल जी मामला कुछ गंभीर होता जा रहा है । धारा चार सौ अट्ठानबे ए के बारे में आप पहले तो जानते ही होंगे । इस धारा ने कई परिवार के परिवार उजाडकर रखती है । इस से बचने का अब तक कोई रास्ता नहीं है । पर तो इससे पहले कि ये धारा चार सौ अट्ठानबे आपके परिवार के ऊपर लगे हमें इस से पहले ही कुछ कार्यवाही करनी होगी हूँ । मेरे पास एक योजना है, सबसे पहले तो हमें मुक्ता के परिवार के बारे में पता करना होगा कि बहुत अब क्या योजना बना रहे हैं । अगर किसी ना किसी तरह के है सब हमें पता चल जाए तो हम अपनी योजना उसके अनुसार बता सकते हैं । पिताजी सौरभ की बात से सहमत होते हैं और कहते हैं तब तो तुम्हारी बिल्कुल सही है । परन्तु हम क्या है? कैसे जान सकते हैं कि एशिया के परिवार वाले क्या योजना बना रहे हैं? इसके जवाब में सौरभ कहता है, और यह सब आप मुझ पर छोड दीजिए । कुछ महीनों पहले की बात है । मुक्ता के बही राहुल के ससुरजी मेरे पास आए थे । उन्होंने बनाया था कि मुक्ता की भाभी उसकी माँ के कहने पर उसकी बेटी यानी मुक्ता की भाभी को बहुत तंग करती है । उसके साथ मारपीट तक करती है । मैंने धारा चार सौ अट्ठानबे ए के तहत एक नोटिस लिखकर दे दिया । मुक्ता के परिवार वाले उस नोटिस को देख कर डर गए थे और उसकी भावी को तंग करना बंद कर दिया था । इस प्रकार ससुर अंकल से मेरी खास जान पहचान हो गई थी । अगर हमें ऐसा करेगी हम तीनों यानि मैं जी को और आप उनके घर जाएँ और उन्हें सारी बात बताऊँ शायद हमारी कुछ मदद कर सकें । पिताजी सौरभ की बात से सहमत हो जाते हैं और तुरंत उसके साथ मुक्ता की भाभी के मायके की ओर रवाना हो जाते हैं । कुछ समय के बाद है उनसे बचते हैं । कुछ देर बातें करने के बाद सौरभ हो रहे सारी बात बता देता है और उससे पूछता हूँ क्या हमारी कुछ मदद कर सकते हैं तो आपकी बात के जवाब दे । वह कहते हैं, बेटा जी उस पर यहाँ से तो मैं और मेरी बेटी भी बहुत दुखी है । मेरा दामाद घर पर नहीं होता जिस कारण रहे इस बात का फायदा उठाते हैं और मेरी बेटी पर बहुत जलन करते हैं । उन्होंने मेरी बेटी का हाल एक नौकरानी से भी पूरा किया हुआ है । बाकी रही आपकी बात ऍम कितना कर सकता हूँ की अपनी बेटी को किसी बहाने यहाँ अपने पास बुला सकता हूँ जिससे आप उस से उस परिवार की योजना के बारे में पूछ सकते हैं । फिर मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कि वह आपको नहीं बोलेगी और उस परिवार की योजना के बारे में सब कुछ सच सच बता देगी । धान की बात से सहमत हो जाता हूँ । उनसे मुक्ता की भाभी को बुलाने के लिए कहता हूँ ताकि वे सब यहाँ जान सके कि मुक्ता के परिवार वालों ने उनके लिए क्या योजना बना कर रखी है । मैं अपनी बेटी को फोन करते है और उसे बीमार होने का बहाना लगाकर अपने पास तुरंत आने को कहते हैं । कुछ ही समय में मुक्ता की भावी अपने भाई क्या जाती है और मुझको वहाँ देख कर आश्चर्यचकित हो जाती है । उसके पिता उसको अपने पास बिठाते हैं और उससे सारी बात कर देते हैं और उससे पूछता के परिवार वालों की योजना के बारे में पूछने लगते हैं । तुरंत ऊपर कुछ नहीं बताती है । इस पर मैं उसको कहता हूँ की भावी आपको मुझे कुछ नहीं बताना तो मत बताए । या तो आप उस परिवार से डरती है और या फिर आप उस परिवार को बचाना चाहती है । अगर तो आप उस परिवार से डरती है तो हम सब आपके साथ है । हमारे होते हुए आपको उन सब से डरने की कोई जरूरत नहीं है और अगर आप उस परिवार की सहायता करना या उन्हें बचाना चाहती है तो आपको बेटी बेटी परी का रास्ता हूँ । आपको हमारी मदद करनी ही होगी । मैं परिवार जिन्होंने शायद मेरे बेटे को मार दिया कि आप उस परिवार की मदद करना चाहती है, मेरी बात सुन कर रहे हैं । हमें कहती हूँ भाई साहब तो मैं उस परिवार से डरती हूँ ही । मैं इस परिवार को बचाना चाहती हूँ । आपने कहा है कि आपको शक है कि उस परिवार ने आपके बेटे को मारा है तो यह बात सच है कि उन्होंने जानबूझकर आपके बेटे को भी डाला है । तो उस परिवार के बारे में आप सोच भी नहीं सकते कि वह कितने बीच कबीर किस्म कैंसर है । वो शायद पता भी नहीं है कि उन्होंने आपके बारे में क्या योजना बना रखी है । मैं आपके पैसों से प्रदेश जाकर रहने की ताक में है । मैं और वहाँ बैठे संघर्ष उसकी बात सुनकर हैरान रह जाते हैं । उसके पिता उसे खुलकर सारी बात बताने को कहते हैं । मैं कहती है मुक्ता की बहुत ही नहीं फॅमिली प्रदेश में रहते अपने किसी रिश्तेदार के साथ करने की योजना बना रही है । इस योजना की कामयाबी के लिए पैसों की जरूरत थी तो उन्हें आपके परिवार पर धारा चार सौ अठारह का झूठा के स्टाइल पैसे लेने की योजना बनाई है । इसके लिए उन्होंने भारी पैसे अदा करके एक वकील से सहायता भी ली है । आपके बेटे को भी उन्होंने मारा है क्योंकि वह मुक्ता की दूसरी शादी में रुकावट पैदा कर सकता था । उसकी बात सुनकर सभी एक दूसरे की ओर देखने लग जाते हैं । इसके बाद वह कह दिया करके आपने यह बताना कि मैंने आपको उनकी योजना के बारे में बता दिया है, बडा में मुझे जान से मार देंगे । इससे पहले भी उन्होंने कई बार कुछ जान से मारने की कोशिश की है । उसकी बात सुनकर पिताजी उसे विश्वास दिलाते हैं कि वह बेलटिकरी से रहे । वो उसे कुछ नहीं होने देंगे और बहस अब अपने घर वापस आ जाते हैं । मेरे सामने सारी तस्वीर साफ हो जाती है तो उसे पता चल जाता है कि आखिर क्यों मुक्ता इतनी छोटी छोटी बातों पर बाहर से झगडा करती थी । घर पहुंचकर हम सब आपस में सलाह मशवरा करते हैं । इस मुसीबत से बचने के लिए उन्हें क्या कदम उठाने चाहिए? पिताजी सौरभ से इस बारे में पूछते हैं तो हो नहीं कहता है अंकल जी, हमें सबसे पहले तो उनके वकील के बारे में पता लगाना चाहिए और उस से यह जान लेना चाहिए कि मुख्तार, उसके परिवार वालों की असल में क्या योजना है । उसके अनुसार ही हमें अपनी योजना बनानी होगी । मैं उसकी बात पर सहमत हो जाता हूँ और उसके वकील के बारे में पता लगाने के लिए कहता हूँ । कुछ समय में समर ऍम के वकील के बारे में पता लगा लेता है । उनके वकील का नाम अनिल है और बहस औरत के साथ ही काम कर चुका होता है । अनिल मुक्ता के मायके के घर के बाजी रहता है । सौरभ पिताजी को हाँ मिल के बारे में बताने लगता है । सौरभ के अनुसार अनिल पहुँचे लालकुॅआ ऍम कुछ भी कर सकता है । फॅमिली के बारे में बहुत जानकारी रखता है । किसी परिवार को धारा चार सौ अट्ठानबे एक झूठे केस में फंसाकर उनसे पैसे एट ना उसका मुख्य पेशा है । पैसे वकील ही वकालत के पेशे को बदनाम करते हैं । पिताजी समझ जाते हैं कि उनके असल को रहेगा । मुक्ता या उसकी माँ नहीं बल्कि अनिल है । चौके वकील होने का नाजायज फायदा उठा रहा है । पिताजी सौरभ को पूछते हैं कि क्या हमें अगल से मिलना चाहिए या नहीं हूँ । ऍम खबर दिल से मिलने का कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि हमारी कोई भी सहायता नहीं करेगा । इसके विपरीत और भी अहंकारी हो जाएगा और हमारे किसको कमजोर कर देता हूँ जिससे हम केस हार भी सकते हैं था । उसके पास काम कर रही एक लडकी को जानता हूँ । उसका नाम शीतल है और हम दोनों ने साथ साथ वकालत पास की है । वो मेरी बहुत जरूर कर सकती है । पर कहने के बाद मैं शीतल को फोन करता है, उसे मेरे घर आने के लिए कहता है । कुछ समय के बाद शीतल मेरे घर आ जाती है । कुछ देर बातें करने के बाद सौरभ से कहता है कुछ तुम्हारी मदद की जरूरत है । मैं तुमसे लगता कि किसके बारे में कुछ बात करना चाहता हूँ ही दल कह दिया मैं तो भारी हर प्रकार से मदद करने को तैयार हूँ क्योंकि इनके साथ जो कुछ हो रहा है बहुत गलत हो रहा है । अखिल सारा मुक्ता की भाजी जो योजना बताई है, बच्चे को जी और उनके परिवार को खत्म कर देगी । वहन पर धारा चार सौ अट्ठानबे ए के तहत एक केस डालने की फिराक में हैं । उन्होंने केस लगभग तैयार कर लिया है । पहले तो मैं आप से दो करोड रुपए की मांग करेंगे । पैसे ना देने की सूरत में मैं आप पर था, चार सौ अट्ठानबे ए के तहत केस करेंगे । उसके बाद मुक्ता कानूनी तौर पर आपकी आधी जायदाद कि मालिक हो जाएगी जो कि उनके हिसाब से लगभग तीन चार करोड ऍम में उनकी पूरी मदद कर रहे हैं । इसके लिए उनको लगभग पचास लाख रुपए मिलेंगे । मेरे पास उसके इसकी नकल की कॉपी है । आपके पास सिर्फ पंद्रह दिन का समय तक कुछ कर सकते हो तो अपने बचाव में कुछ कर लूँ । सौरभ शीतल से मेरे किसकी कॉपी मांग करता है । शीतल कह दिया है कि इस मैं ही तैयार कर रही हूँ । मेरे लैपटॉप में चीज जी के केस के बारे में सब कुछ लिखा है । मैं आपको अभी ईमेल के जरिए मैं सब जानकारी भेज देती हूँ । इसके बाद शीतल में रखे इसकी सारी जानकारी सौरभ को ईमेल के जरिए भेज देती है । सौरभ अनिल के तैयार किए कि इसको पढकर हैरान रह जाता है । इसमें मुख्तार मेरे और मेरे बडे बाहर के खिलाफ एक बयान भी लिखा होता है जिसको उसे जल्द ही पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाना होता है । इसके बाद पुलिस अपनी आगे की कार्यवाही करेगी । उस बयान में लिखा होता है, मेरा नाम लगता है मेरे पिता का नाम श्री राकेश कुमार है । मैं होगा शहर में रहने वाली हूँ । मेरी शादी को एक साल का समय हो गया है । मुझे मेरे ससुराल वाले दहेज के लिए बहुत तंग करते हैं । वे समय समय पर मेरे मायके वालों से कुछ बच पांग करते रहते हैं और भाई पूरी न होने की सूरत में मुझसे भारतीय तक करते हैं । मेरे ससुर मुझे किसी ना किसी बात पर मारते रहते हैं । मेरे पति के भाई मुझ पर बुरी नजर रखते हैं । यही नहीं एक बार तो उन्होंने मेरे साथ गलत काम करने की कोशिश भी की । मैंने अपने पति से इस बारे में बात की तो उन्होंने अपने भाई को कुछ नहीं कहा बल्कि मुझे ही भला बुरा कहने लगे । मेरी ननद और सास मेरे साथ हमेशा किसी ना किसी बहाने मारपीट करते रहते हैं । मेरे ससुर की वजह से मैं अपनी जान से प्यारे बेटे को खो चुकी हूँ और वह मुझे भी जान से मारने की धमकी दे रहे हैं । पिछले सप्ताह उन्होंने मेरे पिताजी से एक कार और पचास लाख रुपए की मांग की थी, जिसको पूरा करने में मेरे पिताजी ने मना कर दिया तो उन सपने मिलकर मेरे साथ मारपीट की और मुझे घर से बाहर निकाल दिया । मूॅग और मेरे पिता इतने डर जाते हैं कि कुछ समय के लिए बोल नहीं पाते हैं । कुछ समय के बाद पिताजी सौरभ से पूछते हैं, अब इस मुसीबत से कैसे निपटा जाए? उनके जवाब में स्वागत कहता है अंकल जी । एक पुरानी कहावत है काटा काटा ऐसे ही निकाला जा सकता है । यानी इससे पहले कि भारत पर कोई केस करेंगे, उनसे पहले हमें कुछ सबको किसी की इसमें बता देना चाहिए था । जिसको कहते हैं तो क्या कह रही हूँ, हमें बिल्कुल समझ में नहीं आ रहा हूँ । अब विस्तारपूर्वक हम सब को समझाओ कि आखिर करना क्या है? सौरभ कहना है, अगर हम किसी किसी प्रकार से मुक्ता की भाभी के मायके वालों को, मुक्ता के परिवार वालों पर धारा चार सौ अट्ठानबे ए के तहत उन पर केस करने के लिए बना लेंगे तो उनका सारा ध्यान अपने आपको उसके इससे निकालने में लग जाएगा और हम पर किस करने के बारे में सोचेंगे भी नहीं । आखिरकार उन्हें धारा चार सौ अट्ठानबे ए के बारे में पता तो चले तभी मैं सौरभ से पूछता हूँ की क्या हो सकता है । तो आप कहता है कि आज के जमाने में पैसा हो तो क्या नहीं हो सकता । सौरभ तुरंत ही मुक्ता की भावी के पिता को अपने पास बुलाता है और उन्हें सारी कहानी बता देता है । तो आपकी बात के जवाब में वह कहता है बेटा जो तुम कह रहे हो, बिलकुल सही है परन्तु क्या समझता के परिवार वालों को कुछ फर्क पडेगा । मतलब कुछ समझा नहीं । अब कहना चाहती सौरभ निकले मेरा कहने का मतलब है कि मेरा दामाद राहुल मुक्ता के मामा का लडका है । अगर कोई केस करता हूँ तो उसके इसका असर मुक्ता के मामा के परिवार पर होगा । राहुल की पूरा यानी ताकि माँ पर नहीं होगा अंकल मेरे का अंकल जी आप इसकी चिंता मत करें । मैं जब आप मुझ पर छोड दे । मैं किसी इस प्रकार तैयार कर हुआ कि इसका सीधा असर मुक्ता के परिवार पर पडे । सौरभ ने कहा, अगले दिन पिताजी को सौरभ का फोन आता है कि उसने मुक्ता के मामा के परिवार पर केस दाखिल कर दिया है । आप कर रहता है तो मैं धारा चार सौ अट्ठानबे ए के तहत मुक्ता के परिवार वालों पर केस दाखिल करते हैं और यह भी बताता है कि इस केस के दाखिल होने के कुछ ही क्षणों के बाद मुक्ता के परिवार के सभी सदस्य को गिरफ्तार हो जाएंगे । पिताजी इस बारे में मुझसे बात करते हैं और बच्चे पूछते हैं कि मैं सौरभ को क्या जवाब दे किस पर? मैं उन्हें कहता हूँ कि मैं आखिरी बार मुक्ता को फोन करना चाहता हूँ और उसे समझाने की कोशिश करना चाहता हूँ । अगर रहमान का यह सही रास्ते पर आ गई तो ठीक ॅ ठीक समझे वैसा करते हैं । पिताजी और सौरभ दोनों मेरी बात से सहमत हो जाते हैं और मुझे कहते हैं जब कहेगा हम अपनी कार्यवाही तब ही शुरू करेंगे । परन्तु इससे पहले की देर हो जाए तो मैं जल्दी से मुक्ता से बात कर ले । कुछ देर के बाद मैं आपको फोन करता हूँ और उसे सही रास्ते बनाने को कहता हूँ और उससे कहता हूँ कि मैं उसके परिवार के पिछले सब गलतियों को नजरअंदाज कर दूंगा और उसे माफ कर दूंगा । इससे पहले की मुक्ता कुछ बोले उसकी माँ फोन ले लेती है और मुझे कहती है कि हम लोगों को भारी माफी की कोई जरूरत नहीं है ताकि शादी कही और करने जा रहे हैं तो हमारा कुछ भी नहीं बिगाड सकते हैं । हम लडकी वाले हैं और यह समाज और धारा चार सौ अट्ठानबे एक हमारे साथ है । हम तो भरे परिवार का जीना हराम कर देंगे । मेरी और मुक्ता की माँ के बीच बहुत देर तक फोन पर बहस बातचीत होती रहती है और कुछ देर की बात मैं फोन बंद कर देता हूँ । पिताजी फिरी और उसकी माँ के बीच हुई बातचीत के बारे में पूछते हैं तो कुछ नहीं । फॅमिली तरफ देखते हैं तभी मेरी आंखों में पकड लिया जाता है । पिताजी मेरी आंखों में पानी देखकर सब समझ जाते हैं और मैं आपको फोन करके आगे की कार्यवाही करने के बारे में बोल देते हैं । जी का इशारा मिलते ही सौरभ अपनी कार्यवाही शुरू कर देता है । योजना के मुताबिक सबसे पहले मैं ताकि भावी की तरफ से पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवा देता है, जिससे पुलिस दुखता समेत उसके परिवार के बाकी सदस्यों को गिरफ्तार कर लेती हैं । अपनी गिरफ्तारी से मुक्ता की माँ पागलों की तरह पुलिस वालों पर चिल्लाने लगती है और इससे पहले कि वह कुछ समझ सके, सौरभ धारा चार सौ ठन्डे के तहत उन पर केस दाखिल कर देता है और साथ ही मुक्ता पर तलाक का केस कर देता है । दूसरी तरफ मुक्ता का मामा अपने ऊपर लगे इल्जाम से घबरा जाता है और वह मेरी आपकी प्रार्थना करता है कि वह उसे और उसके परिवार को इस उसी से बचा ली और मेरा परिवार मुक्ता को तलाक देने का आपका फैसला कर देता है, जिसके तहत मैं मुक्ता के मामा के सामने यह शर्त रखता हूँ कि अगर वह बिना किसी रुकावट के मुझे तलाक चलाने हमारी मदद करते हैं तो हम उन पर लगे सारे इल्जाम हटा देते हैं । मुक्ता के मामा ऐसा ही करते हैं । बहन मुक्ता की वहाँ पर सही ढंग से तलाक देने का दबाव बनाता है । मुक्ता की महत्व भाई के घर को बर्बाद होती नहीं देखना चाहती हैं, जिससे कि मैं अपने भाई का कहना मान जाती है । अब हम तलाक की अर्जी कोर्ट में दाखिल कर देते हैं । कुछ हमें हिंदू मैरिज एक्ट के तहत छह महीने का समय देती है और उसके बाद मिले और ताकि तलाक पर कोर्ट अपनी कानूनी मुहर लगा देगा । सफाई का चक्कर अपनी चाल चलता है और मेरे और मुक्ता के तलाक के लिए अदालत से मिले छह महीनों का समय पूरा हो जाता है । परंतु ऍम इस महीने हमने दोनों के तलाक की तारीख थी । उसी महीने हम दोनों की शादी हुई थी और तलहट्टी तारीख से दो दिन पहले करवा चौथ का था, क्योंकि हिंदू पत्तियाँ अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखती है है । तयशुदा समय पर दोनों परिवारों के सदस्य मेरे प्रमुखता के तलाक के सिलसिले में कोर्ट पहुंच गए हैं । मैं वहाँ के नोटिस बोर्ड पर अपने केस की पारी का नंबर चेक करने जाता हूँ वहाँ कोर्ट के नोटिस बोर्ड पर चौथे नंबर पर हम दोनों का नाम अंग्रेजी में अनिल वर्सेस मुक्ता लिखा होता है । अपना काम थोडी स्पोर्ट पर पढकर मुझे अपनी शादी के कार्ड पर लिखे नाम की याद आ जाती है क्योंकि अंग्रेजी में ही अनिल बाॅस मुद्दा था ऍफ का कुछ सालों तक का सफर उसको तमाम उम्र भूलने वाला नहीं था । इस कुछ सालों के सफर ने मुझे जिंदगी में बहुत कुछ सिखा दिया था । आपने और बेगानों की पहचान भी मुझे किसी सफर के दौरान ही होती है । मेरे जीवन में कई अध्यापक आए और सभी अपने अपने अध्याय का ध्यान करमाकर चले गए परन्तु जीवन के जैसा अध्याय का धन मैंने इस सफर के दौरान क्या है उस अध्याय ने मेरे जीवन को बदल कर रख दिया । मुझे अपने ऊपर से विश्वास उठ गया कर कहानी को आगे बढाते हैं । मुक्ता को मुझे अलग हुए लगभग सात आठ महीनों का समय हो चुका था । इस समय के दौरान हमने एक दूसरे को मिलना तो दूर कभी एक दूसरे को देखा भी नहीं था तो यानी मुक्ता जब लडाई करके अपनी माँ के साथ अपने मायके चली गई थी । उसके बाद आज कोर्ट से देखना था लोग जाए कुछ भी कह रहे थे । लेकिन मुझे पूरा विश्वास था कि जब मेरे मुक्ता से आमने सामने मुलाकात होगी तब उसका मेरे प्रति प्याल घर से जांच जाएगा । मेरी और अपनी बेटी परी के खादर सबकुछ खोलकर वापस आ जाएगी । मैंने भी विनय की शादी वाले दिन अपने बहन के साथ या सलाह कर लीजिए, क्या करे? ऐसा करेगी तो फिर से दोबारा से होगा क्योंकि मुझे पारी की वो हालत देखी नहीं गई थी । जब हम तो उसकी पत्नी से मिले थे । तब मैंने फैसला किया था कि मैं अपने लिए ना सही परंतु परी के लिए मुक्ता को वापस होगा । कुछ समय के बाद लगता भी कोर्ट परिसर देना जाती है । उसकी लगातार इस उम्मीद से देखे जा रहा था कि शायद मेरी और देखेगी और मुझे देखकर होने लगेगी । हुआ ऍम देखा और फॅमिली उसकी हम उसको लाॅकर मुझे उसकी बहन उसको राहत याद आ गई है जब मैं पहली बार सिनेमा हॉल में मेरी और देखकर मुस्कराई थी । ऍम दी आपने हारे हुए प्रतिद्वंदी क्यों मुस्कुराकर देखता है वो तभी ठीक इसी तरह सबसे मेरी और दिखाई थी कॅश उसकी जीत साफ झलक रही थी क्योंकि वो समझती थी उसकी शादी दिया है । लग रहा था कि वह मेरे साथ की हुई जंग में जीत गई है । एक बाल का तो ऐसा लगा कि जैसे यह मेरी मुद्दा नहीं जिससे मैंने कभी प्यार किया था । जिसके साथ मैंने पांच छह साल तक फोन पर बातचीत की और इस फोन पर की बातचीत की वजह से मैंने अपनी जिंदगी का ही समय रुकता के साथ फोन पर बात करते हुए बर्बाद कर दिया था । क्योंकि आज अगर मैं कोई पढा डॉक्टर न होकर एक छोटा सा डॉक्टर हूँ क्योंकि एक छोटा सा क्लीनिक चलता है तो मैं उसी सुनहरे समय की वजह से । मुक्ता तो मेरी बल्कि चटाई पर राष्ट्र नहीं कर सकती थी । ऍम है कि इस पर किसी ने कुछ तो कर दिया है या घर या किसी के कहने पर ऐसा कर रही है क्योंकि होगी अगर इसमें नुकसान मेरा हो रहा है तो फायदे में बहुत ही नहीं है । मेरे और मुक्ता के तलाक का केस अदालत में दाखिल हो चुका था । मैं तो बता रहा था और सोच रहा था कि कोर्ट के अंदर चर्च के सामने क्या होगा क्योंकि मैंने तो टेलीविजन के माध्यम से ही अदालत कोर्ट कचहरी के बारे में देखा था । डाॅन हालत और कोर्ट कचहरी का सामना करना मेरे लिए बहुत ही मुश्किल काम डाल कुछ दिनों की अदालती कार्यवाही के बाद अदालत में रह अमुक्ता का तलाक मंजूर कर लेती है और इस प्रकार मैं और मेरा परिवार अपने ऊपर आने वाली मुसीबत से बच जाता है । एक दिन मैं अपने बेटे पीको की कब्र पर खून चढाने जाता हूँ । मेरे साथ उसकी बहन यानी काफी अभी होती है । मैं वहाँ जाकर फूट फूटकर रोने लगता हूँ । मुझे इस बात का दुख जरूर होता है कि मैं बी को को आखिरी बात नहीं मिल सका है और आपने हमें बहुत कहा की हम पी को की हत्या के लिए मुक्ता और उसकी माँ पर केस दाखिल करते हैं लेकिन मैं नहीं मानता है क्योंकि मेरा मानना था की मुक्ता उसकी माँ के किये गुनाहों की सजा के लिए उन्हें ऍम छोड देना चाहिए हूँ ।

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The tale of a troubled kid dealing with his problem of stammering, but possessing abnormally superior brain power. Voiceover Artist : RJ Manish Author : Rohit Verma Author : Rohit Verma Rimpu Producer : Saransh Studios Voiceover Artist : Manish Singhal
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