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चार बहनें उन घरों के कतार जिसमें वो बूढी औरत और उसके परेशान करने वाले पडोसी रहते हैं उसमें निसंदेह कई लोग रहते हैं क्योंकि हम उन में से सब लोगों का वर्णन इस से घर नहीं कर सकते हैं । आॅफ उनमें से जो सबसे खास या अलग देखने वाला घर है उसके बारे में आपको बिना कुछ ज्यादा भूमिका बांधे बताना चाहते हैं । वो चार ऍप्स हमारे कस्बे में लगभग तेरह साल पहले बस ले के लिए आई थीं । एक बहुत उपयुक्त कहावत है और कुछ उदास में किस समय और लहरें कभी भी किसी का इंतजार नहीं करती है । ऍम ये कहावत इन चारों बहनों पर बाखूबी चरितार्थ होती है । हम यहाँ ये भी कहना चाहेंगे कि इन चारों बहनों में से कोई भी तेरह साल पहले भी किशोरी या अठारह वर्ष की आयु से कम नहीं थी । पर देहाती कथाकार होने के नाते मेरा ये बताना करता है कि उन दिनों सबसे छोटी मिसलेनियस बहुत ही नाजुक अवस्था में आई थी और सबसे बडी फॅमिली इसके लिए तो कोई योग्य वर मिलने की कदाचित कोई संभावना ही नहीं थी । जब मिस विलिस इसलिए इस मकान को लीज पर लिया था तब इसमें ताजा ताजा पेल करवाया गया था । कमरों में ऊपर से नीचे तक नए वॉलपेपर लगाए गए थे और उनमें नीचे लकडी के फॅस बिठाया गया था । जो फिल्में बहुत ही महंगा होता है । जहाँ जहाँ संगमर्मर था उसे अच्छी तरह से साफ कर दिया गया था । पुराने लोहे की जाली के चौक की जगह आधुनिक स्टोर लगवाए गए थे । पिछले बगीचे में चार पेड भी लगाए गए । सामने के दौरान में जगह जगह छोटे छोटे पत्थरों और छोटी छोटी टोकरियां भर भर कर बिछाया गया था । उसके बाद कई गाडियों में बहुत खूबसूरत कालीन और सुंदर फर्नीचर आया था । लडकियों में ऑटोमेटिक पर्दे भी लगाए गए । तमाम तैयारियों और साज सजावट के लिए दो बढाई और अन्य आदमी लगाए गए थे । उन्होंने आसपास की रेड सर्विस हो उस घर के बारे में उन लोगों को तरह तरह की बातें बताई और उन मित्रों ने अपनी अपनी मेम साहबों को वहाँ रहने वाली बहनों के बारे में बताया और शीघ्र ही उस रो हाउस, इसके मोहल्ले वालों के घरों में ये बात फैल गई की पच्चीस कॉमिक गार्डन में रहने आई पैसों के पास तमाम संपत्ति थी और वो बहुत अमीर थी । अंत में फॅस और अन्य तीन बहने वहाँ पर शिफ्ट हो गई थी तथा पडोसी उन लोगों के घर शिष्टाचार वर्ष एक एक दो दो करके आने जाने लगे । घर के अंदर क्या गजब की सफाई सुधर आई थी और चारों बहनें भी वैसे ही बनी नहीं और साफ सुथरी थी । प्रतीक चीज बहुत ही औपचारिक, कडी और ठंडी और वैसे ही चारों बहनें भी थी । कोई भी कुर्सी अपनी जगह से खिसकी हुई नहीं मिलेगी और ना ही चारों बहने आपको कहीं इधर उधर बैठे मिलेगी । सबकी अपनी अपनी ते जगह थी और वो आपको हमेशा उसी जगह पर काम करती हुई मिलेंगे । सबसे बडी मिसाल इस हमेशा कुछ बुनाई मेकिंग करती हुई मिलती थी । उससे छोटी कुछ ट्राई करती हुई और उनसे छोटी दोनों बहनें बयानों पर डोंट संगीत बजाते हुए मिलती थी । उन बहनों का अपना अलग से कोई अस्तित्व नहीं था परन्तु ऐसा प्रतीत होता था कि जैसे उन्होंने ये निश्चय कर लिया था कि वो जीवन के शीट से किसी तरह इकट्ठे ही गुजर जाएँ । एक ही दे फ्री या परदे से जैसी तीन लम्बी लम्बी सिलपटी हूँ । साथ में एक स्कूल देना एक बडी बहन तथा तीन बहने एक ही तरह के भाग्य के साथ जैसे फॅस या दो गुना हूँ । यदि सबसे बडी बहन को पित्त की समस्या हो जाती थी तो बाकी तीन बहनों को भी वैसे ही पित्त की समस्या हो जाती थी । यदि बडी बहन को गुस्सा आता था या धार्मिक होती थी तो सारी बहनें भी उसी समय पर वैसे ही हो जाती थी । जो भी बडी बहन करती थी वैसा ही अन्य तीनों भी करती थी है । पर ये थी किसी अन्य पहनने कुछ अलग सा काम की नहीं तो बाकी तीन बहने उसका अनुमोदन नहीं करती थी और उसे नकार देते थे । और इसी प्रकार से वो किसी सब्जी की तरह एक वेजिटेटिव अवस्था में रहती थी । एक ध्रुवीय समझता या पोलर हार्मनी में कभी कभी वो बाहर जाती थी अपने पडोसियों से बचते हुए किसी से मिलने जुलने या घूमने के लिए । इस प्रकार उनके तीन वर्ष वहाँ बीत गए जब एक बहुत ही असाधारण घटना घटी जिसके कभी किसी ने कोई आशा नहीं की । नहीं । उन बहनों के जीवन में जैसे कहीं पसंद या ग्रीष्म ऋतु का आगमन हुआ । धीरे धीरे बस पिघल गई और एक संपूर्ण काया पलट हो गई । क्या ऐसे संभावना था इन चारों विलिस बहनों में से एक का विवाह होने वाला था? अब ये सवाल उठता था अचानक के पति नाम का जी कहाँ से पैदा हो गया । किस प्रकार की तरफ से ये संभव था कि विलिस बहनों में से एक की शादी हो सकती थी या किसी आदमी के लिए कैसे मुश्किल था कि वो उन में से किसी एक से शादी कर ले । बिना सबके साथ वेवा किए इन सब सवालों का हाल जवाब ढूंढ पाना हम लोगों के लिए नामुमकिन था । फिर जो भी हो, हमें पता चला कि अभी पिछले कुछ दिनों से मिस्टर रॉबिनसिंह जो एक पब्लिक ऑफिस में अच्छे वेतन पे काम कर रहे थे और जिनकी खुद भी कुछ प्रॉपर्टी थी, उन लोगों के घर आना जाना हुआ और वो फिलीस् बहनों के साथ बात पैदा कोशिश कर रहे थे । अब उनके पडोसी खासकर महिलाएं जानने के लिए छटपटा रही थी कि कौन सी मिस पुलिस इतनी भाग्यशाली थी जिसके साथ मिस रॉबिन्सन शादी करने जा रहे हैं । उनकी ये परेशानी इससे भी दूर नहीं हुई जब सबसे बडी मिस विलिस ने ये घोषणा की कि हम मिस्टर रॉबिन्सन से शादी करने जा रहे हैं । क्या वे सारी बहनें एक ही मिस्टर रॉबिन्सन से विभाग करने जा रही थी? ये तो और भी भ्रमित करने वाली बात है । ये तो बहुत ही असाधारण बात थी । बोलूँ एक दूसरे के साथ इतनी घुली मिली थी कि उस लाइन में उस ओर लीडी की जिज्ञासा भी आज सीमा से बाहर हो चुकी थी । इस विषय पर चाय मीटिंग पर और ताश खेलते समय तरह तरह की बातें लेडिस ग्रुप और आदमियों की गोष्ठी में भी होती रही । सबसे वृद्ध आदमी ने तो यहां तक कहा कि मिस्टर रॉबिन्सन पूरी दिए थे और वो उस सारे परिवार से यानी चारों बहने से इकट्ठा ही शादी रचाना चाहते थे । अब सारे मोहल्ले वाले और ऍम आदमी अपने सिर्फ गंभीरता से हिलाने लगे और ये सारा मामला और भी ज्यादा रहे । समय हो गया उन्होंने आशा की मैं इस वजह से और अन्य बहनों में इतनी समझदारी थी कि उनमें से कौन उससे व्यवहार करेगी और अन्य लोगों को अपने अपने काम से मतलब रखना चाहिए हूँ हूँ हूँ । आखिरकार एक दिन सुबह पौने आठ बजे पच्चीस दिसंबर में दो ग्लास कोचिस वाली मक्खियाँ आए । उसके पहले एक क्या ऍन आए थे । उन्होंने हल्के नीले रंग का कोट पहना हुआ था और डबल मिल करसी पतलून पहनी हुई थी । जैसा कि तेईस नंबर के मेड ने बताया जो उस वक्त बाहर सीढियों पर झाडू लगा रही थी और उत्साह से भरपूर पर नर्वस थे । उसी ने ये भी बताया कि कुक ने दरवाजा खोला था जिससे बहुत बडी सफेद बोल लगाई हुई थी और नियमानुकूल टोपी की जगह बहुत बडा सहायक लगाया हुआ था । इसके अलावा मिस्टर रॉबिन्सन ने सफेद गोलबंद गले में लपेटा हुआ था । हम शूज पहने हुए थे और काफी साॅस या दास्ताने पहने हुए थे । ये सूचना बहुत तेजी से पूरे मोहल्ले में फैल गई और लोगों ने सोचा कि आज वह घडी आगे जिसका वो वर्षों से सांस रोककर इंतजार कर रहे थे । उस रोज उस शो के हाउस या मोहल्ले के सारे लोग अपनी पहली मंजिल या दूसरी मंजिल की खिडकियों में खडे हो गए ये देखने के लिए कि आगे क्या होता है । आखिरकार मिस विल इसके घर का दरवाजा खोला और साथ ही साथ पहली कोच का जिसमें से दो पुरुष और दो अदद महिलाएं निकली । शायद उनके परिवार के दोस्त रहे हैं और वो पच्चीस संबंधित दाखिल हो गए तथा खटाक से उसका करवा सा भी बंद हो गया । फिर उस घर का मेन करवा सकता और सारे मोहल्ले की बहुतों दिल्ली धडकनें तेज हो गई । ऍम और सबसे बडी एलिस बहन उन्नीस नंबर वाली ने कहा मैंने हमेशा से कहा था कि ये फॅमिली ही थी । अठारह नंबर वाली बोली लीडी नंबर वाली ने उल्टा जवाब पूछ लिया । क्या तुम ने ऐसा कहा था? नंबर सत्रह में जो उम्रदराज अविवाहित औरत रहती थी । उसने कहा इस कितनी फिजूल बातें हैं । पर गार्डन स्पेस में रहने वाले लोगों के अचरज का ठिकाना ना रहा जब उन्होंने कहा था की मिस्टर रॉबिन्सन ने एक एक करके सारे बीस बहनों को कोच में बिठाया और फिर स्वयं भी उसने किसी तरह घुस कोस आ कर बैठ गए तथा महंगी भी अगली लगे की तरह तेजी से उस कस्बे के चर्च के फोर दौड पडी । अब उस पादरी की उलझन के बारे में सोचिए जिसमें इन की शादी चर्च में करवानी थी जब सारी बहनों ने इकट्ठा ही चर्च में झुककर उन वचनों को दोहराया होगा जो पांचवी पढे होंगे और विवाह के मंत्रों को भी उन चारों बहनों जोर जोर से दोहराया होगा या मान लोगों के किसी प्रकार से ये सब कठिनाइयाँ किसी तरह से सुलझ गए होंगे । फिर उसके बाद चार पुलिस इत होकर इस्तीफे कल हो गए होंगे और सारे चर्च का हॉल उनकी चीख चिल्लाहट से गूंजायमान हो गया होगा क्योंकि इस यादगार समारोह के बाद ही वो चारों बहनें और मिस्टर रॉबिंसन उसी घर में रहते रहे जिसमें की हवायें बहने रही थी । थी हमारे लिए यह जान पाना ऍफ का व्यवहार किस बहन के साथ हुआ था लगभग नामुमकिन था । जब बोलो कभी बाहर निकलते थे तब भी वो चारों बहने साथ साथ होती थी । शायद यह भ्रामक स्थिति बनी रहे हैं । पर सबसे ज्यादा नियम कानून के साथ रहने वाले घरों में भी कभी कभी कुछ ऐसी बात हो जाती है कि उन का भेद खुल ही जाता है । और ऐसा ही कुछ इस केस में भी हुआ । हमारे पडोसियों को किसी प्रकार से ये पता चल गया कि सबसे छोटी मॅन को भरा था और वही मिसिस रॉबिन्सन थे । कभी कभी सेवक सेविकाएं ऊपर नीचे आते जाते दिखाई पड जाते थे तो ये जानना चाहते थे कि मिसिस ऍम सीधे और उनको हमेशा यही जवाब मिलता था । ॅ बिल्कुल ठीक ठाक थी और उनके साथ कुछ भी गडबड नहीं है । अब पियानो की आवाज नहीं सुनाई पडती थी और बुनाई कढाई की सोनिया भी आराम फरमा रही थी । दो इन पेंटिंग पर भी कोई ध्यान नहीं देता था । अब सारा परिवार छोटे छोटे बच्चों के कपडे और झगडे तथा है । दिया तो क्या बनाने में व्यस्त हो गया था । यही साडी पहन के एक प्रकार से अमोद प्रमोद का जरिया बन गया था । ड्रॉइंग रूम भी अब पहले की तरह उतना सजा सजाया यह साफ सुथरा नहीं रहता था । यदि आप किसी दिन सुबह सवेरे वहाँ पहुंच जाएं तो पाएंगे कि स्टाॅपर पुराने अखबार बिखरे पडे थे कहीं कहीं पर सफेद गांव जो बडे साइज की थी या छोटे छोटे बच्चों के कपडे यह प्लीज लगी तो क्या इधर उधर बिखरी पडी होती थी सारा कमरा जो पहले इतना साफ सुथरा और सजा धजा रहता था, अब अस्त व्यस्त रहता था । एक बार जब हम लोग उनसे दिन में मिलने गए तो पाया कि कमरे में एक लंबा सा सफेद रोलर जिसमें नीले रंग का किनारा बना था, रखा था । इसका क्या इस्तेमाल होता होगा कि हमारी समझ से परे हमने पाया कि नॉक डॅाल जो हमारी लाइन के पास रिबन में रहते थे, उनके यहाँ रात में आधी रात को अक्सर पच्चीस नंबर वाले दस तक दे रहे थे और उन्हें नींद से जगह कर घर ले जाया करते थे । डॉक्टर डाइसन के घर में रंगीन कांच लगे थे और वो उसके पीछे एक बडा सलाह चलाकर रखा करते थे और एक दिन हमने रात में एक है वो कोच यानी मगी को मिसिस रॉबिन्सन के दरवाजे पर रात को ढाई बजे रुकते हुए देखा । उसमें से एक मोटी उम्रदराज महिला जिसमें नम आधा कोन रखा था और नाइट क्या पहन रखी थी । उत्तरी उसके एक हाथ में एक बंडल था और दूसरे हाथ में एक जोडा खडा थी । ऐसा लग रहा था कि जैसे उसको अचानक ही मध्यरात्रि में बिस्तर पर से किसी खास काम के लिए उठा लिया गया हूँ । जब सुबह उठे तो पाया कि उनके घर के वो कर कूडे में एक सफेद बच्चे का दास खाना बना हुआ था । जब हम अपनी अबोधता से ये सोच रहे थे कि ये आस्थाना किस कारण से माना गया था । हम तब अविवाहित थे तभी सबसे बडी फॅमिली सामने का दरवाजा खोलकर प्रकट हूँ । फॅमिली आप लोगों को मुबारक बाद मिस रॉबिन्सन साहब कुशल है और छोटी सी बेटियाँ भी खूब अच्छी तरह है और फिर सारे मोहल्ले मान और पडोसियों की तरह हमारी जिज्ञासा भी शांत हुई और ये समझ में आ गया ये सब क्या मांग रहा था और हम पहले क्यों नहीं मामूली सी बात जान पाए?
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