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07-मुट्ठी भर धूप -वीर in Hindi

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368 Listens
AuthorSaransh Broadways
वीर की नजर जब पहली बार मीरा पर पड़ी, तो जबरदस्त आकर्षण के जादू ने उसे अपने वश में कर लिया। मीरा को भी कुछ-कुछ महसूस हुआ। देखते-ही-देखते यही उनकी जिंदगी बन गई। दोनों को एक-दूसरे की तरफ खींचनेवाली ताकत ही मानो एकमात्र सच्चाई थी, जिसे बयां नहीं किया जा सकता। हालांकि यही प्‍यार उन्‍हें एक-दूसरे से अलग कर देता है। अचानक एक तबाही उन पर हमला करती है और उनके सपनों को झकझोर देती है। कुछ बाकी रह जाती है तो सिर्फ नफरत, जो उनके प्यार के जितनी ही ताकतवर है। बरसों बाद, किस्मत एक और चाल चलती है और दोनों को आमने-सामने ला खड़ा करती है। एक बार फिर। इस बार फैसला उन्हें करना हैः अपनी नफरत के हाथों बरबाद हो जाएं या प्यार को एक और मौका दें। Voiceover Artist: Ashish Jain Script Writer: Vikram Bhatt
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वी शनिवार की शाम नौजवानों का खिलौना रॉडी ने अपनी ऍम की लाइन पडी तो खुद ही होने लगा । मुझे भी नहीं हुआ । क्यों नहीं अभी अभी ऐसा कुछ पढा है और फिर मैं ढाकर लगातार हॅूं । बुरे लोग इतने उदार नहीं थे और उनमें से कुछ तो हफ्ते उससे पूछूँगा गिर पडे । ब्रॉडिंग यानी प्रति मजूमदा ऍम अभी का नहीं वो अचानक सबसे शानदार को भी लिख जाता था । लेकिन किसी दिन ऐसा भी होता था की वो पूरी तरह से बेतुका होता था और क्रिएटिव मीटिंग का कॉमेडियन साबित होता था । हम मोटरबाइक की बात कर रहे हैं धमाका करने वाली गुडिया कि नहीं, क्रिएटिव हेड ने कहा था उनकी आवाज में ठाकरे लगाने के कारण खरखराहट से थी । कॅश बात का जरा भी पूरा नहीं लगा और उस दौरान कुछ और सोचना शुरू कर दिया । मुंबई में फ्रॉड मेरा पहला तो था । क्रिएटिव मीटिंग पर चाय सिगरेट के कश हुए के बीच मैं अपनी यादों बिखरे बादलों में हो गया और सोचने लगा फॅमिली पहले मुलाकात कब हुई थी? मैं दिल्ली से आया एक नई बच्चा हूँ और थोडी सी रॅायल उस बडी और बुरी मुंबई को जीत लिया था । ऍम ट्रेन में मुझे भी दो हफ्ते हुए थे । फॅमिली को युवा और नौसिखियों को अपने पंखों तले से खाने वाला बडा पक्षी बनना अच्छा लगता था । ना बडी तेजी के साथ उसके आंखों के नीचे खर्चा चला गया । ब्रॉडी ने मुंबई में किस्मत आजमाने के लिए कोलकाता को छोडा था तो इस बारे में बात नहीं करना चाहता था । लेकिन मुझे लगता था उसका मिला साठ तथा की फिर से छोडा नहीं जा सकता था तो बहुत लंबा नहीं था और उसके शब्दों में कम से कम तीन गुनाह गोरा होना पसंद करता हूँ । चश्मे के पीछे उसके तीस आखिर छुप जाती थी । फॅस पहनने को राजी था नहीं, वो मुझे थोडा सा था जिनसे उसे खासा लगता था । मैं उसे वो मोटा कहता हूँ और वो उसे हट्टा कट्टा कहता था । जब हमारी पहली मुलाकात हुई तब एजेंसी ने क्लाइंट की मीटिंग बुलाई थी । ब्लॅक के विज्ञापन का मामला था और ऍम लंबे समय से अटका था । क्लाइंट को अब तक कोई कौन सा पसंद नहीं आता है? ऍम उससे कहा था कि मैं उसे बस एक्शन में देखो और सीखूं और बेशक अपना मूंग बंद रखूँ टाइम बडा कडक था और एजेंसी नहीं चाहती थी कि कोई नौ से क्या जुबान खोलकर कमाई का खेल बिगाड देते हैं । मैंने हमें अपना सिर हिला दिया । जोश में आने पर भी मैं आदेश का पालन करने के लिए तैयार था । क्राइम मीटिंग दो महिलाओं और एक बुजुर्ग जेंटलमैन के साथ होने वाली थी । उनके सामने ऍप्स का एक बैग था और वो चाहते थे उस पैकेट पर कोई ऐसी टैगलाइन हूँ जिससे उसकी पहचान बन जाए । कुछ ऐसा तो सच में स्कूल हो और जो बच्चों को लुभा सकें । मीटिंग लगातार चलती रही । बॉडी जो कुछ बताता वो क्राइम को पसंद नहीं आता है और जो प्राइम सोचा था वो खुद बॉडी को ही पसंद नहीं आ रहा था । मेरे पास एक आईडिया था लेकिन मुझे चुप रहने को कहा गया था इसलिए मैं चुप था । लेकिन वक्त जैसे जैसे बीत रहा था मेरे अंदर अपना आइडिया सामने रख देने की बेचैनी बढ रही थी । चुप रहना दुश्वार होता जा रहा था । आखिरकार मैंने सारी हिदायतों, कोई व्रत रखा और बोल पडा ये कैसा हैं । अब ऍम कमरे में सन्नाटा छा गया । पिछले कई घंटों में पहली बार उस बुजुर्ग के चेहरे पर मुस्कान है । उसके सारे को देखते हुए महिलाओं ने भी उसको आना शुरू कर दिया । ब्रॉडिंग चुप था । उनके चेहरे के हाव भाव पड रहा था । दूसरी तरफ मैं भी था । शायद मैंने अपने करियर का कबाडा कर लिया था और वो भी पहले ही दिन ब्लाइंड अपनी कुर्सी से उठा और ऐलान किया कि उसे जो लाइट चाहिए थी मिल गई । मीटिंग खत्म हो गई । ट्रॉफी और मैं खामोशी से घर लौटे । मुंबई की व्यस्त सडकों पर कैप की सवारी के दौरान शोर की कमी नहीं थी । फॅस का सामने उसकी बेईज्जती कर दी थी तो कई घंटे था । उन्हें खुश करने की कोशिश में जुटा था और मैंने एक नौसिखिया कंपनी को सौदा दिला दिया था । हम जब ऑफिस पहुंचे तो क्रिएटिव डायरेक्टर खुशी से पागल था तो हमारे पास आया । उसने डरा देने वाले जोश के साथ थोडी से हाथ मिला । ऍम तो लोगों ने जैसे ही काम पूरा किया उनके पी आर डिपार्टमेंट का मेरे पास फोन आ गया था । ये ऍम मिल गया है क्रिएटिव डायरेक्टर पागल हो रहा था शुरू बहुत बडी रकम होगी । मैंने मन ही मन सोचा फॅमिली को सारा श्रेय देने की खुशी की इतनी परिस्थिति के बाद मैं उसके लिए इतना तो कर ही सकता था । हाँ, ये मैंने नहीं किया । ऍम कहा ये इस नौजवान ने कर दिखाया है । अपनी पहली क्लाइमॅक्स ईको अपना काम हम दिखा दिया था । यानी हमारे बीच एक जीनियस आ गया है । ग्राॅस ठंड से मेरी तरफ पडा और भयंकर ऍफ क्या मुझे इसकी परवाह नहीं थी कि बेटिंग का हीरो कौन था? सौदा हो गया था और वो मायने रखता था जब पीछे पडा तो हम दोनों ही रह गए तो ऍम मेरे ख्याल से कहा था तो मैं ऍम उससे मेरी तरफ सब की सराहना से देखा । जिसकी छलांग ऍम मैं भावुक हो गया तो थोडा नाखुश भी था । डाॅन मीटिंग में नहीं बोलना चाहिए था । फॅसे जाने लगा ऍम मुझे तो मैं चुप रहने के लिए नहीं कहना चाहिए था । उसे कॉरिडोर से जाते थे । एक मुझे ऐसा हो गया की प्रॉब्लम आपको अक्सर मिलने वाले इंस्टाॅल बिल्कुल नहीं था । मुझे जीवन भर के लिए फॅस की छुट्टी के बाद मोटर बाईक वाली मीटिंग खत्म हो गए । मैं और ऍम उसकी लम्बी चौडी छत पर खडे थे । मैं हवा में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के बाहर को महसूस कर रहा था । शहर नीचे चुके काले बातों से डरा रहा था । ऍफ है मुझे ऐसे मुस्कराहट से पूछा जैसे वो सब कुछ चलता था । हाँ, मैंने कन्फर्म क्या और सिगरेट तो घर से चला दिया । मैंने सिर्फ चला गया । फॅसे उससे जानना चाहता हूँ फॅमिली पुराने खयालों वाला था क्या आप कर रहे हो या नौ से ठीक से जानता तक नहीं बंदपुर जी पढना और फिर अच्छा डर गया था हूँ माना सुनाना हमारी बातों को सुन रही थी । कॅश बस पूछ रहा था मेरी काॅप लेना । ऍम कहा मैं धूम देखने लगा ऍम चलने का इशारा कर दिया । सुरैना से मेरे बडा डाल मीडिया प्रोफेशनल्स की एक कॉन्फ्रेंस में हुई थी । वो तेज और अकेली लग रही थी तो मेरी भी हालत थी और एक ऐसा एक्टर था जिससे अंतरंगता की तरफ बढा जा सकता था । की सच है कि वह बेहद खूबसूरत थी और यही बात आगे बढाने की बडी वजह बन गई । लंबी और पतली किसी मॉर्डल की तरह मुझे ऐसा लग रहा था कि उसने अपने बार गहरे रंग से रंगे थे लेकिन वो उसके आंखों के रंग से मैच कर रहे थे और मुझे यही हाँ अच्छी लगी तो मैं तो मुँह खूबसूरत लडकियों को डेट पर ले जाने भी कैसे कामयाब हो जाते हो या ऍम पूछा और उसके हराने वाजिब थी क्योंकि अगर वह ब्रॉडी नहीं होता तो मुझे बुरा लग सकता था । लेकिन थोडी उन सबसे ऊपर हम उसके बारे में आपको सबसे पहली बात मालूम होनी चाहिए । ये तब होता है जब किसी व्यक्ति के रूप रंग नहीं है । उसकी बुद्धिमानी के प्रति आकर्षण हो गए हैं । मैंने समझता हूँ तुम्हारा मतलब महिलाओं को तुम तो दिमाग लगते हो और उस तरह की महिलाएं तो मैं अपनी तरफ खींचती है । ब्रॉडी ने पहुंच चढाते हुए पूछा, नहीं हम थोडी कोशिकी नहीं है । नहीं लगा तो तुम मेरा सीक्रेट जान गए हूँ । उसमें झट से कहा तो फिर मुझे क्यों नहीं पडती है? मैं सुप्रीम इंटेलिजेंट हूँ । मैं चाहता था कि कहता हूँ किस में थोडा रोल बहुत लोगों का भी होता है है । लेकिन इसके बजाये मैंने थोडा अच्छा बनने का फैसला किया । तुम ना पडे कुछ ज्यादा ही इंटेलिजेंट हूँ । मन की इतनी समझ शक्ति के कारण तो मुझे बना देते हो । कुछ देर तक इस बारे में सोचता रहा और फिर मान गया । हो सकता है ये बात सही है । उसके लिए चर्चा यहीं खत्म हो गई क्योंकि अब वो स्टाॅल यानी नीचे उतरे । कई तरह की परतों वाला बादल बादलों के बारे में बातें करने लगा था । ट्रॉफी क्रिस्टस मत्था अपने आप नहीं । इतना खोया रहता था की आपने महान होने का खास चलाने के लिए उसे किसी और की जरूरत नहीं होती थी । उस दिन की शाम को डिनर करते सबरी से अनुसार था और वक्त बिताए नहीं बीत रहा था किसी आम इंसान के लिए अपने टेंट पर मैं नाखुश देख सकता था । लेकिन आम इंसान क्या जाने की मेरा दमा कितनी रफ्तार से दौड रहा था और अब अंतरंग पलों की सब फॅमिली में टूटा हुआ था । उसका चुराना इस बात का खास ख्याल रखा था कि वह सबर बस्ती अच्छा अच्छा वो गजब ढा रही थी उसके ऍम चुस्ती जिसमें मेरी बॉलिंग प्रवर्तियों को चढा दिया था । कॅण्टकी गर्माहट ॅ उसके सुंदर मुखडे पर पडी और रात के अंधेरे में वहाँ खडी हूँ किसी पुरुष सपने के बीच और इन की तरह दिख रही थी तो खूबसूरत, आकर्षक और दुबली पतली थी । उसके बाद तो सिकरी से उसके कंधे और पीठ पर लहरा रहे थे । आंखें चमक रही थी मानो नागपुर राष्ट्रीय हूँ और उसके उभरे होठों पर लिपस्टिक की नहीं ऍम एक नौजवानों से रेस्टोरेंट तक लेकर आया जिसे मैं देख नहीं सका करेक्शन है । मैं उसे देखना ही नहीं चाहता था तो मेरी टेबल की और बडे और फिर दिल की धडकन अच्छी ढंग से तेज हो गई । फिर मुझे करीब से गुजरी तो लगा इस दिल धडकना ही बंद कर दिया था सबको जैसे हम गया था ऍम पांच चीन फॅमिली के आवास और वहाँ मैंने उसकी परफ्यूम को अपनी गहरी सांसों में भर लिया और मुझे ऐसा ऍम की मैं पता नहीं था । पता नहीं क्या था लेकिन जो भी था मैं जानता था कि मुझे ऐसे पहले कभी महसूस नहीं हुआ था । और ये ऐसा ऐसा सा जिसके बिना में उस पर उसके बाद चीना ही नहीं चाहता था । वो कमरे के दूसरी तरफ से टूर जाकर बैठे हैं । हाँ, उसके करीब सिसली के एक गांव की पेंटिंग लगी थी । ऊपर की रौशनी जादू ढंग से ठीक उस पर पड रही थी जिससे उसका साथ हूँ । तरह से छुट गया था क्या नहीं खुबसूरत लडकी अंधेरे से बातें कर रही थी । सोना जो कुछ कह रही थी उस सुनने के लिए मुझे अपने ध्यान को तोडना पड रहा था तो शायद कोई जोक्स सुना रही थी और मैंने हंसने की बडी पेड भी कोशिश । शायद वो समझ गए और अपनी स्पैगिटी पर ध्यान लगा दिया जिससे मुझे कमरे की दूसरी तरफ देखने का एक और मौका मिल गया । फिर कुछ ऐसा हुआ जिसमें पता नहीं सकता और जो कुछ हुआ उसकी एक एक बात मैं अच्छी तरह आज भी बता सकता हूँ । इसकी शुरुआत डर की एक हल्की सी भावना के साथ हुई जिससे मुझे बेचैन करना शुरू कर दिया । मुझे तुरंत उठ जाना चाहिए और अभी चौहत्तर उससे बात करनी चाहिए, नहीं तो शायद अब सत्तर कभी नहीं मिल सकती हूँ । मेरे अंदर से आवाज आई कि मैं जैसा महसूस कर रहा था, ऐसा कभी नहीं कर पाऊंगा । और वैसा होने के डर के साल साल दल कह रहा था कि मुझे जो चाप बैठे रहना चाहिए मेरे दिमाग जब दिल नहीं कहाँ से आ रही थी कि मैं चाहूँ और से बता दूँ कि मैं उसके बारे में क्या सोच रहा हूँ । मुझे करना ही था । मैंने देखा कि वह बहाना बनाकर जीत के बीच से उठकर जा रही है । तभी मेरे मन की वह आवासीय होटेल यही मौका है तुम्हारे पास । अगर तुम अब उसके पास नहीं गए और अपनी भावना नहीं बताई तो आप कभी अपने आप के साथ भी नहीं जीता होंगे । लेकिन मेरे पहले जैसे जम गए थे तो आवाज और सिर्फ पकडती जा रही थी तो नाना ने कुछ कहाँ और मैंने सुना ऍम अब वो आवास देखती जा रही थी । मैं अचानक उठ खडा । फॅमिली के गांव की पेंटिंग के नीचे बैठे उस पर एक के पास पहुंच गया । वहाँ रानी से मुझे देखने लगी । किरणबीर है भी रॉयल । मैंने कहा उसने सर हिलाया, उस करने लगी । मैं आपको जानता हूँ । मैंने अपनी आवाज को स्थिर करते हुए कहा हम पहले मिल चुके हैं । उसने विनम्रता से पूछा नहीं हम कभी नहीं मिले हैं क्योंकि अगर मिले होते तो मैं कभी नहीं भूल पाता । लेकिन जब मैंने कहा कि मैं आपको जानता हूँ तो मेरा मतलब था कि मैं हमेशा से आपको जानता हूँ । मैं कभी अंतहीन जीवन पर यकीन नहीं करता हूँ । लेकिन मुझे लगता है कि मैं आपको करोडों जन्मों से जानता हूँ कि सब कुछ आॅन निकलता जा रहा था । मानो मैं पागल है । लेकिन मजाक है तो भी इसके लिए किसी ने भेजा तो नहीं । उसके आवास में कहरानी थी । उसके चेहरे पर साफ साफ दिख रही थी । मैं जानता था कि बेवकूफ हो जैसी बातें कर रहा हूँ । लेकिन मैं बोलता ही चला गया । नहीं जी, कुछ मजाक नहीं । मैं सच में आपको पहले से जानता हूँ । मैंने सुबह की पहली किरण को आपके चेहरे पर पढते देखा था । जब जाऊँगी और मुस्कुरा रही थी । मैंने आपको कॉफी पीते और अखबार पढते देखा है । मैंने आपको पार्टी के लिए क्या पहना है उस पर फैसला करते देखा है । आप के बाद जल्दी से जुडी में समेटे गए हैं । मैंने आपको बारिश में नाश्ते देखा है । मैंने आपको मुंबई में रोते देखा है । मैंने आपको ऍम खिडकी से बाहर जाते देखा है । जब आप फॅमिली हुई थी मैंने आपको ऍफ देखा है । मैंने आपको इंद्रधनुष को खुशी से उछल कर दिखाते हुए देखा है । मैंने आपकी नटखट मुस्कान को देखा है । मैंने आपको तब देखा है जब मेरी तरफ देखती हैं और मैं ही चला गया । वो भी मित्र देखती रहे । नाॅमिनी खुश लेकिन उसकी आंखों में अब भी अविश्वास और उम्मीद झलक रही है । अपनी आंखों के कॅश हमारी तरफ आते देखा लेकिन मैं उस की परवाह नहीं कर रहा था । शायद आपको लगे कि मैं पागल हो गया हो लेकिन लेकिन अब ॅ नहीं आपको खूना दो की मैंने इतने समय तक आपका इंतजार किया और हमने जब जब साथ आने की कोशिश की तब तक कुछ न कुछ गलत हो गया । मैं खुद को ठहराने का समर्थन बस काम कर रहा था । उसका डेट अचानक नाइट क्लब के बाउंसर के रोल में आ गया था । मेरा तो मुझे जानती हूँ क्या? ये तो मैं परेशान कर रहा है । तो नीरा कितना खूबसूरत नाम है इसके इससे सिर्फ सूरत नाम ही नहीं सकता है । मीरा ने अपने दे यानी बॉडीगार्ड के सवाल के जवाब में कुछ नहीं कहा । मुझे ऐसे देख रही हैं जैसे किसी भी पल में मतलब की बात करूंगा और उसी के इंतजार में थे तो मैं जानता हूँ जो कुछ मैं कह रहा हूँ उनमें से आपको किसी पर भी यकीन नहीं होगा । हम दोबारा नहीं मिलेंगे और सब कुछ खत्म हो जाएगा । मैंने प्रमोशन जारी रखा हूँ । चुनाव मुझे लगता है तुम जहाँ से भी आए वहाँ लौट जाऊँ और उस महिला को अकेला छोड देते हैं । ऍम सर ने मुझे तब खेलने की कोशिश की ऍम कुछ ही सदन में हंगामा खडा हो गया । मिस्टर बाउंसर मेरे ऊपर दोगुने ताकत पडा और उतना ही भयंकर तरीके से चला । मैंने दूर हटने की कोशिश की लेकिन दूसरे टेबल पर जा गिरा । सुनिए ना समझ चुकी थी कि कुछ बहुत पहन कर बात हो गई है और वो उस रेस्टोरेंट से ही नहीं बल्कि मेरी संधि से भी निकल गई । ये बात वहीं खत्म हो गई थी । उस भीड भाड के बीच मैंने प्राणी को कहते सुना हूँ तो नहीं मिला को जाने दिया था । कितने मूर्ख हो तो फॅसने वहाँ के कुछ ताकतवर लोगों की मदद से बडी आसानी से मुझे बाहर फेंकवा दिया । इन सबके बीच मेरा मुझे इस तरह देख रही थी मानो मुझे गहन मनोचिकित्सा जांच की जरूरत है । उसके उन लोगों को मुझे धक्के मारकर सडक पर फेंकने के दौरान भी नहीं रोका । सच कहूँ तो उसने कुछ किया ही नहीं । बस बहुत किसी वहीँ बैठी रही । पता नहीं मैं भी क्या उम्मीद लगाए बैठा था । मैंने बॉडी के घर की घंटी हो जाएगी । तब वो कोई अमेरिकन टीवी सीरीज देख रहा था । मैंने पहली बार उसके चेहरे पर चिंता की लकीरों को देखा था । उस बार पढाई के बाद जरूर मैं लुटा पटा सा दिख रहा होगा तो ठीक हो । उसने मुझे अंदर आने का इशारा करते हुए पूछा मुझसे घूमना होगा, प्रॉब्लम थी मैंने की मोहब्बत को पाकर खो दिया है मैंने ऍफ कहाँ मालूम घर चल रहा हूँ मेरे पास उस वक्त ऍफ का पडा है डैडी भी किसी और ग्रह का प्राणी था । शराब उसके लिए हर मुसीबत का गिलास फिर नहीं नजर नक्काशीदार पर अपनी ही छवि पर बडी तब समझ आया थोडी नहीं बल्कि मैं किसी और ग्रह पर था । मुझे थोडा संभलने की और उस ग्रह पर लौटने की संभवत थी जिसपर दूसरे लोग रह रहे थे और उन लोगों में से मुझे कुछ एक को ढूंढना हूँ । मुझे मीरा का बता लगाना था ।

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Sound Engineer

Voice Artist

वीर की नजर जब पहली बार मीरा पर पड़ी, तो जबरदस्त आकर्षण के जादू ने उसे अपने वश में कर लिया। मीरा को भी कुछ-कुछ महसूस हुआ। देखते-ही-देखते यही उनकी जिंदगी बन गई। दोनों को एक-दूसरे की तरफ खींचनेवाली ताकत ही मानो एकमात्र सच्चाई थी, जिसे बयां नहीं किया जा सकता। हालांकि यही प्‍यार उन्‍हें एक-दूसरे से अलग कर देता है। अचानक एक तबाही उन पर हमला करती है और उनके सपनों को झकझोर देती है। कुछ बाकी रह जाती है तो सिर्फ नफरत, जो उनके प्यार के जितनी ही ताकतवर है। बरसों बाद, किस्मत एक और चाल चलती है और दोनों को आमने-सामने ला खड़ा करती है। एक बार फिर। इस बार फैसला उन्हें करना हैः अपनी नफरत के हाथों बरबाद हो जाएं या प्यार को एक और मौका दें। Voiceover Artist: Ashish Jain Script Writer: Vikram Bhatt
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