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13 minsऍम डिजिटल क्रांति की दुनिया में ग्रामीण समाज का बदलता स्वरूप प्रस्तुत लेख संचार प्रौद्योगिकी वॅाटर इंडिया से ग्रामीण समाजों के बदलते स्वरूप के अध्यन से संबंधित है । भारत को कामों का देश कहा जाता है । भारत में अधिकांश आबादी ग्रामीण होगी है हम इस संख्यिकी अनुकूलता कल आप तभी उठा सकते हैं जब हमारे सभी ग्रामीण शिक्षक प्रशिक्षण तथा प्रेरित हूँ । भारत ने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत तरक्की की है । सूचना प्रौद्योगिकी देश के विकास की सीढी ही नहीं लेफ्ट हैं । देश को विकास की धारा से जोडने का एक सशक्त माध्यम है । भारत के बदलते सामाजिक परिवेश में डिजिटल इंडिया एक क्रांति के रूप में अग्रसित होगा । डिजिटल इंडिया के माध्यम से गांवों के लोगों में संचार क्रांति, वित्तीय समावेश आदि क्षेत्रों में दूरगामी बदलाव आने की भी संभावना है । यदि सभी बच्चों को शिक्षा मिलेगी, सभी को सेवाएँ उपलब्ध हो और लाभ बिना किसी भेदभाव से प्राप्त हो । डिजिटल इंडिया कार्यक्रम निश्चित तौर पर वर्तमान समय की जरूरतों और दूरगामी सोच को ग्रामीण सामाजिक बदलाव की दिशा में अग्रसर होगा । आप डिजिटल इंडिया समग्र ग्रामीण विकास का अग्रदूत बन सकता है । प्रस्तावना भूमंडलीकरण और इंटरनेट की बदौलत हूँ । आज जब पूरी दुनिया वसुधैवकुटुम्बकम की ओर तेजी से बढ रही है तो ऐसे में भारतीय गांवों को सिर्फ दो रोटी पर केंद्रित नहीं रखा जा सकता । डिजिटल इंडिया भारत सरकार की नई पहल है जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटल लिहाज से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है । इसके तहत जिस लक्ष्य को पाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, यह बेहतर है कि आॅफ विचारों को एकता एवं व्यापक विजन में समाहित करता है ताकि इनमें से हर विचार एक बडे लक्ष्य का हिस्सा नजर आएगा । भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में यदि प्रशासन की पहुंच हर नागरिक तक समान रूप से हो जाए और अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्ति भी सामाजिक सुविधाओं का लाभ सुगमता के साथ उठा सके तो सामाजिक बदलाव की एक सकारात्मक तस्वीर सामने आ सकती है । आज के दौर में सूचना प्रौद्योगिकी इतनी समर्थ है की गहन नागरिकों को घर बैठे ही तमाम सूचनाएं उपलब्ध करवा सकती है और उन्हें उनका अधिकार दिलवा सकती है कि ये है । वजह है कि सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी की इस ताकत को समाज के जीवन स्तर को उन्नत और राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की है । इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार ने संपूर्ण भारत को डिजिटल करने वाली नई क्रांति का सूत्र बात किया है । समाज के डिजिटल सशक्तीकरण के माध्यम से तैयार होने वाली ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के फलस्वरूप हो देश का विकास इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है । कार्यक्रम से यह उम्मीद की जा रही है के नागरिकों को सभी सरकारी सेवाओं की उपलब्धता मोबाइल कंप्यूटर के माध्यम से सुनिश्चित की जा सके । डिजिटल इंडिया का वजन है हर नागरिक के लिए उपयोगिता के तौर पर डिजिटल संरचना मांग पर संचालन एवं सेवाएं नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण हूँ । हर नागरिक के लिए उपयोगिता के तौर पर डिजिटल संरचना में ये उपलब्ध है नागरिकों को सेवाएं मुहैया कराने के लिए एक प्रमुख उपयोग के रूप में हाई स्पीड इंटरनेट डिजिटल पहचान अंकित करने का । ऐसा उद्गम स्थल जो अनोखा, ऑनलाइन और हर नागरिक के लिए प्रमाणित करने योग्य है । मोबाइल फोन बैंक खाते की ऐसी सुविधा जिसमें डिजिटल वापिस मामलों में नागरिकों की भागीदारी हो सके । साझा सेवा केंद्र तक आसान पहुंच पब्लिक पर साझा करने योग्य ने जस्थान और सुरक्षित साइबर नागरिकों को डिजिटल सशक्त बनाने के साथ में सार्वभौमिक डिजिटल साक्षरता, सर्वत्र सुगम डिजिटल संसाधनों अथवा सेवाओं की भारतीय भाषाओं में उपलब्धता, सुशासन के लिए डिजिटल प्लाॅट पोर्टेबलिटी के सभी अधिकारों को सहयोगपूर्ण बनाना, शासकीय दस्तावेज या प्रमाणपत्रों आदि को उनकी मौजूदगी के बिना भी भरा जा सकेगा । डिजिटल इंडिया और नागरिकों की पहचान डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण विषय शामिल है । इसके तहत प्रत्येक नागरिक के लिए उपयोगी सेवाएं मुहैया कराने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का सृजन किया जाएगा । ऐसी बुनियादी सेवाओं के माध्यम से देश ज्ञान के एक ऐसे भविष्य की ओर उन्मुख होगा, जहाँ प्रशासन और सेवा हर मांग पर उपलब्ध होगी । ऐसे में प्रशासन की जवाबदेही काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि भ्रष्टाचार को मिटाना भी अर्थव्यवस्था के लिए एक अहम होता है । इसी सोच के साथ बहुत उद्देश्य राष्ट्रीय पहचान पत्र यानी आधार कार्ड को भी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के साथ जोडा गया है । आधार कार्ड की संख्या भारत में कहीं भी व्यक्ति की पहचान और पते को निर्धारित कर दी है । आधार संख्या प्रत्येक व्यक्ति की जीवन भर की पहचान है । आधार संख्या से उन्हें बैंकिंग, मोबाइल फोन कनेक्शन और सरकारी व गैर सरकारी सेवाओं की सुविधाएं प्राप्त करने में सुविधा मिलती है । यह सरल ऑनलाइन ही में सत्यापन योग्य है । डिजिटल इंडिया तकनीक आधारित गांधी क्षेत्र में बढोतरी हुई है । डिजिटल इंडिया और योजना प्रधानमंत्री जनधन योजना का उद्देश्य भारत के नागरिकों को बुनियादी वित्तीय सेवाएं जैसे बैंक खाते और डेबिट कार्ड मुहैया कराना है । वित्तीय समावेश के राष्ट्रीय मिशन को आगे बढाने के लिए यहाँ योजना शुरू की गई । योजना आर्थिक निरन्तरता बढाने और जनता को वित्तीय सेवाएं जैसे बैंक जमा खाते, कर्ज और बीमा प्रदान करने के लिए एक साधन के तौर पर तैयार की गई । यदि इसकी मूल भावना को देखा जाए तो यह भी डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को पूरा करती दिखाई देती है । इसका उद्देश्य सन दो हजार अठारह तक साढे सात करोड परिवारों तक पहुंच बनाना है । यह योजना सरकारी कार्यालयों में किसी भी रूप में मौजूद भ्रष्टाचार से लडने के एक हथियार के तौर पर उपयोग के लिए बनी है । भारत की अधिकतर जनता के बैंक खाते होने पर सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की राशि सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की जा सकेगी । इस प्रकार देखा जाए तो यह योजना डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में सहयोगी है । इस तरह की योजनाओं के पीछे केंद्र सरकार की सोच ये है कि व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं का सीधा लाभ आम जनता तक पहुंचे और साथ ही तकनीक के इस्तेमाल से वातावरण तैयार हो सके । जो ग्रामीण आम जन तक की पहुंच को सुनिश्चित करेंगे । मेक इन इंडिया कार्यक्रम को मजबूत बनाने में इस तरह की योजनाओं का अच्छा योगदान साबित होगा । डिजिटल इंडिया से विकास के अवसर डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से सामाजिक बदलाव आएंगे । यह बात निश्चित रूप से कहीं जा सकती है कि इसके परिणाम ग्रामीण समाज भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करेंगे । इस कार्यक्रम के तीन पहलू हैं प्रत्येक नागरिक के लिए सुविधा के रूप में बुनियादी ढांचा जैसे पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोडना, मोबाइल सेवाओं का विस्तार और मोबाइल से वित्तीय समावेशन, दूसरा प्रशासन एवं इसकी सेवाओं को आम नागरिक तक पहुंचाना, जिससे उन्हें लंबी कतारों, भ्रष्टाचार और मजदूरी के नुकसान से छुटकारा मिल सके और तीसरा प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण नागरिकों का सशक्तीकरण जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल का विकास । साथ ही कंप्यूटर और मोबाइल पर भारतीय भाषाओं में काम करने को और आसान बनाना । इस कार्यक्रम के तहत दो हजार सत्रह तक ढाई लाख पंचायतों सहित छह लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोडने का सरकार का लक्ष्य है । अब तक इस योजना के तहत पचपन हजार पंचायतें जोडी भी जा चुकी हैं । प्रधानमंत्री की सोच यह भी है कि भारतीय किसानों को आईटी क्षेत्र सहित लाभ मिलना चाहिए । डिजिटल इंडिया के तहत भारत के सरकारी कर्मचारियों के तकनीकी रूप से उन्नयन का मार्ग भी प्रशस्त होगा । इस कार्यक्रम के गति पकडने से सभी विद्यार्थियों में सेंट्रल सर्वर की राह भी खुलेगी जो सभी प्रकार की ही प्रशिक्षण सामग्री से परिपूर्ण सेंट्रल क्लाउड से जुडा होगा । इसके अतिरिक्त समाज का हर क्षेत्र इस क्रांति से सकारात्मक रूप से प्रभावित होगा और समाज में व्यापक बदलाव आएगा । डिजिटल इंडिया के आधार डिजिटल इंडिया के नौ संभाल ब्रॉडबैंक हाइवेज, सबकी बोल तक पहुंच सार्वजनिक इंटरनेट ऍम तकनीकी मदद से सरकारी तंत्र सुधार एक क्रांति सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी सभी को सोचना इलेक्ट्रॉनिक निर्माण में शून्य आयात नौकरियों के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की सफलता इस तथ्य में निहित है कि भारतीय ग्रामीण आबादी इस तरह की सेवाओं का मूल लाभ ले सके । इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए देश के पचपन हजार गांवों में अगले पांच वर्षों के भीतर मोबाइल संपर्क की सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए बीस हजार करोड के यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड ऍफ का गठन किया गया है । इससे ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के इस्तेमाल में आसानी होगी । कार्यक्रम का देख लक्ष्य यह है कि भविष्य में सभी सरकारी विभागों तक आम आदमी की पहुंच बडा ही जाएगी । पोस्ट ऑफिस के लिए यह दीर्घावधि विजन पाला कार्यक्रम हो सकता है । इस कार्यक्रम के तहत पोस्ट ऑफिस को मल्टी सर्विस सेंटर के रूप में तब्दील किया जाएगा । नागरिकों तक सेवाएं मुहैया कराने के लिए यहाँ अनेक तरह की गतिविधियों को चलाया जाएगा । यह कार्यक्रम सेवाओं और मंचों के एक करंट आधार संख्या पेमेंट के आदि में मददगार साबित होगा । साथ ही सभी प्रकार के डेटाबेस और सूचनाओं को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मुहैया कराया जाएगा । इसके अतिरिक्त एजुकेशन के तहत सभी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोडने ढाई लाख स्कूलों को मुफ्त वाईफाई की सुविधा मुहैया कराने और डिजिटल लिटरेसी कार्यक्रम की योजना है । किसानों के लिए रियल टाइम कीमत की सूचना, नकदी कर राहत, मोबाइल बैंकिंग आदि की ऑनलाइन सेवा प्रदान करना भी इस कार्यक्रम के उद्देश्य में शामिल है । इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऑनलाइन मेडिकल सलाह, रिकॉर्ड और संबंधित दवाओं की आपूर्ति समेत मरीजों की सूचना के जुडे एक्सचेंज की स्थापना करते हुए लोगों को ई हेल्थकेयर की सुविधा देना भी इस कार्यक्रम का एक आधार है । इस कार्यक्रम के तहत सूचना और दस्तावेज तक ऑनलाइन पहुंच भी कायम की जाएगी । इसके लिए ओपन ऍम मुहैया कराया जाएगा, जिसके माध्यम से नागरिक सूचना तक आसानी से पहुंच सकेंगे । नागरिकों तक सूचनाएं मुहैया कराने के लिए सरकार सोशल मीडिया और ऐप आधारित मंचों पर सक्रिय रहेगी । देशभर में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार में रोजगार के अधिकांश प्रारूपों में इसका इस्तेमाल पड रहा है । इसलिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों को इस प्रौद्योगिकी से जोडा जाएगा । साथ ही संचार सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनियां ग्रामीण कार्यबल को उनकी अपनी जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षित करेंगे । गांवों वह छोटे शहरों में लोगों को आईटी से जुडे रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा । आईटी सेवाओं से जुडे कारोबार के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा । डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत कई मौजूदा योजनाओं के साथ मिलकर कार्य करना है जिसके दायरों को पुनर्गठित और पुनर् केंद्रित किया गया है । इंटरनेट, मोबाइल इत्यादि तकनीकी को बढावा देना, परिवर्तनकारी प्रक्रिया पन रचना और प्रक्रिया में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना, डिजिटल इंडिया के माध्यम से मेक इन इंडिया इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हूँ । उत्पादकों और सेवाओं को भी बढावा देना और देश में युवाओं के लिए रोजगार की संभावना को बढावा देना शामिल हैं । बुनियादी सुविधाओं के अलावा गांवों की अपनी सामाजिक समस्याएँ भी है जो पूरे ग्रामीण अर्थतंत्र को भी प्रभावित करती हैं । डिजिटल इंडिया के तहत ढाई लाख गांवों में तेजी से इंटरनेट कनेक्शन पहुंचाने की पहले की जा चुकी है । केरल के इडुक्की जिले से इसकी शुरुआत की जा चुकी है जबकि पहला जिला है जिसे नेशनल ऍसे जोडा गया है । इस पहल से काम से सभी मोबाइल फोन को इंटरनेट से जोड दिया गया है । निष्कर्ष ग्रामीण समाज को सशक्त बनाने में संचार प्रौद्योगिकी या डिजिटल क्रांति अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं । देश आगे बढ रहा है । इसका मतलब यह है कि हमारे गांव आगे बढ रहे हैं । आप समय आ गया है कि प्रत्येक भारतवासी बदलाव के सुनहरे एहसास को कायम रखते हुए इसमें अपनी भूमिका सुनिश्चित करेगी । आज पूरी दुनिया सूचना के सुपर हाइवे पर दौड रही है और स्मार्ट फोन से लेकर स्मार्ट पालित, स्माॅल फोन की अवधारणा अस्तित्व में आ चुके हैं तो गांवों को स्मार्ट से दूर रखने का कोई औचित्य नहीं बनता है । गांवों में इंटरनेट की पहुंच और उसके सर्वसुलभ होने से भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था करने में मदद मिल रही है । ग्रामीण छात्रों को इंटरनेट के जरिए दुनियाभर की तमाम जानकारियां मिल रही हैं और उनके विकास के रास्ते खुल रहे हैं । ग्रामीणों का डिजिटल सशक्तिकरण उन्हें भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने में काफी हद तक कारगर हो सकता है । गवर्नेंस और ऍम की ऑनलाइन पहुंच गांवों तक होने से इस समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है । ग्रामीण मोबाइल इंटरनेट और एटीएम का उपयोग करने के आदी हो रहे हैं । इंटरनेट की पहुंच होने से गांवों में बीपीओ तेजी से खोले जा सकते हैं, जहाँ महिलाओं को रोजगार मिल सकता है । कुल मिलाकर देखें तो डिजिटल इंडिया समग्र ग्रामीण विकास का अग्रदूत बन सकता है ।
Sound Engineer
Voice Artist