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02 हौसला -जुड़वा in  | undefined undefined मे |  Audio book and podcasts

02 हौसला -जुड़वा in Hindi

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4 K Listens
AuthorSaransh Broadways
पतझड़ है तो बसंत भी आएगा। गर्मी की तपिश को बरसात की फुहारें दूर करेंगी। यही जज्बा जीने का हौसला देता है। उम्मीद और हौसला जीवन की नींव हैं।
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हूँ । जुडवा हूँ कॉलेज में तृतीय वर्ष का प्रथम दिन है । गर्मी की छुट्टियों के बाद शायद आज पूरे कॉलेज में रहना चाहिए । विद्यार्थी रंग बिरंगे और नई फैशन के कपडे पहने कॉलेज में अति उत्साह के साथ हूँ । एक दूसरे से मिल रहे हैं क्या ने हालांकि तरह के वर्ष में प्रवेश लिया है भी थोडी डरी सहमी कॉलेज पहुंचे उसे ट्रैकिंग डालेंगे । प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की जमकर राइटिंग हो रही है । इसलिए क्या भी आशंकित क्योंकि पहली बार कॉलेज आई है । पहले दो वर्ष दूसरे शहर के दूसरे कॉलेज से किए अपनी नानी के घर रहकर स्कूल और कॉलेज के प्रथम दो वर्ष बढाएगी । नानी के निधन के पश्चात अभी एक महीने पहले अपने घर आई और कॉलेज में तृतीय वर्ष में दाखिला लिया तो कॉलेज में नहीं है और पहली बार कॉलेज आई है । बताए उसे ट्रैकिंग का डर सता रहा है । कॉलेज पहुंचकर सीधे अपनी कक्षा में बैठ गई । कक्षा में भी और कोई नहीं । फॅमिली सबसे आगे वाली गैस पर बैठकर सोशल लगी । आज कॉलेज का पहला देना मालूम नहीं, पढाई भी होगी या फिर वरिष्ठ विद्यार्थी नए विद्यार्थियों की रैंकिंग में व्यस्त रहेंगे । अभी अभी सोच रहे थे कि कुछ विद्यार्थियों ने एक साथ कक्षा में प्रवेश किया । विद्यार्थियों के पीछे पीछे फॅसने भी कक्षा में प्रवेश किया । गाॅव का अभिवादन किया । ऍम ऍम ने विद्यार्थियों को तृतीय वर्ष के विषयों के बारे में समझाना आरंभ किया । तभी एक लडकी तेजी से कक्षा में प्रवेश करके चैनल को हल्के से अभिनंदन कर दिया के साथ गैस पर बैठकर कान में बस बताइए । आइडिया फॅार तेरह हजार करती रही । लडकी का नाम नहीं आता है । उसको तिहास बाद करता देख लक्ष्य रहने, इशारे से चुप रहने को कहा हो गई या नेहा को देखकर सोचने लगी कि वह पहली बार उस से मिली है, पर वो से क्या क्या कह रही हैं? कक्षा समाप्त होने पर दूसरी कक्षा के फॅमिली के नाम से इन दस मिनट में नेहा और दूसरे सहपाठी दिया के व्यक्तिगत एकत्रित हो गए । आइस भी थी । पहले तो ये बता कि तूने मेरा फोन पे क्यों नहीं किया और मेट्रो स्टेशन पर बेटा होने की मेहनत किया के कंधे पर हाथ रखकर पूछते हैं टीआई हो गई ये लडकी कौन है और मेरे से अपनी फॅमिली के हो रही है । मैं चुप रहे । आइस हुई थी । ऍम क्या हुआ? कुछ बताया तो सही कॅरियर छिपता आते हैं । नहीं किया के दोनों हाथ अपने हाथों में लिए और उसके हाथों को किस किया । यहाँ के किस्से क्या परेशान हो गयी उसके माथे पर पसीने की पूरे चला जाएगा । और क्या क्या तुम तो देखो माथे पर पसीना यहाँ के कहते ही फॅसने दिया को चारों ओर से घेर लिया लगता है । आज क्या हम फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स की रायटिंग करने के मूड में हैं? साइलेंट रह रह गए सभी फ्रेंड्स चहचहाने लगे क्या सोचने लगी है सीनियर उसकी रैंकिंग कर रहे हैं तो चुप रहे और उसके चेहरे पर सफर दस्त गंभीरता के भागते हैं । पिया को फिर चुप देखकर नहीं के साथ बाकी सहपाठियों ने भी दिया से उसके चुभ रहने का कारण पूछा । आप सब मुझे बतिया क्यों कह रहे हैं? मेरा नाम तो दिया है याने मासूमियत से जवाब दिया आये पे भी आज पूरे मजाक के मूड में तो फॅस आज जरा बचके रहना सब के साथ आज रिया पे भी तृतीय वर्ष में हमारी रेटिंग तो अवश्य करेगी । ऍम का पूरा समूह खिलखिलाकर आज पडा । तब ॅ और उनके आदेश सभी अपनी अपनी सीटों पर बैठ गए । आज पहले दिन क्या क्लास में परेशान रही कि सब कुछ एरिया क्यों कह रहे हैं कि मेरी ट्रैकिंग तो नहीं हो रही थी । दूसरी तरफ रिया के स्कूल के समय से गहरी सहेली नेहा परेशान थी कि रिया क्या शरारत कर रही है । कक्षा समाप्ति पर नहीं आने दिया । पकड लिया मैं भी । आज तो किसी परी शरारत के मूड में है । चल ऍम नहीं आज मुझे घर चलती जाना हैं । यानी यहाँ से पीछा छुडाने के इरादे से कहा स्वीटी घर की जल्दी क्यों है? वो भी चलते हैं ना? आंटी को फोन कर देते हैं । पहले मूवी देखते हैं फिर मॉल घूमते शाम को घर पहुंचेंगे । यहाँ क्या का हाथ पकडकर कैंटीन की ओर चलने लगी । नया का हाथ छुडाकर दिया । समीर खडी ऑडी कार में बैठ गई । क्या के कार में बैठ रही ड्राइवर ने कार चला रहे हैं? हाँ चक्की में हाँ ऑडी कार को कॉलेज के गेट से बाहर निकलते चुप चाप बहुत बनी देखते रहे हैं । दुनिया के दूसरे सहपाठी भी क्या को ऑडी में जाते देख हो गए । एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार की मेरा और रिया कभी ऑडी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं । क्या की लंबी पडी ऑडी कार देकर नहीं विचलित हो गई । रिया अपने यहाँ मेट्रो से कॉलेज आती जाती है । यहाँ के परिवार में पुरानी मारुति वैगनआर कार जबकि रिया के परिवार में स्कूटी और एक भाई है । दोनों के पिता नौकरी करते हैं और माता ग्रहणी प्रिया के पास ये अधिकार कहाँ से अगर यहाँ गमन कॉलेज बनी लगा और थोडी देर बाद रिया के घर पहुंची दिया की मान्यता दरवाजा खोला । अल्जीरिया कहाँ है? आज तो उसके रखने खत्म नहीं और मेहनत अंदर आते हुए प्रश्न पूछा उस की तबियत ठीक नहीं है पापा को आप इससे बुलाया है और पैसे आते होंगे तो कॉलेज में उसके रवैये से लग रहा था । आज उसने मेरी तो ऐसी ऐसी करती है । फॅमिली फॅमिली कॉलेज क्या बात कर रहा हूँ । कल रात से उसे तेज पर हैं । सुबह से बिस्तर पर बेसुध पडी है । दवा से कोई फर्क नहीं पड रहा है इसीलिए पापा डॉक्टर को लेकर घर आ रहे हैं । क्या बुखार आंटी की बात सुन देने आज चौक कर दिया के कमरे में बात कर गई क्या तेज बुखार से तप रही है? बिहार को तेज चोर हैं और घर पर पे सुबह तो कॉलेज में कौन थी? कौन अधिकार में बैठ कर गई । यहाँ की उधेडबुन समाप्ति नहीं हो रही थी । नहीं मैं सोच रही थी की नहीं वो रिया का भूत नहीं था । भूत सोचते हैं नया के पतन में चोट चोरी हुई प्रक्रिया के पापा डॉक्टर के साथ है । डॉक्टर ने यहाँ को देखकर इंजेक्शन लगाना हो सकता है कि रिया को टाइफाइड हो । इसके लिए मैं ऍम कर देता हूँ । थोडी देर में खून पेशाब के सैंपल ले जाएगा । डॉक्टर के साथ आप अभी ऑफिस दोबारा चलेगा । उनको ऑफिस में सर्वाधिक काम था । नेहा दिया के पास रुपये उसने अपने घर फोन कर दिया कि वो रिया के घर रहेगी । दोनों घनिष्ठ सहेलियाँ और अक्सर एक दूसरे के घर पढने के लिए पहले आया करती थी । अभी देर बाद लैब सहायक हूँ और पेशाब के सैंपल ले गया । इंजेक्शन के असर से रिया को नींद आ गई । रिया के सोने के बाद प्रिया के मम्मी और नया आपस में बातें करने लगे हैं । नहीं तुम कॉलेज की क्या बात कर रही थी । ऍम भी तेज कर के कारण कॉलेज नहीं गई तो बिस्तर पर पडी है । लेकिन कॉलेज में क्या नाम की लडकी आई है बिल्कुल किया की जैसी थी मुझे क्या समझ रहे थे । शक्लोसूरत का काठी रंग नैन नक्ष बिल्कुल एक जैसे ऍम कॉलेज में रिया का व्यवहार देखकर हम सब यही सोच रहे थे ऍम कर रही है घाटी वो बिल्कुल जुडवा लग रही थी जैसे जुडवा में अंतर करना मुश्किल होता है । ठीक वैसे कोई भी रिया छुट्टिया में अंतर नहीं बता सकता हूँ । मैं क्या बाकी सभी मित्रों सेरिया समझ रहे थे और वो हम से बात ही नहीं कर रही थी । हम तो रिया की शरारत समझ रहे थे लेकिन वो अधिकार में कॉलेज आएगी और कार भी ड्राइवर चला रहा था । नहीं हाँ तो क्या बात कर रही है । जुडवा की बात सुनकर माँ भी अचंभित हो गई । ऍम चक्कर में हूँ कि सारा माजरा क्या तभी तो भागी भागी आपसे मिलना ही हूँ । कहाँ रहती है वो? मैंने पूछा हूँ मुझे क्या मालूम हूँ । आज पहला दिन है अब उसके तहकीकात करनी पडेगी । प्रिया की मां भी ये सुनकर हैरान हो गए । रात को डिनर के समय रिया का बुखार होता है । नेहा और रिया के बहाने उस के बदन को गीले तौलिये से पहुंचकर उसके कपडे बदले यानी दिखाई । रात के समय दिया के पिता रमेश कुमार मारा था । नहीं यहाँ से पूरी बात समझी और हैरान हो गए । उन्होंने डॉक्टर से बात की और इंटरनेट पर जानकारी खंगालें । एकदम शक्ल सिर्फ गुडगांव की मिलती है या फिर बच्चों की माँ बाप से मिलती है । मिलती जुलती शक्ल वाले को इंसान होते हैं लेकिन शक ले के साथ जिसमें कदर रंगरूप तो केवल गुडगांव का ही मिलता है । टाइफाइड बुखार के कारण रिया कॉलेज नहीं जा सके । नहाने कॉलेज के ऑफिस से पूरी जानकारी प्राप्त कर लेंगे । क्या ने इसी वर्ष दाखिला लिया तो दिल्ली के वसंत विहार में रहती है जो दिल्ली का पहुंचना है । उसके पिता बहुत बडे उद्योगपति यहाँ और रिया दिल्ली के मध्यमवर्गीय कालानी रोहिणी में रहते हैं । जानकारी प्राप्त करने के पश्चात नेहरिया के घर पहुंची और सब कुछ पता है उनके परिवार को उससे मिलने की हो सकता हूँ । नहाने अगले दिन क्या कोरिया के घर चलने को कहा लेकिन उसने ये कहकर मना कर दिया कि बहुत ही इस शहर में नहीं आई है और उसके घर वालों ने अभी अकेले कहीं भी जाने से मना किया । क्या का दर्शन कर यहाँ तो बहुत निराशा हुई नहारिया कि स्वस्थ होने की प्रतीक्षा में थी कि जब दोनों एक दूसरे को आमने सामने देख कर क्या कहेंगे । पंद्रह दिन बाद रिया पूरी स्वस्थ होकर कॉलेज पहुंचे दिया और मैं यहाँ कॉलेज जल्दी पहुंच गए थे । दोनों केट के बाद टहलने लगी । कुछ देर बाद क्या की? ऑडी का कॉलेज में प्रवेश किया, कार को देखकर नहीं और रिया कार की तरफ लिख के दिया कार से उतरकर सीधे क्लासरूम की और चलती क्लासरूम के रास्ते में नहीं हाँ और रिया ने दिया को पकड लिया ऍफ का हाथ अपने हाथ में लेकर उसको देखा तो फॅमिली कुल में नहीं हूँ क्या? क्या मुझसे निकला रहे हैं मैंने क्या बोला था मैं बीच में पाॅड बी आपको सामने देख कॅलेज के पहले दिन यहाँ से अधिक कर दिया । समझे थी ये बातों से । अब समझाए कि अभी रिया को देखकर अचंभित हो गई । तीन कक्षा में नहीं गई और कैंटीन की ओर चल पडे । कैंटीन में दिनों बातें करने लगी और एक दूसरे के परिवार और अपने बारे में जानकारी का आदान प्रदान किया । यानी टिया को अपने घर आने और अपने परिवार से मिलने का निमंत्रण दिया । क्या ने कहा वहाँ पर शहर या के परिवार से मिलेगी लेकिन आज नहीं कर पांच कर दिया । ने अपनी मान मीना को रिया के बारे में बताया और मोबाइल में खींच एरिया की फोटो भी दिखाई । फोटो देखकर नहीं ना भी हैरान हूँ । ॅ एकदम छुडवा लग रहेंगे । रात के समय नहीं न बिस्तर पर करवट बदल रही नहीं उसके मुँह होते हैं । मीना तीस वर्ष पीछे चले गए ऍम ऍसे अपने सीने में दफन करके बैठी है । तब तक वो छोटी बातों को सच मानते रहेंगे । बीस वर्ष बाद सच्ची जब सामने आ ही गया तब सब मीटर होकर सच्चाई कबूल कर लें । पूरी रात खयालों में चलती रही और समय तेज बुखार के संग नहीं लाए तो दिन नहीं ना तेज ॅ और कभी कभी अर्धचेतन अवस्था में बडबडाती टिया के पति निवेश अपने कारोबार में व्यस्त रहते एक बहुत बडा व्यापार का साम्राज् जाए । घर में नौकरों की कमी नहीं पीना के स्वास्थ्य की देखरेख के लिए अस्पताल से नर्स बुलवा नहीं किया । महासंघ रही डॉक्टर सुबह और शाम के समय नहीं ना के चक्कर के लिए आगे दो दिन बाद हूँ । आपको की चिंता है तो मुझे बताया नहीं ना । बहुत पढाती थी । मुझे कुछ समझ में नहीं है । इतना समझ सकता हूँ क्या कुछ पहुँच महसूस कर रहे हैं । याने माॅस् बताते हुए पूछता हूँ क्या क्या तो मैं क्या का घर मालूम है? मुझे बाॅर नहीं जानती हूँ क्या कोई खास बात है क्या ने पूछा ऍम करके उसका बता दूँ? उसके माता पिता से मिलकर दिल का बहुत हल्का करना चाहती हूँ ऍम कल चलते हैं अभी आपका नाम करूँ नहीं किया मैं ठीक हूँ, कार में चलना है । ड्राइवर को कहूँ तैयारी है ऐसी कौन सी बात है? कल सुबह चलता है नहीं चलता है तो फोन करके उसके घर का पता मालूम कर टीहर या को फोन करके उसके घर का बना लेती है और डॉक्टर को आदेश देती है कि ड्राइवर को सूचित करते हैं कि अभी दस मिनट में चल रहा है । नौकर वापस आ कर बताता है कि ड्राइवर छुट्टी पर हैं और दूसरा साहब को एयरपोर्ट छोडने गया । हाँ पापा ने आज मुंबई एक जरूरी मीटिंग के लिए जाना है । रात को डिनर की मीटिंग कोई बात नहीं है । पापा को छोडकर आएगा तब हम चलेंगे । शाम के छह बजे ड्राइवर वापस आता हूँ । शाम के समय ट्रैफिक के कारण बसंत बिहार से रोहिणी पहुंचने में दो घंटे लगता है । रिया के पता रमेश कुमार भी ऑफिस से घर आ चुके थे । महासंघ दिया उनसे मिलने आने वाली है ये उनको क्या ने फोन पर पहले बता दिया था । रिया के परिवार से मीना और क्या का मिलना बहुत आत्मीयता के साथ हुआ है । मीना राधा संकरे लग कर प्रवासी हो गयी । कुशल सेम के बच्चा तो ना परिवार दिया । पट्टिया के एकदम छुडवा होने पर बातचीत करने लगे । कहीं कुंभ के मेले में तो रियलिटी अभी चल रही हूँ और एक राधा आंटी को और दूसरी मीना आंटी को मिल गई हूँ । नहाने वातावरण को हल्का करने के लिए कहा । तीन महीने आप को समझाते हुए कहा ऍम काम के मिलने से भी अधिक बडी बात है । दादा जी मैं आपसे तो प्रश्न पूछती हूँ । पहला प्रश्न है कि रिया की जन्मतिथि किया है और दूसरा प्रश्न उसका चंद्र कहा हुआ था । दोनों प्रश्न के उत्तर सुनकर नहीं ना की आंखों में आंसू आ गए हैं । ऍम प्रिया और क्या जुडवा बहनें हैं ऍम सनसनी कर रही है और सब आश्चर्य से एक दूसरे का मुंह देखने लगे । सब शून्य में एक दूसरे को देखने लगे लेकिन कुछ बोल नहीं सके । वातावरण में सन्नाटा छा गया । कुछ देर की शांति के बाद कलाम साहब करते हुए रमेश कुमार पूछता हूँ ये कैसे संभव है? ऍम सब कुछ संभव है । अमन देना पंजाबी बाग में रहते थे । मेरे जुडवा बच्चे होने थे मैंने नर्से पहली बात कर ली थी कि यदि मेरे एक लडका और एक लडकी हुई तब कुछ बात यदि दोनों लडकियाँ हुई और उस समय किसी और का लडका हुआ है तब मेरी एक लडकी उस लडके से बदल देना आप क्या कह रहे हैं तो था और रमेश अचंभित रहेंगे ना बिल्कुल सही कह रहा हूँ उसे अस्पताल में मेरे साथ आप डिलेवरी के लिए थे मेरा सवाल था क्या नाम था भी उन को लडके की जहाँ पे क्योंकि हमारे परिवार में लडकियाँ बहुत पडेगा बार के उत्तराधिकारी के लिए एक लडके की चाहते है मेरे पति निवेश नहीं उस समय नर्स कुछ काम के लिए एक लाख रुपए दिए थे मेरी दोनों लडकियों के चंद के समय नर्स चुप रही और आपके बच्चे के चंद का इंतजार कर दे रहे हैं । आपके लडके कचन दस मिनट बात हुआ नस में मेरी एक लडकी आपको दे दी और आपका लगता मुझे आपके एरिया मेरी है और मेरा रोहन आपका है ना की आंखों में आंसू थे जिन्हें वो अपनी साडी के पल्लू से पहुंच रही थीं । तो फॅमिली की बात है इस बात की कभी पहना की नहीं लगी आधार रमेश कुमार ने एक लंबी आ करते हुए एक स्वर में कहा हालांकि हम एक ही शहर में रह रहे थे लेकिन आत्मग्लानि से अंदर ही अंदर घुटते रहे हैं और मेरी तबियत पिछले कर गए ऍम अपने मायके बहुत अधिक समय रही और तो हम और क्या की परवरिश नानी के घर हैं । नानी की मृत्यु के पश्चात दिया मेरे पास आ गई तो हम अहमदाबाद में पढाई कर रहा है । जब दियान एरिया के बारे में बताया तब से मैं आपसे क्षमा मांगने के लिए आते ही है । अब मेरे सीने पर रखा हुआ पहुँच आज आ रहे हैं । नहीं नहीं चुप हो गई लेकिन सभी के मन में सुनामी आ गए लेकिन रिश्ते को स्वीकार करें रिया नहीं ना को मामा नहीं जिसमें जन्म दिया है । क्या आता था और रमेश कुमार कमाना दामाने जिन्होंने उसके बाद बारिश अपनी बेटी समझ करके क्या सोच रही है कि रिया को अपनी बहन माने जा सके और रमेश कुमार सोच रहे कि रोहन को अपना पुत्र माने यार या कोई अपनी पुत्री माने । अंचल से सभी प्रचलित और तब थे कि क्या करें इस परिस्थिति का कैसे सामना करें और भविष्य में क्या करें तो दिन रात निवेश मुंबई के तोर से वापस आएंगे । तब उन्होंने उन्हें एरिया के बारे में बताया क्या सोच रहा हूँ? सेना ने एकदम चुप बैठे पति से पूछा तीन तो मैं पहुंचाकर सबकुछ बताने की क्या जरूरत थी? गंभीर निवेश नहीं पत्नी नहीं ना से पूछा मैं भी छाती पर बडे पोर्च कौन बर्दाश्त नहीं कर सकती हूँ । नहीं हमने उनके लडके को सब कुछ दिया जो को नहीं दे सकते हैं मैं फिर मेरी एक लडकी उन सब से वंचित क्यों रहे हैं? हिमेश मुझे बताओ, उसका क्या कसूर है तो सब कुछ मिलेगा और रिया को कुछ भी नहीं । लेकिन आज बीस साल हो गए मेश्रम एक लडका लेकर अपनी लडकी भूल गए । लेकिन मैं आज तक नहीं बोलियों जैसे मैंने जन्म दिया है उसे अपने स्वार्थ के लिए किसी दूसरे को दे दिया । निवेश मेरिया को पूरा देना चाहती हूँ । तुम चुपके हूँ । जब काम समर्थ हो तो क्यों रिया को उसके हक से वंचित रख रहे हो? नहीं रहा यदि कोई पुलिस केस बन गया, कोई लफडा हो गया तब देश अपनी प्रतिष्ठा की जनता थी । निमेष बहन से बात करती हूँ । ऐसा कुछ नहीं करेंगे मेरे साथ । उनके घर चलो सब कुछ स्पष्ट कर रहते हैं । आपके दस बज रहे थे । क्या अपने कमरे में थी निवेश और नीना प्रिया के घर की ओर रवाना हुए । फिर रात के समय एक घंटे में भैया के घर पहुंच गए हैं । क्रिया के घर भी गंभीर वातावरण था । प्रिया के मन में अनेक प्रश्न थे, लेकिन उनको अपने माता पिता से पूछने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं । क्रिया इतना परेशान हूँ तो मेरे मन में है बोल दिया । अपने मन का बोझ हल्का करते हैं । राधा ने दिया कुछ जोडा मैं क्या सोचूँ क्या करूँ? रिया मां से लिपटकर होने लगी । पकडे तो होती है । राजा ने दिया कमाता चुना कि क्या सुनामी आ रही है? दो सीरिया के कंधे पर रमेश ने हाथ रखा क्या? बीस वर्ष से तो हमारी बेटी है । हमारी रहेगी तो विचलित मत हो अपने को । समाज हम तेरह तो हमारी है तो हमारे से कोई नहीं कर सकता । हुआ तो मैं सोच तभी नहीं । मैंने डोरबेल बजाए इस समय कौन होगा? आपके ग्यारह बज रहे हैं । रमेश ने की खुला सामने मिनट और निवेश को देखकर रमेश कुछ नहीं हो सका । उसने रास्ता छोडा । निवेश और मीना अंदर है ऍसे माफी मांगी । मैं आपका नहीं हूँ । अब से माफी मांगता हूं । जो हुआ उसकी भरपाई को तैयार । बस एक शर्त है कि आप मुझे महान कर दीजिए । तारा और नब्बे लेना और निवेश और चुपचाप देखते रहे हैं । नीना ने स्थिति को संभाला । आप सिर्फ या कुछ छीनने नहीं आई । मैं सिर्फ रिया को उसकी दूसरी माँ का प्यार देने आई । प्रिया को आपने पलायन ही आपकी तो या पर देवकी का कोई हक नहीं है तो यशोदा की रहेगी । ऍम रमेश नहीं । निवेश और नीना को बैठने को कहा । रमेश मीना ने जुडवा को जन्म दिया लेकिन दोनों ने ना के पास नहीं रहेगा । अभी आपके पास रही और दिया अपनी नानी के बाद आएगा । अब क्या हमारे पास आई है तब मैं ईश्वर के फैसले को दिल से स्वीकार करता हूँ । मैं यहाँ रिया को उसका हफ्ते में आया हूँ । उस को किसी से खींचने नहीं आया । बस आप मुझे माफ करते हैं । गलत ईश्वर क्या चाहता है? मैं नहीं जानता हूँ । जो मेरे पास में है मैं उसी में खुश हूँ । रमेश बस इतना ही बोल सकता हूँ आप कल मेरे घर आइए । मुझे आपको आपके पुत्र रोहन से मंगवाना है । निवेश ने रोहन को फोन करके अगले ही दिन अहमदाबाद जब तत्काल बुलाया और रात के खाने पर रमेश कुमार दादा रख दिया के साथ यहाँ अपने घर आमंत्रित किया । बाकि बातें कल करेंगे निमेष ने रमेश को निश्चिंत क्या तुम बहुत किस्मत वाली हूँ तो मैं दो माँ का प्यार मिलेगा । नीना नहीं रिया को करले लगाया अगले दिन रोहन दिल्ली आ गया । सबसे पहले निवेश ने रोहन को जन्म पर बच्चों की अच्छा बनने के बारे में बताया कर रहा था और रमेश से मिलता है । फॅमिली ये बता सकते हैं कि मैंने अपनी एक लडकी आपको देकर आपका पुत्र क्या आप के मन में कई प्रश्न होंगे । मैं उनका तक नहीं दे सकता हूँ । समय के चक्कर नहीं, हमें आपस में मिला दिया, आपसे माफी मांगने योग्य भी नहीं । फिर भी इतना कहूंगा कि जैसे आपने मेरे दिया की अपनी कोख से जन्मी हालत समझकर पर बारिश की है, ठीक उसी तरह मैंने रोहन की परवरिश क्या मैंने स्वास्थ्य के कारण ऐसा क्या? रोहन को जिस तक के लिए मैंने अपनाया तो उसे हर हाल में मिलेगा क्या का हक बराबर हैं? प्रियर्सन मैंने नाइंसाफी लेकिन अब मैं उसे अपनी ऍम और आज से उसका हक भेज दिया के बराबर का होगा । मेरे पास धन का कोर्ट भंडार है । मैं किसी को भी उसके हक से पंचक नहीं करूँगा । आज से मेरे दो नहीं तीन बच्चे हैं । दिया क्या और रोहन को पूरी आजादी है कि वे कहाँ रहना चाहते हैं । हालांकि मैं चाहता हूँ कि जो जहाँ रह रहा है वही रहे ताकि जिस परिस्थितियों में रहे हैं उनसे बात हो । आज से सभी को पूरी आजादी है कि बेरोकटोक एक दूसरे के घर आ जा सकते हैं । हर सुख और दुःख में हम सभी बनाकर के सहयोगी रहेंगे । विमॅन सभी की शंकाएं झट गई और सभी हर्षित तोड है । प्रिया छुट्टियाँ गले लगकर रुआंसी हो गए और उन दोनों ने एक साथ निर्णय लिया कि अब से दोनों एक साथ रहेंगे । एक सप्ताह फसल बिहार और एक सप्ताह रोहिणी में रहेंगे । मंजूर है जिस पर एक साथ सभी के घंटे से निकला । रमेश और राधा के दिल में एक तीसरी अवश्य रह गई कि काश ये सच्चाई मालूम ही नहीं होती तो अच्छा होता है । ये ठीक है । केरिया रातो रात अमीर बन गई । उनके सामर्थ्य में नहीं था । उन्होंने इसकी कभी ख्वाहिश नहीं की थी । उन्होंने रिया कोई अपना मना कभी लडका ना होने का नाम नहीं था । अब लडका पानी की उन्हें कुछ खुशी नहीं होती । रोहन निवेश मीना को भी अपना महारात मानता रहा और रहेगा दिया ने तो इस दिन विवाह के बाद डोली में बैठ पढाई घर जा रही है । हमेशा राधा ने तो खेला हो नहीं अभी से अकेले हो गए । ये कौन से नहीं आती है । खुशी अवश्य मिलेगा अब रिया के साथ क्या ने भी उनको अपने माँ बाप का दर्जा दिया ऍम आप मेरी आंटी नहीं मेरी माँ हो रमेश और आधा के आखें नहीं थी प्रभु तेरी सृष्टि है निरानी हम जानना सके आज तक तेरे मन में क्या है इतना जान सके आज तो देता है हमें स्वीकारा प्रसाद समझ हाँ ।

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पतझड़ है तो बसंत भी आएगा। गर्मी की तपिश को बरसात की फुहारें दूर करेंगी। यही जज्बा जीने का हौसला देता है। उम्मीद और हौसला जीवन की नींव हैं।
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