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आप सुन रहे हैं तो कोई ऍम किताब का नाम है । हौसला इसके लेखक है श्री मनमोहन भाटिया । आर्चे मनीष की आवाज में कोई ऍम सुने जब मन चाहे लाली नाम रामलाल उम्र साठ पुराने बाजार में किराने की छोटी सी दुकान चलाते हैं । आपने गुजारे के लिए कमा भी लेते हैं और थोडा सा भविष्य के लिए बच जाता है । दुकान पर सब लाला कहते हैं और नाम लाला पड गया । उनकी धर्मपत्नी भी उन्हें लाला कहकर पकाती है । पत्नी का नाम रामपति जब पत्नी लाला कहती है तब लाला ने पत्नी को लाली कहकर पुकारना शुरू कर दिया । वर्षों से आपको चक के लिए लाला और लाली बन गए तो दोनों का शांत हो । खाली समय भक्ति में व्यतीत करते हैं । लाली देवर के बेटे चिंटू को बहुत अधिक प्रेम करती है । एक साथ रहते हैं । अपनी हालत ना होने पर सारा प्रेम और वात्सल्य चिंटू पर बनाता है । लाला और लाली दोनों के भाई बहनों के तीन तीन चार चार बच्चे हैं । बस लाला और लाली निःसंतान रह रहे लाला ने अपना उत्तराधिकारी चिंटू को घोषित कर दिया और भाई दोनों के प्यार से चिंटू बिगडैल बच्चा बन गया । पढाई में ध्यान लगता नहीं है । जैसे तैसे बारह जमात पड गया । तैंतीस प्रतिशत अंक लेकर तो फूला नहीं समा रहा है । लाला ने उसे दुकान पर बिठा दिया । फिल्म देखना यार के साथ घूमना यही दिनचर्या चिंटू की हो गयी । दुकान पर एक आध घंटा मुश्किल नहीं रहता है । एक दिन लाली ने लाला कोटोकी दिया लाना चिंटू सारा दिन तो यारों के साथ घूमता रहता है । दुकानदारी कर सीखेगा निकलेगा । लाली अच्छी उम्र है, धीरे धीरे दुकान में भी रह जाएगा । शुरू में ऐसा ही होता है । लाला ठीक है परन्तु आप तो एक साल भी दिया । चिंटू को दुकान जाते हुए मुश्किल से एक आठ घंटे दुकान पर दिखता है । मुझे उसका लक्षण सही नजर नहीं आ रहे । फॅमिली सब ठीक हो जाएगा । खेलने की उम्र है । उन्नीस का तो मुश्किल से हुआ है । दिल नहीं देते हैं । तीन धीरे दुकानदारी के सारे गुण से खाते हैं । ये लाला का प्यार है, जिसमें चिंटू को खुली छूट दे रखी है प्यार और छूट का । चिंटू ने खूब लाभ उठाया, लेकिन दुकान बंद करने के बाद लाला घर के लिए निकले । दुकान से घर की दूरी कुछ खास नहीं । लाला पैदल ही कर जाते हैं । रास्ते में लाला को बेचैनी महसूस हुई और पैदल चलने में दिक्कत होने लगी । लाला सडक के किनारे पिछले के खम्बे को पकडकर खडे हो गए । रिक्शेवाले ने डाला को बेचैन देखकर रिक्शे पर बैठने को कहा । लाला रिक्शे पर बैठा हूँ घर छोड देता हूँ । रिक्शेवाला लाला की दुकान का सामान ग्राहकों के घर छोडने का काम भी करता है जिस कारण रिक्शेवाला लाला को पहचानता है डाला रिक्शे पर बैठ गए लाला उठो घर आ गया । घर के नीचे रिक्शा खडा करके रिक्शा वाले ने लाला से कहा आई छुट्टियाँ चलने की हिम्मत नहीं हो रही है तो सहारा देकर ऊपर घर तक छोड दो । रिक्शेवाला लाला को सहारा देकर सीढियाँ चला रहा है और आवाज देकर कहने लगा लाले, आज लाला की तबियत ठीक नहीं है । डॉक्टर को घर बुला लो । हालांकि बिगडी तबियत एक लाली घबरा गई । टिंटो घर में नहीं था, वो सिनेमा देखने गया था । लाली ने लाला को पानी दिया । उसने रिक्शा वाले से डॉक्टर को घर बुलाने को कहा । लाला स्तर पर लेकर लाला की पहचानी अधिक हो गई और उसने दम तोड दिया । रिक्शा वाला डॉक्टर को बुलाकर अपने साथ ले आया । डॉक्टर ने लाला की मृत्यु पर मुहर लगा दी । घर में हाहाकार मच कर सभी नजदीकी रिश्तेदार एकत्रित हो गए । चिंटू का कोई अता पता नहीं था । मित्र जंग सिनेमा देखने गया था । रात एक बजे घर लौटा । लडखडाते चिंटू को देखो । उसकी माँ उसको अंदर ले गई की हालत बना रखे हैं । स्तर पर रहते हुए चिंटू ने कहा क्या वहाँ लाला मर गया और तेरा कोई अता पता नहीं कहाँ मटरगश्ती कर रहा था । कर के सो जाओ । सुबह कोई नाटक नहीं होना चाहिए । उसकी माँ ने उसके हाल पर पर्दा रख दिया तो अगले सुबह लाला का अंतिम संस्कार कर दिया । लाला की मृत्यु के पश्चात लाली ने चिंटू को दुकान संभालने के लिए बेमन जिंडो दुकान पर बैठ तो गया लेकिन उसका मन उसके दोस्तों के साथ घूमने में लगता था । दुकान चलती बंद कर के दोस्तों के संग सिनेमा देखने निकल जाता है और फिर दारू पीने जाता । एक तरफ दुकान चलती बंद करने के कारण बिक्री बढ गई । दूसरी तरफ मौज मस्ती पर रुपए खर्च होने लगे । चिंटू ने लाली के हाथ में रुपये रखने बंद कर दिए हैं । अब दुकान की सारी कमाई वो स्वाइन की मौज मस्ती पर उडाने लगा । एक दिन ऐसे ही सुबह के समय उठा लाली ने चिंटू से अपने देवर देवरानी के सामने दुकान के बारे में बात की लाली चिंटू अब दुकान पर पूरा ध्यान दिया करो । कैसे लालच किया करते थे । अलसाई हालत में फॅमिली फॅार बचाना शुरू कर दिया । लाली दुकान चलती बंद कर देते हो घर में रात को एक बजे से पहले आती नहीं हूँ । मेरे हाथ में रुपये रखते नहीं हूँ । अखिल दुकान की कमाई का करते क्या हो? खाली की बात सुनकर देवर देवरानी थोडे नाराज हो गए । लाली बच्चा खेलने के दिन सब ठीक हो जाएगा । दुकान जा रहे और संभाल भी तरह माँ बाप के समर्थन मिलता है । टेन टू का हौसला दोगुना हो गया । थोडे दिन बाद उसने लाली को रुपये देने एकदम बंद कर दी है । खर्च बंद होने पर एक दिन उसका फैसला और सब्र जवाब दे रहे हैं । लाली रात को चिंटू के आने का इंतजार कर रही थी । लगभग दो बजे शराब के नशे में धुत लडखडाता हुआ । चेंज तो आया लाले अब तो शराब पीने लगाए । उन्होंने अपनी क्या हालत बना रखे हैं, अपने आप खडा भी नहीं हो सकता है । चिंटू कौनसा तेरह आपके कमाई से पे रहा हूँ खुद का मानता हूँ मैं मुझे रूपये देता नहीं सब शराब में उडा रहे । शायद नहीं आती तो तो वो कितने मर रहे भरपूर खाना मिल रहा है । रहने की जगह भी है और क्या चाहिए? बुढिया तुझे एनसीपी ने भी नहीं दे दी । जलज फॅमिली को चाहता है पतली दुबली लाली गिर पडी । लाली ने शोर मचा रहा अब तो मुझे मारने लगाए हूँ तो करते हैं पर देवरानी भी उठ गए । दोनों एक फर्म लाली रात को सोने भी नहीं दे रही । शोर मचा रखा है । प्लानिंग चिंटू को देखो और संभाल लोग इतनी छोटी उम्र में रोज शराब पीता है । दुकान के इस कमाई शराब में उडा रहे । मुझे रुपये नहीं देता हूँ । ऐसे तो खजाने भी खत्म हो जाते हैं । देवरानी लाली तो खजाना मध्य अपनी उम्र देख क्या बानकर ऊपर ले जाएगी? लाली राम राम राम क्या कह रही है तो लाला ने मेहनत करके दुकान बनाई । पूरे बाजार में लाला के नाम से दुकान चलती है और चिंटू लाख के नाम पर बट्टा लगा रहा है । देवरानी बढिया तो चुप कर जा, तेरे को भूखा नहीं मारेंगे । हम चिंताओं से सब हिसाब लेते हैं तो चिंटू को खाता पीता नहीं देख सकती । देवर तो जाकर सोचा इसका होना तो खत्म नहीं होगा । देवरानी चलो तमाशा देखने में मजा आ रहा है । नहीं खराब करदी बढिया रहेगा ना खुद होती है ना हमें सोने दे रही है । चलो कमरे में मेरा क्या देख रहा हूँ । सभी अपने कमरे में चले गए । लेकिन लाली चुप चाप वहीं फर्श पर लेटी आंसू बहा दिया पर लाला को याद करते रहे । लाला तो मुझे अकेला छोड गए । साथ ले जाते हैं फॅार लाली घटनाओं पर अवलोकन करती रही और सुबह अपनी सोच नहीं थी । खुद कहाँ और कपडे का पूरी रात चलती रहे । सुबह उठकर देवर देवरानी लाली पर भडक पडे लाली ये नौटंकी बंद कर लाला ने खुद दुकान चिंटू को दिया । अब उसकी मर्जी जैसे दुकान चला दो वक्त की रोटी मिल रही है । भूख ही नहीं मारेगी । पहली चुपचाप उठकर अपने कमरे में चले गए । चुप चाप स्तर पर लेते हुए दीवार को देखते रहे हैं । अगला वाला को याद करते हुए बडबडाती रहे हैं । किसी निराली की सुन नहीं उसने दो दिन तक कुछ नहीं खाया तो आप अपना शरीर कमजोर पहले ही था । अब उसमें जान भी नहीं रही है । लगभग बेहोशी की हालत में लाली बडबडाए जा रहे थे । लाली की बिगडी तबियत देखकर देवर देवरानी के होश उड गए । किसी पूरियाँ टपक गई तब उनके माथे सारा दोष माना जाएगा । डॉक्टर को बनाया गया डॉक्टर ने फौरन अस्पताल में भर्ती करवाया । नली द्वारा तबाह और खाना दिया गया । दो दिन बाद लाली की तबियत स्थिर हूँ और लाली करा है । घर में देवर देवरानी लाली पर कर्म हो गए । लाली भूखी रहकर हमें धन के मतलब हम तो भारी इन हरकतों से डरने वाले नहीं तो दिन अस्पताल में पैंतीस हजार रुपए का मिला गया । कोई खबर है कि नहीं, रुपए कौन भरेगा? फॅमिली कुछ नहीं बोले, बस दोनों का मुद्दा दे रहे हैं । देवर बोल मेरा मूड क्या देख रही है । बोल अस्पताल का बिल कौन भरेगा? लाली जबसे लाला मारा है मुझे कितने रुपये दिए और कितने अपने पास रखें, मुझे नहीं मालूम हूँ । कुछ बस इतना मालूम है कि पिछले दो तीन महीने से एक छोटा रुपया नहीं दिया तो आपकी सारी कमाई तो हूँ मुझे चिंटू की चिंता इस छोटी उम्र में इतना शराब पीना अच्छी बात नहीं है । उसे समझाओ हूँ । मेरी फिक्र करना छोड दूँ । बस एक काम करता हूँ । कुछ हरिद्वार की बस में बिठा दो और थोडे रुपये थे तो अब बच्चे दिन हरिद्वार में प्रभु का चिंतन करोगे वरना तो चक्कर का लाला के साथ हमारा बैंक में खाता है । चार लाख रुपए जमा कर रखे हैं । हमें बताया तक नहीं । हवा दिखाई ॅ लग जाएगी । हमने कोई रुपए नहीं देने । पासबुक मेरे हाथ लग गई । तब मुझे मालूम हुआ अस्पताल का खर्चा भी हमारे पालने डाल दिया हूँ । लाली ने धीरे से जवाब दिया होते थे । दो चार दिन बाद तबियत ठीक हो जाएगी । मैं हरिद्वार चले जाएंगे । अब मेरी चिंता छोड तो बस समय रहते । चिंटू को संभाल देवर देवरानी तीव्र गति से उसके कमरे से बना हुआ है और लाली सोचने लगे डाला इस आपका पडता था । उसने मेरे साथ बैंक में जॉइंट अकाउंट खोला हूँ और एक टाइम क्लॉक, अरविदा, दुकान और बैंक के काम लाला खुद करता था । मुझे तो कभी काम आरॅन ले जाता है । लगा हमेशा कहता था घर और बच्चे और अब संभाले है तो खान मार्ग संभाले । जो मानती थी, लाला देता था । कुछ दुकान देखने की कभी जरूरत ही नहीं पडी । खिला भी कभी रसोई में नहीं जाता था । अगले दिन लाली ने देवर से बैंक पासबुक मांगी । देवरा ने अस्पताल में खर्चे में रुपये का तकाजा किया । लाली ने तो कह दिया अस्पताल का खर्च उठाकर तुमने कोई ऐसा नहीं किया । लाला हमारे पांच महीने हो गए और दुकान की सारी कमाई तुमने अपने पास रखे ऍम उस हिसाब में मेरे अस्पताल का खर्च भी लिख लो । देवरानी लाली का मुख देखती रह रहे हैं । फिलहाल ही में इतनी हिम्मत कैसे नहीं? लाली ने पहुंचाकर अपने खाते की जानकारी ली । बचत खाते में चार लाख रुपए ऍम भी चार लाख रुपए । हरिद्वार यात्रा के लिए कुछ रुपए बैंक से निकाले । लॉकर खोलकर देखा । घर में दुकान के कागज और कुछ नहीं । कागज निकाल कर खाली लाकर बैंकों वापस कर दिया । अगले सुबह सबसे पहले तडके पांच बजे लाली ने बिना किसी को बताए घर से रुखसत लिए । दिल्ली से बाहर आने पर उॅचे जाने के लिए रिक्शा लिया । दस मिनट में लाली बस घंटे पढती है । पहली बस पकडकर हरिद्वार के लिए रवाना हो गई । पांच घंटे बाद लाली हरिद्वार पहुंच गए । बस ऐसे रिक्शा पकडकर भवन पहुंची है । लाली लाला के संग हर वर्ष हरी द्वारा दी थी । पिछले भवन प्रबंधक लाली को जानता था । लाली ने कमरे में सामान रखा और आराम कर के सफर की थकान मेदारी शाम को भगवन के मंदिर में लाइट प्रभु वजन गुनगुनाने लगे । प्रभुजी एहसान तुम्हारे का घंटे चल नहीं था तो मैं कैसे पतला चुका हूँ । क्या है जन्म? जन्म से भटक रही बन माया का दास शर्म आ गए । फॅमिली भजन में मांगना है । उसके समीप एक युवा छोडा भाग घर बैठ गया । कुछ देर बाद लाली ने आंखे खोली । उसी वहाँ छोडे को देखकर फॅमिली मांॅ मतलब प्लाॅन भी आए हैं । कल सुबह मसूरी जाएंगे प्लानिंग आजकल कहा हूँ मंदिर लॅा मैं नोएडा गया हूँ । लाली पहले बंगलौर में देना मनना अब नोएडा में अच्छी नौकरी मिल गई है । लाली तो तरक्की कर रहा हूँ । ईश्वर बरकतें लाली ने मान लो और उसकी पत्नी को डेरों आशीर्वादी मंडल लाली की बहन का पुत्र अगले दिन फोटो मसूरी चले गए । पवन प्रबंधक श्री राम और लाला दोनों बचपन के मित्र के एक साथ स्कूल बनाना करते थे । स्कूल की पढाई के पश्चात लाला दुकान खोली और श्रीराम भवन का प्रबंधक बन गया है । श्री राम परिवार सहित भवन में रहता था तो काम रेशन काम के परिवार को स्थाई रूप से आवंटित है । श्री राम और लाला परिवार के हर सुख और तक आपस में बांटे थे । श्री राम ने लाली को दो दिन तक चाहते पूछा तब लाली की आंखों से आंसू निकलने लगे । लाली की प्रथा सुनकर श्री नाम क्या है चलाते है ऍम गलत कर रहे हैं । लाली हाला के बाद उन दोनों की नजरें बदल गई हैं । मैं तो चलता क्या जाता हूँ । किसी का फायदा उठा रहे तो महात्मा कहते दौडता था आज शराब पीकर आॅथोरिटी देने मालूम निकल भी बंद करते हैं । सत्तर रुपया उनका तीन धर्मात्मा ही बात है ऍम पहली बार देखें ऍम कुछ समझ में नहीं आता क्या करूँ समस्या का महीना समाधान बच्चा भी समझ नहीं आना । लाली कुछ तो करना पडेगा नहीं तो फॅमिली ईश्वर ही कठिन दिन दिखाता है । वही नया रास्ता बताता हूँ । मालूम नहीं वो दिन कब आएगा? श्री राम ऍम मैं कुछ सोचता हूँ तो इतनी भक्ति कर देशभर करी सहायता अवश्य करेगा । चाहते बात मान लो । मसूरी से बात है और लाली से कुछ दिन उसके साथ नोएडा में कुछ करने का अनुरोध किया । श्री राम के कहने पर लाली ने अनुरोध स्वीकार कर लिया ऍम लाली अकेले जीवन का अच्छा बहुत मुश्किल है तोडे तनमन ओके संग्रह हूँ और दूसरे रिश्तेदारों से भी जिस के संबंध हमें बाहर हूँ, कुछ माहौल बदलेगा तब प्रचार कर रहे हैं पर सकारात्मक सोच से नहीं ऊर्जा उत्पन्न होगी फॅार कुछ सोचता हूँ और तुम्हारे दीवार से पानी पी करूँ । मनाली बन्दों के साथ नोएडा चली गई । श्री राम की सलाह लाली को रह जाएँ । मान लो और उसकी पत्नी मार भी दोनों नौकरी करते थे । सुबह आठ बजे घर से निकलते थे और वापस रात आज बच्चे आ गए । लाली उनके लिए खाना बनाती और घर के कुछ काम भी करने लगे । मनो और मानवीय से लाली को फॅमिली, लाली आंटी लालियां अंडे कहते हुए डाली । आंटी के कौन सबके सामने कहते जिससे संचालिका सीना एक तरफ से फूल जाता है । लाली को रुपये तो नहीं देते । पतला ली का पूरा खर्च वहन करते । लाली मन्ने और मानवी के संग रहकर खुश है । सोचने लगी एक तरफ देवर देवरानी ने उसका जीना दोपहर कर दिया था । सब कुछ उनका ही तो था तो कान और उसकी कमाई । चिंटू कही तो महीना था । मेरा क्या खर्च? सिर्फ दो समय करने वाला और तो जोडी कपडे उन्होंने फोर्टी पसंद नहीं आया । चिंटू को पत्र की तरह वाला और एक है कि उसकी बहन का पुत्र और उसे अपनी माँ से भी बढकर दे रहा है । जहाँ तक मिले नहीं रहना चाहिए । दुकान लाला के नाम थी जिसमें उसने खरीदी थी । मकान किराये का था जिसमें लाली देवर देवरानी के परिवार के साथ रहती थी । किरायानामा तेवर के नाम था लाली सात आठ महीने बाद फिर से हरिद्वार गयी । भवन में श्री राम ने उसका कुशलक्षेम पूछा । लाली श्री राम भाई आपने नहीं दुनिया में जी रही हो । देवर देवरानी ने चीन के ऊपर कर दिया था । मंडोर मानवी ने इराक पर बैठा लिया । सब सब होता तब ध्यान रखते हैं । श्री ना डाली फिर भी चौकस रहना दोनों नौकरी करते हैं इसलिए उन्हें घर संभालने के लिए तुम्हारी जरूरत है । लाली खिलाना भाई मैं समझते हैं मेरी बहन उनके साथ नहीं रह सकती है । एक चीज और छोटे बच्चों की देखभाल करनी है । वो कोई भर्ती मेरी बहन बन्दों के साथ नहीं रह सकती है । मैं तो रह सकती हूँ मेरे पास कोई काम नहीं जब देवर देवरानी रखते नहीं है जिस चिंटू को बेटा मना उसने आंखें दिखाई पहन के बच्चे मेरे बच्चे हैं क्षेत्र हम भाई मेरे अपने बच्चे होते हैं तब भी मैं आपका कर और बच्चे समझते हो । प्रकृति का नियम है कुछ पाने के लिए कुछ देना पडता है कुछ प्यार पाने के लिए कुछ प्यार तो देना पडेगा श्री राम बुरा मत मानना बहुत कम लाली श्री राम भाई पेज जब कहूँ श्री नाम तो के पास रह रही हूँ तो कान लाला की खरीदी हुई है तुमने उसे चलाना नहीं तो बीस लाख मानो उसको भेज कारॅपोरेट करके ब्याज की रकम से आपने गुजारा करता हूँ । किसी पर महाराज नहीं बनोगी और तब सब तुम्हारी बात करेंगे तो फॅमिली श्री राम तो हरी रायॅल सही है इसमें तो मेरी मदद करनी होगी । दुकान का खरीददार टून्ना और फिर सौदा कर रहा था । काम ले नहीं ये सपने अकेली जान नहीं कर सकते । श्री राम ने हामी भरी है और दिल्ली में अपने परिचय जनों को दुकान बेचने का सेम हूँ । जबसे लाली ने घर छोटा था देवर देवरानी ने उसकी कोई खोज खबर नहीं क्योंकि जब उन्हें मालूम हुआ की लाली मन्नू के पास रह रही है तब निश्चिंत हो गए कि कोई उन पर उंगली नहीं उठाएगा की लाली को उन्होंने घर से निकाला । अब उन्होंने स्वाइन रिश्तेदारों में बात फैला दी की लाली ने खुद मनो के साथ रहने के लिए घर छोडा । चिंटू की गलत आदतों के कारण दुकान पर कम ध्यान देता हूँ । नशे में लाभ और पूंजी खत्म हो गए । दुकान में नया सामान आया नहीं जिस कारण ग्राहक धीरे धीरे काम होते हैं और दुकान बंद हो गई । लाली के सुन कर सन्न रह गई की दुकान पिछले चार महीने से बंद है और उस पर ताला पडा है । ताली को बाजार में पडोसी दुकानदार जानते थे । उनकी गवाही में दुकान के ताले की दूसरी चाबी बनवाई । दुकान खुली और खाली मिले थाली दुकान देखकर लाली को पडे जिस दुकान पर लाला ने अपनी संत के आप जान लगा दी थी उसको उसी के चाहे दिल आॅटो जैसे अपने बेटे से भी अधिक मारा और समझा उसमें हर को सब अंडे देने वाली मुर्गी को हलाल कर दिया । श्री राम की मदद से लाली ने दुकान बेचती और प्राप्त रकम को बैंक आॅफ करती हूँ । इस तरह लाली ने अपने भविष्य को सुरक्षित कर लिया । लाली की देवर देवरानी को जब दुकान बैठने की खबर मिली तब बहुत देर हो चुकी नहीं । अब स्थायी रूप से लाली मनोहर मानवी के साथ रहने लगी । चार छह महीने बाद हरिद्वार और ऋषिकेश जाकर कुछ समय व्यतीत कर दी और फिर वापस मनमोहन जी के पास लौटा नहीं । लाली का जीवन ईश्वर भक्ति और मान लो मानवी के साथ प्रेम से भी नहीं लगा हुए हैं । जब से शरण तुम्हारी खुशी की घडियां मना रहे हैं करे बयान कैसे तुम्हारी जवान में डाले पडे हैं सुना था जैसा वैसा ही पाया तो खुशी बहुत भारी है हमको तो रहेंगे छत मत में हम हमेशा यही दिलो में उठाने हुए हैं लिया मोहब्बत में नाम तुम्हारा तो हुआ है रोशन ये तेल हमारा मेरे घर में जहाँ रोशन जिधर भी देखो वो जमा कर रहे हैं बाहर गुलशन की है तो हो सकता है हमारी शौहरत है तो मुझ से इसी वजह से आप कार्यस्थल पर तुम्हारे घर पर खडे हुए हैं की है शहर की नजर जो होता है निसार जिंदगानी हो तुम पर तुम्हारे कदमों पर मेहरबान सर चुका है बडे हुए हुआ है हस्ती जहाँ पे सारी जो ना कि उलफत तुम्हारे उन्हीं के देखो इस जहाँ में जहानों के लाले पडे हुए हैं करेंगे हर तब हम याद कर रहे हैं अगर इनायत हो तुम्हारे दस बचता है कृष्ण प्यार है में अचार्य सुना रहे हैं कोई है जबसे शरण तुम्हें खुशी की घडियाँ मना रहे हैं करे बयान क्या सिर्फ एक दम आ रहे हैं जब आप डालेंगे बडे हुए हैं
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