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 भाग 02 in  |  Audio book and podcasts

भाग 02

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‘कहानी एक आई.ए.एस. परीक्षा की’ में पच्चीस साल का विष्णु अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता और भ्रम से बाहर निकलने तथा शालिनी को शादी के लिए मनाने के तरीके ढूँढ़ता है। हालात तब और भी दिलचस्प, हास्यास्पद और भावुक हो जाते हैं, जब विष्णु ‘माउंट IAS’ पर विजय पाने निकल पड़ता है। अपनी पढ़ाई और अपने प्यार को जब वह सुरक्षित दिशा में ले जा रहा होता है, तब उसे IAS कोचिंग सेंटरों की दुनिया में छिपने का ठिकाना मिल जाता है। क्या शालिनी अपने सबसे अच्छे दोस्त के प्यार को कबूल करेगी? क्या विष्णु असफलता की अपनी भावना से उबर पाएगा? क्या हमेशा के लिए सबकुछ ठीक हो जाएगा? जानने के लिए सुनें पूरी कहानी।
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भाग दो । विष्णु लोहिया नगर पहुंचा, जो सिविल सेवाओं के लिए कोचिंग सेंटरों का केंद्र था । वहाँ मौजूद कोचिंग सेंटरों की संख्या देखते ही वहाँ अचंभित हो गया । कितनी संख्या अधिक है लखनऊ से उम्मीदवारों की संख्या या लखनऊ में मौजूद कोचिंग सेंटरों की संख्या वहाँ सोचने लगा । गली में आगे बढने पर उसने उन उम्मीदवारों के कटआउट्स और पोस्टर देखें, जिन्होंने अभी अभी प्रारंभिक परीक्षा उतरन की थी । नेताओं और फिल्मी सितारों के पोस्टर और कटआउट और पोस्टर दिखाई देना बहुत सामान्य सी बात है । लेकिन प्रारंभिक परीक्षा उतरे करने वाले लोगों के पोस्टर विष्णु को बहुत भव्य लग रहे थे । विष्णु ने पिता को अपनी बेटी के बारे में बात करते भी सुना हुआ कटाउट देखो मेरी बेटी का है । पिता ने कहा अरे वाह! कलेक्टर बन गई है । दूसरे व्यक्ति ने पूछा लगभग बात नहीं गई है । मुझे बात इतना सुनिश्चित करना है कि मैं कोचिंग सेंटर को फीस कि बची हुई राशि दे दो । मेरे हुए उसे अच्छी तरह कोच करके आईएस बना देंगे । पिता ने घरों से कहा तो ऐसी बात है । मैं भी अपने बेटे को इसी कोचिंग सेंटर में दाखिला लेने को कहूंगा । फिर वहाँ भी कलेक्टर बन जाएगा और दोनों खुशी खुशी बात करते हुए वहाँ से चले गए । अगला विज्ञापन बैनर देखकर विष्णु लगभग बेहोश हो गया, जिसमें लिखा था ऊपर आईएस कोचिंग सेंटर कक्षा नौ के छात्रों के लिए फॅस । एक दस दो हजार से इतने सारे भव्य बैनर कटाउट और पोस्टर देखने के बाद विष्णु ने स्वयं कोचिंग सेंटर का परीक्षण करने का फैसला किया । वहाँ उसी में दाखिला लेगा जहाँ वहाँ सबसे ज्यादा सहज महसूस करेगा । उसने सोचा कोचिंग सेंटर एक पूरा या आंशिक रिकॅार्ड पूछा । फुल टाइम कोर्स ही करना है । विष्णु ने कहा, मैंने भुगतान के बारे में पूछा था । पूरा या आंशिक पूरा भुगतान? विष्णु ने अपनी जेब में रखे दस हजार रुपयों के विश्वास के साथ कहा, ठीक है टैक्स सहित पूरा भुगतान आपको एक लाख बत्तीस हजार रुपए का करना होगा । माफ कीजिए यह सिविल सर्विसेज परीक्षाओं का सेंटर लेना था । रिसेप्सनिस्ट मुस्कराहट के साथ उसे घूमते हुए जवाब दिया, आपको नहीं लगता यह राशी कुछ ज्यादा ही बडी है । सर पचास हजार रुपये वैकल्पिक विषय के लिए हैं । पचास हजार रुपये सामान्य अध्ययन के लिए है, बीस हजार टेस्ट सीरीज के लिए है और बाकी टैक्स है सार किंडरगार्डन की सीटों के भी बीस हजार रुपए लगते हैं और आप तो आईएएस अफसर बनने जा रहे हैं । फिर वो सोच रहे हैं रिसेप्सनिस्ट ने जवाब दिया ही है । मैं आपसे बाद में मिलता हूँ । विष्णु पहले कोचिंग सेंटर से निकलकर बाहर आ गया । कोचिंग सेंटर नंबर दो विष्णु का लगा जैसे वह फोटो गैलरी में प्रवेश कर रहा है । वहाँ सिविल सेवाओं की सभी टॉपरों की तस्वीरें कोचिंग सेंटर के मालिक के साथ लगी थी । विष्णु तस्वीरों के बगल से निकल गया । लेकिन एक तस्वीर में उसका ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया । कोचिंग सेंटर के मालिक की एक ऐसे आईएएस टॉपर के साथ तस्वीर जो कश्मीरी था । क्या कोई वास्तव में उत्तर प्रदेश के इस कोचिंग सेंटर में दाखिला लेने के लिए इतनी दूर कश्मीर से आएगा? विष्णु सोचने लगा आगे कोचिंग मालिक की अन्य तस्वीरें भी थी एम्स टॉपर के साथ आईआईटी टॉपर के साथ जीत में टॉपर के साथ बाहर भी । बोर्ड की परीक्षा के टॉपर के साथ रिसेप्शन में प्रवेश करते हुए विष्णु बहुत मुश्किल से आपने हंसी रोक पा रहा था । जैसे ही उसने कमरे में प्रवेश किया, एक स्वचालित कैमराज जमा था । वो ये पूछताछ के लिए कोचिंग सेंटर में आए हुए आकांक्षियों की तस्वीरें भी लेते हैं । वहाँ मन ही मन हसा स्वागत है सर हमारे कोचिंग सेंटर में दाखिला लेने के लिए धन्यवाद रिकॅार्ड कहा मैंने कब दाखिला लिया? विष्णु को चक्कर आ गया तो वहाँ तो अब अंत में ले ही लेंगे । सर बस फॉर्म भर दीजिए । आपकी फोटो पहले ही ली जा चुकी है । हमारे पूरे देश में सबसे कम है सर । पिछले साल सिविल सेवा परीक्षाओं में सभी सात सौ ऍम हमारे छात्रों के द्वारा ही हासिल की गई थी । लेकिन पिछले साल तो केवल छह सौ अस्सी रिक्त थी । उन्होंने बाद में संख्या बढाई थी । सर, आप अभी उन सब बातों के बारे में मत सोच है । हम सुनिश्चित करेंगे कि आप परीक्षा पास कर ले । एक बार आप मुख्य परीक्षा पास कर लेंगे तो हम एक विशेष इंटरव्यू कोचिंग के लिए अपने खर्च पर दिल्ली ले जाएंगे । विष्णु अब इस कोचिंग सेंटर के बारे में भी जान गया था । आप कौन कौन से विषयों की कोचिंग देते हैं? हम सभी तेईस विषयों की कोचिंग देते हैं जिनकी यूपीएससी अनुमति देता है । सर ठीक है, मैं आप से जल्दी मिलता हूँ । वैसे मैंने देखा कि आपने पिछले साल के सिविल सर्विसेज एग्जाम टॉपर की फोटो भी वहाँ लगाई है । वहाँ तो कश्मीर हैं । वहाँ यहाँ कैसे पढा । उसने ऍम कोर्ट से पढाई की थी । सर तुरंत जवाब आया । विष्णु बिना एक शब्द बोले वहाँ से निकल गया । उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसे हटना चाहिए या बुरा महसूस करना चाहिए । उसमें फैसला किया कि वहाँ पहले कोचिंग सेंटरों की समीक्षा देखेगा और फिर उसे जो सबसे ठीक लगेगा उसमें दाखिला लेगा । उसने अपने कार्य स्टार्ट कर दी और तभी उसने हरी को देखा । हर एक कैसे हो आए? विष्णु आजकल टेबल टेनिस खेलने नहीं आ रहे हो । क्या बात है क्या? तो मैं फेल होने का बुरा लग रहा है । अरे नहीं हार बस मैंने थोडे दिनों की छुट्टी ली है । जल्दी आना शुरू करूंगा । वैसे तुम का जा रहे हो । विष्णु ने पूछा । ऊपर बाॅस के उम्मीदवारों के साथ मेरा एक इंटरैक्टिव सेशन है । अब जबकि मैंने प्रीलिम्स पास कर लिया है, मैं उनका मार्गदर्शन कर सकता हूँ । हरी ना । पास में लगे पोस्टर की ओर इशारा करते हुए कहा, सुपर बेस्ट कोचिंग सेंटर प्रिलिम्स टॉपर हरी के साथ इंटरैक्टिव सत्र, प्रवेश शुल्क सौ रुपए बाहरी । मुझे नहीं पता था कि ये लोग प्रिलिम्स के अंक और डॉक्टरों के नामों की घोषणा भी करते हैं । मुझे तो सच में लगता था कि वे केवल इतना बताते थे कि आप पास हो गए हैं फेल । खैर तुमसे जल्दी मिलता हूँ । विष्णु ने मुस्कुराकर कहा और कार घर की और बढा दी । दाखिला ले लिया । विष्णु घर पहुंचा तो उसके पापा ने पूछा नहीं सभी के सभी अजीब से हैं । उनमें से ज्यादातर या तो उम्मीदवारों से पैसे रखना चाहते हैं या उन्हें और अधिक प्रसिद्ध और पैसा पाने के लिए ज्यादा की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं । कोचिंग सेंटर का यह पूरा धंधा आज बहुत बडा पैसा बनाने का उद्योग बन चुका है । विष्णु ने उदास स्वर में कहा था तो तुम क्या सोच रहे थे वे लोग यहाँ काम चैरिटी के रूप में करते हैं । सभी पे से आज पैसे कमाने के उद्योग बन गए हैं । आखिर मैं भी तो अपने मरीजों से पैसे लेता हूँ । हाल लेकिन आप बहुत ज्यादा फीस नहीं वसूलते । आप नाम मात्र की फीस लेते हैं और फिर भी अपने मरीजों पूरा ध्यान रखते हैं और बढिया इलाज करते हैं । इसी तरह कोचिंग सेंटरों की फीस लेने में कुछ गलत नहीं है । किसी को दान नहीं चाहिए लेकिन फीस उचित होना चाहिए और उनका काम अच्छी गुणवत्ता वाला । यहाँ बाद में भूल रहे हैं केवल एक दो जगह जहाँ कर सभी कोचिंग सेंटरों के बारे में एक जैसी धारणा मत बनाओ । वहाँ कुछ अच्छे सेंटर भी होंगे । अपने दोस्तों से बात करो । इंटरनेट पर कुछ समीक्षाएं ढूंढने की कोशिश करो तो मैं निश्चित रूप से एक अच्छा कोचिंग सेंटर मिल जाएगा । उसके पापा ने कहा उनके पापा उपदेश संख्या चौदह हजार तीन सौ चौबीस के लिए शुक्रिया । विष्णु ने कहा और अपने कमरे में चला गया । वहाँ अपना लेपटॉप लेकर बैठ गया और लखनऊ में मौजूद कोचिंग सेंटरों की सूची देखने लगा । यह सूची उसका डिजिटल संस्करण थी, जो उसने सुबह लोहियानगर में देखी थी । उसने परीक्षा की तैयारी कर रहे अपने कुछ दोस्तों से बात की और कुछ ऐसे लोगों से जिन्होंने प्रीलिम्स परीक्षा उतरन कर ली थी, बेसक खरीद नहीं और उन्होंने उसे ग्रेट माइंड्स कोचिंग सेंटर जाने का सुझाव दिया । उन्होंने उसे नए वैकल्पिक विषय के रूप में लोग प्रशासन याने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का चुनाव करने की सलाह भी दी । जो विष्णु अपनी ओर से पर्याप्त शोध करने के बाद खुद भी करना चाहता था तो फैसला ग्रेड माइंड के पक्ष में हुआ और अगले दिन विष्णु वहाँ पहुंच गया । ग्रेट माइंड्स लोहिया नगर के केंद्र में था । दो अन्य कोचिंग सेंटरों के बीच स्थित था । सेंटर की ओर जाते हुए विष्णु शालिनी के बारे में सोच रहा था । चालीस से उसके बाद हुए पंद्रह दिन बीच चुके थे । वे अपने टाइम आउट की अवधि में थे और विष्णु दिन पर दिन और अधिक बैचैन और असुरक्षित होता जा रहा था । उसे यह भी महसूस हो रहा था कि उसके लिए शालिनी के दूर रहने और भावनाओं को समझने के विचार का सम्मान करना महत्वपूर्ण था । विष्णु के लिए अब तक कुछ नहीं बदला था, सिवाए इसके कि शालिनी के लिए उसकी चाहत बढती जा रही थी । इन दिनों उनके बीच कोई मेल, फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सएप, फोनकाल यहाँ तक कि निरर्थक सल लाल रंग का पोस्ट बॉक्स भी नहीं था । ग्रेट माइंड्स कोचिंग सेंटर की लॉबी, भूतल परिस्थिति, जहाँ एक सख्त से देखने वाली पचपन छप्पन वर्ष की चश्मा धारी महिला ने विष्णु का स्वागत किया, गुड मॉर्निंग चाहिए । उसमें पूछा, मैं यहाँ कोचिंग के बारे में पूछताछ करने आया हूँ और अगर मुझे ठीक लगा तो नामांकन करना चाहूंगा । ठीक है हमारा सेंटर सामान्य अध्ययन और चार वैकल्पिक विषयों लोग प्रशासन, भूगोल, मनोविज्ञान और समाज शास्त्र में कोचिंग प्रदान करता है । फीस, टेस्ट, सीरीज कर इत्यादि सहित प्रतिशत पांच हजार रुपये हैं । लेकिन हम स्पष्ट रूप से प्रदर्शन उन्मुख हैं । हम नियमित परीक्षणों के अलावा हर तीन महीने में आप का मूल्यांकन करेंगे और अगर आपकी प्रगति संतोषजनक नहीं होगी तो आपको सीधे बाहर कर दिया जाएगा । ही भी गए । मैं दाखिला ले लूंगा, लेकिन यह तो लगभग प्राइमरी स्कूल की तरह है । अब मैं समझा यहाँ ज्यादा भीड क्यों नहीं है? क्या हमें क्लास के लिए यूनिफॉर्म में बहन नहीं होगी? विष्णु ने अपने मन की बात कह दी हूँ । ऐसे क्या यहाँ एक चुटकला था? वृद्ध महिला ने पूछा और विष्णु को एक फॉर्म भरने के लिए दे दिया । आपके बुनियादी ज्ञान और योग्यता की जांच के लिए बहु विकल्पीय उत्तरों के साथ आपकी एक छोटी सी लिखित परीक्षा होगी । फिर मेरे साथ एक छोटा सा इंटरव्यू होगा, जिसके बाद मैं आपको दाखिला दे दूंगी । अगर आप चाहेंगे तो महिला ने सख्त आवाज में कहा, वैसे आप कौन हैं? विश्व में पूछा इस कोचिंग सेंटर के निदेशक श्रीमती गीता यादव विष्णु ने उन पर एक दृष्टि डाली और फॉर्म भरने लगा । फिर उसे छोटे से कमरे में ले जाकर एक प्रश्न पत्र थमा दिया गया । बिना समय बर्बाद की है । वहाँ प्रश्नों के उत्तर देने लगा । काफी आसान थे और विष्णु को लगा कि वे केवल यह सुनिश्चित करने के लिए पूछे गए थे कि उम्मीदवारों के पास कोचिंग लेने के लिए आवश्यक न्यूनतम ज्ञान था या नहीं । अब छोटे से इंटरव्यू का समय है । पंद्रह मिनट बाद श्रीमती गीता ने पुकारा और उसने अपने सामने बैठने के लिए कहा । विश्वनाथ आपको क्या लगता है वहाँ कौन सी चीज है जो आप को बढत देती है और जिसकी वजह से आप को लगता है कि आप सफल होंगे और अपने विरुद्ध प्रतिस्पर्धा करने वाले लाखों उम्मीदवारों को हरा देंगे? श्रीमती गीता ने पूछा, मैं केवल अपने खुद के प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करता हूँ । मैं बस व्यवस्थित रूप से अपने तैयारी करने से बिना इस बात की चिंता की है कि दूसरे क्या सोचते हैं । मुझे सफलता मिलनी चाहिए । विष्णु ने जवाब दिया, आप कौन से वेकल्पिक विषय का चुनाव करना चाहेंगे? पब्लिक ऍम क्या आपने इस विषय पर अच्छी तरह विचार कर लिया है? जी मेम कर लिया है । मैंने कहा की सोच रहे हैं और कई लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का चुनाव किया है । मैं बिना सोचे समझे कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग का चुनाव करके पहले ही काफी समय बर्बाद कर चुका हूँ । इसलिए मैं दोबारा बिना सोचे चीजों के चुनाव करने की गलती नहीं दोहराउंगा । यहाँ लेट डेढ साल के लिए करो या मरो की लडाई होगी जिसमें आपके लिए जबरदस्त चुनौती और दबाव होगा । क्या आप इसके लिए तैयार हैं? मुझे नहीं पता है कि मैच में करो या मरो की स्थिति में रहूंगा या नहीं । मैं मैं बस इतना जानता हूँ कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी एक निश्चितता का चक्र है । मैं उसके बाहर या तो सफल हो, कब निकलूंगा या असफल हो । कर परिणाम के बारे में सोचने और खुद पर दबाव डालने की बजाय मैं तैयारी की इस प्रक्रिया का पूरा अंदर लेना चाहूंगा । विष्णु ने जवाब दिया, कक्षाएं सोमवार सुबह दस बजे से आरंभ होगी । आपका नामांकन हो चुका है । ऍम विष्णु ने कहा और फीस का भुगतान कर दिया ।

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‘कहानी एक आई.ए.एस. परीक्षा की’ में पच्चीस साल का विष्णु अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता और भ्रम से बाहर निकलने तथा शालिनी को शादी के लिए मनाने के तरीके ढूँढ़ता है। हालात तब और भी दिलचस्प, हास्यास्पद और भावुक हो जाते हैं, जब विष्णु ‘माउंट IAS’ पर विजय पाने निकल पड़ता है। अपनी पढ़ाई और अपने प्यार को जब वह सुरक्षित दिशा में ले जा रहा होता है, तब उसे IAS कोचिंग सेंटरों की दुनिया में छिपने का ठिकाना मिल जाता है। क्या शालिनी अपने सबसे अच्छे दोस्त के प्यार को कबूल करेगी? क्या विष्णु असफलता की अपनी भावना से उबर पाएगा? क्या हमेशा के लिए सबकुछ ठीक हो जाएगा? जानने के लिए सुनें पूरी कहानी।
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