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14. Boond Boond se Sagar Banta Hai in Hindi

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AuthorMahendra Dogney ( MD motivation )
Chanakya (Kauṭilya) is known to be one of the greatest philosophers, advisors, and teachers in the Indian history. It was he who helped Chandragupta Morya to rise to power and inscribe his name as one of the greatest kings ever in Indian history. Chanakya’s book is famously known as Chanakya Neeti-Shastra or Kauṭilya Niti. Chanakya’s wisdom and wits help the present-day man as well to think in the broader spectrum. He is attributed as the pioneer of arthshastra (Economics). His knowledge about Politics, kings, market, and money is so accurate that it is still relevant for the present times. Chanakya Niti was originally written in Sanskrit language but later translated into English, Hindi and many other languages. Listen to the audiobook based on Chanakya Niti in Hindi either online or download it for free. It is one of the best audiobooks available in our collection. It is this book, Chanakya Niti, which helps you achieve anything in your life and plan accordingly. चाणक्य (कौटिल्य) भारतीय इतिहास के महानतम दार्शनिकों, सलाहकारों और शिक्षकों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने ही चंद्रगुप्त मोरया को सत्ता में आने में मदद की और भारतीय इतिहास में अब तक के महानतम राजाओं में से एक के रूप में अपना नाम अंकित किया । चाणक्य की किताब को चाणक्य नीति-शास्त्र या कौटिल्य नीति के नाम से जाना जाता है। चाणक्य की बुद्धि और बुद्धिमत्ता वर्तमान व्यक्ति को व्यापक तौर पर सोचने में भी मदद करती है । उन्हें आर्थशास्त्र के पुरोधा के रूप में जाना जाता है । राजनीति, राजाओं, बाजार और धन के बारे में उनका ज्ञान इतना सटीक था कि यह आज भी वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक है । चाणक्य नीति मूल रूप से संस्कृत भाषा में लिखी गई थी लेकिन बाद में अंग्रेजी, हिंदी और कई अन्य भाषाओं में अनुवादित किया गया। चाणक्य नीति पर आधारित ऑडियो बुक को हिंदी में या तो ऑनलाइन सुनें या फिर मुफ्त में डाउनलोड करें। यह हमारे संग्रह में उपलब्ध सर्वोत्तम ऑडियो बुक में से एक है। यह पुस्तक चाणक्य नीति है, जो आपको अपने जीवन में कुछ भी हासिल करने और तदनुसार योजना बनाने में मदद करती है।
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हमेश करता हूँ । अभी तक आप सुन रहे थे चाणक्य नीति का अध्याय । अब हम बढ रहे हैं बारह अध्याय क्यों आप सो रहे हैं फॅमिली साथ तो चलिए आरंभ करते हैं बार बार है के आरंभ में शिक्षण के कहते हैं कि घर आनंद से युक्त हो, संतान मध्यमान हो, पत्नी मधुर वचन बोलने वाली हो, इच्छापूर्ति के लायक धन हो, पत्नी के प्रति प्रेम भाव हो, आज्ञाकारी सेवक हो, अतिथि का सत्कार पारसी शिव की पूजा हूँ । घर में में स्थान शीतल जल मिला करें और महात्माओं का सत्यन प्रतिदिन मिला करें । ऐसा घर सभी आश्रमों से अधिक धन्य हैं । ऐसे घर का स्वामी अत्यंत सुखी और सौभाग्यशाली होता है । आगे समझाते हैं कि जो पुरुष अपने वर्ग में उदारता, दूसरों के वर्ग पर दया दोनों के वर्ग में दूसरा उत्तम पुरुषों के वर्गों में प्रेम, दुष्टता से सावधानी, पंडित वर्ग में कोमलता, शत्रु में वीरता, अपने बुजुर्गों के बीच शहर सकती, स्त्रीवर्ग में धूर्तता, आर्थिक लाओ में चतुर है । ऐसे ही लोगों से इस संसार की मर्यादा बंदी हुई है । स्थान और समय के अनुसार जो कार्य करता है वहाँ चतुर है । आगे समझाते हैं कि जो व्यक्ति दान, दया, धर्म से वंचित होकर गलत तरीके से कमाए गए धन पर अहंकार करते हैं वहाँ नीच होते हैं । ऐसे व्यक्ति को अपने शरीर से मुझे नहीं करना चाहिए । भाव यह है कि मनुष्य को इस शरीर से अच्छे कर्म करना चाहिए । आगे चल के कहते हैं कि अभी वसंत ऋतु में काॅपर पत्ते नहीं आते हैं तो इसमें बसंती का क्या दोष है । पूरी सबको प्रकाश देता है पर यदि दिन में उन लोग को दिखाई नहीं देता तो इसमें सूर्य का क्या दोष । किसी प्रकार वर्षा का जल चार तक के मुंबई नहीं पडता तो इसमें मेंगो का क्या दोष है । इसका अर्थ है कि भाग्य प्रबल है और अटल है उसे कोई नहीं मिटा सकता । आगे कहते हैं कि अच्छी संगती से दोस्तों में भी साधुता आ जाती है । उत्तम लोग उसके साथ रहने के बाद नहीं नीचे नहीं होते हैं । फूल की सुगंध को मिट्टी तो ग्रहण कर लेती है पर मिट्टी की गन को फूल ग्रहण नहीं करना । आगे चालक की सामाजिक स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताते हैं कि वास्तव में देंगे हाथ में से कोई बडा नहीं हो जाता है । किसी से कोई चीज मांग कर उसे वापस दे देने से कोई दानी नहीं बन जाता है । परन्तु आज की स्थिति तो यही है कि आदमी समाज की विषम परिस्थितियों के मध्य किए मकोडों की भर्ती अपना जीवन का आता है । आगे कहते हैं कि सत्य मेरी माता है । पिता मेरा ज्ञान है, धर्म मेरा भाई है । दया मेरी मित्र हैं । शांति मेरी पत्नी हैं और शाम मेरा पुत्र है । ये छह मेरे बंधु बांधव है । कहते हैं कि सभी शरीर ऍम है । सभी धन सब दिया चलायमान है और मृत्यु निकट हैं । ऐसे में मनुष्य को सदेव धर्म का संचय करना चाहिए । इस प्रकार यह संसार नश्वर है । केवल सत्तर में ही नियुक्ति अस्थायी है । हमें इन्ही को अपने जीवन का बनाना चाहिए । कहते हैं कि जो व्यक्ति दूसरों की स्त्री को, माता के समान, दूसरे के धन को, अंकल के समर्थक और सभी जीवों को अपने सामान देखता है वहीं पंडित या विद्वान है । आचार्य चाणक्य समझाते हैं कि बिना विचार के धन खर्च करने वाला, अकेले रहकर झगडा करने वाला और सभी जगह व्याकुल रहने वाला मनोज शीघ्र ही नष्ट हो जाता है । यहाँ के समझाते हैं की जितनी चादर हो उतने ही पैर चलाना चाहिए । बिना हिमायती के क्षत्रों से झगडा करना उचित नहीं है । हर समय चिंता में रहने से स्वास्थ्य शुरू हो जाता है और आदमी असमय ही अपने आप को खत्म कर लेता है । आगे समझाते हैं कि वृद्धिमान पुरुष को बहुजन की चिंता नहीं करना चाहिए । उसे केवल एक धर्म का ही चिंतन मनन करना चाहिए । वास्तव में मनुष्य का आहार तो उसके जान के साथ साथ ही पैदा होता है । आगे कहते हैं कि धन और अन्य के व्यवहार ने विद्या ग्रहण करने में, भोजन करने में और व्यवहार में जो व्यक्ति कभी लग जा नहीं करता हूँ, सदेव सुखी रहता है । समझाते हैं कि मनुष्य को धर्म के लिए भी थोडा थोडा समय अपने व्यस्त जीवन से निकालना चाहिए क्योंकि थोडा थोडा ही बहुत हो जाता है । समझाते हैं कि जो दोस्त है उम्र के अंतिम पडाव तक दुसरे ही रहता है । जिस प्रकार इंद्रायन का फल पक जाने के बाद भी कटुता नहीं छोडती हूँ और मीठा नहीं हो जाता है, किसी किसी का स्वाभाविक गुण बन जाता है । जो जीवन भर उसका पीछा नहीं छोडा वह जैसे हैं आखिर तक वैसा ही रहता है । लेकिन आप अपनी जिंदगी का मकसद बनाई है कि आप अपने आपको अच्छाई की और बदलते रहेंगे । यहाँ पर अध्याय बारह की समाप्ति होती है । अब हम करते हैं अध्याय तेरा की ओर आप सुन रहे हैं फॅसा

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Chanakya (Kauṭilya) is known to be one of the greatest philosophers, advisors, and teachers in the Indian history. It was he who helped Chandragupta Morya to rise to power and inscribe his name as one of the greatest kings ever in Indian history. Chanakya’s book is famously known as Chanakya Neeti-Shastra or Kauṭilya Niti. Chanakya’s wisdom and wits help the present-day man as well to think in the broader spectrum. He is attributed as the pioneer of arthshastra (Economics). His knowledge about Politics, kings, market, and money is so accurate that it is still relevant for the present times. Chanakya Niti was originally written in Sanskrit language but later translated into English, Hindi and many other languages. Listen to the audiobook based on Chanakya Niti in Hindi either online or download it for free. It is one of the best audiobooks available in our collection. It is this book, Chanakya Niti, which helps you achieve anything in your life and plan accordingly. चाणक्य (कौटिल्य) भारतीय इतिहास के महानतम दार्शनिकों, सलाहकारों और शिक्षकों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने ही चंद्रगुप्त मोरया को सत्ता में आने में मदद की और भारतीय इतिहास में अब तक के महानतम राजाओं में से एक के रूप में अपना नाम अंकित किया । चाणक्य की किताब को चाणक्य नीति-शास्त्र या कौटिल्य नीति के नाम से जाना जाता है। चाणक्य की बुद्धि और बुद्धिमत्ता वर्तमान व्यक्ति को व्यापक तौर पर सोचने में भी मदद करती है । उन्हें आर्थशास्त्र के पुरोधा के रूप में जाना जाता है । राजनीति, राजाओं, बाजार और धन के बारे में उनका ज्ञान इतना सटीक था कि यह आज भी वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक है । चाणक्य नीति मूल रूप से संस्कृत भाषा में लिखी गई थी लेकिन बाद में अंग्रेजी, हिंदी और कई अन्य भाषाओं में अनुवादित किया गया। चाणक्य नीति पर आधारित ऑडियो बुक को हिंदी में या तो ऑनलाइन सुनें या फिर मुफ्त में डाउनलोड करें। यह हमारे संग्रह में उपलब्ध सर्वोत्तम ऑडियो बुक में से एक है। यह पुस्तक चाणक्य नीति है, जो आपको अपने जीवन में कुछ भी हासिल करने और तदनुसार योजना बनाने में मदद करती है।
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