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17. Paisa Khone Ke Baad Kma Sakte Hai, Sarir Nahi in Hindi

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AuthorMahendra Dogney ( MD motivation )
Chanakya (Kauṭilya) is known to be one of the greatest philosophers, advisors, and teachers in the Indian history. It was he who helped Chandragupta Morya to rise to power and inscribe his name as one of the greatest kings ever in Indian history. Chanakya’s book is famously known as Chanakya Neeti-Shastra or Kauṭilya Niti. Chanakya’s wisdom and wits help the present-day man as well to think in the broader spectrum. He is attributed as the pioneer of arthshastra (Economics). His knowledge about Politics, kings, market, and money is so accurate that it is still relevant for the present times. Chanakya Niti was originally written in Sanskrit language but later translated into English, Hindi and many other languages. Listen to the audiobook based on Chanakya Niti in Hindi either online or download it for free. It is one of the best audiobooks available in our collection. It is this book, Chanakya Niti, which helps you achieve anything in your life and plan accordingly. चाणक्य (कौटिल्य) भारतीय इतिहास के महानतम दार्शनिकों, सलाहकारों और शिक्षकों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने ही चंद्रगुप्त मोरया को सत्ता में आने में मदद की और भारतीय इतिहास में अब तक के महानतम राजाओं में से एक के रूप में अपना नाम अंकित किया । चाणक्य की किताब को चाणक्य नीति-शास्त्र या कौटिल्य नीति के नाम से जाना जाता है। चाणक्य की बुद्धि और बुद्धिमत्ता वर्तमान व्यक्ति को व्यापक तौर पर सोचने में भी मदद करती है । उन्हें आर्थशास्त्र के पुरोधा के रूप में जाना जाता है । राजनीति, राजाओं, बाजार और धन के बारे में उनका ज्ञान इतना सटीक था कि यह आज भी वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक है । चाणक्य नीति मूल रूप से संस्कृत भाषा में लिखी गई थी लेकिन बाद में अंग्रेजी, हिंदी और कई अन्य भाषाओं में अनुवादित किया गया। चाणक्य नीति पर आधारित ऑडियो बुक को हिंदी में या तो ऑनलाइन सुनें या फिर मुफ्त में डाउनलोड करें। यह हमारे संग्रह में उपलब्ध सर्वोत्तम ऑडियो बुक में से एक है। यह पुस्तक चाणक्य नीति है, जो आपको अपने जीवन में कुछ भी हासिल करने और तदनुसार योजना बनाने में मदद करती है।
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नमस्कार जाती है । अभी देखो आप सुन रहे थे चाणक्य नीति का तेरे बाद है अब हम भर रहे हैं चौदह हो । आप सुन रहे हैं फॅमिली के साथ । तो चलिए आरंभ करते हैं जिंदगी के सीख देने वाली बात के साथ । शुरुआत करते हुए श्री चाहे के कहते हैं कि इस पृथ्वी पर तीन ही रतन है जल, अन्य और मधुर वचन बाॅंटी इसकी समझ सकता ऍम लोग पत्थर के टुकडे को ही रतन कहते हैं । जल और अन्य के बिना मनुष्य का जीवन बिल्कुल भी संभव नहीं और मधुर वचनों के बिना समाज में विचरण कहना मुश्किल है । कटु वचन करने वाले का कोई भी अगर नहीं करता, मनुष्य भी अध्यन के मार कर चलता है तो उसे अपने जीवन में उपयुक्त दुखों का सामना करना पडता है । धन, मित्र, स्त्री और प्रति ये बार बार प्राप्त होते हैं परंतु मनुष्य का शरीर बार बार नहीं मिलता । इस लोग में चढा के मानव के शरीर का महत्व बताते हैं । उनके अनुसार मानव शरीर चौरासी लाख योनियों में भ्रमण करने के उपरांत हमें प्राप्त हुआ है । यह अत्यंत दुर्लभ है । इसमें ईश्वर का स्मरण किया जा सकता है । आगे चल के कहते हैं की है एक निश्चित तथ्य है कि बहुत से लोगों का समूह ही शत्रु पर विजय प्राप्त करता है । जैसे वर्ष की धार को धारण करने वाले मेरे के जाल को इनको के द्वारा तीन किसी बना छप्पर ही रोक सकता है । भाव यह है कि एकता में बडा बाल होता है बडी से बडी शक्ति से टकरा सकता है । आगे समझाते हैं कि पानी में तेल, दुष्ट व्यक्तियों में धो, अपनी बातें उत्तम पात्र को दिया गया । दान और बुद्धिमान के पास शास्त्रज्ञान नहीं थोडा भी हो तो वो स्वयं अपनी शक्ति से विस्तार पा जाते हैं । भाव यह है कि जिस प्रकार पानी में डाला गया जरा सा तेल भी फैल जाता है । दोस्तों में पहुंची गोपी बातें चारों और फैल जाती है और बुद्धिमान का थोडा सा भी शास्त्रज्ञान काफी लोगों को प्रभुत्व करता है । ज्ञान का विस्तार इसी प्रकार होता है अर्थात सभी चीजों का अपना अपना महत्व होता है । आगे बहुत ही बडी बात समझाते हैं कि धार्मिक कथा सुनने पर शमशान में चिताह को जलते देखकर रोगी को अगस्त में बडे देखकर जिस प्रकार मेरा के भाव उत्पन्न होता है वहाँ यदि स्थिर है तो यह सांसारिक मोहमाया व्यक्त लगते हैं । परंतु स्थिर मान शमशान से लौटने पर फिर से मोहमाया में फस जाता है । आगे समझाते हैं की चिंता करने वाले व्यक्ति के मन में चिंता उत्पन्न होने के बाद की जो स्थिति होती है, हर था उसकी जैसे बुद्धि हो जाती है । वैसे बुद्धि यदि पहले से ही होती तो भला किसका भाग्योदय नहीं होता । यहाँ समझाया गया है कि गलत कार्य करने के उपरांत पश्चताप के समय उसकी जैसी निर्मल बुद्धि हो जाती है । यदि वैसी निर्मल बुद्धि पहले से ही रही होती तो किसका भला या कल्याण नहीं होगा । आगे समझाते हैं कि दान, तपस्या, वीरता, ज्ञान, नम्रता किसी में ऐसी विशेषताओं को देखकर आश्चर्य नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दुनिया में ऐसे अनेक रतन भरे पडे हैं । समझाते हैं कि जो जिसके मन में हैं वहाँ से दूर रहकर भी दूर नहीं और जो जिसके हिरदय में नहीं है, मैं समीर रहते हुए भी दूर है । भाव यह है कि सच्चा प्रेम हिरदय से होता है, उसमें दूरी का अच्छा पास होने का कोई भी जगह नहीं होता । सच्चे प्रेम में प्रिय हर समय आंखों के सम्मुख रहता है । आगे जाने की कूटनीति की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि जिससे भी अपना हित साधना हूँ उसे साडी प्रिया बोल बोलना चाहिए । जैसे मैं आपको मारने के लिए बहेलिया मीटर सफर में गीत गाता जाता है । राजा, अग्नि, गुरु और स्त्री इनसे सामान्य व्यवहार करना चाहिए क्योंकि अत्यंत समीप होने पर ये नाश के कारण होते हैं और दूर रहने पर इनसे कोई फल प्राप्त नहीं होता । भावना है कि इन से व्यवहार करते से मैं मध्यमार्ग अपना नवीन जैसे करने और नागौर जैसे नीट है । ज्यादा दूरी भी नहीं और ज्यादा पास भी नहीं । आगे समझाते हैं कि अगली पानी स्त्रियाँ मूड साफ । राजा को उसे निकट संबंध सावधानी से करना चाहिए क्योंकि ये छह तत्काल प्राणों को हरने वाले होते हैं । समझाते हैं कि जिसके पास गढ है, उसके पास धर्म है, वहीं जीवित है, गुड और धर्म से भी है । व्यक्ति का जीवन निरर्थक है । चाहे के समझाते हैं कि यदि एक ही कर्म से समझाते संसार को वर्ष में करना चाहते हो तो पंद्रह खो से विचरण करने वाले मन को रखो अर्थात उसे वर्ष में करूँ । ये पंद्रह लाख कौन कौन से हैं? ये है मुंबई आठ । कान नाक जीव तो हाथ पैर, लिंग, गुदा रो ऍम यहाँ समझाते हैं कि यदि एक ही कर्म से सारे संसार को वर्ष में करना चाहते हो तो परनिंदा करना बंद कर मन को वर्ष में करना और परनिंदा न करना दोनों ही उचित लगते हैं । ऐसा करके आपके हाथों में वशीकरण मंत्र की शक्ति आ सकती है । आगे कहते हैं कि जो प्रस्ताव के योग्य बातों को प्रभाव के अनुसार तो ये कार्य को या बच्चन को और अपनी शक्ति के अनुसार क्रोध करना जानता है । वहीं अगले पंडित है अर्था प्रसंग अनुकूल बात करनी चाहिए । यदि प्रसन्नता का मौका है तो उसमें प्रसन्नता की बात होनी चाहिए । इसी तरह अन्य योग्यताओं का भी वर्णन किया है । आगे कहा है कि एक ही वस्तु को तीन दृष्टियों से देखा जा सकता है । जैसे एक सुंदर स्त्री को एक योगी मृतक के रूप में देखता है । कामों व्यक्ति उसे कामिनी के रूप में देखता है और कुत्ते के द्वारा मांस के रूप में देखी जाती है । भावना है कि नारी की सौंदर्यता दृष्टिभ्रम मात्र है । प्रत्येक व्यक्ति हर चीज को अपनी अपनी दृष्टि से दिखता है । आचार्य चढा के समझाते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति नहीं है जो अति शिंदे दवा को, धर्म के रहस्य को, धर्म के दोष को । मैं तो था संभव की बातों को, स्वाधीन भोजन को और अतिकष्टकारी मृत्यु को किसी को न बताएं । भाव यह है कि कुछ बातें ऐसी होती है जिन्हें समाज से छिपाकर रखना चाहिए और आगे समझाते हैं कि दोस्तों का साथ त्याग सज्जनों का साथ करो, दिन रात धर्म का आचरण करो और प्रतिदिन इस अनित्य संसार में नीति परमात्मा के विषय में विचार करना, उसे याद कर यहाँ पर समाप्ति होती है । चौदह है कि अब हम आगे बढते हैं । पंद्रह याद है क्या आप सुन रहे हैं? फॅमिली साथ हूँ हूँ, ऍम हूँ हूँ अच्छा हूँ हैं ।

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Chanakya (Kauṭilya) is known to be one of the greatest philosophers, advisors, and teachers in the Indian history. It was he who helped Chandragupta Morya to rise to power and inscribe his name as one of the greatest kings ever in Indian history. Chanakya’s book is famously known as Chanakya Neeti-Shastra or Kauṭilya Niti. Chanakya’s wisdom and wits help the present-day man as well to think in the broader spectrum. He is attributed as the pioneer of arthshastra (Economics). His knowledge about Politics, kings, market, and money is so accurate that it is still relevant for the present times. Chanakya Niti was originally written in Sanskrit language but later translated into English, Hindi and many other languages. Listen to the audiobook based on Chanakya Niti in Hindi either online or download it for free. It is one of the best audiobooks available in our collection. It is this book, Chanakya Niti, which helps you achieve anything in your life and plan accordingly. चाणक्य (कौटिल्य) भारतीय इतिहास के महानतम दार्शनिकों, सलाहकारों और शिक्षकों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने ही चंद्रगुप्त मोरया को सत्ता में आने में मदद की और भारतीय इतिहास में अब तक के महानतम राजाओं में से एक के रूप में अपना नाम अंकित किया । चाणक्य की किताब को चाणक्य नीति-शास्त्र या कौटिल्य नीति के नाम से जाना जाता है। चाणक्य की बुद्धि और बुद्धिमत्ता वर्तमान व्यक्ति को व्यापक तौर पर सोचने में भी मदद करती है । उन्हें आर्थशास्त्र के पुरोधा के रूप में जाना जाता है । राजनीति, राजाओं, बाजार और धन के बारे में उनका ज्ञान इतना सटीक था कि यह आज भी वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक है । चाणक्य नीति मूल रूप से संस्कृत भाषा में लिखी गई थी लेकिन बाद में अंग्रेजी, हिंदी और कई अन्य भाषाओं में अनुवादित किया गया। चाणक्य नीति पर आधारित ऑडियो बुक को हिंदी में या तो ऑनलाइन सुनें या फिर मुफ्त में डाउनलोड करें। यह हमारे संग्रह में उपलब्ध सर्वोत्तम ऑडियो बुक में से एक है। यह पुस्तक चाणक्य नीति है, जो आपको अपने जीवन में कुछ भी हासिल करने और तदनुसार योजना बनाने में मदद करती है।
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