Made with in India
और हार ये ना हिम्मत चलिए जानते हैं दूसरे दिन के बारे में श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने अपनी पुस्तक में क्या लिखा है? हम जिन भारतीय संस्कृति हर की विचारधारा का प्रचार करना चाहते हैं उससे समस्त कष्टों का निवारण हो सकता है । राजनीतिक शक्ति द्वारा आपके अधिकारों की रक्षा हो सकती है, पर जिस स्थान से हमारे सुख दुख की उत्पत्ति होती है, जिस स्थान से हमारे सुख दुख की उत्पत्ति होती है, उसका नियंत्रन राजनीतिक स्थिति नहीं कर सकती हूँ । यह कार्य आध्यात्मिक उन्नति से ही संपन्न हो सकता है । मनीष को मनीष बनाने की वास्तविक शक्ति भारतीय संस्कृति नहीं । यह संस्कृति हमें सिखाती है कि मनुष्य मनीष से प्रेम करने को पैदा हुआ है, लडने मरने को नहीं । अगर हमारे सभी कार्यक्रम की ढंग से चलते रहे तो भारतीय संस्कृति का सुनिए गए अवश्य होगा आप हारी ऍम