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उसे रजिया का सौदा इंतजार नहीं करना पडा । चलती रजिया वहाँ गई कोई जानने को बहुत ऍम फौजी अब कहाँ है? कमांडर में सबसे पहले उसे मिलिट्री खेल के बारे में बताया और ये बताया कि उसने वो जानकारी किस तरह हासिल की थी । जी हां उस जगह के बारे में सुन कर ही रहे हैं, अब क्या कर रहा है? प्रजा ने पूछा अब हमने सबसे पहले शीर्षक उसको जेल की पूरी डिटेलिंग पता करनी है जो किसी तालाब के नीचे बनी है और जिसमें सुल्तान फौजी पसंद है । डिटेल की सर पता लगेगी उसका इंतजाम भी मैंने सोच क्या है? कमांडर बडा फिलहाल हम दोनों हसन साबरी के घर जा रहे हैं । असम साबरी के खत्म जो जो मिट्टी जेल का जेलर हैं उसके घर जी हाँ लेकिन वहाँ तो तो सारा खेल देखती जाऊँ । कमांडर एक एक शब्द जमाता हुआ बोला तो मैं काम करूँ अपने चेहरे पर थोडा में कब शुरू कर लो ताकी हसन साबरी उसके फैमिली मेम्बर अगर कभी तो मैं बाद में हैदर अली के घर में देख ले तो चौंकना पडेगा । ठीक है मैं भी अपने मेकअप का इंतजाम करती हूँ । रजिया वहाँ से चली गई और जब तकरीबन आधे घंटे बाद लौटी तो अपने साथ कुछ मेकअप का सामान लाएगी । कमरे में आते ही फॅमिली के सामने खडी हो गई । उसने सबसे पहले अपने सर पर सुनहरी बालों का एक ब्रेक लगाया । आंखों में नीले रंग की काॅल्स लगाए । अंदर दूसरे कमरे में जाकर अपनी छातियों कोई चौडे कपडे से कसकर बांधा जिससे वह काफी नीचे दब गई । रजिया ने अपने हाथ पैर और चेहरे पर एक खास किसका लोशन भी लगा लिया था जिससे उसकी संगत थोडी यहाँ हो गई थी । कुछ ही देर में रजिया करूँ पूरी तरह चेंज हो चुका था । अब वो आवारा टाइप की एक ब्लॉन्ड कल नजर आ रही थी और कमांडर रजि अपना सुनहरे बाल लहराती हुई करन सक्सेना के सामने आएगा । कैसी लग रही है ऍम सच में अब मैं देख कर कोई नहीं कह सकता कि तुम क्या हो क्या नहीं । असम साबरी के घर पर हमला बोलने के लिए तैयार बिल्कुल हसन सॉरी की कोठी इस्लामाबाद के पॉश कॉलोनी में बनी हुई थी । असम साबरी का ज्यादा लंबा चौडा परिवार नहीं था । एक बीवी थी शबाना हसन साबरी जितनी फॅमिली का मालिक था शबाना उतनी ही सीट सवाई सी और अब सहारण । एकदम पतला दुबला जिसमें आपके अंदर कोई ऐसी हुई उस अनशन कोठी में बैठी ऐसी नजर आ रही थी जैसे झाडू पहुंचा करने वाली कुछ नौकरानी । असम साबरी के पंद्रह साल का बेटा भी था । जब फॅमिली की किस्मत अच्छी थी तो चावल हूबहू अपने बात पर गया था । अब उसी की तरह ऍम मालिक था पास वहीँ छोटा सा परिवार । हसन की खूबसूरत दुनिया दोपहर के तीन बज रहे थे । जब हसन के परिवार पर आप बताइए कॉल बल्कि आवाज सुनकर चावल दरवाजा खोला । सैयद वो सामने खडे कमांडर करन और रजिया पर नजर डालता हूँ । बोला किसी से मिलना है हिसाब हिसाब से मिलना है नहीं जावत नपातुला जवाब दिया कोई और घर पर है । जी रहे मम्मी और मेरे सिवा कोई नहीं है । कमांडर की आंखें चमकने लगी । हालांकि जो काम अप करने चाह रहा था उसे बिल्कुल पसंद नहीं था लेकिन कभी करेंगे । देश की खातिर मिशन की खाते हैं । उसे ऐसे काम भी करने पडते थे जो बिल्कुल पसंद नहीं थे । क्या बात है जा रहे हैं तभी पीछे से शवाना दिया गई थी । कौन है ये लोग? मालूम नहीं नहीं गाडी से मिलना चाहते हैं । मैंने बोल दिया वो घर पर नहीं है क्या इस वक्त वो नौकर चाकर भी आपकी कोठी पर नहीं है । कमांडर में कोई भी कदम उठाने से पहले पूरी तस्दीक करनी चाहिए नहीं मगर नौकरी आपको क्या मतलब? ऍसे मतलब समझाया ये पता चलते ही की कोठी पर वो दोनों अकेले हैं । उसने फौरन अपनी जेब से कोर्ट रिवॉल्वर निकाल ली थी । रिवॉल्वर हाथ में आते ही उसकी उंगलियों की डेढ फिर पानी की तरह होने और फिर उसमें एकदम दौड पर शबाना को दबोच लिया और उसके गले के पास रिवॉल्वर रखती ऍम बहुत लोग उसी पल रजिया के हाथ में भी बॅाल नजर आने लगी थी । वो चावल को धकेलकर अंदर फॅमिली चढाई और फिर उसके पलक झपकते ही जाॅन नहीं तो आप क्यों नहीं देते? फॅार जवाब देने के बजाय उसको भी ऐसी और उसको बेदर्दी से काॅफी के पास ले गया । फिर उससे शबाना को कुर्सी पर पूरी तरह फटका और फिर अपनी जेब से प्लास्टिक की डोरी निकालकर उसके हाथ पैर कुर्सी के साथ तस्कर मानती है फॅमिली किया और चावल के हाथ पैर वित्त को उसी तरह कुर्सी के साथ मंत्रालय । इतना ही नहीं उसमें चावल का भी कपडे से भर दिया था । ज्यादा कुर्सी पर बंदे बंदे पूरी तरह कुछ चलने लगा तो कुछ बोलते नहीं ऍम लोग क्यों हमारे घर से होगा, ऍम नहीं । उसे पसंद कर देने वाली नजरों से खोला और फिर उसके ऊपर एक ऐसा छापा मारा जिसके अंतिम शब्द एक लंबी दहशत माँ चीफ में बदल गए । हाँ पहला सवाल कमांडर उसके बाल पकडकर पूरी तरह से जुडे । धीमी आवाज में बात करो बेवकूफाना क्योंकि अगर तुम्हारे चीज में की आवाज तुम्हारे मोहल्ले पडोस वालों ने सुनी तो उसका खामियाजा भी तो मैं ही भुगतना पडेगा । और जहाँ तक मेरे नाम का सवाल है तो मुझे कमांडर करन सक्सेना कहते हैं शायद पहले कभी तुमने मेरा नाम सुना है ऍम शाॅ संस्कारी खारिज हो गई । उसके नेत्र फैल गए । पाकिस्तान आज की तारीख में सब कौन आदमी था जो इस नाम से वाकिफ नहीं था? कमांडर करन सक्सेना रामशंकर चावल कभी कुछ सोचना एक काम रुक गया । उन के बीच जबरदस्त आतंक की लहर दौड गई थी तो तुम यहाँ आई हूँ । शबाना ने बेहद धीमी और काम का बाद में पूछा नहीं ये सूट तुम्हारा मुझे पसंद है । कमांडर ने डनहिल सिगरेट सुलगाई और फिर उसका ढेर सारा धुआं छत की तरफ उछाला । मेरे सारे हालात अच्छी तरह हूँ । कमांडर उसे एक मनगढंत कहानी सुनाता हुआ बोला । मैंने यहाँ आकर तुम्हारे ऍम साबरी के बारे में जो सवाल पूछा था कि वो यहाँ है क्या? नहीं तो सवाल गलत पूछा ना नौकरी के बारे में इसलिए सवाल किया था कि मालूम पड सके की कोठी में उस वक्त कितने आदमी है और उन्हें किस तरह काबू में किया जा सकता है । ऍम ऍम साबरी उस वक्त मेरे कबसे में है और मैंने उसे इस्लामाबाद में ही एक जगह बंदी बना रखा है । नहीं हमारे फॅमिली लग सकती है तो मेरे बेटे को गोली लग सकती है या फिर तुम्हारे शहर हो सकता है । लेकिन तुम मेरी शहर को तो पता रखा है वही बता रहा हूँ । अगर तुम मेरे बारे में जानती हो तो ये भी जानती होगी कि मैं यहाँ पाकिस्तान में सुल्तान फौजी को मौत की सजा देने आया ऍसे वो अभी तक मेरे गोली का निशाना नहीं बनाया । अभी तो हर शहर की बात होती है । उसी सुल्तान फौजी को आईएसआई ने मुझसे बचाने के लिए तुम्हारे शहर की जेल में शिफ्ट कर दिया है । शबाना के नेत्र फैल गए अच्छा तुम मुझे बहुत कैसे जाते हैं? सिर्फ इतना ही नहीं जानता मैडम बल्कि मैं ये भी जानता हूँ कि सुल्तान फौजी को वहाँ शीर्षक की एक ऐसी गुप खेल में शिफ्ट किया गया है, जो किसी तालाब के नीचे है । शबाना के दिमाग होने लगे लेकिन ये बात पूरी फॅमिली गई थी । जी हाँ सीक्रेट रखी गई थी । अंडर के फोटो पर दिलकश मुस्कान दौडी मगर फिर भी मुझे बात मालूम है और उसी से साबित होता है कि पाकिस्तान की जासूसी स्वस्थ कितनी मूड है । अब दूसरी पाल क्या जवानों की आती सिकोडकर गोल हो गई? मुझे तो मालूम है कि सुल्तान कोशिशें की किसी गुप्त जेल में रखा गया है । लेकिन मैं यह नहीं जानता कि वह जगह मिल्ट्री की उस जेल में कहाँ पर है और अगर वो उपजेल किसी तालाब के नीचे है तो उसमें घुसने का क्या तरीका है? बस मैं यही सब जानने के लिए हसन साबरी का किया था और उसे बुरी तरह टॉर्चर भी । लेकिन वो हसन साबरी हद से ज्यादा वतन पर साथ भी है । पूजित कोई इंफॉर्मेशन नहीं दे रहा है फॅमिली और फिर थोडा शबाना की तरफ झुककर बोला इसलिए अफसोस के साथ बता रहा हूँ कि मेरे आप नहीं अब उसे गोली मारने वाले हैं नहीं तो तो मेरे शौहर को नहीं मार सकते हैं । शबाना बेहद आतंकित होकर धीरे शर्मा चलाएगा तो मुझे नहीं मार सकते हैं । चिंता मत करो । काॅस्ट लगाने के बाद बडे ड्रामेटिक अंदाज में शवाना करता था तब तब आप चिंता मत करो । मेरी हसन साहब रिशब कोई दुश्मनी नहीं है । तुम्हारा शहर अभी भी बच सकता है मगर उसके लिए तो मैं थोडी कुर्बानी देनी होगी । कैसे करवानी शाॅल खडा हो गया । शीशे कि ग्रुप जेल की फुल देते तो मुझे हसन साबरी नहीं बता रहा है । फॅमिली वो रिटेल तो मुझे बता दो । अब रजिया भी बहुत शक की निगाहों से कमांडर को देखती रह गई थी । नहीं बहुत दिमाग का सफर दस खिलाडी था । किस तरह वो तमाम हालातों को अपने काबू में कर लेता था । किस तरह वो तेजी से शब्दजाल बंदा था । लेकिन जमानत ने कुछ कहना चाहते हैं नहीं । सवाल कोई नहीं ऍम ठोक दिया तुम्हारे पास । सिर्फ पांच मिनट है पांच मिनट के अंदर अंदर या तो तो मुझे उसको जेल की डिटेल बता दूँ और थी पांच मिनट बाद यहाँ से एक फोन करूंगा । फॉर्म मेरे आदमी तुम्हारे शहर को गोली मार देंगे । फिर तो बहुत होगी और यह बच्चा नहीं । जब बच्चा अनाथ हो जाएगा तो ऐसा नहीं कर सकते हैं । फॅमिली तो ऐसा नहीं कर सकते हैं । अब ये सोने देना या न होने देना तुम्हारे हाथ में है । मैडम तुम अपने शौहर की मौत की जिम्मेदार भी बन सकती हूँ और उस की आजादी की नहीं । तुम अपने बच्चे को आना भी बना सकती हूँ और उसे अनाथ होने से बचाती सकती हूँ तो कोई हमारे हाथ में है । फिर कमांडर करन सच्चा नहीं लगा है । आपने रिस्पॉन्स पर जाकर फीस हो गयी । याद रहे तुम्हारे पास पांच मिनट का वक्त है । निर्यात भी तेरे टेलीफोन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं । खडी किसी एक टिक टिक करती हूँ । धीरे धीरे आगे सरक में लगे जमाना के चेहरे पर अब जबरदस्त आतंकी चलते उसके किस्म का पुर्जा पुर्जा काम रहा था । घडी किसी आगे सकती जा रही थी । अच्छा वो भी आया जब पांच मिनट की अवधि भी पूरी हो गए । लगता है तो मैं भी अपने शहर की जिंदगी से कोई प्यार नहीं । कमांडर ने अब अपना रेस्टोरेंट वाला हाथ नीचे झुका दिया और उसके चेहरे पर खतरनाक भाव फैलते चले गए तो हम भिजवा बनना चाहती हूँ । अपने बेटे को अनाथ करना चाहती हूँ । ठीक है मैं फोन करता हूँ और अपने आदमी को आदेश देता हूँ कि वो फसल साबरी को फॉर्म गोली मार नहीं, बस आप खेल हो गया । वो शब्द कहने के बाद कमांडर करन सक्सेना तेजी के साथ वही रखे टेलीफोन की तरफ पडा और उसमें ऋषिवर उठा । नहीं नहीं अपने आदमियों को आदेश पर तो कमांडर शहर को मत मारो । ठीक है तो फिर मुझे जल्दी से उसको जेल की डिटेल बता दो । फॅार हाथ में लिए लिए उसकी भावनाओं से खिलवाड करता हुआ बोला मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं चलता हूँ । मैं बताती हूँ वो तो बताती हूँ ऍम मुझे अच्छा लगा कि तुम ना एक समझदार और फरमाबरदार पीढी बनकर दिखाया । कमांडर करन सक्सेना तुरंत टेलीफोन का रिसीवर रखकर उसकी तरफ पडता है । मुझे बहुत अच्छा लगा कि तुम ने अपने आप को एक सलीके मन और आना दिमाग और अच्छा किया । वर्ष और इतना वाला दिमाग नहीं है । अरे तो मुझे जल्दी सब कुछ बता दूँ । अगले ही पल शाॅल के बारे में सब कुछ पता तो चली गई । सबसे पहले डाल के बारे में बताया इसमें । मगर बाॅस बडे बडे केकडे पडे रहते हैं । फिर शीशे कि गुप्त जेल की रूपरेखा समझाई, हेलीकॉप्टर के बारे में बताया । रिमोट कंट्रोल और माइक सिस्टम के बारे में कुल मिलाकर वो एक एक पॉइंट बताती चली गई । दस मिनट में ही वो पूरी डिटेल्स बता कर चुप हो गई । बस कमांडर काॅप प्रभावित मुद्रा में बोला उसके अलावा और कोई नहीं नहीं उस चीज से रिलेटेड जितनी भी बातें हैं मैं आपको बता चुकी हूँ । रजिया भी उसको जेल के डिटेल्स सुनकर पहुंॅच इसमें कोई शक नहीं । सन साबरी ने उस तेहत बहुत खेल की जो परिकल्पना की थी वो भारत अंगेस्ट काबिले तारीफ थी । उसी पर हंगामा हुआ । ऍम आवाज में चलाई थी जैसे ढाई ढाई गोलियाँ हूँ । फॅमिली और घर वापस रवाना की तरफ खुल गया । हो सकता है उसने आंदोलित स्वर्ण बिछाने शाम के चार बज रहे हैं । ये समय तो चावल के डैडी जाने का होता है । वो कैसे हो सकते हैं? तो भरे कब से? मैं ऍम है तो हंड्रेड परसेंट शमसाबरी था । राॅकी तरफ देखा हाँ जल्दी से कपडा ऍम वहीं पडा तो पटना उठा लिया और वो से लेकर शाॅल रहे हो जमाना ने आतंकित मुद्रा में अपने हाथ ऍम इस की क्या जरूरत है । चुप रहूं कमांडर ने उसे चोट से फिर क्या क्या शाॅल पर चुप हो गई । उसी पंद्रह यानी चावत की तरह ही उसका भी कस करबंदिया यही बोपल था जब कॉलर फिर पडे पीठ के अंदर में होर से दो बार बजे फॅार निकालकर तेजी से दरवाजे की तरफ पड गया । उसने दरवाजा खुला है ऐसी उम्मीद थी । सामने हमेशा की तरह अपनी आंखों पर काला चश्मा चढाए । हसन साबरी खडा था । दरवाजा खोलने के बाद हसन साबरी के ने कहा जैसे ये अंदर के नजारे पर पडी, उसके नेत्र दहशत से फैल गए । ये ये सब क्या है? वो चीज था जबकि शबाना के निभा भी । जैसे ही हसन पडी तो भी पूरी तरह चौकी । लेकिन फॅमिली के मुँह से निकलने वाली तो पहली और आखिरी जीत साबित हुआ । कुछ और कहता हूँ उससे पहले ही कमांडर ऍम में आ गया था । वो एक दम उसकी तरफ खेल की तरह सकता । उस झपटने के दौरान ही उसके अपने रिवॉल्वर को नाल की तरफ से पकड लिया और फिर रिवॉल्वर की पैडल्का प्रचंड प्रहार असम साबरी की खोपडी पर गया और ठीक पडा ॅ चला गया और फिर वही ऍम ढेर हो गया । शबाना और चावल कुर्सी पर बंदे पति अब सोर्स ओर से उछल रहे थे । उच्च देखना चाहते थे लेकिन और सफल । तभी रजिया दौडते हुई कमांडर के पास पहुंचे । मर गया प्रजा के मुझे संस्कारी छोटी बनाएंगे सुनता है थोडी देर में से घोषणा जाएगा । उधर कमांडर असम साबरी के बेहोश जिस्म को कर सीखता हुआ अंदर रह गया । दरवाजा बंद करता हूँ । उसने रजिया से कहा रजिया ने फौरन पहले की तरह ही दरवाजा भीतर से बंद कर दिया है । लेकिन अब वहाँ का माहौल काफी बोझिल और खौफ से भरा हो गया था । हसन साबरी के सिर से खून भलवल करके निकल रहा था । डाॅन साबरी को उठाकर कुर्सी पर बैठा दिया और इससे पहले कि उसे हो जाता । कमांडर करन सक्सेना ने कुर्सी के साथ नायलोन की रस्सी से उसके हाथ ऍम और एक कपडे से उसका मुंह भी कसकर बांदिया चलती । हसन साबरी की हालत भी शबाना और चावल जैसी हो गई थी । अब क्या करोगे? रजिया ने उत्सुकतापूर्वक कमांडर की तरफ देखा । देखती जाए क्या करता हूँ उसमें कुछ शक नहीं । कमांडर का एक एक कदम काफी सूचा समझा और योजना पता था । उसके बाद कमांडर ऍम टेबल के सामने जाकर खडा हो गया था । फिर उसने अपनी जेब से छोटा साॅफ्ट निकाला तो वह साहब लाया था और जिसमें कुछ बडी अजीबो गरीब किस्म की चीजें भरी हुई थी । मैंने वो अपना तो बदलने के लिए इस्तेमाल करता था अब नहीं पर ऍम टेबल के सामने खडा होकर अपना काम करने लगा । हसन साबरी की खुशी कुछ इस तरह रखी हुई थी । उसका चेहरा बिल्कुल साफ साफ ड्रेसिंग टेबल के अंदर नजर आ रहा था । कमांडर की आंखें फसल साबरी के चेहरे पर टिकी हुई थी और उसके हाथ काफी तेजी से अपने चेहरे पर चल रहे थे । पूरे दो घंटे तक एक दम सीधा ट्रॅवेल के सामने खडा रहा और काम करता रहा है । इंडिया के साथ साथ शबाना और चावल भी रानी सोशल देख रहे थे । कोई नहीं समझ पा रहा था कि वह क्या कर रहा है । ठीक दो घंटे बाद जब कमांडर ट्रॅवेल के सामने चाहता तो सब के सब उसका चेहरा देखकर पहुंचकर रहेंगे तो खूब हूँ । हासिम साबरी का चेहरा था । उसके बाद कमांडर में सफेद पाउडर को थोडे से पानी में खुला और उससे अपने को रंगाला । पलक झपकते हीं उसके पास भी हसन साबरी की तरह सफेद छत हो गए है । उसने वॉडरोब के अंदर ऍम साबरी के कपडे निकाले और दूसरे कमरे में जाकर उन्हें पहन लिया । कपडे वगैरह पहन कर जब उस कमरे से बाहर निकला हूँ तब तक हसन साबरी को धीरे धीरे होश आने लगा था । जल्दी उसके आखिर पूरी तरह खुल गई । लेकिन आपको खोलना के बाद जैसे ही उसकी नजर कमांडर करन सक्सेना पडी पूरी तरह उछल पडा उसके सामने एक दूसरा हसन साबरी खडा था क्या और जहाँ पडे हसन साबरी आज तक ऐसे लाजवाब सीन तुमने सिर्फ फिल्मों में देखे होंगे देखा आज अपनी आंखों के सामने साक्षात देख रहे हो ऍम था हो सकता है मतलब सबसे पहले तो मैं आपका परिचय देता हूँ । नृणाम् कमांडर है कमांडर करन सक्सेना ऍम ऍम फट पडा । उसके नेत्र हैरतंगेज ढंग से पहले ज्यादा नहीं । कमांडर मुस्करा है । ज्यादा बुरी तरह बच्चा हूँ और हार्ट फेल हो जाएगा । जबकि कमांडर ने अब उसके चेहरे से काला चश्मा उतारकर अपने चेहरे पर चढा लिया था । आप हम दोनों को देखकर शॉप भी कोई बता सकता है कि हमने असली कौन है और नकली काॅलर विजेता जैसे अंदाज में बोला । बाहर हाँ, अब कमांडर करण सक्सेना का खेल शुरू होता है । कमांडर का खेल जब बात फिर पूरे पाकिस्तान को लाकर रख देगा ।
Writer
Sound Engineer
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