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कमांडर बेहद हताश की मुद्रा में इस वक्त कुर्सी पर बैठा था और डनहिल सिगरेट के छोटे छोटे कष्ट लगा रहा था । कॅरियर कैलाश उस वक्त भी उससे थोडे ही फैसले पर पडी थी और उसके चारों तरफ खून का तालाब सा बन चुका था । ऍम था । उसका दिमाग में खलबली मची हुई थी और वो सोच रहा था कि अब बम किस तरह हासिल किए जाएंगे । तभी उसे बम हासिल करने का एक तरीका सूझा हूँ । बिल्कुल नया तरीका । वो एकदम कुर्सी छोडकर खडा हो चुका था । उसने सबसे पहले ऍम उसका टोटल आपने ओवरआॅल फुर्ती से वही रखे ॅ की तरफ झपटा । अगले बार उसने आनन फानन में उस ऍम उस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का टेलीफोन नंबर तलाश करना शुरू कर दिया । पांच मिनट वो डाॅक्टरी के पन्ने पर जा रहा है । शीघ्र ही उसे ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का टेलीफोन नंबर भी मिल चुका था । नंबर ढूंढने के बाद टेलीफोन की तरफ झपटा जिसमें उसने कुछ देर पहले ही गोली मार दी थी तो कमांडर टाॅवर नाक कान से लगाया हूँ । उसने संतोष की गहरी सबसे उसमें टाइम होना रही थी । उन चालू था फोन चालू ऍम क्या हाॅल था साॅस योजना का पूरा खाका कमांडर काॅप तौर पर ठीक चुका था । अब वो अगले कुछ मिनट के भीतर एक बेहद चौंका देने वाला खेल खेलने जा रहा था । नंबर मिलने के बाद ही दूसरी तरफ घंटी जाने लगी हूँ । आॅर्डर्स अच्छा इस तरह चाहूँ कर बोला इस आवाज को वर्षों से जानता हूँ मैं ॅ क्या बोल रहा हूँ मैं ऍम कालिया का तकिया कलाम भी इस्तेमाल किया और शराब अब्दुल कलाम ऐसे मैं भी थोडी कमजोरी आ गई लेकिन लेकिन आपकी आवाज को क्या हुआ? सर वो कैसे बदल गई? मुझे थोडी ठण्ड ऍम हुई बना लेते हैं इसलिए वो भारी हो गई है और ऍम किया है तो यह सर क्या बात है तो बात बहुत ज्यादा कॉन्फिडेंशियल है । कमांडर रहस्यपूर्ण छोडने बोला इसका एक उसकी आवाज भी काफी धीमी हो गई थी । ऍम कश्मीरी आतंकवादियों का ट्रेंडस था । आज रात चुप फॅस करके पाकिस्तान से हिंदुस्तान पहुंचने वाला है लेकिन उसके पास प्रमुख कि कुछ कमी है । मुझे लोगों को फाॅर्स सप्लाई करने जाना है । वो लोग सिर्फ लोगों की सप्लाई का ही इंतजार कर रहे हैं । हाँ क्या करना है सर करना कुछ भी नहीं है । मैं अभी तक पहुंच रहा हूँ । तुम फौरन छह पेटी बम निकालकर तैयार हो ऍम अब्दुल्ल तत्परतापूर्वक कहा मैं अभी छह पेटी बॉम निकालकर तैयार रखता हूँ । मैं पूरे एक घंटे में सकती पहुंॅच ठीक है उसके बाद काम अंडरकरंट । सक्सेना ने आनन फानन कुछ काम और किए । उस योजना को कार्यान्वित करने में कमांडो ट्रेनिंग कमांडर करन सक्सेना के काफी कम आएगा । कमांडो ट्रेनिंग में जासूसों को एक पाॅइंट सिखाई जाती है । ऍफ की ये विशेषता होती है कि मृत व्यक्ति को आप दूसरे लोगों के सामने जीवित शोक कर सकते हैं । ऍम इब्राहिम कालिया पर उसी पल ट्रिक का इस्तेमाल किया उसने सबसे पहले दौड दौड कर लकडी की खबर छह घंटे करनी शुरू कर नहीं जब लकडी की काफी सारी खपच्चियाँ इकट्ठी हो गई तो फिर उसने कोठी के अंदर से ही नायलोन की रस्सी के कुछ टुकडे भी ढूंढ निकालेगी । फिर उसने ॅ और एक थोडी दस्ताने का भी उसी कोठी के अंदर से इंतजाम किया । जब पाॅप में काम आने वाला सारा सामान इकट्ठा हो गया तो फिर कोई फॅमिली पहुंचा जो खून से लथपथ पडी थी है उसने इब्राहिम कालिया के खून ऍफ कपडे उतारे । उसके बाद उल्लास को कशीदा हुआ बात उनके भी कर ले गया जहाँ फिर उसने लाश को पानी में खूब अच्छी तरह हो गया और उसके बाद ॅरियर विषयों को रगडकर पहुंचा चल रही लाश बिल्कुल फ्रेश हो चुकी है और अब उस पर खून का एक कतरा भी नहीं था । कमांडर इब्राहिम कालिया के इलाज को बहुत बढा कर पाते । हम से बाहर ले आया । फिर सोफे पर इस तरह बैठा दिया जिससे वहाँ कोई जीवित व्यक्ति बैठा हूँ है । उसने लाश के साथ कुछ महत्वपूर्ण काम और किए जैसे उसने लाश की पीठ पर लकडी की वो लम्बी लम्बी खपच्चियाँ नायलोन की डोरी से कसकर वाली तब के मुर्दा जिसमें आगे कोन इच्छुक सके और वो एकदम सीधा रहे । ऐसी एक लकडी की खपच्ची उसने राष्ट्रीय गर्दन में भी बांधी और कोहनियों से नीचे नीचे, दोनों हाथों में भी उसने लकडी की बच्चा वाले हैं । कुछ बहुत बारीक बच्चियाँ उसने सभी उंगलियों में बनी है । फिर उसने नायलोन की अलग अलग टोलियों से उन सभी बच्चों का इस तरह कॉम्बिनेशन क्या अगर उस अंगद से बंदी नालों की दूरी पकडते खींची जाए तो हम जिंदा इंसान की तरह बडे स्वाभावित तरीके से हरकत कर सके । ऍम कालिया के माध्यम पर भी नायलोन की दूरी कुछ इस तरह तस्कर बांधी कृष्टि गर्दन को दाएँ बाएँ मनचाही दिशा में घुमाया जा सके । सब कुछ पडा करिश्माई था और यही ऍम थी । उस महत्वपूर्ण काम को अंजाम देने के बाद कमांडर ऍसे निकालकर ऍम उसके नए तुले हुए कपडे पहनाए । पैरों में मुझे और जूते पहनाए । दोनों हाथों में दस्ताने पहनाए ताकि उंगलियों में बंदी खपच्चियाँ और नायलोन की डोरियां शिक्षा के सर पर हेड लगाया जिससे माथे पर बंदी दूरी छिप गयी । कुल मिलाकर कपडे वगैरह पहनने के बाद अब अब्राहम कालिया को देख कर कोई नहीं कह सकता था की वो एक व्यक्ति मारा हुआ है । उस सारे काम को निपटाने में आधा घंटे का समय लग गया । फिर कमांडर ने ब्राहिम कालियाका फैक्ट्री पास और उसकी कार की चाबी अपने खेत में रखी । उसके बाद कमांडर इब्राहिम कालिया को गोद में उठाकर कोठी से बाहर निकला । उस वक्त रात के ग्यारह बज रहे थे । इब्राहिम की सफेद कार पहाड पोस्ट में ही खडी थी । कमांडर ने सफेद कार कार ड्राइविंग डोर खोला और इब्राहिम कालिया की मृत्यु को फ्रंट सीट पर ही बिठा दिया । अब्राहम कालिया को बैठाने के बाद वो खुद भी उसका बराबर में ही ड्राइविंग सीट पर बैठ गया था । अगले ही पर सफेद पर रात के अंधेरे दें और हो तूफानी कभी से दौड रही थी । ऍम हासिल करने के लिए कमांडर को जितनी मेहनत करने पड रही थी तो वाकई बहुत हैरतंगेज बात थी । ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से थोडा पहले ही कमांडर करन सक्सेना नहीं सफेद का सडक के किनारे हैं । उसने अब्राहम कालिया की मृत्यु को कार के स्टेयरिंग के सामने बिल्कुल इस तरह बैठाया जैसे वही कार चला रहा हूँ । इस बार वो खुद काल के नीचे पायदान कर बैठ गया । कार कृषि शिप कल को सामने उस जगह ले गया जहां गेट पर चार कार्ड खडे थे । गार्डों के नजदीकी उसने कार्यों की कार रोक नहीं कमांडर काॅकलियर के पीछे पहुंच चुका था । उसके कोर्ट के अंदर से उस सभी नायलोन की डोरिया नीचे झांक रही थी जिनसे उनकी मृत्यु का जीवित व्यक्तियों की तरह संचालन किया जा सकता था । कार रुकते ही कमांडर ने सबसे पहले ड्राइविंग दूर का काला शीशा नीचे सरकार जैसे बाल था । जब गार्ड लम्बे ट्रक रखता हूँ, वह कार की तरफ पडा । काला शीशा नीचे सरकाते हुए उसने टॉर्च का प्रकाश इब्राहिम कालिया के चेहरे पर डाला । कलाम साहब फिर थोडे तेश्वर में बोला सलाम कमांडर करन सक्सेना ने नीचे पायदान पर बैठे बैठे रामेश्वर में जवाब दिया । उसी ऍम कालिया की गर्दन झटके से कार्ड की तरफ घूम चुकी थी । इसलिए ऐसा लगा जैसे वही बोल रहा हूँ । ऍम अच्छा हूँ । ऍफ करने के बाद कहा था क्या? कोई गडबड तो नहीं? नहीं साहब, कोई गडबड नहीं । राइट बोला हाँ, आज आपको इतनी रात गए । यहाँ देखकर जरूर हैरानी हो रही है । साहब क्या हुआ? एक बहुत जरूरी काम पड गया था । ऍर में ही कहा कश्मीरी आतंकवादियों का एक दस्ता गुजराती बॉर्डर क्रॉस करके हिंदुस्तान जाने वाला है । उसी दसवे को फौरन बमों की सप्लाई करनी थी । इसलिए अपनी रात गयी जहाँ जाना पड गया अब हम लेकर बॉर्डर पर जाएंगे साहब नई बॉर्डर पर नहीं । इस्लामाबाद में ही एक जगह वो आतंकवादी मेरा इंतजार कर रहे हैं । यहाँ आने से पहले मैंने अब्दुल को भी फोन कर दिया था ताकि वह बमों की बेटियाँ तैयार रखेंगे । चलती हूँ अब तो मेरा इंतजार कर रहा होगा । मुझे कार के अंदर बमों की पेटियां लगवानी है । अभी खोलता हूँ कार्ड मुड गया क्या बात है साथ? तभी दूसरा गार्ड बोला फॅर रखा है था मुझे ठंड लग रही है तो मॉडर्न एक डोरी खींचकर अब्राहिम । कालिया के चेहरे की दिशा थोडी और चेंज की देख नहीं रहे । मेरी आवाज भी कुछ हुई है । आज आप आ गई आपकी आवाज काफी बदली हुई है और ज्यादा ठंडा लगे । इसलिए मैंने आज अपने हाथों में दस्ताने भी पहन रखे हैं । ये देखो इब्राहिम कालिया के दस टन युक्त हार बडे स्वाभाविक अंदाज में हवा में उठकर लहराएगा वो तो है ही साथ आज तो आपने अपनी पूरी पैकिंग की हुई है । चलो चलते दरवाजा खोलो । कॅरियर के पीछे बैठा बैठा उन्हें भर्राए स्वर में बुला और सुनाओ क्या है? जाते हैं मेरा पास तो देख लो कमांडर ने ब्राहिम कालिया के दायें हाथ की उंगलियों में पास हटा दिया था । फिर उसने पीछे से दूरी खींची तो हाथ पास सहित ऊपर उठ गया । ऐसी बातें करते हो आप गार्ड आॅफ कभी कहीं पास देखा जाएगा । आॅड नियम नियम है । वैसे भी कम से कम रात के वक्त किसी को भी इस तरह अंदर बचाने दिया करो जहाँ वो पाकिस्तान का पॅन मजाक अच्छा कर लेते हैं । ज्यादा गार्ड ने टॉर्च का प्रकाश औपचारिक रूप से पास पर डाला और फिर वो पहले वाले गार्ड के साथ साथ गेट खोलने आगे की तरफ पड गया । पीछे कमांडर करन सक्सेना ने ड्राइविंग दूर का काला शीर्षक दोबारा ऊपर चढा लिया था जैसे ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का गेट खुला कमांडर फौरन कार चलता हुआ अंदर ले गया । सब कुछ बहुत आसानी से निपट चुका था । ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के बीच में काफी बडी ग्राउंड खाली पडा था और दोनों तरफ बडे बडे हॉल थे जिनके अंदर हथियार बनते थे । सफेद कार खाली ग्राउंड रेंगती हुई अभी थोडी ही दूर गई होगी । तभी करन सक्सेना ने चर्किन पहने और सिर पर मफलर लपेटे एक आदमी को उसी दिशा में तोड कराते देखा हूँ । वहीं अब्दुल था कमांडर ने उसके नजदीक कार रोक दी और फिर ड्राइविंग दूर काला शीर्षक दोबारा नीचे सरकाया । तब तक अब्दुल भी खडकी के नजदीक पहुंच चुका था । अलाॅट ऍम कालिया की गर्दन तेजी से अब्दुल की तरफ नहीं क्योंकि रात का वक्त था इसलिए कालियाका निष्प्राण चेहरा किसी को साफ तौर पर नजर नहीं आ रहा था । तो सर मैं काफी देर आप ही का इंतजार कर रहा था था । कमांडर टाॅवर में बडा मुझे आने में थोडी देर हो गयी । बम की बेटियाँ तैयार हैं । साथ कैसा आपने कहा था । उसी के मुताबिक मैंने छह पेटी बम तैयार कर दिए हैं । अगर उसी पल कमांडर ने दूरी खींची तो अपराहन कालिया का हाथ का आरकाॅम की तरफ पडे स्वाभाविक अंदाज से बडा तब की सच्चाई थी कि उसी पल कमांडर का हाथ भी अंधेरे का फायदा उठाकर चुप चाप एडमिशन की तरफ पड चुका था । उसने वहाँ से चाबी निकाली और फिर अभी अब्राहिम कालिया के उंगलियों में फंसा दी । उसके बाद पीछे से नायलोन की दूरी खींचे । फौरन इब्राहिम कालियाका चाबी वाला हाथ अब्दुल की तरह पडा । ये अच्छा दी । कमांडर करन सक्सेना बोला बहु की सभी पेटियां पीछे ऍम ठीक है सर, अभी रखता हूँ । अब्दुल चाबी लेकर पीछे की तरफ पड गया । यही बोपल था । जब कमांडर भी फौरन हरकत में आ गया था । वो कार का दूसरी साइड वाला दरवाजा खोल कर दीजिए । उतरा नीचे ऊपर ही वो अंधेरे का लाभ उठाकर चुप अब सामने ही बने एक हॉल में जा घुसा । वहाँ राइफलों और प्रमुख का विशाल अंबार हारा था । कमांडर ने तो मतलब अंदर उन बमों के अखबार में से कुछ टाॅम निकले और फिर आनन फानन उन सभी बमों के अंदर पंद्रह पंद्रह मिनट बात के टाइम स्टार्ट किए । उसके बाद कमांडर ने एक महत्वपूर्ण काम और क्या उसके वाॅर ऑॅल कमरों के अंदर रखती है । फिर उच्च इस तरह सफेद कार से बाहर निकला था । उसी तरह दौड कर तो आप कार के अंदर जा घुसा हूँ । किसी भी अब्दुल ने डिक्की के अंदर बमों की पेटियां भी रख दी थी । बेटियाँ रखने के बाद उसने टिकिट पहले की तरह बंद कर ले लीजिए । शहर है तो चाबी लेकर वापस टाइमिंग डोर के पास आया फॅमिली के अंदर रखती है सर ऍम कालियाका हाथ अब्दुल के हाथ की तक पडा उसकी उंगलियां मुडी फिर उसने चाबी पकडेंगे मैं चलता हूँ ऍम आतंकवादी बेसब्री से मेरा इंतजार कर रहे होंगे । ठीक ऍम कालियाका चाबी वाला हाथ अब अंदर आ गया था । फिर ऍम दोबारा ऊपर सरकार चाभी लगा सरकार स्टार्ट की अगले ही पर तूफानी गति से ऑॅफ की तरह दौड पडे । अभी शक्ति से कुछ किलोमीटर दूर ही गई होगी । तभी वहां तबाही मच गई । भयंकर और पहला देने वाली ऐसी तबाही जिसमें एक बार फिर पूरे पाकिस्तान में हडकंप मचा दिया । एक ऑॅल बट गए थे । वो टाइम पडेंगे तो उनके इर्दगिर्द रखी अंडे विस्फोटक सामग्री में भी लास्ट होने लगे । देखते ही देखते चक्की में ऐसे भयंकर धमाके गोलियाँ लगे जिससे बॉर्डर पर हिंदुस्तान पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड गया हूँ । वहाँ मौजूद गार्डों ने जान बचाकर भागने का प्रयास किया लेकिन धमाके कितना जबरदस्त की कोई वहाँ से ना भाग सकता हूँ । सौ से भी ज्यादा गार्ड उन विस्फोटों में मारे गए । पूरी फॅमिली तबाह हो गये । करोडो रुपए के हथियार और उनसे भी ज्यादा मूल्यवान हथियार बनाने की मशीनों के परखच्चे उड गए । ये कमांडर का पहला समाचार था जो आईएसआई के ऊपर कसकर बारा था । वो कर्नल नासिर जैसे दरिंदों के ऊपर भी खुला तमाचा था । ये सोचते हैं कि तबाही सिर्फ वही फैला सकते हैं । कोई और जवाब देना ही नहीं जानता । सुबह होने तक ॅ तबाही की खबर पूरे पाकिस्तान में फैल चुकी थी । उस खबर नहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और कर्नल नासिर जैसे सभी दिग्गजों के छक्के छुडा दिये हैं । फॅमिली के साथ साथ फॅमिली जैसे पहुँच के बडे बडे अफसरों की एक मीटिंग हुई । सुल्तान फौजी जिसने सारी रात आईएसआई के हेडक्वार्टर में ही गुजारी थी, उस खबर को सुनकर को भी पकडा गया । कमांडर करन सक्सेना के हौसले दिन पदन पढते जा रहे हैं । सुप्रीम फौजी बेहद आतंकित लहजे में बोला पहली बार ॅ मारे थे, सिर्फ उम्मीद लेकिन इस बार उसने सौ से भी ज्यादा कार्ड मार डाले हैं और करोडों रुपए का नुकसान क्या है? वहाँ गई ये कोई मामूली घटना नहीं है । हैदर अली भी आंदोलित स्वर में बोला । पाकिस्तान का इतिहास गवाह है कि पिछले पांच सालों में आज तक कभी कोई फॅमिली इस तरह तबाह नहीं हुई है । किसी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को इस तरह है अकेले घुसकर बर्बाद का डालना मजाक की बात नहीं लेकिन पवन सालों में पहली बार तो मांडर नहीं तो हम कर दिखाया है । सिर्फ उसमें फैक्ट्री ही तबाह नहीं की या गार्ड ही नहीं मारे । ऍफ की तरह फॅमिली को भी मार डाला है । उसकी लाश भी बरामद हो चुकी है । खाना इब्राहिम का लिया की लाश को मैंने भी देखा है । व्यक्ति जैसे जिस मॅन अपनी तरफ थी, आंखों पर हाथ फेरता हुआ बोला । यहाँ आने से पहले ही मैंने उसकी लाश को देखा है । काफी बुरी हालत मुश्किल आज बरामद हुई है । उसके मुर्तद जिसमें लकडी की खबर क्या और नायलोन की टोरिया लिपटी हुई थी उसके साथ से साफ साबित होता है फॅमिली में खुश ने के लिए इब्राहिम कालिया के अन्दर जिसमे हूँ बखूबी इस्तेमाल किया और उसके अंगों की पाॅवर हरकत देकर शो क्या कि वो जिंदा है । तब ऍम आप सब लोग हैं और मैं समझता हूँ कि तकरीबन आप सभी जानते होंगे कि पब्लिक क्या होती है । वहाँ गई पर ट्रिक का नाम सुनकर एक ऑफिसर के नेतृत्व पडे थे ये कमांडर बहुत खतरनाक आदमी है । खतरनाक भी औरते इस्तेमाल थी मुझे तो इस घटना से भी ज्यादा एक और बात का डर सता रहा है । कर्नल ऍम ऍम सिर्फ एक ही आदमी बच्चा था करना सिर्फ आगे को छूकर बडा और था । अब तक ये बात अलग है कि अब्दुल घूसकांड में काफी सख्ती हो गया था और दिल निकलने से पहले ही उसकी भी मौत हो गई । लेकिन मरने से पहले उसने आईएसआई को अपना बयान दे दिया था और वो बयान काफी हंगामाखेज था । ऐसा हो गया था । अब्दुल्ल मरने से पहले बताया कि कमांडर करंट सक्सेना ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से छह पीती बम ले गया था और वह सभी बम बहुत जबरदस्त विस्फोटर फौजी बम थे । अच्छा फॅमिली के मुझे संस्कारी छोटी हूँ, फॅसा खतरनाक है वो भी कहीं और बडी तबाही मचाएगा ऐसा ही मालूम पडता है मुझे तो इतना डर सता रहा है सुल्तान फौजी के शरीर में कपकपी दौडी उसने अपने कंधे पर बडे वालों को पीछे झटका वो तो मुझे नहीं छोडेगा जो आपने इतना बडा हंगामा कर सकता है तो मुझे तो किसी हालत में नहीं छोडेगा । हर किस नहीं छोडेगा । अभी आॅल्टर में वह हंगामाखेज मीटिंग चल रही थी कि तभी एक और जबरदस्त घटना घटी । कर्नल नासिर कोनसी मीटिंग के दौरान रिपोर्ट मिली की थोडी देर पहले ही कमांडर करन सक्सेना नहीं पाकिस्तानी फौज की ट्रेनिंग सेंटर में घुसकर कोई एक दर्जन बम ब्लास्ट कर दिए । इसमें दो हजार से भी ज्यादा पाकिस्तानी फौजी मारे गए तो हजार से भी ज्यादा पाकिस्तानी फौज करना ॅ शरीर ऍम रिपोर्ट में आगे बताया गया । वो खूनी तांडव रचने के बाद तो मांडर वहां से सकुशल भाग निकला था । कर्नल नासिर और मीटिंग में मौजूद तमाम लोग अभी उस सब में से उभर भी नहीं पाए थे कि तभी एक और हृदयविदारक रिपोर्ट मिलेगा । फौज के ट्रेनिंग सेंटर के पास ही पाकिस्तान का एक बहुत बडा मिसाइल सेंटर था जिसे चीन के सहयोग से बनाया गया था और उसे बनाने में कई अरब रुपये की लागत आई थी । फॅमिली एक के बाद एक असम के बम ब्लास्ट के कारण पूरे मिसाइल सेंटर की भी धज्जियां उड गई थी । इतना ही नहीं वहाँ भी पांच सौ से ज्यादा पाकिस्तानी फौजी मारे गए जबकि कमांडर करन सक्सेना वहाँ से भी बचकर भाग निकला था तो हाथ हो चुकी है । अब करंजा सब उससे बता हाल था तो फॅमिली खतरनाक होता जा रहा है और अगर उसका यही हाल रहा तो पहुंच चल पूरे इस्लामाबाद को खंडर बना देगा खंडहर वो अब तक हमारा तेरी पनाह नुकसान कर चुका है तो रिपोर्ट सुन सुन कर ही हालत खराब हो रही । सुल्तान फौजी की कंजी आंखों में नहीं साफ साफ दहशत मान जा रही थी तो मेरी किस्मत अच्छी जो एक बार उसके सामने पडने के बावजूद भी जिन्दा बच गया हो तो पहली बार नहीं मेरी बच्ची उडा देता साहब फौजी अफसर एक एक शब्द अवाॅर्ड्स बोला हमें जल्द से जल्द कुछ करना चाहिए क्योंकि अगर उसे ज्यादा समय मिल गया तो वह सच में इस्लामाबाद में तबाही फैला कर रख देगा । लेकिन सवाल यह है कि मैं क्या कर सकता हूँ? आॅलआउट हमने से कौन जानता है कि वह शैतान कहाँ है? कोई नहीं जानता हूँ, कोई भी नहीं ।