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सर्जिकल स्ट्राइक -07 in  |  Audio book and podcasts

सर्जिकल स्ट्राइक -07

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सुलतान फौजी - एक कश्मीरी आतंकवादी। उसने मुम्बई में एक बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम दिया, जिसमें सैंकड़ों निर्दोष शहरी मारे गये। सुलतान फौजी पकड़ा गया। एक ऐतिहासिक फैसले में उसे 26 जनवरी के दिन फाँसी की सजा दी जानी थी, ताकि पूरी दुनिया देखती कि हम देशद्रोहियों के साथ क्या करते हैं। लेकिन उससे पहले ही सुलतान फौजी जेल तोड़कर पाकिस्तान भाग निकला। तब यह मिशन सौंपा गया कमांडर करण सक्सेना को। कमांडर- जिसने सुलतान फौजी को पाकिस्तान में ही घुसकर मारा। वहीं अपने हाथों से फाँसी की सजा दी उसे।
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बहुत छह आइंस्टाइन ने हर काम गवर्नर हाउस में घटी । उस जानलेवा घटना ने पूरे इस्लामाबाद शहर में हडकंप मचा दिया था । खासतौर पर पाकिस्तान प्रशासन के अंदर तो तेज खलबली बचेगी । फौरन आॅप्रेटिंग बनाई गई, इसमें पडे पडे ऑफिसर्स में हिस्सा लिया सुल्तान फौजी भी उस मीटिंग में शामिल था । उसके कंधे में कमांडर करंट सक्सेना की जो गोली लगी थी वो निकली जा चुकी थी और अब वहाँ पट्टी बंधी थी । अलबत्ता कमांडर करण सक्सेना का खौफ सुल्तान फौजी के दिनों की मौत पर कुछ ऐसा बैठा था कि वो अभी भी बेहद तरह हुआ था । पाकिस्तान को सबसे बडी जासूसी संस्था के चीफ का नाम था काॅल ऍम इंसान । काम और दरिंदा ज्यादा था । लगभग पचास साल का किसी पहलवान जैसे लंबे चोडे डीलडौल वाला इंसान किसके शरीर का साइज असाधारण था, उसके पैंट इतने विशाल आकार की आती जैसे दो तंबू चढा लिया हूँ और यही हाल उसकी शर्ट का था और मिलाकर ऍम ऍम खास तौर पर हिन्दुस्तानियों से उसे इतनी थी इन का नाम सुनते ही उसका खोलने लगता था । बताते हैं कि सन उन्नीस सौ सत्तर की जान में उसने बॉर्डर पर बीस हिंदुस्तानी फौजियों को पकड लिया था और फिर फरसे से उन्हें जंगली सूअरों की तरह काटकर उनके कर्म कर्म खून से स्नान किया और जोर जोर से कह रहे लगाए नहीं नहीं युद्ध खत्म होने के बाद उस ने वो तस्वीरें हिंदुस्तानी फौज के बीच बॉर्डर पर दी फिकवा दी थी । ऐसा था काॅल इतना खतरनाक और खौफ जगानेवाला इस वक्त कर्नल नासिर के प्रचंड गुस्से को सिर्फ इसी खबर में भडका दिया था । कोई हिंदुस्तानी ऍम इस्लामाबाद में खुश चुका है ये हमारे लिए तो मरने की बात है । शर्म से डूब मरने की बात कर रहा हूँ । मीटिंग के दौरान ऑस्ट्रेलियाई अंदाज में कला भाड कर चला रहा था की कोई एक आदमी सिर्फ एक आदमी गवर्नर हाउस की हमारी इतनी बडी सिक्योरिटी को भेदकर न सिर्फ आसानी से भी जॅाब हो जाता है, ऍम चीफ को भी उठा कर ले जाता है । सर आॅॅफ करके बोला उससे करके चीज की पुलिस को थोडी देर पहले लाश बरामद हो चुकी है । उसकी लाश इस्लामाबाद के गोल चौक के पास उसी फ्रेंड के भीतर पडी पाई गई । मुझे मालूम है सब मालूम है मुझे ऍसे हमारे गवर्नर हाँ उसके अंदर खून की होली खेली है । खून की होली उसने वहाँ हमारे उम्मीद आदमी मार डाले । इतनी सफलता सिक्योरिटी के बीच में डाले और आखिर में तो फिर मैं खुद भागने में कामयाब रहा जितना लड रहा है । सुजॅय भारत सरकार ने अपनी सबसे बडी तोप को मुझे सजा देने के लिए भेजा है वो तो मुझे नहीं छोडेगा । अमेरिका किसी आई ए उसका कुछ नहीं बिगाड सके । चीन की सीआईडी कुछ नहीं बिगाड सके । पनामा द्वीप में सर जॉन जैसा विश्व प्रसिद्ध अपराधी तक उसका कुछ नहीं बिगाड सका तो तो देख लेना वो मुझे भी मार डालेगा और तुम लोग सिर्फ बहुत पर हाथ तक बैठे रहते होंगे । पाकिस्तान के आईएसआई भी उसका कुछ नहीं बिगाड पाएगी । सब कुछ नहीं होगा । करण सक्सेना अब तक कभी नहीं पहुंच सकेगा । वो पहुंचेगा सर फॅमिली को भेदकर मेरे तक पहुंच सकता है तो फिर आगे भी क्यों नहीं बहुत सकता मधोलिया वो अकेला ही पहुंच की पूरी बटालियन है । वन मैन ऑर्गनाइजेशन है ऍम ऍम लेकिन खामखा नहीं डर रहा सुल्तान फौजी शिष्ट स्वर में बोला वो कोई फॅमिली चलता नहीं है तो अगर मुझे सजाते ने आया है तो देख कर ही जाएगा । पास मत करो तो पागल हो गए और ऍम हूँ और हमें थोडा सोचने दो कि क्या कर रहा है । ऍम सक्सेना उस वक्त अपने होटल में था और अभी अभी कुछ घंटे की आरामदायक नींद लेकर उठा था । हालांकि अपनी कोशिशों के बावजूद सुल्तान फौजी को मार डालने की उसकी योजना असफल रही थी लेकिन फिर भी वो निराश बिल्कुल नहीं था । उन लोगों में था जो बार बार सफलता के लिए प्रयास करते हैं और तब तक पूरी लगन से जुडे रहते हैं जब तक कामयाब नहीं हो जाते । बिस्तर से उठने के बाद कमांडर नहीं ब्लडी मैरी के दो बैठती है और फिर कुर्सी पर इतना नाम से टांगे फैलाकर वो सिगरेट के कश लगाने लगा । इस वक्त दूसरा देख कर कोई नहीं कह सकता था कि वह थोडी देर पहले ही जिंदगी मौत का ऐसा खौफनाक खेल खेल कराया है । पूरी तरह शांत था । नहीं नहीं वह ठंडे दिमाग से अपनी आगामी योजना के बारे में सोच रहा था । तभी एकाएक उसकी चीन में रखी घडी के अंदर से प्लेट प्लेट आपकी आवाज निकलने लगी । ऍम खडी निकली और ऍम क्या ऍम ऍम बोल रही हूँ ऍफ पहुंचाऊं रसिया की थोडी घबराई से आवाज आएगी । मैं भी वहीं पहुँचती हूँ । लेकिन बात क्या है, हम जल्दी वहाँ पहुंचे । ऊपर बाकी बात नहीं होंगे । अगर कमांडर करण अक्सर अपनी बात पूरी करता उससे पहले ही रजिया ने लाइन कार्ड नहीं ऍर बंद करके वापस जेब में रखा और ब्लडी मैरी के दो कटआॅफ दिए है । वो आनंद फाइनल में तैयार होकर सलमान क्लब पहुंचा । सुबह शाम अब धीरे धीरे बढती जा रही थी और जैसे जैसे शाम चल रही थी ठीक उसी अनुपात में सलमान क्लब के रौनक भी बढने लगी थी । इस वक्त बहुत सडक पर घूम घूमकर पेशा करने वाली वेश्याओं का तांता सा लगा था जो अपने ग्राहकों के साथ वहाँ आ जा रही थी । कमांडर करन सक्सेना एक तरह बडी टेबल पर जाकर बैठ गया । उसे वहाँ बैठे हुए अभी मुश्किल से एक मिनट भी ना हुआ होगा कि तभी पूरी तरह पहुँचने वाला कदम रखा हूँ । वो आज भी वैश्याओं की तरह गहरा में कब किए हुए थी और उसने बदन दिखाऊ कपडे पहन रहे थे । उस टेबल बना हुआ रजिया कमांडर करन सक्सेना के नजदीक पहुंचते ही बोले उस टेबल पर उसने एक अन्य टेबल की तरफ इशारा क्या हमारे पास सुनी जा सकती है? फॅर बढ गया । वो अचरज पूर्ण अवस्था में कुर्सी से उठ गया और रजिया के पीछे पीछे बिल्कुल कोने में पडी कुर्सी पर ऍम ऍफ के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई । उन दोनों के बीच में आप सिर्फ एक गोल टेबल थे तुम्हें क्या? अटाला कमांडर रजिया कुर्सी पर बैठते ही धमाका शक ही बोली ॅ पाकिस्तान के उम्मीद ऍम तो तो मैं चल रही क्या बात है? करन सक्सेना ने सही मात्रा में कहा अच्छा की बात ही नहीं कुछ कम से कम मेरे लिए तो नहीं रचिया । और ज्यादा हैरान ने कहा उसकी सूरत देखने लगे और सुना है इतने बडे खून खराबे के बावजूद सुल्तान फौजी भी बच निकला । फिर क्या बोली उसका तो भी कुछ नहीं बिगडा था । इस बार वो बच निकला । कमांडर करंट सक्सेना ने पूरे इत्मिनान के साथ रहा ऍम आगे शायद तो नहीं बचेगा, लेकिन आगे उस तक पहुंचने के लिए अगर तुम सिंदर होगी तभी तो वो भरे का हूँ । ऍम रजत एक एक शब्द चलाते हुए बोले तो मैं मालूम नहीं है कि गवर्नर हाउस वाली घटना के बाद इस्लामाबाद में कितना बडा हर काम बच गया है । आईएसआई पूरी तरह हाथ धोकर तुम्हारे पीछे पड चुकी हैं । आईएसआई के एजेंट पूरे शहर में फैल चुके हैं और सब तुम्हारी ही गंद सूखते भर रहे हैं । तुम्हारे लिए अब यहाँ कदम कदम पर खतरा है । करन सक्सेना मुस्कराया फिर पहले की तरह ही सहज मुद्रा में बोला । मुझे किसी बात की परवाह नहीं लेकिन अगर तुम अपनी जान बचाना चाहते हो तो अब कुछ दिन के लिए बिल्कुल खामोश हूँ । कोई हरकत मत करो । मैं ऐसी बात के लिए सावधान करने और तुम्हारे पास आई हूँ कि कहीं तुम जल्दबाजी में कोई गलत कदम न उठा रहे हो । और शाहिद पल था जब सलमान क्लब का इक्वेटर उनकी टेबल पर सॉफ्ट ड्रिंक्स के दो क्लास रह गया । जो दोनों कुछ सेकंड के लिए खामोश हो गए । बेटर चला गया तो वो सॉफ्ट ड्रिंक धीरे धीरे सब करने लगे थे । कमांडर के चेहरे से बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि रजिया के बाद का उस पर कोई प्रभाव पडा है । सुल्तान फौजी अब कहा है कमांडर ने थोडा रुककर पूछा वो फिलहाल आईएसआई के हेड क्वार्टर में है लेकिन चलती उसे कई और शिफ्ट किया जाएगा । अगर इस सिलसिले में तो मेरी कुछ मदद करनी होगी कैसे? मतलब पहले की तरह ही वो आगे हो चुका है । फिर धीमे स्वर में फुसफुसाया क्या था हूँ? मुझे कहीं से थोडा फॉर्म दिलवा सकती हूँ । ऍम उछल पडेगा क्या धीरे बोलो धीरे लेकिन तुम ऍफ का करूँ क्या? रजिया के नेत्र हद दर्जे तक फैल चुके थे । चिंता मत करो । मैं सुलतान फौजी जैसा आतंकवादी नहीं हूँ । कमांडर बडा जो बम हासिल करने के बाद निर्दोष नागरिकों की हत्याएं करूंगा, बेगुनाहों की चालू होगा । सच है कि आईएसआई को अपनी ताकत का अंदाजा कराने के लिए तबाही मैं भी फैलाऊंगा जाने में भी लूंगा लेकिन वो सब सरकारी जानमाल की बर्बादी हो गई । डिग्री से फायदा क्या होगा? हाय दे के बारे में भी मालूम पड जाएगा । पहले ये बताओ क्या? तो मुझे कहीं से बॉस का बंदोबस्त करा सकती हो या नहीं? अजय सोच में डूब गई । क्या सोच रही हूँ? रजिया सकुचाते होकर बोली, ऍम कहीं से नहीं कर सकती तो ऐसी जगह कॅश जरूर बता सकती हूँ । जहाँ से अगर तुम चाहो तो खुद बॉस हासिल कर सकते हैं । ऐसी कौन सी जगह है? इस्लामाबाद सीमा से सिर्फ दो किलोमीटर तो उत्तर पश्चिम में पाकिस्तान के बहुत बडी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री यानी हथियार फैक्ट्री है जहाँ तमाम किस्म के बमों से लेकर राइफलें, कने, पिस्टल्स, कोरिया, रॉकेट लॉन्चर्स, आंसूगैस के गोले और भी कई किस्म के हथियार बनते हैं । उस ऍम हासिल कर सकते हैं । लेकिन वहाँ से बम हासिल करने में मैं तुम्हारी कोई भी मदद नहीं कर पाउंगी । वो अगर इतनी बडी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है, तब तो वहाँ सिक्योरिटी भी बहुत जबरदस्त होगी । मैं कुछ नहीं अंदाजा लगाया तुमने वहाँ वाॅरंटी है । उस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अंदर घोषणा तो बहुत बडी बात है । उस व्यक्ति के आस पास भी कोई शाहर आती तक नहीं पटक सकता । ट्रक के भीतर सिर्फ उन्हीं व्यक्तियों को जाने की इजाजत है तो वहाँ काम करते हैं और जो वहाँ के रेगुलेट पढकर हैं, उन्हें भी बकायदा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की तरफ से पास इशू किए जाते हैं, जिनपर उनकी फोटो चिपके रहते हैं । नाम लिखा रहता है और सिग्नेचर होते हैं । गेट पर पास दिखाने के बाद ही रेगुलर वर्कर भी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अंदर जा पाते हैं हूँ । एक बात सही तो अंदाजा लगा सकते हैं कि उस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की कितनी सदस्य करती है । उस व्यक्ति में घुसने का कोई और तरीका है । मुझे मालूम नहीं है तो बहुत अच्छा पिक्चर करना होगा । उॅची के बारे में कोई भी ऐसी बात बता सकती हूँ तो हम हासिल करने के दौरान मेरे काम आ सकें । नहीं तो कुछ खास बात नहीं बता सकती हैं । हाँ, एक मामूली बात जरूर बता सकती हूँ । जो पता नहीं तुम्हारे किसी काम आएगी या नहीं हूँ । फॅमिली का दोस्त है । इसी कारण वो अक्सर हमारी कोठी पर आता रहता है । यही वजह है जो मैं उसके बारे में थोडा बहुत जानती हूँ उसका नाम इब्राहिम का लिया है । उसकी उम्र बत्तीस तैतीस साल है जैसे वो अभी तक आ रहा है जिससे वो कायदेआजम जिन्ना रोड पर चौदह नंबर कोठी में बिल्कुल अकेला रहता है । ऍम नहीं इब्राहिम के बारे में इसके अलावा मैं तो कोई जानकारी नहीं दे सकती । हाँ, उसकी खास आदत के बारे में जरूर बता सकती हूँ । क्या उस ज्यादातर अपने हम उम्र लोगों को बातचीत के दौरान ऍम कैसा रहता है? यानी जनमन उसका तकिया कलाम है । कुछ ऐसा ही समझ सकते हैं हूँ ऍम अब मैं जाना चाहिए था । काफी समय हो चुका है, लेकिन जाने से पहले मैं तुमसे एक कुछ हरीश जरूर करूंगी । कमांडर हूँ देखो जो भी कदम उठा उस खूब सोच समझकर उठा रहा क्योंकि तुम्हारे चारों तरफ मौत के फरिश्ते मंडरा रहे हैं । मैं होगा ऍम अपनी कुर्सी छोडकर खडा हो गया । उसके साथ साथ रजिया ने भी अपनी कुछ भी छोड दी । होरहा कमांडर के लिए एक हंगामाखेज रात थी । उस रात उसने एक सेकंड के लिए भी चैन की सांस नहीं । कमांडर ने सबसे पहले ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का दौरा किया हो । गवर्नर हाउस की तरह ही कई एकड भूमि में फैली थी । गवर्नर हाउस की तरह ही ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की दीवारें ऊंची ऊंची थे । इतना ही में है बाउंड्रीवॉल के ऊपर लोहे के कंटीले तार भी लगे थे । अलबत्ता वहाँ गवर्नर हाउस की तरह सिक्योरिटी टावर नहीं थे जिनपर हथियारबंद का खडे हो । टिकट टॉवरों के अलावा वहाँ और ऐसे कई सुरक्षा प्रबंध थे जो ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को गवर्नर हाउस से भी ज्यादा जबरदस्त सिक्युरिटी प्रदान कर रहे थे । जैसे ऑॅफ चारों तरफ गार्डों ने रेत की बोरियों से ऊंचे ऊंचे मोर्चे बना रखे थे और उनके पीछे पोजीशन संभाले हुए थे । उनके हाथों में ऑटोमेटिक राइफल थी । आगे का पूरा चेहरा ऍफ का हुआ था और मिलाकर वो किसी भी हमले के लिए तैयार थे । इसके अलावा जीत पर चार कार्ड खडे थे तो पास देखते थे मेटल डिटेक्टर से होकर भीतर जाना होता था ताकि कहीं कोई आपत्तिजनक सामान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में ना ले जाएगा । सुरक्षा संबंधी सबसे महत्वपूर्ण बात ये थी कि वहाँ गाडियों का आवागमन उस तरह नहीं हो रहा था जिस तरह गवर्नर हाउस में होता था । बहुत बाकायदा गाडियां खडी करने के लिए बाहर ही एक काफी बडा अलग से गैराज बना हुआ था । जो भी अपनी गाडी लाता उसी गैराज के अंदर खडी करता और फिर उसे वहीं से निकाल कर ले जाता है । कमांडर करन सक्सेना उस वक्त काफी तू गाडियों के पीछे छुपा हुआ था और वहीं से उस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का नजारा कर रहा था । काफी देर तक वो ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की एक एक सुरक्षा को देखता रहा । अंतरराष्ट्रीय ही लगा किसी भी तरह से उस फैक्ट्री के भीतर घुसना नामुमकिन है और अगर वो किसी तरह उस फैक्ट्री के भीतर खुश भी गया तो ढेर सारा बॉम लेकर उस व्यक्ति से बाहर निकालना बिल्कुल असंभव का था । कमांडर काफी देर तक अपने दिमागी खोडे दौडाता रहा । फिर उसने मैं कदम उठाया तो फौरन रात नहीं । ब्राहिम कालिया की कोठे पर पहुंचा देखकर वह चौका की कोठी क्रिकेट पर कोई पाँच दिन तक नहीं था । इसके अलावा पूरी कोठी खुद अंधेरे में डूबी हुई थी । कमांडर को शक हुआ तो जरूर वहाँ कोई नहीं है । लेकिन जल्दी उसका वह शक्ति दूर हो गया क्योंकि कोठी का गलियारे से जुडा वुमेन के था । उस पर ताला नहीं लगा हुआ था और वह भीतर से बंद था । यानी भीतर कोई था । कमांडर ने दरवाजे के बराबर में ही लगी कॉलबेल बजानी चाहिए । लेकिन फिर कुछ सोचकर वो अटक गया । उसने दूसरा दरवाजा खोला वो भी भीतर से बंद था । उसने खिडकी देखिए अब उसकी आखिर जमा कोठी घर की खुली थी । फॅमिली की के दोनों पल्ले आहिस्ता से अन्दर की तरफ ढकेल दिए और ऍम भीतर को पडा । भीतर पहुंचता ही उसने खिडकी के पल्ले वापस पहले की तरह बन कर दिए थे । फिर उसने गलियारे में पहुंचकर कोठी के तमाम कमरों पर नजर दौडाई । सभी कमरों में अंधेरा था, रुपए की कम रहता था । इसमें जीरो वॉट का बल्ब चल रहा था और उसकी प्रकाश रश्मियां खिडकी दरवाजे से ठंड छनकर बाहर आ रही थी । कमांडर करन सक्सेना फौरन निशब्द ढंग से चलता हुआ उसी कमरे के नजदीक पहुंचा । फॅमिली या बडे मस्त अंदाज में सीटी बजाता हुआ वापस अपने उसी कमरे में पहुंचा । हाँ उसने रंगीन खेल खेला था । उसके बाद वो फ्रेश होने के लिए पात्र की तरह पडा । तभी घटना ने रोमान्चकारी मोर लिया । अपराहन कालिया के कदम ऍम गए । उसे ऐसा लगा जैसे अकस्मात दिन की तरह कोई उसके पीछे आकर खडा हो गया हो । तो झटके से बढता और अगले ऍम पढते पढते बच्चा ऍम एक लंबे ऍम खडा था । इतना ही नहीं उसके हाथ में रिवॉल्वर भी थी । इलाहाबाद कमांडर क्रॅास पत्ते की तरह का बताइए और और अंदर ऍम में एक सवाल ऍम सर एक सवाल ऍम ऍम ऍम कालिया का मुझे ठीक से खारिज हो गई तो वहीं काॅपर तबाही मचाई ऍम जो जो फौजी की हत्या करने के लिए खासतौर पर पाकिस्तान आया हुआ है । बिलकुल नहीं । अब दूसरा सवाल पूछा हूँ कमांडर करन सक्सेना का शहर बडा स्वर्ण तब दूसरे सवाल पूछने की कोई जरूरत ही नहीं ऍम जो व्यक्ति गवर्नर हाउस जैसी जगह पर घुस सकता है, उसके लिए इस कोठी में घुसता हूँ क्या बडी बात है इस रूम में? खुश ना कोई बडी बात नहीं । अब तो ये बताओ तुम यहाँ किसलिए आया हूँ? ऍम कमांडर करंट सक्सेना मुस्कराया आॅनलाइन अच्छी बात है जो तुम बहुत जल्दी सही लाइन पर आ गए । मुझे तो बहुत पसंद है जो काफी जल्दी काम की बात करने लगते हैं, बैठा हूँ । लेकिन ऍम चाहता हुआ कुर्सी पर बैठ गया । उसके सामने रिवॉल्वर हाथ में लेकर कमांडर करन सक्सेना भी बैठ गया । लगता है हम दोनों की काफी अच्छी तरह से बनने वाली ऍम ये तो अब तक मेरे कारनामे शंकर समझ गए होंगे तो मैं अपने नेताओं की तरह यहाँ शांति दूत बनकर नहीं आया । बस मैं यहाँ सुभाष चन्द्र बॉस बनकर आया हूँ । भगत सिंह बन कर आया हूँ जिन्होंने खुद बंदूक की नौक से अपनी कहानियां खुद लिखी थी । जो इंसाफ कटोरा लेकर भीख की तरह साफ मानते नहीं थे, पर किसी हिंसा आपको छीनते थे इन साफ करते थे तो हम कहना चाहती हूँ तो मुझे ॅ खतरनाक मिशन मैं तुम्हारी थोडी मदद की जरूरत पड गई है । ऍम थोडे नाटकीय अंदाज नहीं मुख्य मुद्दे की तरफ आता हुआ बोला कैसे बताऊँ मुझे छह पेटी बम चाहिए बम जिससे मुझे तुम्हारे सर यही हासिल हो सकते हैं तो बम धमाका हो गया । ऍम भेंट में बम कहाँ जा सकता हूँ? कमांडर सक्सेना मुस्कराया उसकी मुस्कान बहुत खतरनाक और जानलेवा नहीं । अगर कोई तो हर इस बात को समझेगा तो खाते का तालियाँ टोमॅटो चीज हो । तुम मुझसे पूछ रही हूँ तो मुझे बम कहाँ से दिला सकते हूँ? ऍम ये सच है कि मैं ऑर्डिनेंस व्यक्ति का जी हो लेकिन उस फैक्ट्री से बम मैं तुम्हें भी नहीं दिला सकता हूँ । तुम शायद नहीं जानते की उस फैक्ट्री के चारों तरफ इतनी जबरदस्त सिक्योरिटी है । उस फैक्ट्री के अंदर से छह पेटी बम तो क्या कोई एक फॉर्म भी लेकर बाहर नहीं निकल सकता । लेकिन तुम फैक्ट्री के चीज हो फिर भी नहीं काम नहीं कर सकता । ऍम तो वहीं के काम करना होगा । ऍम तो अपनी पसंद का चाहते हो । अगर तो पाकिस्तान के शहीदों में अपना नाम नहीं लिखवाना चाहते हो तो तुम्हें उस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से किसी भी तरह छुट्टी हम बाहर निकल रही हो गए वर्ना कम सुबह ऍम कभी नहीं देखता । हो गई तो तो मुझे धमकी दे रहे हो तो मैं मेरी सलाह भी समझ सकता हूँ । अब ऍम था उसके माथे पर बच्ची ने के मुँह आई थी । उसने कुर्सी पर पहलू बदला मुझे सोचने के लिए थोडा वक्त तो ठीक है । मैं तो मैं सोचने के लिए पांच मिनट का वक्त देता हूँ । पांच मिनट के अंदर अंदर तो मुझे फैसला करके बता दूँ कि तुम मारना चाहते हूँ । ऍम निकाल कर देने के लिए तैयार हूँ । ऍम निकाला और छत्तीस चलती अपने माथे का पसीना साफ किया क्योंकि वो हद से ज्यादा आतंकित नजर आने लगा था । चार मिनट हो गए तो कुर्सी छोडकर उठ खडा हुआ और कमरे में इधर से उधर पहले लगा । कमांडर ने भी उसके साथ सबको छोड दी वो हद से ज्यादा सावधान था । खडे हो गए । एक मिनट मेरे दिमाग में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अंदर से बम निकालने का तरीका रहा है । कैसा तरीका? यही वो पल था जब इब्राहिम कालिया ने अपनी असलियत दिखा नहीं । वहीं एक फ्लावर पॉट रखा था । ऍम की तरफ झपटा और से पहले कि कमांडर कुछ समझ पाता उससे फॅसे भीतर से छोटी सी पिस्टल निकाल लेंगे । पिस्टल हाथ में आते ही उसने तो गोलियां चलाई तो फोलिया कॅर लगी और ऍम सब कुछ सब कुछ इतनी पेपर तेजी से वादा के कमांडर हाॅफ करेगा । काॅपर हस रहा था । इस से खुसी का दौरा बढ गया । मैं तो पागल हो चुका हूँ । मुझे बेवकूफ समझता हॅूं । मैं तो अपने देश की बर्बादी में सहयोग दूंगा । हाँ, ऍम हरगिज भी नहीं है । फॅमिली के चीज का मकान है या ऐसी प्रश्न जगह जगह छुपी हुई है । बहुत कहीं सभी तुम्हारे ऊपर चपट थी । गरीब कभी ऐसा भी होता है क्या लिया? कमांडर करंट सक्सेना चल रही नॉर्मल हो चुका था के इंसान जिससे अपनी फतह समझता है, वही उसकी पराजय बन जाया करती है । चिंता मत करो । इब्राहिम कालिया और ज्यादा बुलंद कह रहा लगा ऍसे अपनी पता समझते हो तो हंड्रेड परसेंट तुम्हारी हार ही होगी । काम यहाँ सुल्तान फौजी को मौत की सजा देने आए थे । ऍम पाकिस्तान सरकार तो मैं फांसी के तख्ते पलट आएगी । अब हम होगें कमांडर करन सचाना को पिस्टल से कवर किए किए अब्राहिम कालिया वही रखे टेलीफोन की तरफ पडा और फिर उसने टेलीफोन उठाया । क्या करने जा रहे हो? कंस्ट्रक्शन आतंकित हुआ मैं अब आॅन करूंगा । कर्नल नासिर को चिंता मत करो या नहीं है । मैं तुम्हारे खून से अपने हाथ में ही रहने वाला कर राॅय ही अब तुम्हारी जिंदगी मौत का फैसला करेंगे । मेरे फोन करने के सिर्फ दस मिनट बाद स्पाॅट होंगे । लेकिन अगर तुम्हें फोन किया ये तुम्हारी जिंदगी कि सबसे भयंकर गलती होगी । मैं ऐसी गलती हजार बार करना पसंद करूंगा हूँ । फिर सहमते हुए ही उसने टेलीफोन का नंबर डायल करना शुरू किए । अब ऍम मुझे कोई नहीं रोक सकता । ऍम फॅसने हरकत दिखा दिया । ऍफ में फंसी दूसरी कोर्ट रिवॉल्वर निकालकर उसके हाथ में आ गई और दो गोलियाँ चलेंगे और दोनों ऍम मचाकर लगी चिंघाड उठा लिया । पिस्टल उसके हाथ सोशल कर तू आ गई हूँ । तत्काल कोहली और चली उसमें टेलीफोन के परखच्चे उड गए । ॅ बातें नेत्रों से प्रेम सच्चा देखने लगा जिसके हाथ बडे काॅपर आ चुकी थी । मैं तुम्हारी हत्या नहीं करना चाहता हूँ तो मुझे तुमसे पंप हासिल कर रहे हैं । तो अब तक कोहली तुम्हारे भेजे के आर पार हो चुकी होती है । ऍम तभी पूरे भी नहीं हुए थे तभी अब्राहिम कालिया ने फिर भरकर दिखाई । वो ऍम की तरफ झपटा और फिर उसने कब दे के नीचे से रिकॉर्ड मिस्टर निकली और मिस्टर हाथ ना नहीं तो शेयर की तरह कमांडर की तरफ कुमार उसी पर ऍम में जाकर लगे और वहाँ से भरवल खून बहने लगा । लेकिन इस फॅमिली के लिए ही बुक करण सक्सेना के ऊपर छोड पडा । वो कमांडर करण सचाना के ऊपर कोई हमला कर पाता उससे पहले ही ऍम उच्च ठीक हुआ पीछे रह जाते हैं । लेकिन लगता ही उच्च ऍम को हवा दे दी हुई गुजरा । उसी पल कमांडर काॅमन में आ चुका था । वो हवा में उछाला और थोडा ऍम ऍम खारिज हुई और वो पेट पकडकर दोहरा हो गया लेकिन दोहरा होते हैं । उसमें फिर से गोली चलाई । ऍम ऍम छलांग लगाकर उसका पिस्टल वाला हाथ पकडा और उसके हाथ से पिस्टल बदलकर छीननी चाही ऍम पर अपना हाथ और ज्यादा कर लिया । उम्मीद करती हूँ दोबारा ट्रैक्टर तक पहुंची पिस्टल की उसी छीनाझपटी नहीं ऍम ऍम फिर से की तरह टकरा उठा लिया आपको ही उसके हाथों को भर्ती हुई बाहर कर चुकी थी तभी तभी ॅरियर उसके पूरे शरीर नहीं हाॅकी लगाएंगे दिल लपेट के अंदर खूब हमारे छोटे और फिर छोड छोड से खु ठीक कई सारी ऍफ करता हूँ फर्श पर जा गया और फिरते हैं ढेर हो गया कंप्यूटर करन शिक्षा मैंने अपना सिर पकड लिया । जो काम ही करना चाहता था आकर का वही हो गया था हम हासिल करने का जो एक लाॅस के पास हो खत्म हो चुका था ।

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सुलतान फौजी - एक कश्मीरी आतंकवादी। उसने मुम्बई में एक बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम दिया, जिसमें सैंकड़ों निर्दोष शहरी मारे गये। सुलतान फौजी पकड़ा गया। एक ऐतिहासिक फैसले में उसे 26 जनवरी के दिन फाँसी की सजा दी जानी थी, ताकि पूरी दुनिया देखती कि हम देशद्रोहियों के साथ क्या करते हैं। लेकिन उससे पहले ही सुलतान फौजी जेल तोड़कर पाकिस्तान भाग निकला। तब यह मिशन सौंपा गया कमांडर करण सक्सेना को। कमांडर- जिसने सुलतान फौजी को पाकिस्तान में ही घुसकर मारा। वहीं अपने हाथों से फाँसी की सजा दी उसे।
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