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सर्जिकल स्ट्राइक -02

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सुलतान फौजी - एक कश्मीरी आतंकवादी। उसने मुम्बई में एक बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम दिया, जिसमें सैंकड़ों निर्दोष शहरी मारे गये। सुलतान फौजी पकड़ा गया। एक ऐतिहासिक फैसले में उसे 26 जनवरी के दिन फाँसी की सजा दी जानी थी, ताकि पूरी दुनिया देखती कि हम देशद्रोहियों के साथ क्या करते हैं। लेकिन उससे पहले ही सुलतान फौजी जेल तोड़कर पाकिस्तान भाग निकला। तब यह मिशन सौंपा गया कमांडर करण सक्सेना को। कमांडर- जिसने सुलतान फौजी को पाकिस्तान में ही घुसकर मारा। वहीं अपने हाथों से फाँसी की सजा दी उसे।
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वहाँ दो कमांडर पाकिस्तान में अगले दिन कमांडर करन सक्सेना इस्लामाबाद जाने के लिए पूरी तरह तैयार था । सुबह के उस वक्त दस बज रहे थे । मौसम आज बिल्कुल साफ था और चारों तरफ हल्की धूप छिटकी हुई थी । जब करण सक्सेना इंडियन एयरलाइंस के एक जवान बच्चा कर बैठ गया । ठीक सवा दस बजे विमान ने रनवे छोडा । कमांडर काॅन् पाकिस्तान के बारे में सोचने लगा । पाकिस्तान जो कभी भारत का एक अंग था लेकिन नफरत की धारा में बहकर सिर्फ भारत से अलग हो गया । बल्कि आज की तारीख में वो दुनिया के मानचित्र पर भारत का सबसे कट्टर दुश्मन भी था । भारत में नक्सलवाद की समस्या हूँ । क्या पंजाब में खालिस्तान का आंदोलन हो? क्या कश्मीर की आजादी का इशू? हम सब जानते हैं कि इन सभी आतंकवादी गतिविधियों के पीछे कहीं न कहीं पाकिस्तान का हाथ रहा है । पाकिस्तान, जिसका भारत के अंदरूनी मामलों में टांग अडाने क्या कुछ आदत सी हो गयी है? कई घंटे का सफर करने के बाद शाम को उस वक्त पाँच बज रहे थे जब इंडियन एयरलाइंस के दवा नहीं इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर लैंड किया । इस्लामाबाद एक नया पैसा हुआ शहर है, इसके वहाँ की बीमार नहीं, यूरोपियन पद्धति की है । बडे बडे आधुनिक पुल है, खूबसूरत मस्जिद हैं, पार्क है, कई प्रकार के मनोरंजन और पीडा स्थल है । कुल मिलाकर इस्लामाबाद को एक आधुनिक शहर कहा जा सकता है । इसके अलावा वहां की सडकों पर अमरीकी और जापानी कार्य भी बहुतायत में दौडती हुई दिखाई दी जाएंगे । वहाँ के बाजारों में भी अमेरिकी चीनी और जापानी सामान की धार बार है । कमांडर करन सक्सेना सिस्टम से निपटने के बाद अपना लगेज लेकर एयरपोर्ट से बाहर निकला । इस्लामाबाद की सडकों उसका स्वागत कर रही थी । वो सकते हैं जिन पर उसमें बहुत जल्द गोलियों की बौछार करनी थी । एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही कमांडर ने टैक्सी पकडी और फिर वो एक होटल की तरफ मुड चला । होटल साहिल पहले यूज पांच सितारा होटल का नाम था जिसमें कमांडर करंट सक्सेना चाकर ठहरा । होटल के काउंटर रजिस्टर में भी कमांडर ने अपना नाम अब पास अहमद लिखा । फिर वह आनन फानन अपने रूम में पहुंचा । कोई बडा सजा धजा कमरा था । वहाँ ऐशोआराम की तकरीबन हर चीज मौजूद थी । उसने नहा धोकर सबसे पहले सफर सारी थकान उतारी । फॅार देकर पीटर स्कॉट की बॉटल मंगवाई क्योंकि पाकिस्तान भी मिलती थी । हालांकि वहाँ शराब बैन है लेकिन फिर भी ज्यादा कीमत पर सब चीजें उपलब्ध थी वो गटागट आधी से ज्यादा शराब की बॉटल एक बार में खाली कर गया । उसके बाद वो बिस्तर के हवाले हो गया । सुबह के आठ बजे जब उसकी नींद खुली तो न सिर्फ उसका जिस बल्कि दिमाग भी तरो ताजा भाई बिस्तर से उठते ही कमांडर ने अपने मिशन से संबंधित जान बोलना शुरू कर दिया । मौत के खेल की शुरुआत हो गई थी । उसमें सबसे पहले अपने कपडे पतले जिसकी वजह से उसका हूँ काफी चेंज हो गया । उसने योजनानुसार खाकी शर्ट और खाकी पैंट पहने अटेची के अंदर से ही उसने खेला निकाला और कुछ कागजात । फिर वो चुप चाप दबे पांव उस होटल से बाहर निकल गया । उस वक्त छह बज रहे थे । अब उसे जल्द से जल्द रजिया से मिला था । होटल साहिल पहले से बाहर निकलते ही कमांडर में फैला अपने कंधे पर रखा लिया और उसमें कागज लिए पलक झपकते ही बिल्कुल पोस्टमैन लगने लगा । फॅमिली और अगले ही पलवल लेफ्टिनेंट कर्नल हैदर अली की कोठी की तरफ और चला कमांडर नहीं । वो टैक्सी कोठी से थोडे ही फैसले पर छोड दिया । कर्नल की कोठी इस्लामाबाद के बेहद पहुंच इलाके में बाकी का रास्ता कमांडर करन सक्सेना ने पैदल ही तय किया । कोठी के सामने पहुंचने हो चुका है । अब वो ठीक थी । बकायदा पहले थी । उसकी बाहर से ही शानशौकत राजा महाराजाओं जैसी लग रही थी । पाकिस्तान में पहुँच कितनी शक्तिशाली है इसका वो कोठी जीता चाहता । नमूना कोठी के बाद ही फौज की वर्दी में सजा धजा एक राइफलधारी जवान खडा था जो कमांडर करन सक्सेना को देखते ही अलग हो गया । कहीं फॅमिली साहब की कोठी यही है कि हाँ उनकी बेगम मिसिज रजिया के कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स है । कमांडर काॅस्ट की भूमिका अदा करता हुआ बोला मुझे डॉक्यूमेंट होने देने हैं खिलाओ । जवान ने कहा मुझे ॅ तो मैं कैसे दे सकता हूँ? करन सक्सेना बोला मुझे उनसे रिसिविंग सिग्नेचर भी कराने हैं । फॅार नहीं किए देता हूँ जी बातें तो उनकी जगह सिग्नेचर कैसे कर सकते हो? काॅपर नहीं है फिर तो उन्हें बुलाकर नहीं देते । ऍम खुद भीतर चला जाऊंगा । क्यों नहीं के सिग्नेचर होने जरूरी हैं? जरूरी है तभी तो मैं जब कर रहा हूँ । कमांडर करन सक्सेना बोला वरना मैं तो नहीं डॉक्यूमेंट देकर चलाना चाहता हूँ । एक बाल उस राइफलधारी जवान ने कुछ सोचा फिर आगे बढकर उसने लो ही का विशाल आयरन के खोल दिया थे । गए जब अंदर राइफलधारी जवान बोला और जल्दी से वापस लौटना के अंदर बचने के लिए जा रहा हूँ । डॉॅ तो दे कराना है । कमांडर करेंस अचानक धन नाता हुआ । बोला लोहे का विशाल आयरन गेट खोलते ही कमांडर को सामने एक लम्बा चौडा ड्राइव नजर आने लगा । अभी वो ड्राइव पर चंद कदम भी चला होगा । तभी उसे एक का एक रजिया नजर आई । जो ॅ उसी की तरफ चली आ रही थी । उस वक्त वो गुलाबी रंग का हाउस काउंट पहनी थी और उससे तो से ड्रेस में भी ब्रेड बना खुबसूरत लग रही थी नहीं क्या बात है रजिया उसके नजदीक अगर वो आपके लिए कुछ डॉॅ कहा है काॅस्ट रजिया की तरफ बढा दिया । उसमें पलट कर देखा । लोहे की आयरन गेट पर खडा राइफलधारी जवान अभी भी ही देख रहा था । उधर रजिया की नजर जैसे ही कागज पर पडी तो पूरी तरह चौकी कागज पर कोडवर्ड में लिखा था सर्जिकल स्ट्राइक की शुरुआत । उस व्यक्ति को देखते ही दसिया के दिमाग में धमाका सा हो गया । उसने हद पकाकर कमांडर को देखा फॅस रजा काम उसे तेजधारी छोटे फॅार के हाथ से फॅमिली और फिर उसके हाथ में हम एक कागज पर आनंद फाइनल में यूज चंद शब् कश्चित् करेंगे फॅार कर रही हूँ । आज रात नौ बजे सलमान क्लब पहुंच हूँ, तुम समझ ही नहीं होगी । बुचन शब्द लिखने के बाद रजिया जितनी किसी से उसकी तरफ आई थी उससे कहीं ज्यादा तेजी से वापस लौट गई । कमांडर करन हक्का बक्का सदस्य को जाते देखता रहा वो भी खामोशी से वापस लौट गया । सुलेमान हो इस्लामाबाद का बेहद मशहूर क्लब था । इसका एड्रेस कमांडर करन सक्सेना को बिना किसी परेशानी के फौरन ही मालूम हो गया । अगर हम सलमान क्लब को मशहूर क्लब के बजाय पदनाम क्लब कहें तो ज्यादा बेहतर रहेगा क्योंकि वो बदनाम था इसीलिए मशहूर था । उस क्लब की सबसे बडी खूबी तो यही थी कि वह इस्लामाबाद को उस इलाके में बना हुआ था जो रेड लाइट एरिया कहा जाता है । और जहाँ एक किलोमीटर के दायरे में कई हजार वैश्यालय स्थापित है उसको तो श्री खूबी थी कि वहाँ गैरकानूनी तरह से हुआ खेला जाता था । शराब बनती थी और लडकियों के सौदे भी होते थे । कुल मिलाकर सलमान क्लब आॅफ फुल अड्डा था । कमांडर करन सक्सेना को किसी बात की बडी हैरानी हुई । रजिया ने उसे इतनी बदनाम जगह पर क्यों बुलाया है वो साढे आठ बजे ही क्लब पहुंच गया । पौने दो बच गए । नौ बच गए । सवा नौ बज गए । परजिया वहाँ नहीं अब कमांडर करन सक्सेना निराश होने लगा । उसे लगने लगा कि रजिया वहाँ नहीं आएगी । साढे नौ बजे जब वहाँ से वापस जाने का मन बना रहा था । ऍम रजिया के बहुत कदम पडेगी । काॅपी कर चुका रजिया ने सडक छाप वेश्याओं की तरह चेहरे पर खूब चेहरा बे कपोत रखा था और काफी सस्ते और बदन देखो कपडे पहन रखे थे । अपनी इस बीच में वो कोई वेश्या ही नजर आ रही थी । रजिया उसके सामने वाली कुर्सी पर आकर बैठते हैं । ऍम रजत संभलकर बैठी हुई बोली, मुझे खाने में थोडी देर हो गई । कमांडर हाँ, हमारा इंतजार करने के बाद वापस जा रहा था । तुम तो जानते ही हो, मेरा कोठी से बाहर निकलना कितना मुश्किल है । हर वक्त मुझे कडे पहरे में रहना होता है । उस वक्त इलेवन क्लब के हॉल में धीमा प्रकाश था । सभी निजी फूलती है । लेकिन हॉल में उपस्थित तमाम लोग एक दूसरे में मग्न थे । उन्हें अन्य लोगों से जैसे कोई सरोकार ही नहीं था की जगह थोडी बदनाम जरूर है, पर हमारे लिए बहुत नहीं है । जहाँ इतना नाम से किसी भी सब्जेक्ट पढाते कर सकते हैं और यहाँ इस बात का भी कोई खतरा नहीं है कि कोई हमारी बातचीत सुन लेगा । मुझे दो दिन पहले ही तुम्हारे आने की फॅमिली थी । कमांडर करन सक्सेना ने डनहिल सिगरेट सुलगाते हुए पूछा और क्या क्या बताया गया था? मेरे बारे भी ज्यादा कुछ नहीं । सिर्फ इतना ही बताया था कि तुम सुल्तान फौजी को सजा देने के लिए भेजे जा रहे हो और मुझे तुम्हारी हर मुमकिन मदद कर रहे हैं । फॅस कराया हो गया तो मेरी मदद के लिए तैयार हो हो । जितनी मुझसे मुमकिन होगी, नहीं करूंगी । ऍम हूँ मुझे मालूम था । रजिया ने गहरी सांस लेकर कहा कि तुम मुझसे पहला सवाल यही करूँगी । इसीलिए मैंने सुल्तान का एड्रेस पता लगाने की कोशिश की थी । दरअसल सुल्तान फौजी पहले तो इस्लामाबाद में खुले आम घूमता था, लेकिन जब से भारत सरकार ने पाकिस्तानी ऑफिसर से उसके बारे में पूछताछ की है तब से वो हो गया है । मैं उसका पता लगाने की बहुत कोशिश की । बहुत बहुत कोशिश की है । कुछ पता चला है नहीं । काफी कोशिशों के बावजूद भी मैं उसका एड्रेस पता लगाने में नाकाम रही । अलबत्ता अपनी कोशिशों से मुझे जरूर मालूम हुआ कि वेस्टर्न चौक पर नफीसा भाई नाम की एक अडतीस चालीस साल की औरत रहती है कि चोरी छुपे शराब बेचती है और सुल्तान फौजी अच्छे उसके ठेले पर शराब पीने जाता है । सुल्तान फौजी को पूरे इस्लामाबाद नहीं उसी की यहाँ की शराब पसंद है हूँ उसके अलावा दैनिक भी सुना है रजिया थोडी तभी सामान में बोली कि तभी सब आई और सुल्तान फौजी के बीच जिस्मानी रिश्ते भी हैं इसलिए भी सुल्तान फौजी का यहाँ आना जाना होता है यानी करन सक्सेना ने टॅाप झाडी । आज की तारीख में सुल्तान फौजी की कहीं भी आने जाने का एक ही पर बने ठिकाना है और वो है नफीसा बाइकर । क्या बिल्कुल फॅमिली को ये भी जरूर ऍम आज की तारीख में रहता कहाँ है? हो सकता है पहले वो कहाँ रहता था । उस जगह को देखने से कोई फायदा नहीं क्योंकि क्योंकि वो एक सरकारी को भी है और उस कोठी को एक एमपी ॅ के नाम अलग कर दिया गया है वो तभी रजिया ने अपने पद से घडी निकालकर कमांडर करंट सक्सेना की तरफ पढाई फिर पहले की तरह ही थी । मैं शुरू में बोली अब उस गाडी को अपने पार्टी संभाल कर रखना । कमांडर क्यूँ गर्म? सक्सेना ने हैॅ स्टडी को उलट पलट कर देखा । इसमें ऐसी क्या खास बात है? दरअसल थडी ट्रांसमीटर है राॅ उद्घाटन करती हूँ । बोलिए अब मुझे जब भी तुम से संपर्क स्थापित करना होगा, इसी कडी के जरिए से करेंगे । इस घडी के ऊपर लगा लाल पर देख रही हूँ । कमांडर के नेता फौरन लाल पल पर जाकर केंद्रित हो गई । जब भी लाल बाल उस बात करें कभी समझ जाना कि मैं तुम से बात करना चाहती हूँ । इस लाल बाल के नीचे तो मैं जो अली सी चाली नजर आ रही है वो माइक है । इसके जरिए तुम्हारी आवाज मेरे तक पहुंचेगी । कमांडर करन सक्सेना ने वो ॅ अपनी जेब में रख रही है । उसने डनहिल का एक कष्ट और लगाया । उसके अलावा मैं तो मैं खास बात और बता देना चाहती हूँ । क्या तो कभी इस घडी पर मुझसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश नहीं करोगे क्योंकि मैं नहीं चाहती कि हैदर अली जब कोई और फिर आसपास हो और छब्बीस घडी करनाल बाल उस बात करने लगे । इससे मैं उसी पल शक के दायरे में होंगे । पिछले चलती मुझे तुमसे बात करनी होगी । मैं खुद करोंगे समझे मैं हूँ ठीक है । मैं घडी के जरिये कभी तुम से संपर्क स्थापित नहीं करूंगा । पकडेंगे मुझे चलना चाहिए । रजय कुर्सी छोडकर खडी हो गई । ऍफ कोठी पर आ गया होगा अगर वो मुझे ज्यादा देर कोठी से घायल देखता है, शक करने लगता है । कमांडर करन सक्सेना भी रजिया के साथ साथ उसी छोडकर खडा हो गया । मैं उनसे पर्सन सवाल पूछ सकता हूँ । कुछ तो मैं अपने भाई के हत्यारे का कुछ पता चला । उस समाज को सुनकर रशिया का चेहरा पट्टी की तरह तहत मैं लगा । कमांडर राॅबर्ट आते हुए कहा ऍम! मुझे स्पष्ट का पता चल गया । उधर उसकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा और उस दिन के बाद एक फॅमिली में रहना को नहीं समझेंगे । उसके बाद अब ऍम अल ऍम रखती हुई सलमान क्लब से बाहर निकल गई । कमांडर भी चहल कभी सीकर मतलब से बाहर निकला । ऍम अब रात के दस बजे जा रहे थे । ये नवी सफाई से मुलाकात करने का वक्त नहीं था और टैक्सी पकडी और सीधा अपने होटल जा पहुंचा ।

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सुलतान फौजी - एक कश्मीरी आतंकवादी। उसने मुम्बई में एक बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम दिया, जिसमें सैंकड़ों निर्दोष शहरी मारे गये। सुलतान फौजी पकड़ा गया। एक ऐतिहासिक फैसले में उसे 26 जनवरी के दिन फाँसी की सजा दी जानी थी, ताकि पूरी दुनिया देखती कि हम देशद्रोहियों के साथ क्या करते हैं। लेकिन उससे पहले ही सुलतान फौजी जेल तोड़कर पाकिस्तान भाग निकला। तब यह मिशन सौंपा गया कमांडर करण सक्सेना को। कमांडर- जिसने सुलतान फौजी को पाकिस्तान में ही घुसकर मारा। वहीं अपने हाथों से फाँसी की सजा दी उसे।
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