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सभ्यता की ओर: तृतीय परिच्छेद भाग 5 in Hindi

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210 Listens
AuthorNitin
सभ्यता की ओर Producer : Saransh Studios Author : गुरुदत्त Voiceover Artist : Ramesh Mudgal
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द्वितीय परिचय भाग और वासंती पर सुंदर को देख कुछ ऐसा अनुभव करने लगी थी कि वह मंझदार में तैरती हुई लकडी के लट्ठे का आश्रय पा गई है । यद्यपि मैं यह समझ नहीं सकी थी कि एक रिक्शा चालक से वह क्या आशा कर सकती है, परंतु सुंदर का सुदृढ, शरीर सुलझी हुई बुद्धि और विकसित मान देखकर मैं आश्वास्त अनुभव करने लगी थी । स्कूल का मैनेजर मिस्टर फ्रैंकलिन उसपर वक्रदृष्टि रखता हुआ प्रतीत होता था और वह अभी भी पर पुरुष से संबंध बनाने में पाक मानती थी । सुंदर ने मिस्टर पाल के विषय में पूछा तो उसके मन में पिछले आठ वर्ष की सब बातें हो उसके सामने नृत्य करने लगी थी । उसे सुंदर के अल्मोडा के स्कूल से भाग जाने के दिनों की बात हो रही थी । जब पुलिस थाने से यह समाचार मिला था कि सुंदर अपने फूफा के पास नहीं गया तो वह समझ गई थी कि सुंदर मैदान की ओर चला गया है और किसी प्रकार पुलिस को चकमा दे गया है । सुंदर के विषय में बात मिस्टर पॉल से भी हुई थी । उसने बताया था पुलिस को सुंदर का पता नहीं चला । इस पर पालने कह दिया था । उसके लापता हो जाने से तो तुम अपने को विधवा ही समझने लगी हूँ । वासंती को क्रोध आ गया था । उस ने कह दिया था शारदा इस पर मिस्टर बोलने एक क्षण तक घोलकर उसकी ओर देखा था और फिर कह दिया था आज से मेरा तुम से कोई संबंध नहीं रहेगा । मैं ऐसी स्त्री को अपनी पत्नी नहीं मान सकता, जो पति को ऐसे अब सब कह सकती है । पर अब सब तो आपने रहे हैं । वह सत्य नहीं है क्या? सत्य हो ही कैसे सकते हैं । वो है अभी बालक मात्र है उसका भाला । मुझ से क्या संबंध हो सकता है? रहै? देखने में तो युवा प्रतीत होता है । मैं समझता हूँ कि वह है भी, साथ ही तुम्हारा उसे गोद में लेकर बैठना । उसके गालों को थपथपाना भी यही प्रकट करता है । तो तुम ने मेरे गालों को तो कभी थपथपाया नहीं रहे तो मेरे साथ जो करते रहते हो तो नहीं करूँगा । मिसेज बॉल समझ रही थी कि यह स्थाई एशिया का परिणाम है, परंतु उस दिन के उपरांत बॉल प्रथक कमरे में भीतर से बंद कर सोने लगा । एक वर्ष तक किसी प्रकार से चलता रहा । इस समय उसे संदेह होने लगा कि उसका पति मिस थॉम्सन से विशेष अनुराग रखने लगा है । सिमसन उसके पति से विशेष रूप से गाना सीखने लगी थी । वह गाना तो चप्पल में जाकर सीखती थी । इस बात की स्वीकृति मैट्रन से ले ली गई थी । गाना सीखने के उपरांत वह नीति साइकल उसे अपने क्वार्टर में ले आता था और उसके साथ बहुत चाय लेता था । वे दोनों चाहे मिस्टर पॉल के बेडरूम में लेते थे, प्रत्यक्ष रूप से तो वासंती से रोज प्रकट करने के लिए ऐसा किया जाता था परन्तु वासंती को संदेह हुआ तो उसने दोनों को रंगे हाथ पकड लिया । उस दिन वासंती और पाल में झगडा हुआ और अंत में ये है निश्चय हुआ कि वह भी जिससे चाहे संबंध बना सकती है । पाल आपत्ती नहीं करेगा परन्तु वासंती ने इस पापकर्म से अपने को प्रथक रखना ही ठीक समझा । मिस सिमसन जो अब अच्छा गाने लगी तो पाल उसको लेकर सभा समाजों में घूमने लगा । इससे उत्साहित हो दोनों ने पूर्ण भारत के टूर का प्रबंध कर लिया । वे प्राय होटलो थिएटरों में संगीत समारोह करते हैं । ये प्रदर्शन यूरोपियन संगीत के नाम पर होते थे । वासंती के विषय में यह प्रख्यात हो गया की अब विधवा सामान रहती है । इस से उसने अपनी बदली करवाने का यत्न किया । इसके लिए उसे कुछ भाग दौड करनी पडी और पूना में वह नौकरी पा गई । यहाँ बहुत स्कूल के मैनेजर ने उसे अकेली आते देखा तो उसके मुख में नार्थ तब तक में लगी यह बात तो मिसेज पालने पहले दिन ही देख ली थी और जब पिछले तीन महीने से मिस्टर फ्रैंकलिन मिसेज पाल के चारों ओर चक्कर काटने लगा था । विशेज पाल को कुछ ऐसा अनुभव होने लगा था कि उसे या तो मैनेजर की भोग सामग्री बनना होगा अन्यथा स्कूल की नौकरी छोडनी पडेगी । पहले भी थी कि यदि नौकरी छूट गई तो क्या करेंगे? बहन तू अब सुंदर को देखकर घर समझने लगी थी कि बहुजन का आश्रय तो मिल ही सकेगा । इस पर भी उसके मन में यह सब कुछ भी एक स्पष्ट किसी कल्पना मात्र ही थी हूँ ।

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Sound Engineer

सभ्यता की ओर Producer : Saransh Studios Author : गुरुदत्त Voiceover Artist : Ramesh Mudgal
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