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विवाह शोभा करवाने की चाह में कहीं झोपडी ना बर्बाद करा नहीं जागे ने रजाई पैरों पर से एक तरफ करते हुए कहा कुछ नहीं होता झोपडी को बहुत कुछ है हमें और कहाँ ले जाना है यही तो एक कारज करना है । रानी ने मेकप उतारते हुए कमरे में बने गुसलखाने में से ही कहा फिर भी थोडा सा हिसाब से चले तो अच्छा है । मैं कहता हूँ होटल बुक करने को रहने दें । कैलगिरी वाले बंदे की शादी यहाँ है वो उसके घर जाकर रहने लगेंगे । कितनी का परिवार बहुत ही के रह जाएगा । मामलों के बारे में पीता कहता था कि उनके घर में ठहर जाएंगे । तीन परिवार हमारे अपने घर में ठहर सकते हैं, बढिया तरीके से नहीं । बाद में लोग यही सुनाते रहते हैं । रवि की शादी के वक्त लोगों ने बहुत बातें की थी । इस बार नहीं किसी को मौका देना, तेरी इच्छा, पैसे मेहमान अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर ज्यादा खुश होते हैं । चल सुबह करेंगे सलाह मशविरा तो सोचा नहीं तो रात भर करवटें बदलते रहोगे । नहीं नहीं तब कहाँ ठीक जाएगी । जब तक शादी नहीं होती, सबकुछ हो जाया करता है तो यूरी फित्र किए जाते हो । मुझे तो बल्कि पूरी खुशी है कि कभी दारी निपट जाएगी । बडी मुश्किल से तो लडकी को लडका पसंद है । कहती हुई रानी ने बिस्तर में घुसकर बत्ती बुझा देगी । वो जगह के के शो में अपनी उंगलियां घर आने लगी तो कुछ देर उंगलियां फिराते भरा देश हो गई । तब तक जगह दम साधे पढा रहा । रानी के सोते ही वोट कर दूसरे कमरे में चला गया । उसको पता था इसको नहीं नहीं आएगी । वो करवटें बदलता रहेगा । पुराने की नहीं टूटेगी तो खींचेगी रानी की खींच उसको डर लगता है । वो चाहता था कि किसी तरीके से मोटल वाला खर्च बचाने के लिए रानी को मानले सारी रात इसकी में बनाते ही बीत जानी थी । जिस दिन से विभाग की तारीख पक्की हुई थी उसी दिन से ही जग्य के साथ नींद रुक गई थी । तीन महीने पहले वो दोनों और उनकी बेटी रूबी जिसका विभाग होना था कपडे लगाते खरीदने इंडिया गए थे । रूबी के विभाग वाले सूट की कीमत देखकर जगह बोला एक दिन तो ये पहनना है विवाह कौनसा बार बार होता है तो मैं अपनी तंग बीच में नाडा हो तो अच्छा है । दुकान में बैठते ही रानी बोली जगह चुप हो गया । रिश्ते नातेदारों में देने वाले सूट खरीदने के अवसर पर रानी अपनी देवरानी की बहनों तक के लिए सूट खरीदने लगी तो जगे के अंदर मरोड तो ठीक और शांत रहा । रोगी बोली हूँ हम क्यों नहीं दे रहे हैं? हमने रवि के विवाह पर कुछ नहीं दिया था । किसी को बस खानापूर्ति ही की थी । लोगों के यहाँ से आए हुए हैं । वो तो लौटा नहीं । रानी ने जवाब दिया ये कपडे कौन नहीं पहने वाला? आॅस्टिन बनी होगी । फिर बोली तो मुझे नहीं पता । इन बातों का तो चुप रहे । कह कर रानी ने बात ही खत्म कर दिया । फिर उन्होंने दहेज के कपडे खरीदे । दुल्हन के साथ चलने वाली दसों लडकियों के एक रंग केसू और फेरों के वक्त बहन के साथ खडे होने वाले भाइयों के एक जैसी अटकने भी खरीदी । जग्य ने विभाग वाले कार्ड भी इंडिया से ही छपा लिए । रानी ने जगह उस पर रोकते हुए कहा था हर एक कार्ड कनाडा से छुपा लेंगे । एयरलाइन हमें इतना बोझ नहीं ले जाने देगी । जब का तुरंत बोल पडा यहाँ बहुत सस्ते पडते हैं तो यही फेक रहना तो कार्डों के बोझ के कारण कम सूट ले जा सकेगी । एक अटैची तो इन्हीं से बढ जाएगी । रानी बोली वो घबरा मत । मेरे पास स्कीम है, इसकी भी किसी अटैची में कार्ड नहीं डालता । जहाँ वायदा रहा फिर कैसे ले जायेंगे और देखती रहना । और जब इंडिया से कनाडा के लिए चले तो जगे ने सचमुच किसी अटैची में कार्ड नहीं डाले थे । कुश्ती उठाए जाने वाला कंप्यूटर बैक कारणों से भर लिया और अपनी और देख रही रूबी से बोला एयरलाइन वाले लेपटॉप तो साथ ले जाने देते ही हैं, पर ऍफ है तो इसे कौन सा किसी ने खुलवाकर देखना है कहकर जगे ने बाकी बचे कार्ड अपने बडे कोर्ट की सारी जेबों में भर रहे हैं । हालांकि मार्च महीने की गर्मी शुरू हो गई थी, पर जागे का विचार था कि वो कौन सा उसमें पहनना है । अपनी बाहों पर रखकर जहाँ तक ही ले जाना है और जहाज में बैठ कर जग्य ने राहत की सांस ली थी, उस की इसकी सफल हो गई । उसके अंदर ये डर भी था कि कहीं एयरलाइन वाले अटैचियों में से सामान निकलवाना दें । जज्ञिरे हाॅकी में एक एक किलो अधिक सामान डाला था । इस बारे में सामान जमा करवाते वक्त क्लर्क में उसे चेताया भी था, पर जागे नहीं । जैसा की पहले ही सोच रखा था । भोला समूह बनाकर बोला शायद मेरा तराजू खराब होगा । मैंने तो हर चीज में आधा के लोग ऍम डाला था । जहाज में जब उडान भरी जगह शुक्र बनाया । जहाज की अपनी ऊंचाई पर पहुंचने तक जग्य का दिमाग इंडिया में हुई भागदौड और खर्च का हिसाब लगाने में लगा रहा है । बार बार उसका दिमाग में रवि का विभाग आ जाता है जब वह सारे खर्च से बच गया था । दूसरे कमरे में बडे जल्दी को खयाल आया कि जितना खर्च शादी पर होगा उतरे में तो एक और अपार्टमेंट खरीदा जा सकता था । खर्च तो नाजायज हुए जाता है और जब के दिमाग में विभाग के सारे खर्च बारी बारी से आने लगे । उसने सोचा कि ब्राइडल शॉवर हो गई थी । उस दिन का सारा खर्चा कॉपी में दर्ज था । उसके दिल में आया की अपने कमरे में से कॉपी लाकर छोड हिसाब कर के देखे तो सही पर फिर रानी के जाग जाने के डेढ से उसने ऐसा नहीं किया । अब होटल का खर्चा हालतों में करने को पडती है, सुनती नहीं किसी की अरे मैं तो कहता रहा कि कार्डों के साथ लड्डू बांट देते हैं वरना कहती है लड्डू कौन खाता है, गुलाबजामुन देंगे । ये सब सोचते हुए जगह करवटे बदलता रहा । उस दिन जगे ने लड्डुओं के लिए रानी को राजी ना होते देखकर एक और पत्ता फेंकते हुए कहा था, अच्छा फिर सतिगुरु पनीर वालों से गुलाब जामुन की बाल्टियां जाएंगे । साठ डॉलर में आ जाएगी । तीन सौ गुलाब जामुन होते हैं उसमें और फिर लेडी संगीत वाले दिन इस्तेमाल कर लेंगे । वो कोई गुलाब जामुन होते छोटी छोटी मिनट से होते हैं । हमने बातें नहीं करवानी । रानी बोली, अच्छा तू लेडीज । इतनी खिलाकर जगजीत लेना कहकर जगह विवाह वाले कार्डों की और देखने लगा । उसके दिल में आया ढाई सौ कार्ड । घर घर बात कराओ । पहले कितना कहाँ रवि के विवाह की मौत थी । कोई झंझट नहीं । रूबी ने भी लिख दे कर कहा ये तो बहुत ज्यादा कम है । इस की जरूरत नहीं । हम ईमेल करके क्यों नहीं इनवाइट करते हैं । सभी के पास की मैं नहीं होते । जब मैंने कहा अरे जिनके पास ईमेल नहीं हैं, उन्हें कार्ड मिल कर देते हैं । जगेंद्र रानी की तरफ देखा होली ऐसे अच्छा नहीं लगता । गुलाबजामुन के डिब्बे भी तो देख कराने हैं । चल कार्डों पाॅप बैठकर कार्डों पर पाते लिखती रूबी ने पूछा ॅ ये कौन है? अपने गांव से है, जो मैंने कहा मैंने जानती हूँ । रूबी ने पूछा तो नहीं जानती बस व्यक्ति जल रानी बोली । जब चौथी बार रानी ने यही जवाब दिया तो वो भी बोली अगर मैं जानती नहीं तो हम इनवाइट कर रहे हैं । तो तुम तो तब जानते हैं जब मेरे साथ ब्याह शादियों पर जाते हैं । तब तो बिस्तरों में से निकलते नहीं थे कि हम कौन से उन्हें जानते हैं । डैडी मेरे को तो कोई ओवर टाइम छोडने को कहकर देखले मैं जानती हूँ किस किसको शगुन डाला है । वो तो वापस ले रही । जितना शगुन मिलना है उससे ज्यादा तो हम उन पर खर्च कर रहे हैं । मुझे क्या पता इन बातों का चुप करके लेकर काम खत्म कर खुद ही लिख लो कहकर रूबी उठ खडी हुई, ये काम भी खुद ही करना पडेगा । कार्डों को अपने करीब खींचते हुए जग्य ने सोचा फिर मंगनी वाले कार्डों की तरफ देखकर जगह नहीं सोचा । चलो ये तो अच्छा हुआ कि कल मेहमानों की गिनती वाला काम निपट गया । एक दिन पहले भी ऐसा ही माहौल बनने वाला था । पर रवि बात को संभाल लिया था । मशेल और रवि भी आए हुए थे । रूबी ने कहा था अब हम पूरा परिवार बैठे हैं । चलो फैसला करें कि मंगनी वाले दिन किस परिवार के कितने सदस्य बुलाने हैं । रवि और मशीन की उपस्थति में वह अंग्रेजी में ही बात करते हैं । ऍसे अच्छा नहीं लगता हूँ अगले की इच्छा है चाहे सारा परिवार आये चाहे एक जन । रानी ने कहा अरे मगर हमें मालूम हो कितने लोग आएंगे तो हम बढिया तरीके से प्रबंध कर लेंगे और कार्ड पर ऐसा भी लिखना है कि दो हफ्ते पहले हमें बता दो कि आप होगे की नहीं । रूबी ने कहा ठीक नहीं लगता रानी बोली उसमें गलत किया है । मशीन में भी हाजिरी लगवाई । इस तरह अच्छा प्रबंध हो जाता है । रवि बोला हाँ और ऐसे खाना भी बर्बाद नहीं होता है । जग्गा बोल पडा तो मैं तो बस चार पैसों की फिक्र है कि कहीं से बच जाए । रानी का जवाब सुनकर जगह खिसियानी से हसी हजार मशीन बोली मॉम डेड की बात ठीक है अपनी माँ के चेहरे की तरफ देख कर रवि छत से बोल बडा हाँ मैं तेरी बात भी समझता हूँ पर इस तरह मैनेज करने में आसानी रहती है और लोगों की सेवा भी अच्छे से हो जाती है और एक परिवार की जितनी चाहो तो मेहमान बता देना जो दूर के परिवार होंगे । उनके फालतू मेहमानों से बच जाएंगे और इस तरह मांगने वाले कार्डों और मेहमानों की गिनती का काम उन्होंने निपटा दिया था । अब तो उन कार्डों को बडे कार्ड वाले लिफाफे में डालकर उस पर पाते ही लिखने थे । ये कम जगह करता रहा । अगला पूरा सप्ताह ही वो काम पर से लौटकर कार्ड बांटने जाते रहे । कार्डों का काम अभी बीच में ही था कि फोन आने आरंभ हो गए थे । पहला फोन जय तो वालों की बहू का था तो बोली हमने कार्ड पर दो जने लिखा अरे हम बच्चे किसके पास छोड कराएंगे या तो चार आ सकते हैं या कोई नहीं । नहीं नहीं है । तुम चारों ही आओ तो बच्चों ने अपनी मर्जी से लिखवा दिया । रानी बोल पडी । फोन बंद करके वो जगह से बोली है तो पहले से ही कहती थी अरे लोग ऐतराज करते हैं । ऐसे कार्डों का काम निपटाकर जग्य का परिवार ग्रॉसरी वगैरह लाने में जुट गया । पिछले दो दिनों से वो गुरूद्वारे में व्यस्त रहे । वहाँ उन्होंने लड्डू, शक्करपारे, मट्ठियां, पकौडियां, बूंदी समूह से बेसन और बहुत को छोटा मोटा बनवाकर रख लिया । ये सब विभाग के दिनों के दौरान इस्तेमाल किया जाना था और बाकी बचा । बाद में रिश्तेदारों में बटना था । कार्ड बांटने और अन्य दौड भाग के बारे में सोचकर जगे को रवि के विभाग वाला समय और अधिक अच्छा लगने लगता है । मगर लौट फिर कर मोटर वाला खर्च दिमाग में । फिर घोषणा था करवटे बदलते उसे एक स्कीम सूची । उसके बाद जब आपको नींद आ गई । अगले दिन सवेरे ही टेंट लगाने वाले आ गए । जगे का खयाल था कि दोपहर के बाद आएंगे और वो तब तक अमेरिका का बॉर्डर पार करके दूध और खट्टा उठाएगा । अमेरिका में डेरी का सामान सस्ता था । उसने गली में रहते हैं । दो बुजुर्गों को साथ ले जाने के लिए तैयार कर लिया । दो लोगों को साथ ले जाकर वो इस तरह तीन गुना सामान ला सकता था । जी, वो पहले ही बहुत ले आया था । दूध लाकर उसे अडोस पडोस के घरों के फ्रिज में रखना था ये सोचकर कि पडोसियों पडोसियों के फ्रिज उसके कितने दिन के लिए कहाँ उपलब्ध होंगे । उसने कम आज के दिन पर छोड दिया था । मगर टेंट लगाने वाले सुबह सवेरे या पहुंचे । जब ऍम अधिक रानी ने कहा ऍम ये खुद लगा लेंगे । आपने क्या करना है? यहाँ बहुत का दूध वाला काम खत्म करो । बुजुर्ग भी आ गए थे । वो भी जल्दी मचाने लगे । जगह क्या करता हूँ चल पडा लेकिन उसके अंदर एक जनता उछल कूद मचाने लगे । इतनी रानी टेंटवालों की बातों में आकर फ्लोर लगवाने लग पडे । बडी मुश्किल से तो राजी किया था कारपेट के लिए । फिर उसने सोचा कि यदि बॉर्डर पर लाइन ना हुई तो जब टेंथ गाडेगा तो आपको लौटाएंगे । थोडा सा हौसला करके जगह बोला अंकल हूँ तो खर्चा बूढी औरतों ने खूब करवा देना है वहाँ पर । पर ऐसे मौके खर्चा चुभता रही जब बेटी बेटा माँ बाप के कहीं में रहकर विभाग करवाएँ । कर्मों वालों के होते हैं पुत ऐसे मान ले हमारी बेटी ने तो सब कुछ हमारे सिर पर छोड दिया । कहती है जहाँ होगी वहीं करवा लूँ । लडकियों की ही चिंता होती है कि किसी गैर के साथ न करवा ले लडकों को चल जाता है । दूसरे बुजुर्ग ने कहा जब मेरे को लगा जैसे बुजुर्ग नहीं ऐसा जानबूझ कर कहा हूँ । सफाई देते हुए बोला हम कहे तो देते हैं कि गोरी और ठीक नहीं होती । हमारी बहू है, लगता ही नहीं कि अंग्रेजन है, अपनी भी नहीं होंगे । इतनी सुशील ऍसे भी बहुत अच्छी हैं । बुजुर्गों के साथ बात करते हुए जागे वो कुछ देर के लिए टेंट वाले भूल गए । जब वो अमेरिका से वापस लौटे । टेंट वाले अभी भी वहीं थे । उन्होंने टेंट खडा कर दिया था । रूबी आकर कहने लगी टेडी हम रोड डलवा लेते हैं । सुंदर लगेगी तो मैंने सोचा की माँ बेटी की एक राय हो गई है । अब तो ये लगवा कर ही मानेंगे । उसके दिल में आया की कहते चलो फ्लोर ही दाल वालों पर फिर खर्च के बारे में सोच करके चुप हो गया । रूबी को भीतर भेजकर वो ट्रेंड वाले लडके से बोला कौन से गांव से हो? अब तो यही गांॅव लगाने वालों में से एक बोला जब किसी आॅस्कर बुला रहे हैं ये तो अपना है ही । मैं मतलब पंजाब में हो सागा है । शायद आमिर बताया का बेटा भी है चाहे वह भी कि नहीं । उनका उत्तर सुनने से पहले ही जगह ऊंची आवाज में बोला अरे चाय वाय लाओ भाई, ये तो अपने घर के ही लडके लड्डू भी लेती आना । वो जी चाय वाय रहने दो । आपका भाई दूसरे खोसा गांव में जहाँ होगा हमने अपने गांव की लडकियाँ यानी छोड रखी हैं । पहले ने कहा हो सकता है इस तरह तो लोग जो टैलेंट लगवाई के पैसे छुडवा लेते हैं और हमारी रिश्तेदारी छोटी जगह की निकाल देते हैं । लेकिन ये क्या बात हुई तो अपने गांव के लडके को हमारे गांव में बिहार लें पर यू नो भागो । जब मैंने कहा चाहे मिलने के बाद जब क्या बोला आप कोई चिंता नहीं मैं तो सोचता हूँ नीचे फ्लोर सी भी डलवा ही ले सुंदर लगेगी कितने और लग जाएंगे तो आपको ले वो तो बाहर वालों का रेट था अब तो बडी जगह की रिश्तेदारी दे दी आप तो हमारे भी गुरु रैना जी जो आपका जी करता है यह हुई । रिश्तेदार वाली बात डाल दो । फिर तो वो भी उससे शो बन जाती है । पूरी जगह कुछ देर उन्हें काम करते देखता रहा । फिर बोला मैं ना रिश्तेदार बहुत अच्छे लगते हैं । रिश्तेदारी में से ही किसी ने करवाया रिश्ता वही आजकल के बच्चे तो खुद ही ढूंढकर बताते हैं कि फला के साथ शादी करनी है । हमारी बेटी तो कहती जहाँ कर दोगे ठीक है बच्चे खुश होने चाहिए । जी जहाँ मर्जी हो जाएगा पहला बोला नहीं फिर भी फर्क तो होता है क्या कर जब अंदर की ओर चल पडा डेकोरेशन करने वाली लडकियाँ मिल गई कि हम करें प्रबंध दूसरे ने पूछा नहीं नहीं हमारी बेटी की सहेलियों ने कहा है कि वह करेंगी कहकर जगह चल पडा । उसने हलवाई को फोन किया जिसमें पूरे सप्ताह घर में खाना पकाना था । उसकी वैन घर के सामने पहुंच गयी । ट्रैन में चूला, लडाइयां, पतीले और दूसरा छोटा मोटा सामान था । जगह उसके साथ गैराज में सामान रखवाने मदद करने लगा । हलवाई शाम को फिर आ गया । उसने सुबह के लिए प्याज, आलू और सब्जियां काटकर रखती । उसके जाने के बाद करीब नौ बजे जगह रूबी और उसकी सहेलियों के पास टेंट में चला गया । शाम को रूबी की सहेलियों ने पहले घर के अंदर सजावट की और फिर टेंथ के अंदर जुड गई । ये टेंट पूरे हफ्ते लगा रहना था । उनके पास जाकर जगह बोला अब तुम खाना खा लो । ऍफ लेट जाते हैं । सुबह से उठे हुए हैं । कल आपको फिर चार बजे उठना है । ऍम कहाँ लेता होगा? अभी तो मेरी मौसी को एयरपोर्ट से लेकर आना है । ग्यारह बजे रात की फ्लाइट है । मौसी टैक्सी लेकर आ जाए नहीं चली जाती । पर मेरी सहेली आई हुई हैं तो भरेली पीजा मंगवा देता हूँ । खाने का काम निपटा हूँ । मुझे को लेकर रेस्टोरेंट जा रहा है । आप हमारी वरीना करो । अच्छा कहकर जगह डेकोरेशन देखने लगा । उसको सजावट के लिए इंडिया से लाइफ सुनहरी साडिया याद हुआ । उन्हें यहाँ इस्तेमाल नहीं किया गया था । उसने सोचा शायद रूबी भूल गई होगी । तो बोला वो जो हम साडीयां वो डैडी फ्लोर के साथ मैच नहीं करती थी । दूसरी लिए आई चलो मारी सी आवाज में कहकर जगह अंदर की और चल पडा । इतने तो डेकोरेशन में नहीं बचने वाले जितने ये रेस्टोरेंट में खर्च कर आएगी जबकि के दिल में आया । अंदर घुसते ही रानी बोली अपने होटल बुक करवा दिया था ना? हाँ मैंने चार कमरे कह दिए हैं । जब मैंने रात में सोची स्कीम के अनुसार झूठ बोल दिया । उसने मोटल वाले से पूछ रहा था कि यदि जरूरत पडी तो कमरे मिल जाएंगे पर बुक नहीं करवाए थे । रूबी की मौसी और उसके दोनों बच्चों को एयरपोर्ट से लाकर उन्हें खाना खिलाते समय जग्गा बोला देखो सवेरे हमें चार बजे उठना है, किसी ने हुंकारा ना भरा । रानी की बहन पूछ रही थी दीदी जिस ब्यूटिशियन नेरोबी को तैयार करना है, मुझे भी उसी से तैयार होना है याद रखना जबकि का दिल कर रहा था किसानी । उसकी बहन कहते हैं क्या आप सो जाओ और अभी की बहन पूछ रही थी । फिजिकल धारी सूट पहनो या तो अपनी पडी हुई है । जब मैंने सोचा जब मैंने फिर सवेरे उठने की याद दिलाई तो रानी बोली है उसके लिए तो इतने सालों बाद मिली है आपको सोने की पडी है । मैं तो फिर जाकर लेता हूँ । कहकर जगह उठ खडा हुआ । अगली सवेरे उसने हलवाई के साथ सब्जियाँ बनवाई । हलवाई अपने साथ काम करवाने के लिए एक आदमी लाना चाहता था और जब क्या बोला कि दिनों में ले आना । कल तो कोई नाते रिश्तेदारी में से होगा । नहीं, मैं खुद ही करवा दूंगा काम साथ लगता है । कीर्तन की समाप्ति पर बर्तन क्रॉकरी संभाल कर करीब चार बजे जब भी का परिवार बैठाई था, फॅमिली वाले बंदे का परिवार आ गया । उनके साथ एक देगा ना परिवार भी साथ एक जोडा और दो बच्चे है ना बोला ये मेरा सारे साहब और इनका परिवार है । बोले हमें भी अपने साथ विभाग दिखा कर लूँ । जेपी के पीछे रहे हैं ताकि आप ये भी जगे कि धोनी पर जब मन में ये बात आई, लेकिन उसमें कहीं नहीं । रानी पहले ही बोली अजी धन्यभागी, हमारी तरफ रौनक और बढ जाएगी । चाय पीते हुए जगह बुला आप लोग नहा धो लोग हो गए बारह घंटों के सफर में फिर रोटी पानी छककर आपको मोटल में छोडेंगे मैंने बुक करवा रखा हम नहीं अरे नहीं नहीं रहना हमें अपनी साली के घर में है । हम तो हाजिरी लगवाने आए थे हिंदी की ये बात सुनकर जाग के भीतर ही भीतर शुक्र बना लो जी विवाह हमारे घर है और रहना साली के घर में हैं ये क्या बात हुई रानी बोल पडी इस यू गले में बडे जा रही है जब मन ही मन पत्नी पर की जा पर बोला रोटी खाकर जाना भाई रहो वही जहाँ का दिल करे कोई जबरदस्ती नहीं है पर मोटल अपना बुक करवा रखा है दिखाकर जाएंगे फिक्र ना करो जिंदा बोला उनके होंगे जल्दी खिला देते हैं डाले सब्जियाँ बहुत स्वाद बनी है जी जाए शादी में आए हैं हमें बासिया खिलाने की ना सोच धंदा बोला उसने फिर रानी की और मु करके कहा एक बहन जीजा हमारा हमें सवेरे वाली बची हुई खिलाने को फिरता है । मैं तो गुरु एक जनरल बात की है । अपने पीजा वाले को कहा हुआ है जब कहोगे पंद्रह मिनट में आ जाएगा । जग्गी ने खिसियाई हंसी हसते हुए कहा । बात छेडने से पहले उसके दिल में था कि धंदा कहेगा चलो दोपहर वाला लंदन ही छत लेते हैं उसका क्या पास ही हो गया । ड्यूटी के बाद धंदा और उसके साथ आए लोग जब चलने लगे तो रानी बोली सिर्फ अपना मोटेल भी बुक था । चलो आपकी मर्जी पर जितने दिन यहाँ हो रोटी धरी खानी है और अपनी साली के परिवार से भी कहना मैं फोन कर देंगे और देने निमंत्रण । जब मैंने मनी मन कहा गर्मियों में विवाह नहीं रखना चाहिए जहाँ के बहाने लोग छुट्टियाँ बिता जाते हैं । जगह इन्हीं विचारों में ही था कि उसको भिंडी की आवाज सुनाई दी । बहन परवान आकर यही हैं । ये बस दो दिन विक्टोरिया घूम कर आते हैं । ये संगीत वाले दिन के बाद कहीं नहीं जाने वाले । चल अच्छा है तो उधर तो छुट्टी होगी जब मैंने सोचा लेकिन दो दिन भी छुट्टी नहीं हुई । सोमवार जग्य की बहन और बहनोई आ गए । मंगलवार को तीन और रिश्तेदार आ पहुंचे । दो दिन हलवाई खुद ना आया । एक मई खाना बनाने के लिए भेज दी । बुधवार फिर भट्टी तभी लेडीज संगीत के लिए दो सौ औरतों को निमंत्रण भेजा गया था पर जागे नहीं । ईटन वाले दिन बचे हुए खाने को देख कर हलवाई को डेढ सौ लोगों के आने के बारे में ही बताया । हम हुई तो कई पुरुष भी ओरतों के साथ ही आ गए । रुलदू के चारों लडके आ गए भी देखकर जबकि को गुस्सा आता है और होता पीसता रहा । उसमें थोडी शराब का प्रबंध किया था । मंगली वाले दिन उसने शराब बैडमिंटन से मंगवाई थी । वहाँ सस्ती थी बिचौले बस में तीन पेटियां रख लाया था जब मैंने उनको पैसे दे दिए थे । जब को घबराया देख उसका भाई मंगा बोला छोटे भाई जितना मर्जी कंजूसी करले ये है कि मिट्टी कुँए में ही लग जाएगी जब ये नहीं सुनी कर दी मंगा फिर बोला कि जो गोरी घूमती फिरती है ना कि ले जाएगी सब कुछ एक दिन तू लेकर स्टोर किसी को भिजवाकर दारू मान वाले योगी मोदी ने लग जाता है जगह मंगे के सुभाव से परिचित था इससे पहले की मंगा कोई और प्रवचन करता जब वहां से खिसक नहीं लगा था एक लडका भट्टी की तरफ आता हुआ बोला आपको गोरी खोजती फिरती है कौनसी गोरी होते हैं जब मैंने कहा बताने वाला जग्गी का लहजा देकर कम गया मंगा बोला ये की हो रही है रविवार ली और कौन है पिछले घर वाली लीजा भी यही है पडोस इंटरेस्ट भी यही हैं । रूबी कि गोरी सहेली अभी आई हुई है फिर उस लडके की और मु करके जगह बोला रवि की घरवाली तेरी कुछ नहीं लगती । देखते हैं कब लगती है कुछ अब तुझे लडाने लगा । मैंने कहा शर्म क्या कर अब अपनी बहू है कहकर जगह पीछे टेंट की और चला गया । मशीन खाने वाली मेज के पास खडी पकौडे सर्व कर रही थी । जगह उसके पास जाकर खडा हो गया । वो बोली तेरी पनीर के पकौडे खत्म हो गए । मैं देखता हूँ कहकर जगे ने सब्जी वाले पकौडे समूह से और स्प्रिंग रूल का भी जायजा लिया और हलवाई को जाकर बताया देखना करो कहकर हलवाई ने बर्तन धोने और अपनी सहायता के लिए बुलाई । दोनों ही औरतों को बुलाकर एक को टोफू काटने पर लगा दिया और दूसरी को स्प्रिंग रोल के डिब्बे खोलने । खुद उसने जल्दी जल्दी बेसन और मैदे का घोल तैयार कर लिया और टोस्ट ऊपर तैयार घोल लगा लगाकर चलने लगा । सामान दस बीस बन्दों का ज्यादा बनता तो फिर ऐसी भगदड नहीं पडती है । मंगा बोला । जग्य ने अंदर छिपाकर रखी शराब की बोतलें ला डर मंगे को पकडा दी और बोला लोग हैं तुम लोग अंदर लिविंग रूम में जाकर बैठो । मंगे को भट्टी पर से एक तरफ करके जगजीवन एक लंबा सांस लिया हूँ । चाय का काम लगभग खत्म हो चुका था । कोई एक का दुख आने वाला शेष बचा था । उतना ही पकडे पडे थे हलवाई दाल सब्जियाँ बनाने में बीजी हो गया भिंडी की सब्जी में डालने के लिए कुछ और प्यास उससे छीलने के लिए । और तो से कह दिया सब्जियों की तरीक गाडी करने के लिए उसने आलू वाले रखती है । खुद वह दम मारने के लिए बैठ गया । उसी वक्त जागा चक्कर लगाने आ गया उसके पहुंचती हलवाई बोला सब कुछ कंट्रोल में है, फिक्र ना करो तुम्हारे होते कैसा फ्रेगरेंस जब का बोल दिया उसने पकौडे बनाने के समय हलवाई की फुर्ती का लोहा मान लिया था । मंगे के शब्दों के साथ जगह उबला घूमता था अपना बेटे हल्का करने के लिए । उसको अवसर मिल गया तो बोला हम गौरी ओरतों को बुरा समझते हैं । अरे अपनी देख लो, कैसे पीती है अंदर से खुद ही वोट का की बोतल उठा कर लेगी । अरे हम तो रोज देखते हैं कई कई तो आदमी की तरह पीटीए ब्याज शादियों में प्याज काट रही औरतों में से और बोली देख लो बदनाम गौरी ओरतों को करते हैं । हमारी बहुत गौरी है पर शराब के करीब भी नहीं जाती ना हमारी बेटी पीती है मेरे बेटी जो हमारी मेरी गांव है । कहती है जहाँ हो गए वहीं विवाह कर लूंगी । खुशनसीब हो भाई, ऐसी बेटियाँ कहाँ मिलती हैं । दूसरी औरत बोली जब को लगा की हलवाई भी कुछ ऐसा ही करेगा । पर वो बोला शुक्रवार छोडेगी रस महिला आप उस दिन तो साठ सत्तर लोग होंगे । बस आस पास के शनिवार रात को खाना बनाना है । इतवार लंच पर पूरा जोर लगाना है । आई रिश्तेदार बढिया मिल गए । हमें रिश्तेदारी में से ही है । लेकिन हलवाई ने जगह की बात वाली बात पर ध्यान नहीं दिया । बोला क्या क्या बनाये उस दिन मैं घर वालों के साथ सलाह करके बता दूंगा । कहकर जगह वहाँ से चल पडा । अगले दिन मंगनी बैंक्विट हाल में थी । उसका प्रबंध रूबी ने खुद किया था । जगह तो सिर्फ चेक कर देना था । जग्य को जनता इस बात की थी कि लडके वालों की बस बैडमिंटन से समय पर पहुंच जाएगा । बस में दारूवाली बोतले थी वो लेट हो जाएंगे तो यहाँ खरीदनी पड जाएगी और अगर बस समय से पहुंचती है यहाँ वाली वापस लौटा देंगे । यही इसकी उसने छतरियों और एयर मैं ड्रेस के लिए भी प्रयोग की थी । इन्हें मंगवाकर रख लिया जाता था । इतनी बारिश होती तो छतरियों का उपयोग हो जाता । यदि कोई मेहमान घर में और आ जाता तो मैं ट्रेस भी खोलकर उनमें हवा भर ली जाती है । लेकिन इस सब की जरूरत ही नहीं पडी । मोटल की भी जरूरत नहीं पडी । जगह कई मेहमानों को सलाह देता हूँ । कह चुका था मोटेल बुक किया है । देख लोग इन छोटे खर्चों से तो जगह बच सकता था पर बैंक्वेट हॉल की सजावट देखकर उसने सोचा इस पर तो काफी खर्च होगा । बॉल का एक हिस्सा हल्के नीले रंग में रंगा था और दूसरा गहरे । मेहरून रंग में मेजों के ऊपर वाला कपडा उन पर रखे भूल ऍम कुछ मैच करता था । मूवी बनाने वालों का जुगाड भी ऐसे जैसे किसी फीचर फिल्म की शूटिंग चल रही हूँ । इसकी कीमत जल्दी को मालूम थी । उनका जग्य ने कहा भी था हरे इतने डॉलर में तो पूरा विभाग हो जायेगा भी तो कभी कबार ही देखनी होती है । इतना खर्च क्यों करना? रूबी ने जवाब देने की बजाय अपनी माँ की तरफ देखा था और बोली जैसा इन का दिल करता है करने दो । रोकना मत बल्कि अपना तो बोझ हल्का होगा । वो खुद आगे होकर प्रबंध किए जाती है । ये खर्च रानी को भी अधिक लगा था । उसने जब ये के और करीब होकर कहा हमारी मर्जी के लडके के साथ विवाह करवा रही है खर्चा करने की हमें आजादी देनी चाहिए । घर लेने दो चाहूँ पूरे भरे मैं कब रोकता हूँ कहकर जगह चुप हो गया । अब भी पूरे हॉल का जायजा लेकर वो चुप चाप रानी के साथ गेट के आगे खडा हो गया । मेहमान आने लगे थे । जगह शीघ्र ही बनाया लेता लेता खर्च के बारे में सब कुछ भूल गया । खासकर गांव वाली तेजो चाची के शब्द सुनकर तो वह खेल ही उठा था । चाची ने कहा था बेटा आज अगर तेरे माँ बाप जिंदा होते तो कितना खुश होते । चलो कोई बात नहीं । लडके ने तो अपनी कर ली पर लडकी ने फिर मुँह बना दी और अब जगे के कम वाला ग्रैंड अपनी पत्नी बेटी के साथ आया तो जब उनके साथ ही चल पडा है । ऑल की सजावट देखकर ग्रैग बोला जाए दोनों तो बहुत पैसे खर्च किए हैं । जब का हल्के से हस्कर बोला किसी दिन के लिए तो जी रहा था । दस ग्रैग इतिहास पडा गैप बहुत पुराना साथी था । लगेगा तब अभी जगह की शादी भी नहीं हुई थी । उन दिनों जगह को मार मार कर काम करता देख एक दिन ग्रैग ने मजाक किया था और वहीं मजाक सारे वेयर हाउस में अभी तक जिन्दा था । हर कोई उस मजाक को अपने अपने ढंग से बना लेता असर नहीं । तब ब्लैक में जगह से पूछा था तो फॅमिली है तो मैंने कहा था नहीं दारु पिता है नहीं पार्टी करता है नहीं कलेक्शन है नहीं वो ऍन भी तो जीता किस लिए है? गायक कहकर हंसा था । बाद में अन्य कामगार साथियों ने चुटकी वन लाइन से पहले कई और बातें छोड नहीं कि ग्राहक ने फिर पूछा तो काम पर से छुट्टी कर लेता है । जय कहता नहीं ग्रेड में फिर पूछा तो कभी ओवर टाइम छोड देता है । जग ने कहा नहीं ग्रैंड में फिर पूछा तो कभी बच्चों को छुट्टियों में घुमाने ले जाता है । जय कहता नहीं । साथियों द्वारा कही गई बातें सुनकर जगह हल्का सा हस्कर चुप हो जाता है और आज जगे को अपनी दरियादिली दिखाने का अवसर मिल ही गया था । डाॅन फिर का इतनी लोग मेरे रिश्तेदार या दोस्त हैं । अभी तो तू विभाग वाले दिन देखना ब्रेक को प्रभावित हुआ । देखकर जगता बोला वो मूवी बनाने वाले देख रहा है ना बताओ कितना चार्ज करेंगे । उनके सामान को देखकर लगता है कि बहुत महंगा है । ब्रेक बोला फिर जगह बार की और हाथ करके कहा वो बार है फ्री शराब जितना मन करता है पी हमारी फॅार तो जो के दूसरे मेहमानों की और भी ध्यान दे । कहकर ग्रैग ने जगह को चलता किया लेकिन झगडा का मन करता था कि ग्राहक को और ज्यादा प्रभावित करें । जब रिंग सेरेमनी होने लगी तो जगह फिर ब्रेक के पास आ गया । जब रूबी ने अपने मंगेतर की उंगली में रिंग डाली तो जगह बोला ये हीरे की अंगूठी है, मैंने खरीद कर दी है । मैं तो मजाक कर रहा है । गृह केशव सुनकर जागे ने अंगूठी की कीमत बताता ग्राहक को और भी हैरान कर दिया । ग्राइंड उसके बाद अपनी पत्नी बेटी को हैरान करने में व्यस्त हो गया । अंगूठी खरीदते वक्त माँ बेटी बाप को साथ नहीं ले गई थी । वापस लौटी तो अंगूठी की कीमत सुनकर जगह हैरान और परेशान हो गया था । पर वह परेशानी जगह भूल गया जब बेटी ने हैरान होकर आंखे चोडी की । शनिवार को भी गुरुद्वारे में मिलने के बाद जब अपने काम वाले साथियों को प्रभावित करने लगा । ग्रैग के अलावा बाकी काम वाले सातों साथ ही भी पहुंच गए थे । सबसे पहले तो जगह ने उसके द्वारा मिलने में दी गई अंगूठियों और कंबलों के बारे में बताकर उन्हें हैरान कर दिया । फिर उनमें से गुलाब भर तेरे तो रिश्तेदार भी बहुत है रे अभी तो आएंगे तुम देखना कोई पांच छह सौ लोग होंगे । जगह बोल पडा तेरे बेटे की वहाँ पर इतने लोग नहीं थे । नहीं इस तरह कोई महंगी लिमोजिन कार थी । ग्रैंड ने बोला बोला देख मेरा बेटा ना बहुत ज्यादा है तो ज्यादा खर्च नहीं करता । जबकि को लगा जैसे किसी ने कहा हूँ बिल्कुल तेरे जैसा है, पर ऐसा किसी ने नहीं कहा था । जगदीश को शक हुआ था । रवि के विभाग के वक्त जग्य के परिवार रहे हैं । थोडे से रिश्तेदारों को ही आमंत्रित किया था । जगह और रानी विभाग के हाथ में तो थे नहीं, पर रवि ने उनके लिए कोई दूसरी रहा नहीं छोडी थी । उसने सीधे सीधे कहा था मैं और मशल विभाग करवाएंगे । तुम कोई रस्म करना चाहते हो तो कर लोगे । नहीं तो हम कोर्ट मैरिज करवाने के बारे में सोच रहे हैं । जबकि के परिवार ने रस्में की । पर बेदिल इसी के साथ । मगर इस विभाग में सारी कसर वो निकाल रहे थे । ये वे वहाँ उनकी इच्छानुसार हो रहा था । रानी को उसकी भावी ने बैडमिंटन से रूबी के लिए अपनी जान पहचान में से किसी लडके के बारे में बताया था । रूबी लडके से मिलाने बैडमिंटन गई थी । वापस लौटकर वो बोली थी आप इतने समय से मुझ पर विवाह करवाने का जोर डाल रहे थे । अगर ऐसा लडका मुझे पहले मिल जाता तो मैं कब का विवाह करवाले थी? और फिर लडका वैंकोवर आया था । महीने में ही उन्होंने विभाग के लिए हाँ कह दी थी जबकि को रूम भी बहुत अच्छी लगी थी । जगह गर्व से भर उठा था । उत्साहित सा जगह डोली के वक्त भी इधर उधर घूम रहा था । चारों तरफ से बधाइयां मिल रही थी । आनंद कारज के बाद दूर आन्दोलन और उसके साथ तस्वीरें खिंचवाने पार्क नहीं चले गए थे । झगडे का परिवार घर लौट आया था । उन्होंने डोली लेने आने वाले बारातियों की आवभगत की तैयारियाँ करवानी चाहिए और जब बाराती घर आए तो लडकियों ने रहा रोक ली । वो दूल्हे को बीस दंड बैठक लगाने को कह रही थी । ये सब देखकर जगह और भी ज्यादा खुश हो रहा था । एक पल उसके मस्तिष्क में रवि की डोली के समय का दृश्य उभर आया । रवि के विवाह के वक्त डोली लेने वो मशेल के घर नहीं गए थे । गुरूद्वारे में आनंद कारज के बाद रवि और मशल अपनी कार में जगह परिवार के घर चल पडे थे । डोली उतारने के लिए अभी और रिश्तेदार घर नहीं पहुंचे थे । रवि और मशल घर के पास पहुंचकर कार में ही बैठे रहे थे । पर गर्मी अधिक थी । वो कार में से बाहर आकर घर की तरफ चलने लगे रहेंगे में सब्जी मशहर को इस तरह बाहर मारते चली आती दे जब जी को बहुत बुरा लगा था । वो तो लजाती शर्माती अपने आप में सिकुडी सिमटी बहु को देखने का आदी था । डोली उतारने के समय भाई बाबी का रहा रोकने के लिए अभी लडकियाँ पहुंची नहीं थी । घर के आगे प्रतीक्षा करते हुए मशल ने कहा हम अब अंदर आ सकते हैं । बहू को इस तरह उतावली दिखाते देख आसपास खडे लोगों की निगाहें आपस में मिली जबकि का तो मन हुआ कि वहां से खिसक जाए तो क्या कर सकता था । बिचारा है बल्कि रानी से बोला और ज्यादा ना इंतजार कर किसी का चलता वारकर अंदर ले जा । बहु अपनी रूबी की डोली के वक्त जगह गर्व से सीना चौडे किए हुए था । रूबी की डोली विदा कर रिश्तेदार रात के खाने के लिए रुक गए । विवाह के अगले दिन बैडमिंटन वालों की भरी हुई बस उनके घर लंच के लिए आ लगी थी और उनसे अगले हफ्ते एडमेंटन वालों ने रिसेप्शन पार्टी रखी हुई थी । जगह और रानी वहाँ गए । उन्होंने ऍम किराये पर ली तरह से आए मेहमानों को भी साथ ले गए । अगले दिन रूबी और उसका पति हनीमून के लिए निकल गए । वैंकोवर लौटकर जगह काम पर जाने लग पडा । काम से लौटकर करीब के रिश्तेदारों में कोठी झाड और विवाह के कपडे बांटने चल पडते । विवाह में से बचा हुआ सामान दुकानों पर लौटाने का काम भी जगह विकेट पर नहीं छोडना चाहता था । उसकी इच्छा थी कि विकेट पर काम पर ओवर टाइम लगाया जाए । विवाह से करीब तीन सप्ताह बाद सबसे फिर सकता कर एक शाम चक्का बोला रानी अब तो घर बिलकुल सूना सूना लगता है । रानी की आंखे भराई बोली सब घर की रंगत अपने साथ ही ले गई । खाली घर अब काटने को दौडता है । अब हम ने इतना बडा घर क्या करना है ये भेजकर जो रवि के लिए अपार्टमेंट लिया था उसमें मूड हो जाते हैं । रानी ने कोई जवाब नहीं दिया । वो अविरल आंसू बहाती रही । जगह उसको अपने संग लगाते हुए बोला, लडकियों को तो एक दिन अपने घर जाना ही होता है । जगह भी रानी को दिलासा ही दे रहा था कि फोन की घंटी बजी । नंबर देखकर जगह बोला ले । जिसे याद करते थे उसका ही बोला गया ले कर बात रानी अपने आप को संभालने लगे । फोन जगह नहीं उठा लिया । दूसरी तरफ रूबी के रोने की आवाज थी । कुछ संभलकर । वो गोली डेड इसमें वापस आ रही हूँ । मैं घर में और नहीं रह सकती है । भिट्टा विजय से नहीं कहते । मुझे मुझे ठीक से बात बता और फिर रूबी के साथ लंबी बात करके रानी ने जगह से कहा । उसकी सांस बात बात पर हुकम चलाती है । रूबी कहती है कि वह और वहाँ नहीं रह सकती । टाइम लगा करता है सेट होने में ये कुछ गुड्डे गुडियों का खेल रही है । जग्गा बोला हूँ नहीं मानती कहती है मैंने लडके के साथ विभाग करवाया है उसकी माँ के साथ नहीं कुछ बात । रानी ने फिर कहा लोग कहेंगे महीना भी नहीं काटा । अरे ठंडे दिमाग से सोच की क्या करना है? अगले दिन ठंडे दिमाग के साथ सोच कर रानी बोली मैं कहती हूँ जो रवि के लिए अपार्टमेंट लिया था वो बेचकर रूबी को अलग घर ले देते हैं । इस तरह वो अलग रहने लग जाएंगे तो शायद सब ठीक हो जाएगा । इसी वजह से तो रवि को नहीं दिया था की पता नहीं कितने दिन व्यवहार निभेगा । बहु आधा हिस्सा लेकर चलती बनेगी । मुझे तो यही तरीका सोचता है । रूबी के विभाग को बचाने के लिए कुछ ले, कहीं यु ही ना । दारा कुछ नहीं होगा । हम कौन सा साथ लेकर जाएंगे । ये सब कुछ बच्चों का ही तो है । अनमने मन से जगे ने जैसी तेरी इच्छा कहा और चुप हो गया ।
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Sound Engineer
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