लावण्या एक बेसहारा लड़की जिसे अपने ही सौतेले बाप ने साहूकार के पास बेच दिया था। बचपन भयंकर यातनाओं के बीच गुजरा। गांव के एक नि:संतान दंपत्ति अपने घर ले आए लेकिन ज्यादा दिनों तक खुशियां यहां भी नसीब नहीं हुई और 15 साल की उम्र में ही अनाथ हो गई। दूसरे गांव का अंश नाम का लड़का ना जाने क्यों लावण्या की ओर खींचा चला जाता है। लावण्या भी उसे चाहती है लेकिन वह अपना प्यार प्रदर्शित नहीं करता। यह कहानी रिश्तों और प्यार के भावुकता के साथ बंधी है। लावण्या और अंश का प्रेम केवल दैहिक नहीं है बल्कि दो आत्माओं का पवित्र मिलन है।
Author : अर्चना ठाकुर कनक
Voiceover Artist : RJ ManishRead More
लावण्या एक बेसहारा लड़की जिसे अपने ही सौतेले बाप ने साहूकार के पास बेच दिया था। बचपन भयंकर यातनाओं के बीच गुजरा। गांव के एक नि:संतान दंपत्ति अपने घर ले आए लेकिन ज्यादा दिनों तक खुशियां यहां भी नसीब नहीं हुई और 15 साल की उम्र में ही अनाथ हो गई। दूसरे गांव का अंश नाम का लड़का ना जाने क्यों लावण्या की ओर खींचा चला जाता है। लावण्या भी उसे चाहती है लेकिन वह अपना प्यार प्रदर्शित नहीं करता। यह कहानी रिश्तों और प्यार के भावुकता के साथ बंधी है। लावण्या और अंश का प्रेम केवल दैहिक नहीं है बल्कि दो आत्माओं का पवित्र मिलन है।
Author : अर्चना ठाकुर कनक
Voiceover Artist : RJ Manish