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राम नाम सत्य हैं 11 in Hindi

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281 Listens
AuthorSaransh Broadways
"वो कहने लगे, मियां पुराने हो गए हो हम बोले, अनुभव का खजाना हो गए हैं जूं जूं उम्र बढ़ती गई अनुभव में इजाफा होता गया"
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राम नाम सत्य है । राज्य में चुनाव की घोषणा हो गए । इसके साथ ही चुनाव सहिंता लागू हो गए । सत्तारूढ दल ने आंतरिक सर्वेक्षण करवाया था जिसमें चीज बताई गई राज्य के मुख्यमंत्री अभिलाष लेकिन पार्टी के मसीहा उनके पिता और राजनीति की एक लंबी पारी खेल चुके छत्तरसिंह हैं । पिछले चुनाव में सफलता से जीत के बाद स्वयं मुख्यमंत्री नहीं बने । अपने पुत्र अभिलाष को मुख्यमंत्री बनाकर राजनीति के गलियारे में सबको चौंका दिया था और अपने पुत्र को राजनीति में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया । समय के साथ राजनीति के दांवपेच भी बदल गए । परंपरागत तरीके अब हाईटैक हो गए । अभिलाष ने राजनीतिक सलाहकार किशोरीलाल को पार्टी की चुनावी रणनीति तय करने की जिम्मेदारी सौंपी । अभिलाष के इस निर्णय से छत्तरसिंह नाखुश थे । परंतु पुत्र की जिद और पढते काट के सामने छिहत्तर रन की कुछ नहीं चली । मीडिया में विपक्षी दल की जीत के कयास लगाए जा रहे थे । कोई कांटे की टक्कर बता रहा था और कोई विपक्ष की शानदार जीत अभिलाष पता को सुनिश्चित जीत का भरोसा दिला रहा था । मीडिया में अपनी कमजोर स्थिति देखकर छत्तरसिंह ने मीडिया को अपने आवास पर बुलाया । नमस्कार सर नमस्कार जाए तरह चुनाव में आप अपनी पार्टी की कितनी सीट पर जी देख रहे हैं चयन हमारी पार्टी राज्य में नंबर एक है और चुनाव के बाद भी नंबर एक ही रहेगी और अगली सरकार हमारी ही बनेगी । यदि आपकी पार्टी चुनाव जीतती है तब मुख्यमंत्री आप बनेंगे या बिना चीज रहेंगे? जयंत पार्टी को अविनाश पर पूरा भरोसा है । अगले मुख्यमंत्री अभिलाष के रहेंगे सर यही गठबंधन की सरकार बनती है । तब मुख्यमंत्री के पद पर आप किसको देखना पसंद करेंगे जब हमारी पार्टी को संपूर्ण बहुमत मिलेगा और मुख्यमंत्री के दावेदार सिर्फ अभिलाष है । किसी अन्य का मुख्यमंत्री बनने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है । हमने राज्य का विकास किया है । जनता विकास पसंद करती है, हमारी जीत होगी और अविनाश ही मुख्यमंत्री बनेंगे । आपने सत्तारूढ पार्टी के मसीहा श्री सिंह से सुना पे संपूर्ण रूप से आश्वस्त हैं । चुनाव में उनके दल को संपूर्ण बहुमत मिलेगा । मैं क्लाइविंग टीवी से जयंतकुमार बलोच कैमरापर्सन मिथलेश गुप्ता के साथ चुनाव की गर्मी पडने लगी । विपक्ष का पलडा हर रोज भारी होने लगा । अभिलाष को चुनाव विशेषज्ञ किशोरीलाल की रणनीति पर पूरा भरोसा और विश्वास है । जनता को पांच वर्ष में एक बार अपने प्रतिनिधि चलने का अवसर मिलता है । जनता ने बटन विपक्ष पर दबा दिया सत्तारूढ दल चुनाव में पूरी तरह से हार गया । इतनी बुरी हार की उम्मीद बिल्कुल नहीं थी । दल के मुझे अच्छा अंतरसिंह हार से पूरी तरह बौखला गए । चुनावों से पहले अभिलाष, किशोरीलाल और दूसरे पदाधिकारियों ने दल की स्थिति काफी मजबूत बनाई थी । सौ सदस्यों की विधानसभा में सिर्फ पंद्रह सीट मिली । मुख्यमंत्री अभिलाष के छोटे भाई की पत्नी यानी के मसिया छत्तरसिंह की पुत्रवधू चुनाव हार गई । पुत्रवधुओं की हार को छह सिंह बर्दाश्त नहीं कर सके । परिवार का सदस्य कैसे हार गया । दल के सदस्यों ने धोखा दिया । उसको छोटी रिपोर्ट दे की जीत पक्की है । हार के बाद मीडिया को विनम्रता से बयान दे दिया की जनता का आदेश सिर आंखों पर और राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया । जो जहाँ डूब गया उसमें कौन सवारी करेगा । जहां छिहत्तर सिंह के निवास पर लोगों का जमावडा होता था अब वहां सन्नाटा छाया हुआ था । छत्तरसिंह ने सरकारी बंगला छोड दिया और शहर से दूर गांव में पुश्तैनी मकान में रहे चलेगा । अकेले में हार का अवलोकन करने लगे । क्यों उसको झूठी रिपोर्ट देकर दिलासा दिलाया । हार जीत तो होती रहती है । अगला चुनाव पांच वर्ष बाद होगा । उस में फिर मौका मिल सकता है परन्तु विश्वासघातियों को छोडना नहीं, सही रिपोर्ट देते, तब कम से कम अपने परिवार की प्रतिष्ठा और साहब को मिट्टी में मिलाने से बचा लेते हैं । पुत्रबधू की हार हर था । पूरी प्रतिष्ठा ही पानी में बह गए । पुत्रवधू के चुनाव में हार पर हर आदमी उनके ऊपर धोखा है । छत्तरसिंह गांव में मीडिया से दूर सिर्फ अपनी पत्तियाँ तो विश्वास पात्र व्यक्तियों के साथ खामोशी से रह रहे थे । एक महीना बीत क्या क्षेत्र सिंह बस सोचते ही रहते । कुछ संवाद पत्नी से करते हैं और फिर काम सन से बैठ जाते हैं । एक दिन सुबह टहलते हुए छत्तरसिंह ने अपने दोनों विश्वासपात्रों मुसद्दीलाल और चुन्नी लाल को बुलाया तो कुछ तो बोलिए । हमें आपके खामोशी से डर लगता है । आपको इतना खामोश और अकेला कभी नहीं देखा । मुसद्दीलाल ने बहुत धीमी आवाज में कहाँ मुसद्दीऑफिस चल नहीं तुम दोनों मेरे सबसे अधिक विश्वासपात्र । मैं तुम्हें अपने परिवार का हिस्सा मानता हूँ । छत्तरसिंह ने पत्थर की बेंच पर बैठे हुए कहा, और इसमें कोई दो राय नहीं । आप हमारे माँ बाप है । आप के अलावा हमारा इस दुनिया में कोई और नहीं तो उन्होंने एक सफर में कहा । छत्तरसिंह ने उन दोनों को बैठने को कहा । दोनों जमीन पर बैठकर छत्तरसिंह कुर्सी पर बैठने को कहा । दोनों कुर्सी पर बैठ गए । ऍम तो एकदम सट कर बैठ गए । सुना पुत्रवधू के चुनाव क्षेत्र का प्रभारी कौन था? कुसूर बनना था और दल की रणनीति किसकी जिम में थी? किशोरी लालकुॅआ ध्यान से हूँ । मुन्ना को यहाँ लाओ । चुनाव के बाद वह एक बार भी मुझे नहीं मिला । बडा आदमी बन गया है उसके पास मिलने का समय भी नहीं ठीक है । आपके कदमों में पडा होगा । अभी का सीट कर लाते हैं । सुनो उसको अकेले लाना उसके साथ और कोई नहीं होना चाहिए और या नहीं सीधा हमारी स्टील रोलिंग मिल मिलेगा ना । दो तीन बाद नहीं मालूम ना दो दिन बाद मुसद्दीलाल और चंदीला मुन्ना काॅलिंग मिल पहुंच गए और ऍम हम मिल में हैं । चुन्नीलाल छत्तरसिंह को फोन पर सूचना दीजिए बनना कि कुछ हजार करो । हमारा मेहमान है जो उसको पसंद खिलाफ और खिलाओ । बकरे को मोटा करूँ मैं थोडी देर में पहुँचता हूँ । छत्तरसिंह के बाद शंकर मौसम चलने नहीं मुन्ना के अगर खाने का ढेर लगा दिया दो घंटे बाद छत्तरसिंह मिल पहुंचे मुन्ना कैसे हो बस आप की कृपा है । मनाने उठकर छत्तरसिंह के पैर छुए छत्तरसिंह उसके कमीज का कॉलर पकडकर पेट में दो लाख जमा मुन्ना मुझसे खरीददारी क्योंकि मुझे और चलने छत्तरसिंह का इशारा समझ गए और दोनों बनना के ऊपर फिल कर दे । दनादन लात और घूंसों से जमकर पिटाई की । नाथ भरा हो गया सब्जी माफी मांगता हूं, छोड दीजिए । मैंने कुछ नहीं किया । चुनाव मेरा काम पानी की तरह बाहर ही थी । पिछले विधानसभा में पैसा सीट थी और इस बार सिर्फ पंद्रह कोई बात बार करेंगे । मेरी पुत्रवधु हार गई दो नहीं आ रही है । मैं हारा मेरी इज्जत प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल गई और दो मुझसे झूठ बोला की जीत हमारी कहकर । फिर तो लाख मनना के ऊपर जमादि मुझे माफ करो । वोटरों का मूड नहीं । भाप से का छूट क्यों बोल रहा है? पांच चुनावों का अनुभव है । मीडिया को कुछ भी बोले पर अंदर के बाद हमें मालूम होती है की कितनी सीट मिलेंगी । बता कितने पैसे खाए हैं विरोधियों से मेरे तो पूरे डकारकर अब सजा मिलेगी हूँ काम हो जो मूॅग सर में बोले ऍम नहीं की एक चीज निकले और बेहाल मुन्ना को मुसद्दी और चुन्नी ने दो और मजदूरों की मदद से उठाया और भट्टी में डाल दिया । राम नाम सत्य है, सत्य है, सत्य है, सत्य बोलो सत्य है कहकर छत्तरसिंह मिल से बाहर आ गए । ऍम ना की हड्डियाँ राख में बदल गए । काम नाम सकते हैं । सत्य बोल तो सबके बोलते बोलते मुसद्दीलाल और चुन्नीलाल भी रोलिंग मिल से बाहर आ गए । होना के कार को नहर में थे तो छत्तरसिंह कहकर अपने घर पहुंचे । थोडी देर बाद मतलब और चुनने भी छिहत्तर सिंह के पास आ गए हूँ । काम संपन्न हुआ । ठीक है टाॅक मुन्ना की हड्डी तक नहीं बचे हैं सत्तारूढ दल को ढूंढने तो मुन्ना किस दुनिया में है और आपके होते हमें कोई जानता नहीं है । अब किशोरी लाल की बारी है । लडके को समझाया था कि विदेशी दावपेच भारत में काम नहीं आती । मति मारी गई थी के चुनाव रणनीति किशोरीलाल के हवाले कर दी । इतना पे अगर कभी नहीं हुआ था, तीर नहीं करनी कल परसों में उसको यही ठिकाने लगा दो नहीं तो सब सावधान हो जाएंगे । कुटिल मुस्कान के साथ । मुसद्दीलाल और चंदेला एक स्वर में बोल हैं । काम नाम सत्य है, साॅस सकते हैं ।

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"वो कहने लगे, मियां पुराने हो गए हो हम बोले, अनुभव का खजाना हो गए हैं जूं जूं उम्र बढ़ती गई अनुभव में इजाफा होता गया"
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