अक्सर जो हम सोचते है वैसा होता नहीं, लाख जतन करने के बाद भी होता वही है जो हाथ की लकीरों में लिखा होता है। कुछ ऐसा ही हुआ आर्यमन औऱ सुकीर्ति के साथ,ऊपर वाले ने विपरीत परिस्थितियों के चलते उन्हें विवाह के पवित्र बंधन में बांध तो दिया पर आगे क्या होगा? सुकीर्ति की चाहत आर्यमन ही है ,या कोई और? क्या आर्यमन इस शादी को स्वीकार करेगा? सुकीर्ति उससे प्यार नहीं करती यह जानकर वह कोई बड़ा फैसला लेगा? सब कुछ जानते हुये उसने सुकीर्ति से शादी करने का फ़ैसला लिया ही क्यों ? कहानी में कई मजेदार मोड़ आते है और कई जगह हमारी आंखें भी नम होती है। जानने के लिए सुनें पूरी कहानी...Read More
अक्सर जो हम सोचते है वैसा होता नहीं, लाख जतन करने के बाद भी होता वही है जो हाथ की लकीरों में लिखा होता है। कुछ ऐसा ही हुआ आर्यमन औऱ सुकीर्ति के साथ,ऊपर वाले ने विपरीत परिस्थितियों के चलते उन्हें विवाह के पवित्र बंधन में बांध तो दिया पर आगे क्या होगा? सुकीर्ति की चाहत आर्यमन ही है ,या कोई और? क्या आर्यमन इस शादी को स्वीकार करेगा? सुकीर्ति उससे प्यार नहीं करती यह जानकर वह कोई बड़ा फैसला लेगा? सब कुछ जानते हुये उसने सुकीर्ति से शादी करने का फ़ैसला लिया ही क्यों ? कहानी में कई मजेदार मोड़ आते है और कई जगह हमारी आंखें भी नम होती है। जानने के लिए सुनें पूरी कहानी...