Made with in India
कॉलेज का अगला दिन नीतू गेट पर मेरा इंतजार कर रही थी । हाई संजय मेरे ऊपर निभा पढते ही वो मुस्कुरा पडी है । मुझे भी उसका बडा ऍम निकल गए थे । आज शिकायत करते हुए वो बोली छुट्टी पर हम कितना ढूंढे टेंट में क्या कह रही हूँ मैं जोर से हंस पडा मैं यही गेट पर ही तो था तो भी नजर नहीं आई । संजय उसने तल कल रात नहीं गौर से देखा मेरी और तो मुझे बना रही हूँ नहीं तो अच्छा तो अब तो मुझे झूठ बोलोगे । अचानक उसकी आंखें फैल गई । मुझे याद है कल छुट्टी के बाद सीधे में यही इसी जगह पर आई थी और तुम यहाँ पे नहीं थे । समझे तो मैं मुस्करा बडा मेरे यकीन करो में यहीं पर था । इसी गेट पर तोहरा इंतजार कर रहा था । उसकी चमचमाती आंखे देर तक मुझे घूमती रही । फिर मेरी बातें पकडते हुए बोली सच है या झूठ? मुझे नहीं पता तुमने मेरा इंतजार किया । बस यही काफी है मेरे लिए । हालांकि मुझे पता था उससे मेरी बात पर कोई यकीन नहीं है मगर मैं उसकी परवाह करता हूँ । इस बात पर वो खुश थी । मेरा हाथ अपने हाथों में लेकर वह देर तक मैं जाने मेरी आंखों में क्या तलाशती रही । मिस्टर मेल मिलाप हो चुका हो तो प्रयोगशाला की तरफ दिया जायेगा । अच्छा रह जाना पहचाना सस्वर मेरे कानों को छोडा । मैं बिजली की गति से उधर बडा तो कुछ दिनों तक आंखों पर यकीन नहीं हुआ । प्रिया बिल्कुल मेरे पीछे पडी थी जी मैंने हैरान होते हुए पूछा मेल मिलाप के बाद प्रयोगशाला की तरफ भी आ जाइएगा । जी जी कल वैसे भी अब हमारे प्रयोग की ऐसी तैसी कर चुके हैं । कहते हुए वो आगे बढ गई । मैं तब उसे जाते हुए देखता रहा । संजय लडकी कौन है तूने मुझे जब जो रहा हूँ पता नहीं ।
Sound Engineer
Writer
Voice Artist