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मैं आज कई दिनों बाद अपने घर घुसा था । लोन पर करने के बाद मैं पल भर के लिए ठहरा । उस वक्त पूरा घर मेरी निगाहों के सामने था । मेरी आंखें डबडबाई कभी किसी घर को देखकर में कितना खुश होता था । घर के अंदर मेरी पूरी दुनिया थी लेकिन आज वही हर इतना पढाई लग रहा था । ऐसा जैसे कि मैं वहाँ पहली बार आया हूँ । उस वक्त मेरी ने कहा उस छज्जे पर भी गई जहां बैठकर कभी कबार हम चाहे दिया करते थे । मैंने लॉन में लगे फूलों को नहीं आ रहा । कितना मुझ से गए थे क्या देख रहे मिस्टर संजय एक किसी ने आवाज नहीं मेरे कानों को छोडा । मैंने उधर देखा । सामने इकबाल खडा मुस्कुरा रहा था । अपने सर पर हाथ घुमाते हुए बोला दूसरों के घर में घुसने से पहले दूर बाल दवाई जाती है । पता है ना आपको? हाँ मैंने कहा कोई बात नहीं, पहली दफा है । गलती हो जाती है । आई बैठी है । कहते हुए वो गेस्ट रूम के दरवाजे पर जोर से लात मारी वो हो गया । सामने वाले सोशल में बैठे हुए बोला अरे आप अपनी खडे बैठे बैठे हो गया । बंगडी कहा मैंने वही खडे खडे पूछा । वो ऊपर खेल रही है । लेकिन इतनी जल्दी भी किया है सिस्टर है । उसने छुपी निगाहों से घडी की और देखा । उसके चेहरे पर लगातार एक बहुत हँसी चाय रहे । उससे कहा मिस्टर संजय । एक बात बताइए गया जी मैंने धीरे से कहा आपको ये सब करके क्या मिला? मतलब मेरा मतलब ये है कि अगर आपने खुशबू को मुझसे मिलने के लिए बार बार न रोका होता । खुशबू ना सही कम से कम आपके घर और थोडी तो आपके पास होते हैं । अगर आप तो हीरो बनने निकल पडे । जैसे कि आपको पता है कि दो प्यार करने वालों के बीच में दीवार खडी करना कानूनी तौर पर भी जुर्म है और अगर प्रेमी वकील हो तब तो ये भयानक अपराध है । जानते हैं ना आप? उसने कभी बताया नहीं । आप के बारे में अच्छा ऐसे अगर बता देती तो हम से मौत देता हूँ से और जेल चले जाते हैं तो जोर से हंस पडा छोडिए उसने एक बार फिर घडी की और देखा और मुस्कुराकर वाला वो तमन्ना भी आपकी जल्द ही पूरी हो जाएगी । बुलाना अब ऊपर जाइए पंखुडी आपको इंतजार कर रही होगी । मैं आखिरी बार उसकी और देख और पर लांगते कदमों से सीढियों को पार करता हुआ बरामदे की और बढ गया पंखुडी मैंने आवाज भी अगर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया । सीधे बैडरूम पहुंचा । वहाँ भी कोई नहीं था कुछ वो अभी शायद ऑफिस से नहीं लौटेंगे । उस दौरान मैंने कई कमरे झांके थे पर जब वो कहीं नहीं मिली तो दोबारा लौटकर बेडरूम में बिस्तर के पास खडा हो गया । नहीं आंखे देर तक इधर उधर कुछ खोजती रही कि तभी अच्छा ना । हमारी के पास बडे कपडों के गट्ठर में मुझे पंखुडी का हाथ दिखाई दिया । मेरे हाथ पहुँचाना शून्य पड गए । मैं लडखडाते कदमों से उधर भागा मगर कदमों ने साथ नहीं दिया । आराम से मैं फर्श पर गिर गया । मेरी आंखों के सामने अच्छा ही अच्छा गया । अपने काम के हाथों से मैंने पंखुडी के हाथों को छुआ उठते पड चुके थे । उच्चतम खडी कंपनी मर चुकी थी । मैं उसे गले से लगाकर चिंघाडता । उससे पहले एक तीन चार गाडियां आवाज करते हुए घर में दाखिल हुई । मैंने खुद को समेटा, उचककर खड कीजिए । देखा तो मैं फोटो से चीख निकल गई तो पुलिस मैं एक बार अंसारी की साजिश समझ गया । एक तरफ मिल बेटी की लाश थी, वहीं दूसरी और मेरे झेल जाने का रास्ता है । नहीं दोनों में से किसी को भी चुनने की हालत में नहीं था और मुझे वहाँ से भागना पडा था ।
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