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उस दिन मुझे इस बात की तसल्ली हो गई थी । शाम को पहुंचूंगा तो खुशबू जरूर मेरी यात्रा का हालचाल लेगी । ब्रिया के बारे में भी बात करेंगे । हो सकता है उसे उम्मीद होगी । मैं उसके मम्मी पापा स्थिति मिलकर आया होंगा । शाम आई तो मगर निराशा भरी कुछ । वो ऑफिस से देर में लौटी और फिर कपडे बदल का सीधा रसोई में घुस गई । इस दौरान हमारी नजरें कई बार मिली लेकिन उसमें कुछ नहीं पूछा । खाने की थाली रखकर उच्च चलने लगी तो मजबूरन मुझे ही बोलना पडा । वो वो ठहर कर देगी और देखिए मैं मालूम है पिया का खत्म हो गया है । कब और सुशांत को अखबार में बडा भी होगा तुमने तस्वीर भी तो सभी जी प्रिया की । मैंने एक बार नहीं देखा । बडी बेरुखी सोचने कहा लौट पडी । सुनो तो अंदर ही अंदर मैं क्रोध और पीडा से तडप पडा उठा हूँ । फिर भी जवान को संतुलित रखते हुए बोला तो नहीं । उन का जरा भी दुख नहीं हुआ । वो तुम्हारी सहेली थी और तुम्हारी कौन थी? अचानक वो पलट कर खडी हो गए । उसके आंखों में गुस्सा साफ दिख रहा था । मेरी और झुकते हुए बोली बोसॅन तुम्हारी दोस्त प्रेमिका या रखे कुछ वो पच्चीस पडा ठीक ही तो कह रही हूँ चिल्लाते की हो तो बताओ कौन थी वो तुम्हारी उसके श्रोत्र रूप को देखकर कुछ पलों के लिए मेरा दिमाग शून्य पड गया । मेरे एक साधारण से सवाल पर वह इस तरह की प्रतिक्रिया देगी । मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी बोलो अब चुकी हूँ खींचते हुए बोली शादी से पहले तो खुद ना जाने कितनी लडकियों के बदन को रोने हो और मैं मैं एक बार किसी के साथ यु ही चली गई तो इतनी दूर तक सोचने लगे मेरे ऑफिस में फोन कर करके पूछताछ शुरू कर दी वो बिना मेरी और देखिए कुछ देर तक पडती रही मुझ पर मैं मानती हूँ हर किसी का तीस होता है शायद मेरा भी लेकिन तो भारी जैसे किसी का नहीं होता । एक नहीं तीन तीन लडकियों को भी होगा है तुमने और उनमें से एक मैं भी हूँ वो बस करूँ पंखुडी है यहाँ पर तो उसे भी तो पता चले कि वह कैसे बाप की बेटी है । दिनभर पापा की पूछ बनी रहती है कैसा बाबू में निर्यातकों में ही का एक सूची चला जो तुम रिश्तों को ऐसे उसको बहुत कह लिया तुमने बीस जब नहीं गलत हो ना उसकी निगाह मेरे आंसुओं पर बडी तो अचानक को सहन गई । अपने शब्दों के पीछे बन में लगाम लगाते हुए बोली अब रोती हूँ । मुझे बुलाने का इरादा है क्या? कहते हुए वो सचमुच रो पडी । इससे पहले मैं कुछ कहता हूँ तेजी से लगाते हुए मेरे सर को अपने वक्ष से चिपका ली थी का एक उसका सारा गुस्सा हुए की तरह हवा में फिर हो गया । अपने दुपट्टे से मेरे आंसू को पूछते हुए बोली संजय आजकल तो मुझे बहुत बुलाने लगे हो । मैं तुमसे तंग आ चुकी हुआ । अचानक उसकी समृद्धि पर मेरी आंखों में और भी उबाल आने लगा । उसने मुझे किसी बच्चे की तरफ बाहों में समय क्या बहुत देर तक मेरे बालों को सहलाती रही । महीनों बार हमारे बीच प्यार का बीच पुनः अंकुरित हुआ था तो इधर कुछ दिनों से शायद सूखता जा रहा था । उस रात एक बार फिर हम एक ही कमरे की एक ही बिस्तर पर पति पत्नी बनकर आंखों में बिना नींद के बोझ के तेरह तक चाहते रहे । मुझे नहीं पता जोश रात बहारों की कितनी गलियाँ टूटे होंगे । कुछ तो पूरे समर्पण के साथ मेरी बाहों में अपना असर रखे हुए लेती रही । इतनी थकान के बावजूद उसकी आंखों से नींद भारत साॅस सो गए क्या मैं मैंने आपको खोलते हैं उसकी और देखा मुझे कुछ आप लगते थे । प्रिया को किसी का रहा होगा । मैं नंगे सीधे हो सहलाते हुए वो बोली पता नहीं अभी कुछ कह नहीं सकते । अखबार में सुधाकर सहित दो नाम और दिए गए थे । पुलिस को उन्हें तीनों पर शक है । कहाँ है सब जल्द से जल्द पकडे जाएंगे । कहते हुए वो मेरे सीने से सडक कर बिस्तर पर सीधे लेट गयी । नजरे छत पर घूम रही बंक को घूमती रही ।
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