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मई की चिलचिलाती दोपहर पूरी तरह सब आपने थी । हवाओं में अंगारे बरस रहे थे । उस घडी अगर हम सडक पर घूमने का मन बना ले तो सच मच्छी हमसे पागल और कोई नुकसान नहीं हो सकता है । मगर उसी चिलचिलाती धूप में चलता पिघलता वह शक्ति मेरे सामने आकर खडा हो गया । मैं थोडी देर तक उसे पहचानने की कोशिश करता रहा । कुल झब्बाल चश्मे के पीछे से छाती थकी थकी आंखें पसीने से तरबतर चेहरा हो सकता है । मैं भी अपने दिमाग से लग ही रहा था कि उसने अपने सूख चुके होटों पर जीत घुमाते हुए बोला ऐसे है मिस्टर संजय । उसकी आवाज मेरे कानों से टकराई तो मतलब दिमाग अचानक जाग उठा । मैं दरवाजे से बाहर निकल कर चौक में बुला रही । सुधाकर बाबू आप इस वक्त मैंने निभाई डर डर घुमाई । मुझे कोई साधन नहीं दिखा । शायद वो पैदल चलकर आया था । आई आइए इधर आइए मैंने पूरे सम्मान से उनका स्वागत किया । हालांकि जब मेरे कमरे के भीतर घुस रहा था, उस वक्त मेरा जल्द दूर दूर से धडक रहा था । जो मैं नहीं जानता । वो बिना कुछ बोले अंदर आ गया । मैं कूलर के सामने उसी लगता हुआ बोला अब यहाँ बैठे हैं बुरी तरह से पसीने से भीग चुके हैं । आप थोडी राहत महसूस होगी । धन्यवाद । उसने मेरी और भरपूर निगाहें डाली है । मैं आपके लिए जलपान का प्रबन्ध करता हूँ । शुक्रिया उसके होट लहराए । इस की कोई जरूरत नहीं है । मैं नहीं रुका । चंद्रग्रहणों तक उसकी नजरें मेरा पीछा करती रही । फिर पसीने से गीले हो गए । चश्में को उसने आपको से उतारा और अपनी तो मान से साफ करता हुआ बोला । ऐसा संजय ठहरकर उसकी और देखने लगा । सच कहूँ तो हाथ तेदारी मुझे आपकी करनी चाहिए । वो कुर्सी में बैठे हुए बोला आप के पास इतना बडा काम जो लेकर आया हूँ । मैं अर्थपूर्ण गांव उसकी और देखा अच्छा काम आइए, आप भी बैठे सामने बडी कुर्सी की ओर संकेत करते हुए उसने बोला था मैंने उस की निगाहों को परखने की कोशिश की रहता हूँ क्या कर में सामने की अलमारी से कटोरी उठाई । उस पर क्रीम के चलते बिस्कुट रखे थे और अभी हाल ही में खरीदी पुरानी फ्रेंड्स है । ठंडी बोतल निकालकर उसके सामने रख दिया । बैठे । उसने पर फिर कहा ठीक है । मैं उसके बगल में पडी दूसरी खाली कुर्सी पर बैठ गया । सुधाकर थोडी देर तक कटोरी पर पडे बिस्कुट की और देख कर रहा है । फॅमिली और घूमते हुए कहा, मैंने आपको बेवजह तकलीफ थी । कॅश संजय ऐसी बातें करते हैं । मैं मुस्कराया और कटोरी के और संकेत करते हुए बोला, छोड दीजिए जी बिलकुल । उसने उठाकर मुंबई डाल लिया और फिर देर तक उसी मिस्टर को चबाता हुआ कुछ सोचता रहा । दादर बाबू कैसे खाते हैं? मैंने उस कर कहा, अभी तक एक बिस्कुट भी खत्म नहीं कर पाए मेरी इस बात पर उसने हंसने की कोशिश भी की, मगर वोटों ने साथ नहीं दिया । उस समय उसके मन में कोई तूफान है, जो अंदर ही अंदर तबाही मचा रहा है । आप तो खाई नहीं रहे हैं । काफी देर बाद उसके होट बोले, अभी आप किसी काम की बात कर रहे थे । मजबूरन बात मुझे छोडनी पडी । वहाँ पानी की क्लास को उठाते हुए वो बोला, मुझे संजय जहाँ तक मैं जानता हूँ, आप प्रिया के अच्छे दोस्तों में से एक हैं । मेरा हाँ, आप ऐसा कर सकते हैं । मेरा सेल एक बार फिर धडक उठा । अब तक मैं समझ चुका था कि जल्द ही मैं प्रिया के साथ की गई दोस्ती कीमत चुकाने वाला हूँ । मैंने एक बार फिर अपनी पारखी निगाहों से उसे देखा । सुधाकर में मुझसे नजरें नहीं मिलाई क्या आप मुझे बता सकते हैं कि प्रिया किसी लडके से प्यार करती हैं? पानी पीने के बाद उसने मेरे सामने सवाल रख दिया । सवाल सुना तो बाल भर के लिए लगा कि जैसे मेरे पैरों तले से जमीन खिसकने वाली है । खुद को संभालते हुए मैंने कहा किसने कहा से जानता हूँ । उससे अपनी चश्मे ऊपर सरकाते हुए बोला और इसीलिए आपके पास आया हूँ । मुझे निराज माल भेजेगा लेकिन मेरे पास क्यों? मैंने लडते हुए पूछा क्योंकि उसके सारे दोस्तों में से सिर्फ आपको ही जानता हूँ । खुशबू के अलावा उसने अपने आखिरी शब्दों को कुछ पलों बात कहा । आपने खुशबू से पूछा नहीं मिस्टर संजय मैं कोई तमाशा नहीं चाहता हूँ । वैसे भी लडकियाँ बातें बहुत देर तक अपने पास नहीं रख पाते । उस वक्त समझ नहीं पा रहा था की मेरे सामने बैठा वो मासूम इंसान वाकई मासूम है या फिर मेरे साथ कोई खेल खेल रहा है । मैंने एक बार फिर आपने बिखर चुकी हिम्मत समिति और हंसने की कोशिश करते हुए कहा क्रिया आप से प्यार करती है सुधाकर बाबू आपसे वो ज्यादा मार करना पडा । आप नहीं हूँ कहाँ मिस्टर संजय प्रिया हम से प्यार करती है । हम से उसके स्वर में अजीब पागल था । मेरे का एक उसकी आंखों में आंसू छलक आए । उसने बाल कर चुका है और धीरे से बोला जवाब दे आप उस लडके को नहीं जानते हैं । मुझे पूछा आपसे बहुत उम्मीद थी वोट कर खडा हो गया । चलने के लिए उद्यत होते हुए बोला उम्मीद थी कि अगर वह मिल गया तो मैं उससे जाकर निवेदन करूंगा । शायद वो लडका मुझ पर तरस खाकर मुझे मेरी जिंदगी वापस लौटा देगी । ऍम उसके रुआंसे चेहरे पर मुझे सचमुच तरफ आ गया । आप इतना परेशान मत हुई है आप नहीं जानते । मिस्टर संजय कुर्सी में बैठते हुए वो बोला प्रिया ने मुझसे शादी करने से इंकार कर दिया है । यहाँ कब मेरे पहले के नीचे सतलुज जमीन खिसक गई और शाम को फोन किया है और मेरे फोन उठाते ही कहने लगी कि वो किसी और से प्यार करती है । इसलिए आपको मुझसे शादी नहीं करना चाहती । हालांकि सुधाकर यही नहीं रुका । वो आगे भी कुछ कहता रहा मगर ये खबर सुनकर पत्थर बन गया । मेरी पथराई आंखें उसके हिलते हुए वोटों को देर तक देखती रही । मगर थकान छूने पड गए । कुछ पलों बाद जब होश हमला तो वो कह रहा था । अब सोच रहे होंगे कि मैं एक डॉक्टर होकर भी प्रिया को पाने के लिए कितना लाचार दिख रहा हूँ । यहाँ वहाँ जाकर लोगों से गिडगडा रहा हूँ तो ये सच नहीं है । मिस्टर संजय मेरी पढाई खत्म होने वाली है और जल्द ही मैं सरकारी डॉक्टर बनने वाला हूँ । आप नहीं जानते की एक सरकारी डॉक्टर की तनख्वाह कितनी होती है । बच्चा हूँ तो प्रिया जैसी कितनी लडकियों को अपना दीवाना बनाकर छोड सकता हूँ । जिससे चाहो उससे शादी कर सकता हूँ । मगर रहा जाकर ऐसे मोड पर खडा हो गया हूँ कि कुछ नहीं कर पा रहा हूँ । जानते हैं क्यों उसमें भरी भरी आंखों से मेरी और देखा मैंने कुछ नहीं कहा क्योंकि वो अपनी बात जारी रखते हुए बोला प्रिया के साथ मेरी सगाई हो चुकी है । शादी के कार्ड न सिर्फ छप चुके हैं बल्कि बांटे भी जा चुके हैं । अब आप की सोची अगर इस वक्त की शादी टूटती है तो लोग कैसे कैसे सवाल करेंगे मुझसे और मैं किस किस को क्या क्या जवाब देता भरूंगा क्या चाहिए कि मेरी होने वाली बीवी किसी और से प्यार करती है या फिर ये कि वो किसी और के साथ भाग गई है । कहते कहते उसने एक लंबी सांस भरी लोग हंसी उडाएंगे मेरी एक बार फिर उसके आखिर चल चला पडी । उसने उन्हें छुपाने की कोशिश में बल्कि झुका लेंगे । मैं क्या को समझाने की कोशिश करूंगा आप आप समझा सकते हैं उसे एक और उसने बल्कि उठाई तो पानी की चंद बूंदे लडती हुई उसके गालों पर छितरा गई । उसने उन्हें छुपाने की कोशिश नहीं की । खडा होते हुए बोला ठीक है अब समझाइए । नौ से तो आप के दोस्त है । अच्छी दोस्त आपकी बात जरूर मानेगी । कहते हो वो बिना मेरी और देखे हुए तेजी से दरवाजे की और पालता और बाहर निकलकर दलि की भीड में कहीं हो गया ।
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