Made with in India
कॉलेज से लौटकर मैं अपनी साइकिल खडी कर रहा था तभी मुझे ऐसा सुबह के मेरे पीछे कोई है छोडकर देखा पीछे खुशबू खडी थी अच्छाई नजर मिलाते हैं वो मुस्कुरा पडी तो इस वक्त अचानक उसे वहाँ देखकर में चौक पडा क्यों नहीं होना चाहिए था? नहीं मेरा वो मतलब नहीं था अपने शब्दों को मैंने समय क्या, उसने आगे कुछ नहीं कहा । ऊपर आओ साइकिल पर ताला लगाकर सीढियों की ओर बढते हुए मैंने कहा नहीं मैं जल्दी में हूँ ऊपर नहीं पाओंगे ऊपर नहीं होगी । पलट कर उसकी और देखा फिर क्यों आई थी मम्मी का संदेश लाई थी उन्होंने आपको बुलाया है वो उसके लिए तो तुम फोन भी कर सकती थी । फिर अचानक जब उसके शब्दों पर ध्यान गया तो मैं हर बडा उठा क्या था तो मैं तुम्हारी मम्मी ने बताया मुझे जो हूँ मेरे इस तरह हडबडाने पर वो अपने हसते हुए वोटों को अपनी हथेलियों में छुपा लिया । बोली ऍसे पूछ लेना लेकिन यू अकस्मात अब सारे सवाल आप यही कर लेंगे घर तो ये कहती हुई वह बिजली की रफ्तार से पीछे की ओर बडी और हाँ पहुंचाना ठहरी जरा जल्दी आइयेगा अभी हम चलते हैं वो अपनी आदत के मुताबिक हस्ती खिलखिलाती हुई फिर लौटकर मैं ऊपर आया नहाया कपडे बदले और खुशबू के घर के लिए निकल पडा है उसके घर पर मैं कोई घंटा बैठा रहूंगा । उस दौरान काफी बातें होती रही । कई सवाल भी उठे । मसलन आपके पिताजी क्या करते हैं? मैंने साफ तौर पर कह दिया वो मेरे लिए मर चुके हैं । मेरी बचपन से ही गुजर गई थी इसलिए समझे अब मैं अकेला हूँ । इस दुनिया में पिता से नाराजगी का कारण मैंने बताने से साफ इंकार कर दिया । वो लोग अच्छा भर मेरे जज्बातों को टटोलते रहे । हर मुद्दे को एक नया मोड देते हुए पूछा सरकारी कब की रखने आप जब चाहे कहते हुए मैंने खुशबू की और देखा वो धीरे से उसका पडी ।
Sound Engineer
Writer
Voice Artist