Made with  in India

Buy PremiumDownload Kuku FM
मेरा उकाब - 4 in  | undefined undefined मे |  Audio book and podcasts

मेरा उकाब - 4 in Hindi

Share Kukufm
1 K Listens
AuthorRohit Verma Rimpu
यह कहानी एक ऐसे लड़के के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है जो कि हकलाहट की समस्या से परेशान है | और अपनी समस्या की वजह से उसे कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है | उसे गाने का शौक है लेकिन उसके परिवार वाली खास करती है उसकी सौतेली मां उसके इस शौक को अनदेखा कर देती है और हर समय से किसी ना किसी प्रकार से प्रताड़ित करती रहती है | जिस वजह से उसका यह शौक उसका एक सपना बनकर रह जाता है | लेकिन वह हार नहीं मानता और अपने दोस्तों की मदद से वह किस प्रकार अपने मकसद में कामयाब होता है | यह जानना बहुत ही दिलचस्प होगा Voiceover Artist : RJ Hemant Author : Rohit Verma Rimpu
Read More
Transcript
View transcript

अध्याय चाह तू उकाब है । मेरा अपनी हकलाहट की समस्या से निजात पाने के लिए उस डॉक्टर की दवाई ही एकमात्र रास्ता थी । लेकिन जब वह रास्ता भी बंद हो गया तो पंकज काफी उदास रहने लगा । वो पहले से ज्यादा तनाव में रहने लगा । एक दिन मैं अपने घर के सामने बने पार्क में बैठा हुआ था । मीना वहाँ गई और उसकी उदासी का कारण पूछने लगे और ऍम आज फिर उदास होकर मुंह लटकाकर बैठा हुआ है । आज क्या बात हो गई? कुछ नहीं मुझे मत करो और यहाँ से चली जाऊँ । ठीक है चली जाती हूँ । लेकिन ये तो बताओ । आज मूल लटकाकर क्यों बैठे हो? क्या किसी ने कुछ कहा है? होना क्या है वो डॉक्टर सुरेश की दवाई के बारे में घर वालों को पता चल गया और उन्होंने मुझे दवाई खाने से मना कर दिया है हूँ । उन्होंने मना किया क्या वो नहीं चाहते हैं कि तुम अपनी हकलाहट की समस्या से छुटकारा पालो । पता नहीं पंकज तुम्हारे परिवार वाले तुम्हारे दुश्मन थोडी ना है । कोई तो वजह होगी जो उन्होंने तुम्हें डॉक्टर सुरेश की दवाई खाने से मना कर दिया है । हाँ दरअसल वो दवाई ही एकमात्र वजह थी जो उन्होंने खाने से मना कर दिया था । मैं कुछ समझी नहीं । दरअसल वो दवाई खाने के बाद मुझे चक्कर आने लगते हैं और मेरा शरीर सुस्त हो जाता है । जिस वजह से मैं अपने कमरे में लेट जाता और मुझे नींद आ जाती है । घर वालों को लगता है जैसे मैं किसी गलत संगत में पडकर नशे का आदी हो गया हूँ और नशा करने लग गया हूँ । कल पिताजी मेरे कमरे में आए और उन्होंने मेरे सुस्त रहने का कारण पूछा । उनको ये गलत फहमी थी कि मैं किसी नशे का आदी हो गया हूँ जिस वजह से उन्होंने मुझे बहुत डांटा लेकिन फिर मैंने डॉक्टर सुरेश की दवाई वाली बात उन्हें बता दी । फिर उन्होंने मेरी बात का विश्वास नहीं किया और तुरंत मुझे लेकर डॉक्टर सुरेश के पास चले गए । वहाँ पिताजी की डॉक्टर सुरेश के साथ बहुत बहस बाजी हूँ । वो क्यूँ? क्योंकि पिताजी के अनुसार हकलाहट की समस्या को काबू करने के लिए किसी प्रकार की कोई दवा नहीं बनी और उसके बाद और उसके बाद में मुझे लेकर घर आ गए और उन्होंने मुझे इस दवाई को खाने से मना कर दिया है । लगता है अब मेरी हकलाहट की समस्या कभी ठीक नहीं होगी क्योंकि मेरे माता पिता को मेरी हकलाहट की समस्या में कोई दिलचस्पी नहीं है । ये तुम कैसे कह सकते हो कि उन्हें तुम्हारी हकलाहट की समस्या को ठीक करने में कोई दिलचस्पी नहीं है? हाँ, मैं सही कह रहा हूँ अगर उन्हें कोई दिलचस्पी होती तो वह डॉक्टर सुरेश की दवाई को खाने से मना नहीं करते हैं । पंकज तो तुम्हारे पिता हैं और कोई भी पिता अपने पुत्र के लिए बुरा नहीं सोचेगा । तुम्हारे पिताजी कभी नहीं चाहेंगे कि तुम्हारी हकलाहट की समस्या ठीक ना हो । हो सकता है उन्होंने तुम्हारे नशे में रहने की वजह से तो मैं दवाई खाने से मना कर दिया हूँ । देखो पंकज परिवार में ऐसी छोटी छोटी बातें होती रहती हैं परंतु तुम्हें इन सब बातों को नजर अंदाज करना होगा क्योंकि तुम मेरे या इस समाज के जैसे बिलकुल नहीं हूँ तो हम सबसे अलग हूँ । तुम्हारी मंजिल कुछ और है तो मैं अपनी मंजिल को पाने के लिए हरसंभव प्रयास करना होगा । इसके लिए तो मैं ये सब छोटी छोटी बातों को नजरअंदाज करना होगा वरना तुम अपना निर्धारित किया हुआ लक्ष्य कभी नहीं पास होगी । जानती हूँ मुझे बचपन से कविताएं पढने का बहुत शौक है और मैं तो मैं अपने पसंदीदा पंजाबी कभी अवतारसिंह पांच की कविता की कुछ पंक्तियां सुनाती हूँ क्योंकि उनकी इस कविता में उन सब बातों की तरफ इशारा किया गया है जो बातें मैं तुम्हे समझाने की कोशिश कर रही हैं । इसमें कभी ये कहने की कोशिश करता है कि मुश्किलों से रहित जिंदगी मेरे लिए नहीं, ये मेरे तूफानी मन को मंजूर नहीं । मैं तो चाहता हूँ एक ऊंचा मकसद और उस मकसद को पाने के लिए जिंदगी भर कभी ना टूटने वाला एक अटूट सिलसिला । तुम्हारा भी एक मकसद है कि तुम दुनिया के सबसे नामवर गायक बनो । तुम्हारी प्रसिद्धि और तुम्हारी ख्याति दुनिया के कोने कोने में हूँ परन्तु इसके लिए तुम्हें मेहनत करनी होगी । सबसे पहले तो मैं अपने परिवार की ऐसी छोटी छोटी बातों को नजरअंदाज करना ही होगा । मीना और पंकज काफी देर तक बातें करते रहते हैं । पंकज की बातें निराशावादी होती है । मीना और पंकज काफी देर तक बातें करते रहते हैं । पंकज की बातें निराशावादी होती है परंतु इसके विपरीत मीना पंकज से आशावादी बातें करके उसका हौसला बढाने की कोशिश करती हैं । कुछ देर यू बातें करने के बाद पंकज वहाँ से उठकर अपने घर वापस आ जाता है और अपने कमरे में आ जाता है । वो अपने कमरे में बैठकर मीना की कही बातों के बारे में सोचने लग जाता है । खासकर उसकी सुनाई हुई पंजाबी कविता के बारे में सोचता है । मीना की कही हुई बातों से पंकज में एक नया जोश पैदा हो जाता है और उसे अपना मकसद साफ दिखाई देने लगता है । वो एक नए जोश, नई उमंग के साथ अपने मकसद को पूरा करने का निश्चय कर लेता है । वो अपने आप से ये वादा करता है कि चाहे जो भी हो वो अब हार नहीं मानेगा । वो पूरे जोश के साथ आगे बढेगा । वो निराज था परन्तु वो हार नहीं मान रहा था । उसने अपने मन में एक बात ठान ली थी कि एक ना एक दिन कुछ बन के दिखाएगा क्योंकि वो गिटार बहुत अच्छा बजा लेता था और थोडा बहुत गांधी लेता था । वो अपने इसी हुनर को आगे बढाना चाहता था । यानी वो अपनी मंजिल को पाने के लिए अपने सुन्दर को सीढी की तरह प्रयोग करना चाहता था और उसकी मंजिल थी समाज भी उसकी हकलाहट की समस्या की वजह से कोई हुई इज्जत को वापस पाना । इसके लिए उसने गायक बनने का निश्चय किया परन्तु कहते हैं कि किसी भी मंजिल को पाना इतना आसान नहीं होता जितना के इंसान सोचता है । पंकज के साथ भी ऐसा ही हो रहा था । हुआ यूं कि एक दिन पंकज अपने कमरे में बैठ कर अपने गायन का रियाज कर रहा था कि तभी उसके पिता उसके कमरे में आ जाते हैं और उसे गाना गाते हुए देख लेते हैं । परन्तु कहते हैं ना कि किसी भी मंजिल को पाना इतना आसान नहीं होता जितना के इंसान सोचता है । पंकज के साथ भी ऐसा ही हो रहा था । हुआ यूं कि एक दिन पंकज अपने कमरे में बैठ कर अपने गायन का रियाज कर रहा था कि तभी उसके पिता उसके कमरे में आ जाते हैं और उसे गाना गाते हुए देख लेते हैं । अपने पिता के अचानक अपने कमरे में आ जाने से वो कुछ घबरा सा जाता है । उसके पिता उसके पास आकर बैठ जाते हैं । यो गई क्या हो रहा है? कुछ नहीं पिताजी बस ऐसे ही कुछ नहीं से तुम्हारा क्या मतलब है? तुम क्या कर रहे हो तो मैं अपने भविष्य की कोई चिंता है भी या नहीं । पिताजी भविष्य की चिंता है तभी तो मैं ये काम कर रहा हूँ । हमारे कहने का क्या मतलब है? भविष्य की चिंता है और तो ये गाना बजाना कर रहे हैं आखिरकार तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा है? जरा मुझे भी बता दो, मैं तुम्हारा पिता हूँ । तुम्हारे गाने बजाने और भविष्य के बीच क्या संबंध? तुम भविष्य में क्या करना चाहते हो? पंकज के पिता ने पंकज के ऊपर सवालों की बौछार कर दी । इन सब सवालों के जवाब देना पंकज के लिए बहुत मुश्किल था । वो अपने पिता से कहता है, पिताजी मुझे गायिकी का शौक है और मैं अपने इसी शौक को अपने जीवन यापन के लिए साधन के रूप में अपनाना चाहता हूँ । तुम्हारे कहने का मतलब है कि तुम एक गायक बनना चाहती हूँ । जी पिताजी पंकज डरते हुए कहा । पंकज ने डरते हुए कहा । यानी के तुम गिटार हाथ में लेकर माइक के सामने गाना गाना चाहते हैं जी पिता जी हम गाना गाल होगे जी पिताजी । पंकज की बात सुनकर उसके पिता बहुत जोर जोर से हंसी और पंकज का हाथ पकडकर उसे घर के बरामदे में ले आए और जोर जोर से घर के सभी सदस्यों को बुलाने लगे । कुछ ही समय में घर के बाकी सदस्य जिनमें पंकज की मां और भाई बहन थे, पंकज के पिता की बात सुनकर बरामदे में आ गए । क्या हुआ ये शोर मचाया है । पंकज की माने हैरानी से पूछा ये देखो इन लालसाहब से बोला तो जाता नहीं और कह रहे हैं कि ये गायक बनेंगे । अपना गिटार हाथ में लेकर सभी के सामने गाना गाएंगे और उसी के सहारे अपनी रोजी रोटी कमाएंगे । क्या कहा गाना मतलब की ये गायक बनना चाहता हूँ । पंकज की माने का तो अभी मैं क्या किसी और भाषा में बात कर रहा था? सुना नहीं तो मैं मैं तो आपसे पहले कहती थी कि इसका यू आता का चक्कर बोलना । ये सब ड्रामेबाजी है । हम लोगों को बेवकूफ बना रहा है । इसे कोई बीमारी नहीं है । नहीं ऐसी कोई बात नहीं । इसे बोलने में समस्या जरूर है । ये ड्रामेबाजी नहीं कर रहा है । लेकिन मुद्दे की बात ये है कि इससे बोलने वाली समस्या होने के बावजूद भी ये गायक बनना चाहता है । बेटा तुमसे नहीं हो पाएगा तो ये गायकवाड का चक्कर छोडो और जीवन यापन के लिए किसी और साधन पर ध्यान दो । ये गायक बनना तुम्हारे बस की बात नहीं । कहीं गाना गाते समय बीच में रुक गए या अटक गए तो सभी तुम्हारा मजाक बनाएंगे । तुम अपने साथ साथ हमारी भी बेज्जती करवाओगे, तुम रहने दो । पंकज के पिताजी ने पंकज को काफी भला बुरा कहा और उसे गाना वगैरह गाने से मना कर दिया । कुछ समय के बाद पंकज के पिता दुकान में चले गए और पंकज वहीं बैठा रहा । दूसरी तरफ पंकज की माँ को पंकज को डांटने और उसको बेइज्जत करने के लिए कोई मौका चाहिए था । दूसरी तरफ पंकज की माँ को पंकज को डांटने और उसकी बेज्जती करने का तो मौका चाहिए होता है तो ऐसा कोई भी मौका अपने हाथ से जाने नहीं देती । पंकज के पिता के जाने के बाद उसे बहुत देर तक उसके भाई बहन के सामने बहुत जलील करती रही और उसे बहुत भला बुरा कहती रही । ऍम अपने पिता से डांट सुननी माँ और भाई बहन से अपनी बेज्जती करवाने के बाद पंकज अपने कमरे में पंकज अपने कमरे में चला गया और वहां बैठ कर अपनी किस्मत को कोसने लगा । उस समय उसे अपनी माँ की बहुत याद आने लगे क्योंकि वो जानता था कि आज अगर उसकी माँ जिंदा होती तो उसे ये दिन न देखना पडता है । उसकी माँ उसके मन की बात जरूर समझती और वो उसका साथ जरूर देती है । वो किसी भी परिस्थिति में उसका मजाक नहीं बनने दे दी आज अगर उसकी माँ जिंदा होती तो आज उसका जीवन कुछ और ही होता है । उसे अपनी परेशानियों का सामना अकेले नहीं करना पडता है । ऍम इसके बाद पंकज अपनी पढाई में व्यस्त हो गया । उसकी दसवीं कक्षा की परीक्षा नजदीक आ गई थी । वो अपनी परीक्षा की तैयारियों में जुट गया । एक दिन मैंने पंकज को फोन किया फॅालो पंकज क्या हाल है? ठीक है भैया जी आप सुना हूँ मेरा भी थी, गया है, इंडियन हो गए । हाँ भैया जी हो गए ऐसे रहे सब ठीक हो गए तो आजकल तो छुट्टियाँ होंगी । हाँ भैया जी, आजकल छुट्टियाँ तो फिर मेरे पास कब आ रहे हो? जब आपका हूँ कहो तो अभी आ जाऊँ तो मजाक कर रहे हो तो नहीं आ सकते हैं । ऐसा नहीं है भैया दरअसल मेरा भी बहुत मन कर रहा था आपसे मिलने के लिए । तो फिर देर किस बात की अभी आ जाऊँ । ठीक है मैं पिताजी से बात करता हूँ । पंकज ने अपने पिता से बात की और उसके पिता ने उसे हमारे पास आने की अनुमति देती हूँ । और अगले दिन सुबह सुबह पंकज हमारे घर आ गया । आओ पंकज कैसे हो यार, बहुत दिनों के बाद तुम से मिल रहा हूँ आ रहे हैं तो हम तो बडे हो गए और सुनाओ क्या हाल है । ठीक है भैया जी आप सुनाओ मेरा भी ठीक है और चुनाव दसवीं की परीक्षा कैसी रही? जी बहुत बढिया नहीं, घर परिवार कैसा है? सब ठीक है । भैया जी कुछ देर के बाद मोहित की माँ पंकज के लिए चाय वगैहरा लेकर आती है और उससे बातें करने लग जाती है । कुछ देर बातें करने के बाद वो सब वहाँ से चले जाते हैं और कमरे में मोहित और पंकज अकेले रह जाते हैं । कुछ ठीक नहीं है । भैया जी क्या हुआ? पंकज भैया हर तरफ से परेशानी घर में अब मेरा दिल नहीं लगता क्योंकि जब देखो चौबीसों घंटे झगडा लगा रहता है है । झगडा क्यों रहता है? कौन झगडा करता है? झगडा होता है इसके बारे में तो पता नहीं लेकिन झगडते कौन है ये सब मैं जान गया । घर में होने वाले झगडे के पीछे मुख्य वजह मेरी माँ है । वो हर समय पिताजी से क्या हमसे झगडती रहती है । उससे झगडने का कोई ना कोई बहाना चाहिए होता है । पंकज सबसे पहले तो तुम तमिल सभाकर क्योंकि वो तुम्हारी माँ है और उन्हें इज्जत के साथ संबोधित करो । झगडा करना उनका स्वभाव है और तुम उनके स्वाभाव को बदल नहीं सकते हैं । इसलिए तुम्हें उन्हें नजर अंदाज करना होगा और उनकी कही बातों को दिल से नहीं लगाना होगा तो मैं अपने मकसद की ओर ध्यान दो । मैंने सुना है तो अच्छा गा लेती हूँ और क्यों ना तो अपने गायन की तरफ ध्यान दो । हो सकता है की तो मैं एक अच्छे गायक बन । जब भैया जी सच कहूँ तो झगडे की मुख्य वजह मेरा गायन ही हैं । मतलब मतलब ये कि जब भी गाना गाता हूँ या गाने का रियाज करने लगता हूँ तो माँ मुझसे झगडा शुरू कर देती हैं और मुझे गाना गाने से रोकती हैं । वो क्यों तो मैं गाना गाने से क्यों रोकती? आखिर गाना गाने में क्या बुराई है ये तो मुझे पता नहीं क्योंकि उनके अनुसार ये मेरा रुक रुककर बोलना सब ड्रामेबाजी है । वो कहती हैं कि मैं ऐसा जानबूझकर करता हूँ । मुझे हकलाने जैसी कोई समस्या नहीं है क्योंकि जब मैं गाना कहता हूँ तो बिलकुल नहीं रुकता । मैं बडे आराम से गाना गा लेता हूँ । अभी मैं आपसे बात कर रहा हूँ तो बडे आराम से बात कर रहा हूँ । मुझे कोई ऐसी समस्या नहीं हो रही लेकिन पता नहीं किसी के सामने जब मैं बोलने लगता हूँ तो अचानक से उठ जाता हूँ और वो समझते हैं कि मैं ऐसा जानबूझ कर करता हूँ । तो तुम्हारे कहे अनुसार वो तुम्हारी हकलाहट की समस्या को समस्या नहीं समझते बल्कि वह समझते हैं कि तुम ऐसा जानबूझ कर करते हैं । हाँ उन चिंता मत करो, ये उनकी सोच है तो उनकी सोच को धीरे धीरे ही बदल सकते हो । फिलहाल तुम अपनी हकलाहट की समस्या पर ध्यान दो और उसे खत्म करने के बारे में सोचता हूँ । लेकिन मैं अपनी हकलाहट की समस्या को काबू में कैसे करूँ? मुझे ये पता नहीं लग रहा है क्योंकि मैं जब भी किसी डॉक्टर के पास जाता हूँ तो मुझे कोई ना कोई दवाई दे देता है । अभी कुछ महीने पहले की बात है । मैं डॉक्टर के पास गया है और उसे अपनी हकलाहट की समस्या के बारे में बताया तो उसने मुझे नशे वाली दवाई दे दी । उस दवाई को खाकर मैं सारा दिन सुस्त पडा रहता था । इस बात को लेकर भी घर में काफी विवाद हो गया । उसके बाद मैंने अपनी हकलाहट की समस्या को काबू करने के बारे में सोचना बंद कर दिया । अब मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या करूँ? पंकज मुझे तुम्हारी एक बात समझ में नहीं आती कि तुम अपनी हकलाहट की समस्या को काबू करने के लिए किसी डॉक्टर के पास क्यों जाते हैं? तो फिर क्या करूँ? कहाँ जाऊँ तो इसके लिए कंप्यूटर के पास भी जा सकते हो । मतलब मैं कुछ समझा नहीं । मतलब ये कि तुम अपनी हकलाहट की समस्या का हल ढूंढने के लिए कंप्यूटर पर इंटरनेट की मदद ले सकते हो । क्या कंप्यूटर में मुझे मेरी हकलाहट की समस्या का हल मिल जाएगा? क्यों नहीं तुम कोशिश तो करो लेकिन लेकिन क्या? लेकिन मेरे पास कंप्यूटर नहीं है । ये कोई समस्या नहीं । तुम अपने शहर के किसी साइबर कैफे में भी जा सकते हैं । हाँ, ये ठीक रहेगा । अच्छा तो ये बताया कि दसवीं कक्षा के बाद आगे क्या करने का इरादा है? भैया जी, सच कहूँ तो अभी तक कुछ सोचा नहीं । तुम जो भी तय करना, सोच समझकर तय करना, अपने मन की सुनना और दिमाग से कम लेकर अपने भविष्य को ध्यान में रखकर निर्णय लेना नहीं । वैसे अगर तो मेरी बात मानें तो क्या मैं कुछ अपना सुझाव दो, भैया जी की क्या बात कर रही हूँ, मैं आपकी बात जरूर मानूंगा । आप बताओ मुझे क्या करना चाहिए । उन्होंने बताया कि तू गाना अच्छा गा लेता है तो तू किसी क्षेत्र में । कुछ देख मेरे कहने का मतलब है कि तू गायन की तरफ थोडा ध्यान में और रही बात मेरे माता पिता की तो समय आने पर वह खुद समझ जाएंगे क्योंकि मेरे हिसाब से व्यक्ति को वही काम करना चाहिए जिस काम में उसका मन लगे और तुम्हारा मन गायन की तरफ । तुम गायन को ही अपना जीवन यापन का साधन बना सकते हैं । आपकी बात तो सही है लेकिन मैं दसवीं के बाद क्या करूँ? मेरे कहने का मतलब है कि कौन सी पढाई करूँ तो तुम दसवीं के बाद कोई भी आसान से विषय लेकर अपनी आगे की पढाई कर सकते हैं । ये कोई चिंता का विषय नहीं क्योंकि वैसे भी तुम्हारे पिताजी की किराना की दुकान है और भविष्य में तुमने उसी दुकान पर बैठना है । इसके लिए तो मैं मुश्किल से विषय लेकर अपनी पढाई न करने के बजाय आसान विषय लेकर अपनी आगे की पढाई करनी चाहिए । ठीक है भैया जी और हाँ पढने के साथ साथ तुम जिम जाना भी शुरू करूँ जिससे कि तुम्हारी थोडी बहुत सेहत बन जाए और तुम देखने में भी अच्छे लगते हो क्योंकि अगर तुमने गायन के क्षेत्र में जाना है तो आवाज के साथ साथ तुम्हारा अच्छा देखना भी बहुत जरूरी है । ठीक है भैया जी तो मेरा तो आम परिंदों के जैसे छोटी छोटी उडानों के लिए नहीं बनाया तो लंबी लंबी उडानों के लिए पैदा हुआ है तो जमाने की परवाह मत कर और बेफिक्र होकर अपने पंखों को भला पर एक ऊंची उडान की तैयारी कर तो मेरा वो काम यानी वो काबिया नहीं । किसी की परवाह न करने वाला लोग जो तेरे बारे में बातें कहते हैं उन्हें कहने दे, उनकी परवाह मत कर, उन्हें नजरअंदाज कर अपनी सोचने की शक्ति को पहचान और उकाब जैसी सोच रखा है । जैसे उकाब आसमान में उडान भरता है तो से छोटे परिंदों की चहचहाहट सुनाई नहीं देती थी । किसी प्रकार जब तू अपने मन की सुनकर उडान भरेगा तो तुझे भी लोगों की बेफिजूल और नकारात्मक बातें सुनाई नहीं देंगी । पंकज मेरे पास दो दिनों तक रहा और इन दो दिनों में मैंने जितना हो सके उसे उत्साहित किया है । मैंने उसके दिमाग से नकारात्मक विचारों को हटाने की कोशिश की जिसमें मैं काफी हद तक कामयाब भी रहा है । घर वापस आने के बाद पंकज ने जिम जाना शुरू कर दिया था । वो अपना सारा गुस्सा जिम में व्यायाम करते हुए निकालता था । एक दिन की बात है वो जिम में कसरत कर रहा था । तभी एक लडका जिसका नाम राहुल था वह भी पंकज के साथ कसरत करने लगा और कसरत करते करते अपना टैटू उसे दिखाने लगा । ये क्या बनाया है और कहाँ से बनवाया है । पंकज ने राहुल के टैटू की ओर इशारा करते हुए उसे कहा भी ताजी जाय तो के आते हैं । ये बच्चों का खेल नहीं है क्योंकि इसे बनवाने में बहुत दर्द का सामना करना पडता है । तुम जैसे बच्चों से ये काम नहीं होगा । राहुल ने पंकज की बेज्जती करने के लहजे से उसे कहा । उस समय पंकज को काफी बेइज्जती महसूस हुई क्योंकि राहुल की बात सुनकर उसके साथ कसरत करने वाले बाकी के लडके भी उस पर हसने लग गए थे । अपनी बेज्जती होने के बावजूद पंकज ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप कसरत करता रहा है । लेकिन उसने मन ही मन में ठान लिया था कि वह राहुल को उसकी बात का जवाब जरूर देगा । वो घर आ गया और अपना मन इधर उधर लगाने लगा । लेकिन राहुल और उसके दोस्तों की कहीं बात उसके दिमाग में अभी भी खटक रही थी । पंकज तुरंत अपने घर से निकला और बिना किसी को बताए टैटू वाली दुकान में चला गया । उसने वहाँ एक छोटा सा टैटू बनवाया । टैटू बनवाकर वो अपने घर के सामने बने पार्क में बैठ गया । उसने तुरंत मीना को फोन किया और पार्क में आने के लिए कहा क्या हुआ, क्या काम है, इतनी जल्दी में बुलाने की क्या जरूरत थी? मीना ने कहा कुछ नहीं बस ऐसे ही ऐसे ही से तुम्हारा क्या मतलब? क्या मुझे कोई और काम नहीं है? यह तुम्हारे बेफिजूल की बातें सुनने के लिए आ जाऊँ । अरे आज तुम तो गुस्सा हो गई हूँ । जरा पास बैठो । मुझे तुमसे कुछ बात करनी है क्या बात करनी है । जल्दी बोलो । मैं भी अपना काम छोड कर रही हूँ तो मैं कुछ दिखाना है क्या दिखा रहे हैं? पंकज ने अपनी बाजू ऊपर करके डायटों की ओर इशारा करते हुए कहा ये क्या है? ऍम चाहिए असली वाला कहते हैं हाँ, ये बिलकुल असली वाला टाइट हुए हैं । इस से बनवाते समय बहुत दर्द हुआ होगा ना? हाँ लेकिन उतना नहीं जितना में अपनी हकलाहट की समस्या की वजह से रोज खेलता हूँ । ये तुम कैसी बातें कर रहे हो । तुम्हारे कहने का क्या मतलब है? तुम्हें तो सब पता है । तुम तो मेरे बारे में सबको जानती हो । मेरी जिंदगी भी क्या जिनकी है हर रोज जिल्लत और बेज्जती । सारा दिन तो अपनी माँ से डांट और अपनी हकलाहट की समस्या की वजह से सारा दिन अपनी माँ से डांट और हकलाहट की समस्या की वजह से अपने दोस्तों और निकट संबंधियों से भेज दी करवाने में निकल जाता है । सच कहूँ तो मुझे जीने का मन नहीं कर रहा है लेकिन मैं हार भी नहीं मान सकता है । मैं जानता हूँ मुझे बहुत कम मिले थे लेकिन मैं अपनी काबिलियत को सही साबित करना । लेकिन मैं अपनी काबिलियत को साबित नहीं कर पा रहा हूँ तो मैं ऐसे क्यों बातें कर रहे हो? तो मैं भी पता है कि तुम्हारे पास एक ऐसी कला है जिसके बलबूते तो पूरी दुनिया में अपना नाम बना सकते हो । फिर तुम निराशावादी बातें करके अपना मन क्यों छोटा करते हो? क्या ये सब छोडो मुझे ये बताओ कि अब ये टैटू बनवाने के पीछे क्या कारण है? सुबह जिम में गया था और वहाँ एक लडकी ने टैटू बनवाया हुआ था । मैंने तो उससे बस स्टैंड के बारे में पूछा तो वह अहंकार के नशे में चूर होकर मुझसे कहने लगा है कि टैटू बनवाना कोई बच्चे का खेल नहीं । इसे बनवाने में बहुत दर्द होता है और ये दर्द कोई सहन नहीं कर सकता और तुम पागलो की तरह उसकी बातों में आ गए । यही बात हुई थी ना, मीना नहीं । उसकी बात को काटते हुए कहा अब तुम भी मेरा मजाक बनाओगी तो कैसे चलेगा? मैं तुम्हारा मजाक नहीं बना रही बल्कि तुम्हें समझा रही हूँ । मैं मानती हूँ की तुझे बहुत काबिलियत है तो हार नहीं मान सकता लेकिन लेकिन वो हर किसी की बातों को दिल पर लगा लेना अच्छी बात नहीं होती । बाकी रही तेरे टैटू की बात तो सच कहूँ तो टू बहुत छोटा है । तुमने पैसे भी खर्च किए हैं, डर भी सहन किया है लेकिन इसके बावजूद भी आॅटो बहुत छोटा बना है । अगर तुम अपनी काबिलियत को साबित करना चाहते हो, यह बताना चाहते हो कि तुम बहुत दर्द सहन कर सकते हो तो तो मैं इसी टैटू को थोडा बडा सा करवाना होगा । फिर अच्छा लगेगा । ये सब कहकर मीना वहाँ से चली गई और पंकज अपना टैटू देखता रह गया तो उसे भी ये टैटू छोटा लगने लगा था । वो तुरंत टैटू बनवाने वाली दुकान में गया और उसे किसी को बडा करने के लिए कहा । लेकिन दुकानदार ने इस टैटू को में जाकर बडा करने में अपनी असमर्थता जताई और उसने कहा कि इसी टैटू के आस पास हम कुछ और बना दे जिससे किए बडा लगने लगे । पंकज मान गया और उसने अपने बाजू के आस पास काफी बडा टैटू बनवा लिया । अगले दिन वो जिम में जाकर व्यायाम कर रहा होता है । अगले दिन वो जिम में जाकर व्यायाम कर रहा होता है तो उसी समय उसका दोस्त राहुल अपने कुछ साथियों के साथ वहाँ आ जाता है और वह पंकज की बेज्जती करने के इरादे से उसको अपना छोटा सा टैटू दिखाने लगता है । पहले तो पंकज उसकी हरकतों को नजरंदाज कर देता है परन्तु जब उसकी हरकतें हद से ज्यादा बढ जाती हैं तो पंकज उसे नजरअंदाज करते हुए उसकी तरफ देखकर मुस्कुराने लगता है और वह व्यायाम करते हुए उसे टैटू दिखाने के इरादे से अपनी कमीज उतार देता है । कमीज उतारकर कसरत करने के पीछे उसका मुख्य मकसद अपना टैटू बाकी लोगों को दिखाना था । पंकज का टैटू उसके दोस्तों की कल्पना से भी बहुत बडा था । वो सब पंकज का टैटू देखकर भी बहुत छक्के रह जाते हैं । पंकज मन ही मन खुश हो रहा होता है क्योंकि उसने अपना मजाक बनाने वालों को बिना कुछ कहे ही करारा जवाब दे दिया था ।

Details

Sound Engineer

यह कहानी एक ऐसे लड़के के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है जो कि हकलाहट की समस्या से परेशान है | और अपनी समस्या की वजह से उसे कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है | उसे गाने का शौक है लेकिन उसके परिवार वाली खास करती है उसकी सौतेली मां उसके इस शौक को अनदेखा कर देती है और हर समय से किसी ना किसी प्रकार से प्रताड़ित करती रहती है | जिस वजह से उसका यह शौक उसका एक सपना बनकर रह जाता है | लेकिन वह हार नहीं मानता और अपने दोस्तों की मदद से वह किस प्रकार अपने मकसद में कामयाब होता है | यह जानना बहुत ही दिलचस्प होगा Voiceover Artist : RJ Hemant Author : Rohit Verma Rimpu
share-icon

00:00
00:00