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वाॅटर शुचिः का फोन वजह शुचि का फोन बजा लेकिन उसे जवाब नहीं दिया । कुछ और देर बजने के बाद उसने फोन उठाया क्या वो फुसफुसाई कहाँ हूँ चलो सीसीडी चले राहुल ने कहा मैं अस्पताल में हूँ क्या? हमारी शिफ्ट शाम चार बजे खत्म हो गई तो अभी तक वहाँ क्या कर रही हो? डॉक्टर अवस्थी बीमार है और अस्पताल में भर्ती है । इसीलिए मैं उनकी देखभाल के लिए यहाँ हूँ । उनकी देखभाल के लिए नर्स है क्या? तो मैं नहीं लगता कि तुम्हारे पास जिंदगी में करने के लिए और भी कई काम है । जैसे मुझे करना । मेरे साथ फ्लर्ट करना । मुझे प्यार करना । राहुल ने सोचा लेकिन कहा नहीं कुछ नहीं कुछ भी नहीं । तुम अस्पताल से वापस कब आओगी? मैं वापस आकर तो फोन करूंगी । बाबा फोन रखो बाई उसने कॉल काट दिया । राहुल दिनभर इंतजार करता रहा लेकिन उसने फोन नहीं किया । कभी कभी तो लगता है कि लडकियों के मोबाइल फोन में कॉल बैक की सुविधा होती नहीं है । अगले दिन राहुल सुबह जल्दी पहुंच गया और सूची को अस्पताल में पाया था की हुई और सुस्त थी तो पूरी रात यहाँ अवस्थी के लिए बिताई । लेकिन उसके लिए इतना करने की क्या जरूरत है वो हमारे बॉस है, तुम्हारे पापा नहीं । मैंने अपने पापा को कम उम्र में ही खो दिया था । जब भी मैं डॉक्टर अवस्थी को देखती हूँ, मुझे अपने पापा की याद आती है । इसीलिए मैं उनकी इतनी परवाह करती हूँ क्या? तो मैं इससे कोई तकलीफ है ये कहते हुए उसकी आंखें नम हो गई । तकलीफ यह है कि तुम्हें अपने आस पास हर किसी की परवाह है और मुझे सिर्फ तुम्हारी परवाह है । राहुल ने सोचा ठीक है छोडो ये सब बताओ तो आज रात क्या कर रहे हो । उससे पूछा हो तुम क्या करवाना चाहती हूँ? राहुल ने आंख मारते हुए कहा मैं चाहती हूँ कि तुम आज रात डिनर करो, तुम चाहो जाना चाहूँ डिनर तो मैं करूंगा ही । राहुल ने उसका मजाक उडाते हुए कहा मेरा मतलब एक तो मेरे साथ डिनर कर उससे स्पष्ट किया क्या? राहुल ने तो सुना उस पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था । राहुल हमेशा उसे डिनर के लिए पूछता था लेकिन वह कभी नहीं मानी । हरा जिसने खुद से पूछा भगवान के घर देर है अंधेर नहीं देखता हूँ मैं आज रात फ्री हूँ या नहीं । इन दिनों में बहुत व्यस्त रहता हूँ राहुल आपने फोन पर कैलेंडर देखकर क्यों से चुराते हुए कहा मैं किसी ऐसी चीज के लिए भला कैसे इंकार कर सकता हूँ जिससे मैं पूरे दिल से चाहता हूँ । मेरा मतलब कि तुम्हारे साथ वक्त बिताना खाना नहीं । राहुल ने हसते हुए कहा जरूर सूची में तो लेने आऊंगा । रात आठ बजे तक तैयार रहना नहीं । हम मेरे घर पर खाना खाएंगे । दरअसल मेरी मम्मी तुम से मिलना चाहती है । राहुल की धडकने दोगुनी हो गई । उसके गोरेगांव शर्मा से गुलाबी हो गयी । चिंता मत करो । कोई बडी बात नहीं है । दरअसल में अपने घर पर तुम्हारे बारे में बातें करती रहती हूँ । इसीलिए मेरी माने तो मैं डिनर पर बुलाने के लिए कहा है तो मेरे बारे में बातें करती रहती हूँ । वैसी क्या बातें करती हूँ? राहुल जोर शोर से शर्म से बचने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो खुद को नहीं रोक सका । राहुल चुका हूँ । उसने कहा उसे अपनी बल्कि गिरा दी । नजरे चुराकर वो भी शर्म आ गई । मुझे असली मकसद तो बताओ तुम्हारे वहाँ मुझे क्यों देखना चाहती है? शायद मेरी शादी का खयाल दिल में आया है क्या? इसीलिए मम्मी ने तेरी मुझे चाहिए थे बुलाया है । फॅमिली ज्ञान लगाते हुए कहा चाय पी नहीं, डिनर पर बुलाया है मेरी मम्मी ने बस टाइम पर आ चला बाइक हूँ, आ रही हो आर यूँ शुचि अपने कमरे के अंदर से दौडती हुई बाहर निकली जब उसने कार को अपने घर के बाहर देखा । उसने साधारण ब्लाॅगिंग पहना हुआ था । छोटे वाले क्रिस्टल उसके बायीं कलाई से बंधी ब्रेसलेट से लटक रहे थे जो उसकी छोटी काली मोतियों की चेन से मेल खाता था । शुचिः की माँ सिर्फ मुस्कुराई और उसे दरवाजा खोलने दिया जो बच्चों को प्यार होता है तो माँ बाप जान ही जाते हैं । राहुल कार से बाहर आया और उसकी तरफ हाथ लहराया तो दरवाजे पर खडी थी । राहुल ने कार का आगे वाला दाहिना दरवाजा बंद किया और पीछे का दरवाजा खोलकर गुलदस्ता निकाला । गुलदस्ते लाहौल पीले फूल सूची के रूप की तरह ताजा दिखाई दे रहे थे । राहुल ने अपनी का लॉक क्यों सूची तक पहुंचने के लिए कदम बढाए । कब तक उसकी माँ भी बाहर आ गई थी हाई क्या ये मेरे लिए है शुचिः फूलों की ओर देखते हुए पूछा गुलदस्ता लेने के लिए उस ने अपने हाथ उठाए । लडकियों को फुल सबसे ज्यादा पसंद होते हैं? नहीं ये यहाँ पर खडी सबसे खूबसूरत महिला के लिए है । राहुल ने कहा और फूल उसकी बात को भेंट किया । आखिर लडकी को पढाने से ज्यादा जरूरी उसकी माँ को पटाना जो होता है को धन्यवाद । बेटा शिव जी की माने गुलदस्ते को कमरे के एक तरफ स्टडी टेबल पर रख दिया । शिव जी ने कहा अंदर आओ, आराम से बैठो । राहुल अंदर गया और उसके लिविंग रूम में दीवार के सामने रखे सोफे पर बैठ गया । उसका घर बहुत बडा नहीं था लेकिन पूरी तरह संतुलित था । सामने की दीवार पर एक टीवी और डीवीडी केस लगा था । उस की कुछ तस्वीरें टीवी के पास दीवार पर टंगी थी । उनमें से दो बचपन के दिनों की थी । राहुल वहाँ पर गया । उन तस्वीरों को बारीकी से देखा । वो बचपन में भी बहुत प्यारी लगती थी । हमारी बेटी बिल्कुल ऐसे हि दिखेगी । राहुल ने कल्पना कि मेडिकल की डिग्री प्राप्त करने वाले इसकी कॉन्वोकेशन की तस्वीरें भी थी । तब क्या लेना चाहोगी? उसने औपचारिक रूप से पूछा मेरे पास क्या विकल्प है? कुछ भी से लेकर सबकुछ तक उसने मुस्कराते हुए कहा चलो पानी के साथ शुरू करते हैं । कैसा पानी चाहिए गर्म ठंडा, गुनगुना फिल्टर टंकियां, नल का पानी गिलास मिया कटोरे में वो एक बच्चे की तरह खुश थी । कुछ भी ऐसा दे दो जो एक एलियन के लायक हूँ । ठीक है वो अंदर गए और पानी का गिलास लेकर आई तो पहली बार यहाँ हूँ । उम्मीद है कि घर ढूंढने में कोई परेशानी नहीं हुई होगी । छुट्टी की मैंने कहा ऐसा पहली बार नहीं है । राहुल ने सोचा वहाँ आसानी से मिल गया तो यहाँ काफी मशहूर जो मैंने सुना है कि कल तुम्हारे बैंगन एक मरीज की मौत हो गई । राहुल ने सूची से पूछा वहाँ पसरी खामोशी तोडने के लिए क्या? तो मैं उससे पूछने के लिए कुछ और नहीं मिला । राहुल लगते दिमाग चलाया । छुट्टी के बाद राहुल के बगल में बैठे उसे ऐसे घूम रही थी । मानव इस ग्रह का नहीं हो । ये राहुल की गलती नहीं थी । अपनी प्रेमिका से बात करना आसान नहीं होता जब उसकी मां आसपास हूँ और अगर आप एक डॉक्टर है तो मौत की चर्चा करना और सामाजिक नहीं है । हाँ, शुचि ने एक शब्द के उत्तर के साथ राहुल के प्रश्न को अच्छी तरह से संभाला । तुम्हारे कितने भाई बहन हैं, उसकी माने बाद बदलने के लिए कहा । मैं इकलौता हूँ आंटी तुम्हारे मम्मी पापा क्या करते हैं? ऐसा लग रहा था कि वह राहुल का इंटरव्यू ले रही हूँ ये जांचने के लिए कि वह सूची की योग्य है की नहीं । भारतीय माता पिता को तो आप जानती हैं । मेरे पापा बिजनेसमैन है । आपने पटेल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के बारे में सुना होगा? अरे हाँ, तो क्या वह हमारे पापा है? अमीर लोग तुम शादी का कर रहे हो । उन्होंने अगला सवाल किया जैसे आपकी बेटी हाँ कहते । राहुल ने सोचा माँ बस भी करो । शुचि शर्मा गई । मुझे भूक लग रही है । पहले खाना खा लेते हैं । उसके अपनी माँ को चुप कराने के लिए कहा । मेरी होने वाली सास और में डाइनिंग टेबल पर बैठे शुचि रसोई से हॉटपॉट लाने लगी । उसने मेरे आगे प्लेट रखी और पूछा तुम क्या लोगे? साउथ इंडियन, चाइनीस फैशन, स्थायी या कॉन्टिनेंटल? क्या तुमने इतना सब कुछ बनाया है? राहुल ने अपने सामने रखे हॉटपॉट की छोटे आकार को देखा और आश्चर्य से पूछा नहीं लेकिन मेरे पास एक रेस्ट्रां का नंबर है जो कहने पर ये सब कुछ डिलीवर कर देता है । कितनी अच्छी बात है तो चाइनीस ऑर्डर कर दूँ । मुझे चाइनीज बहुत पसंद है । राहुल ने उसे चुराते हुए कहा ओके । लेकिन आज का विशेष डिश साउथ इंडियन है । उसने कहा और राहुल को खाना परोसने लगी । जब लडकियाँ को विकल्प देती है तो ये सिर्फ दिखावा होता है । आपको चुनने की इजाजत नहीं होती है । राहुल ने सांबर की कटोरी ने गोल और मुलायम इडली डुबो दी और खाने वाला था । जब दरवाजे की घंटी बजे इस समय कौन हो सकता है? शुचि ने पूछा मैं देखती हूँ उसके? मैंने कहा और दरवाजा खोलने चली गई । शुचि राहुल को सांभर और नारियल की चटनी परोसती रहेंगे । शुचिः माने अंदर आओ कहकर या आंटी का स्वागत किया । मैं व्यस्त थे लेकिन जब मैंने सुना कि डॉक्टर राहुल आ रहे हैं तो मुझे वक्त निकालना ही पडा । उन्होंने आखिर मेरी जान बचाई है । अय्यर आंटी बडबडाते हुए आई और सभी के साथ बिना टेबल पर बैठ गई । शिवजी ने अय्यर आती की तरह मुस्कुरा कर के देखा और रसोई में इडली लेने चली गयी । माँ क्या आप क्या मेरी मदद कर सकती हैं? मम्मी को किचन में बुलाया । आपने उन्हें क्यों बुलाया है? वो लगभग अपनी माँ पर चलाई? इटली नहीं नहीं, किचन में जाना तो बस बहाना था । मैंने उसे नहीं बुलाया । वो खुद ही चली आई । उसकी मारे जवाब दिया । उसे कैसे पता कि राहुल आया हुआ है । कल शाम हम बात कर रहे थे और ये मेरी जुबान से फिसल गया । अभी उन से छुटकारा दिला शिवजी ने कहा अरे चलो वो उसने भी बुरी नहीं है । बर्दाश्त कर लो से उसकी मैंने कहा और अपने मेहमानों के पास आ गई । शुचि के बारें अय्यर आंधी को इटली पडोसी उसने बिना सांस लिए चार्ली खाली दक्षिण भारतीयों के लिए इडली ऑक्सीजन की तरह होती है । राहुल एक बेहतरीन डॉक्टर है यार आंटी ने सूची की माँ से कहा जी तो मैं इस से कुछ सीखना चाहिए । हाँ जी आप सही कह रही है मैं लगातार इनसे सीख रही हूँ । है ना । राहुल राहुल को शर्मिंदगी महसूस हुई । मुझे लगता है कि मुझे चलना चाहिए । राहुल ने डिनर के बाद कहा तैयार आंटी के सामने रहना उसके लिए अब ठीक नहीं था । ने कहा चलो मैं तुम्हें गाडी तक छोड देती हूँ । बेकार के पास पहुंची शुचि ने कुछ भी नहीं कहा । चुप चाप राहुल के बगल में खडी रही । शायद वो राहुल के कुछ कहने का इंतजार कर रही थी । उसने अपने बालों को अपने कानों के पीछे कर लिया और जमीन की तरफ देखती रही और राहुल से घूमता रहा । क्या उसने पूछा जब उसे राहुल को घूमते हुए देखा जबरदस्त राहुल ने कहा उसके दिल की बात जुबान पर आ गई क्या? उसने फिर कहा लेकिन इस बार थोडा शर्माते हुए राहुल चांदनी से उसकी सुंदरता को निहारने में व्यस्त था । क्या जबरदस्त है वो विस्तार से अपनी तारीफ सुनना चाहती थी । खाना खाना इतना जबरदस्त था तुम्हारे हाथों में जादू है शुक्रिया और उससे जरा रुककर पूछा । लडकियों को अपनी तारीफ सुनना बहुत पसंद होता है और तुम्हारी मम्मी भी कमाल है । वह सुभाव की बहुत अच्छी है और शुक्रिया अदा किया । फिर पूछा राहुल ने धीरे से उसके हाथ पकडे और कहा और तुम्हें तो कमाल हूँ । उसने अपनी पाल के फिर से झुका ली और मुस्कुराकर कि शुक्रिया अदा किया । वो राहुल के पकडा से अपने हाथ को छुडाने का कोई प्रयास नहीं कर रही थी । कुछ घंटों के बाद राहुल अपनी कार में बैठ गया । खिडकी का शीशा नीचे किया और उससे कहा कल छुट्टी का दिन है, क्या हम मिल सकते हैं? लेकिन तो मुझे दोबारा मिलना चाहते हो । हमारी तो मिले हैं । उसने जानबूझ कर छुडाने के लिए कहा कोई क्यों नहीं चाहेगा तुम से मिलना क्योंकि हर कोई तुम्हारी तरह पागल नहीं है । उस ने मुस्कुराते हुए कहा मुझे तुमसे खास बात कहना है कल मिलते हैं । क्या अभी कहूँ? शायद उसे अंदाजा हो गया था कि राहुल क्या कहने वाला है । लडकों के पास लडकियों से कहने के लिए पांच खास लगे होते हैं । मैं तुमसे प्यार करता हूँ और पांच लाख लडकियों के पास भी होते हैं । मैं माँ बनने वाली हूँ नहीं तो मैं कल तक इंतजार करना होगा । ठीक है लेकिन मैं ज्यादा देर नहीं होंगी क्या? मैं तो मैं लेने हूँ । नहीं मेरे पास मेरी स्कूटी है । शाम को ठीक पांच बजे मिलते हैं । नरीमन पॉइंट थे । मैं कोई सर्जरी के लिए नहीं जा रही हूँ तो मुझे फिक्स टाइम बता रहे हो । मिस्टर हाँ, हाथ ही है । मैं वक्त पर आऊंगा । बैठो, तुम देर से आ सकती हूँ ये बेहतर है । लेकिन एक शर्त है । राहुल का दिल टूट गया । यहाँ शर्त हो सकती है तो सोचेगा क्या वो अपनी माँ को भी साथ लाना चाहती हैं । उसकी बातें सामने में कैसे उससे बात करूँगा । उससे पूछना ही बेहतर होगा । राहुल ने सोचा और पूछा हाँ बताओ क्या शर्त है तो मुझे वहाँ काला खट्टा लेकर देना होगा बेशक हम बेशक हम वहाँ काला खट्टा खाने तो जा रहे हैं । मैंने राहत के साथ मैं घर पहुंच और अपनी डायरी में लिखना शुरू किया । मुझे लगता है कि उसे ये बताने का समय आ गया है कि मैं उस से कितना प्यार करता हूँ । क्या को लगता है कि वहाँ कहेगी । मैं डर रहा था मगर डर इतना अच्छा पहले कभी नहीं लगा । एक बार उसने यहाँ कह दिया तो मैं ये बात पापा को भी बता दूंगा कि आप खुश है । हाँ मैं सच में उसे प्यार करता हूँ । हाँ मुझे उसके बारे में सब कुछ पता है । मैं उसे देखकर समझ जाता हूँ कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है । मैं अनुमान लगा सकता हूँ की वो एक रेस्ट्रो में क्या ऑर्डर करने वाली है और वो भी मुझे बखूबी पहचानती है । जब मैं उसके साथ होता हूँ तो मैं खुद में पूरा महसूस करता हूँ । उम्मीद है कि वो भी ऐसा ही महसूस करती होगी ।
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