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माँ कहती थी - 05 (स्वास्थ्य देहिक परिवेश) in Hindi

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806 Listens
AuthorSaransh Broadways
Maa Kehti Thi Written By Mumtaz Khan Narrated By Ashish Jain. अतीत जैसा भी हो उसकी स्मृतियाँ मधुर होती हैं। यदा-कदा ये स्मृतियाँ अमूल्य धरोहर बनकर जीवन का निर्माण करती हैं। इस काल खण्ड में वर्तमान भौतिकवाद के प्रभाव में आकर पूंजीवाद की भेंट चढ़ता प्रतीत होता है । लोक संस्कृति जो जीवन दर्शन के रूप में अपने बड़ों के अनुभव से पीढ़ी दर पीढ़ी प्राप्त होती थी निरंतर ह्रास की ओर अग्रसर है। मेरे अतीत की स्मृतियों में, वे सीख वाली लोक कथाएँ भी है जो मैंने माँ से सुनी थी। बातें साधारण थीं पर उन बातो में संपूर्ण जीवन प्रतिम्बिबित था। लोक कथाएँ जो बड़े-बूढ़ों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी संतानों को सुनाई जाती रही हैं| writer: मुमताज खान Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Mumtaz Khan
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हूँ । स्वास्थ्य देहिक परिवेश स्वास्थ्य एक राजा बडा ही परोपकारी था । वो जनता के सुख दुख का बहुत ध्यान रखता था । उसने अपने राज्य के प्रत्येक गांव में राजगद्दी नियुक्त किए थे । राजा वैद्यों की वार्षिक बैठक बुलाकर जनता के स्वास्थ्य संबन्धित मामलों की समीक्षा करता हूँ । समीक्षा के दौरान एक वैध की सूचना पर पाया गया राज्य में एक ऐसा गांव भी है जहाँ वर्षों से एक भी व्यक्ति बीमार नहीं हुआ । राजा को प्रसन्नता के साथ साथ राजवैद्य की सूचना पर शंका हुई है । इसलिए इस की जानकारी के लिए स्वयं गांव गया । गांव जाकर राजा ने देखा कि वहाँ के सभी लोग स्वस्थ और प्रसन्न है । राजा ने गांव के मुखिया से लोगों की दिनचर्या के बारे में जानना चाहा । मुखिया ने बताया राज्य हमारे यहाँ सब लोग भूख लगने पर ही भोजन करते हैं । भोजन भूख से कुछ काम ही करते हैं । पानी खूब पीते हैं, बडी मेहनत करते हैं और प्रसन्न रहते हैं । राजधानी लौटकर राजा ने सभी राज्य वैद्यों की बैठक बुलाई और निर्देश दिए की अपने अपने क्षेत्रों में लोगों से अपील करें । सब लोग भूख लगने पर ही भोजन करेंगे । रूप से कम भोजन करें । खूब पानी पीते हैं । खूब मेहनत करें । और प्रसन्न रहेंगे । माँ कहती थी बिना भूख के भोजन करना, रूप से अधिक भोजन करना, टाॅल सी होना मनुष्य के लिए अनेक बीमारियों का कारण बनते हैं । काम भोजन, पानी, अधिक मेहनत और मुस्कान ऐसे जान की साल सौ रहे सलामत जहाँ कुत्ता हकीम लुकमान अपने शिष्यों को पागल कुत्ते के काट लेने से उत्पन्न दुष्परिणामों और उसकी रोकथाम के विषय में समझा रहे थे । एक शिक्षण प्रश्न किया छह मान यदि मैं कैसे चौराहे पर हूँ, जहाँ एक और विशाला नाग, दूसरी और प्रचंड अग्नि तीसरी और गहरी खाई पता चौथी और पागल कुत्ता हो तो मुझे इनमें से कौन सा रास्ता चुनना चाहिए? तो बोले शिष्य तो मैं उस और तो बिलकुल नहीं जाना चाहिए जिस और पागल कुत्ता है । क्योंकि पागल कुत्ते के काटने से होने वाली मृत्यु शेष सभी प्रकार मृत्यु से अधिकृत विधायक होती है । माँ कहती थी पागल कुत्ते के काटने से होने वाली मृत्यु बडी दर्दनाक होती है । कुत्ते की लार में रेबीज नामक रोग के कीटाणु होते हैं इसलिए रोगी कुत्ते के समान व्यवहार करने लगता है । उत्तर के जैसे भौंकने वक्त काटने लगता है । इससे परिवार और समाज में रवीश फैलने का डर रहता है । कुत्ते ऐसी हरकत करें उत्तर काटे । लोग बच कर रह रहे । बीच से बहुत बुरा येरो नहीं हूँ । धनवन्तरि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में औषधियों के परिचय हेतु अपने कुछ शिष्यों के साथ भ्रमण पढते थे । संध्या के समय से जिस गांव में पहुंचे, वहाँ पर नीबू के बहुत सारे रखे थे । प्रधानमंत्री शिष्यों से बोले किस बस्ती के आसपास नीबू के पर्याप्त रखे हैं रिश्ते ही इस गांव में सब लोग स्वस्थ होंगे । आज इसी गांव में रुक कर लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी करें । मंत्री शिष्यों के साथ गांव में गए । गांववासियों ने उनका आदर सत्कार क्या? गांव के बहुत से लोग उनसे मिलने आए । लोगों से मिलने प्रधानमंत्री ने जैसा सोचा था, उसके विपरीत पाया । अधिकांश लोग बीमार थे । शिष्यों को भी लोगों से मिलकर आश्चर्य हुआ । सोचने लगे कि गुरु तो कहते थे कि इस बस्ती में नीबू के पर्याप्त डेढ हैं । इसलिए यहाँ के लोग स्वस्थ होने चाहिए । लेकिन यहाँ तो इसके विपरीत पाया होते समय शिष्यों ने गुरु से अपनी जिज्ञासा का निवारण करने का आग्रह किया तो उन्होंने बताया इस बस्ती के लोग नींबू के रस के साथ उसके बीजों का भी सेवन करते हैं, जिससे कि नीबू के गुणों का पूरा लाभ नहीं मिलता पाता । हाँ, रहता है । धन मंत्री के शिष्यों ने गांव के लोगों को बुलाया और नीबू के सही प्रयोग की जानकारी दी । अम् वातपित्त से सादा उसको रखें निरोध अपने भोजन में करें जो नीबू प्रयोग अंडा हकीम लुकमान से किसी ने पूछा यदि मित्र घर पर आए तो क्या खिलाना चाहिए तो क्या बोले अंडा और शत्रुघ्न घर पर आए तो क्या खिलाएंगे? लुकमान बोले फंडा प्रश्न करता । अपने दोनों प्रश्नों का उत्तर अंडा सुनकर आश्चर्य पूछने लगा । श्रीमान आपने मित्र और शत्रु दोनों के ही अतिथि होने पर अंडा ही खिलाए जाने की बात कही । ऐसा क्यों? लुकमान बोले, मित्र पर आए तो कच्चा अंडा खिलाए । शत्रु घर पर आए तो उबला हुआ अंडा खिलाए क्योंकि चांडा सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है । जबकि उबला अंडा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है । माँ कहती थी अंडा सेवन के विषय में विद्वान हकीम लुकमान के विचार सुनकर प्रश्नकर्ता की जिज्ञासा शांत हुई और उसने आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया । खा सकता है हर कोई धन वाला क्या दीन मिलता फूट शरीर को अंडे से प्रति नहीं हकीम लुकमान ने वैद्य धन मंत्री की परीक्षा लेने के लिए अपना एक शिष्य उनके पास भेजा और कहा यात्रा के दौरान जब भी विश्राम करो, बबूल के विपक्ष के नीचे करना । यात्रा के समय शिष्य ने गुरु के निर्देशों का पालन किया । जब लोग मान का शिष्य मंत्री के पास पहुंचा तो उन्होंने देखा शिष्य चर्म रूप से ग्रसित है । प्रधानमंत्री ने लुकमान के शिष्यों को यथोचित सम्मान दिया और ये कहकर विदा किया यात्रा के दौरान विश्राम नीम के वृक्ष के नीचे करना तापमान के शिष्या नहीं मन मंत्री के निर्देशों का पालन भी किया । वो जब भगवान के पास पहुंचा तो उसकी त्वचा साफ और सुंदर की हकीम लुकमान को वैध धन मंत्री की योग्यता स्वीकार करनी पडी । माँ कहती थी नीम की छाया में सोना तथा नीम का सेवन करना बहुत सी बीमारियों से बचाता है । टीम हिंदुस्तान की धरती के लिए अमूल्य उपहार है । कडवाहट को देखकर प्याज न देना नहीं लाखों लोगों की दवा घर का वैध हकीम

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Maa Kehti Thi Written By Mumtaz Khan Narrated By Ashish Jain. अतीत जैसा भी हो उसकी स्मृतियाँ मधुर होती हैं। यदा-कदा ये स्मृतियाँ अमूल्य धरोहर बनकर जीवन का निर्माण करती हैं। इस काल खण्ड में वर्तमान भौतिकवाद के प्रभाव में आकर पूंजीवाद की भेंट चढ़ता प्रतीत होता है । लोक संस्कृति जो जीवन दर्शन के रूप में अपने बड़ों के अनुभव से पीढ़ी दर पीढ़ी प्राप्त होती थी निरंतर ह्रास की ओर अग्रसर है। मेरे अतीत की स्मृतियों में, वे सीख वाली लोक कथाएँ भी है जो मैंने माँ से सुनी थी। बातें साधारण थीं पर उन बातो में संपूर्ण जीवन प्रतिम्बिबित था। लोक कथाएँ जो बड़े-बूढ़ों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी संतानों को सुनाई जाती रही हैं| writer: मुमताज खान Voiceover Artist : Ashish Jain Author : Mumtaz Khan
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