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नदी का नाम दुष्यंत पांडे था । दुष्यंत पांडे ही कुलभूषण को सफेद रंग की होंडा सिटी कार में बिठाकर वापस किशनपुरा तक ले गया । गार उसने किशनपुरा के बाहर ही खडी है फिर वो कुलभूषण की आंखों से कालीपट्टी खोलता हूँ बोला क्या मंत्रालय मूर्तियां लेकर आओ मैं नहीं खडा हूँ कुलभूषण बडा हैरान हुआ ऑपरेशन पांडे ने उसके जाने और वापस आने की बात को जैसे फॅमिली के साथ कहीं थी महान उसे इस बात का पूरा भरोसा था कि वो लौट ही आएगा, फरार नहीं होगा । कुलभूषण हैरान से मुद्रा में चुप चाप कृष्णपुरा की तरफ पडा और स्वर्ण कुलभूषण के कदम काट के अगर साले तूने स्टेट जी के संबंध मंत्रा के सामने जब किसी के सामने एक शब्द भी अपनी जबान से बाहर निकाला तो तेरी खैर नहीं चलो अब कोर्ट यहाँ से और जल्दी लौट करा । कुलभूषण तेज तेज कदमों से कृष्णपुरा की तरफ बढ गया । उस वक्त पूरे किशनपुरा में गहन अंधकार व्याप्त था । रात के बारा या एक बजे का वक्त रहा होगा । कुलभूषण मंत्रा के घर के सामने पहुंचा । उसने दरवाजा सब तबाह कौन? अंदर से फौरन मंत्रा की आवाज सुन रही मैं भूषण तुरंत साकल खुलने की आवाज भी और ऍम दरवाजा खुल गया तो अंदर कुलभूषण को देखते ही मंत्राक्षत चेहरा खिल उठा था । कुलभूषण अंदर कदम रखा । पूरे घर में काजली अंधेरा व्याप्त था तो यही है रोशनी का इंतजाम करती हूँ । मंत्र तेजी के साथ अब पेट्रोमैक्स की तरफ बडी और चल ही उसने पेट्रोमैक्स चला दिया । पेट्रोमेक्स चलते ही चारों तरफ रौशनी फैल गई । कुलभूषण एकदम से इतना पढा रोशनी फैलते उसने देखा की मंत्रा के साफ सुथरे कपडों पर आंसुओं की ढेर सारी पूंजी जमी हुई थी । जरूर मंत्रा । उसके वहाँ आने से पहले काफी देर तक रोती रही थी । नहीं इस तरह का देख रहा है । मंत्रा बोली कुछ नहीं कुछ तो टाइम क्या हुआ? एक कुलभूषण विषय बदलकर बोला बाहर तो सब की आ रही है । मंत्र का चेहरा सुख गया । अपनी लाइट नहीं है कि भूषण मंत्रा बोली क्यों आज दोपहर पड गई लाइट कर दी । कुलभूषण इस तरह चौका मानो से बिच्छु काटता हूँ मगर क्यों तो इस बात को छोडना भूषण तो मुझे ये बता क्या सुबह से कहाँ गायब था? मैं सारा दिन परेशान होती रही । देख मंत्रा मैं तेरे हर सवाल का जवाब दूंगा, लेकिन पहले मुझे ये बता की लाइट क्यों कटेगा? कैसे कटती मंत्री थोडा कुपित होकर बोली मैंने पिछले दो महीनों से बिजली का बिल नहीं भरा था । इस बृहस्पतिवार को बिल जमा कराने की आखिरी तारीख थी लेकिन मैं नहीं जमा करा सके । इसलिए आज बिजली विभाग के दो कर्मचारी आए और लाइट काट गए तो बृहस्पतिवार बिल जमा कराने की आखिरी तारीख थी । कुलभूषण के मुँह सारी छोटी था कहीं नहीं तूने बिल की रकम से ही तो मेरी उधारी नहीं चुका दी । मंत्रा मंत्रा नजरें झुकाए खडी रही जबकि कुलभूषण पडा पडा था लेकिन वो तो अपने ऑफिस के साथियों से भी तो रुपए लेकर ब्लॅाक तिथि मंत्रा बहुत मुझे कभी रुपये नहीं देंगे क्यों? क्योंकि आज जब ऑफिस के बॉस को ये मालूम हुआ कि मैं तुम्हारे बच्चे की कुमारी माँ बनी थी तो तो उन्होंने मुझे नौकरी से भी निकाल दिया । ये ऍम कुलभूषण का सीना छलनी होता चला गया । कैसा कहर टूट रहा था उसके ऊपर आपने इन सब बातों को छोड भूषण और मुझे ये बता की अदालत में जब बल्ले ने तेरे ऊपर हमला किया था तो वो जख्मी तो नहीं हुआ । कैसा खतरनाक चंदा बन गया था बल्ले का एक फिर वकील वषाज् खन्ना को तो उसने वहीं चांस मार डाला ना खन्ना पर गया और भूषण के नेत्र दहशत से बातें तुझे क्या लगता है वो इतनी चाकू लगने के बाद भी जिंदा रह सकता था । मैंने खुद खुद उसकी लाश देखी थी और और दिल्ली का क्या हुआ वो तो तभी इंस्पेक्टर योगी को धक्का देकर फरार हो गया था तो पुलिस बल्ले के पीछे लगी होगी । एक बल्लेबाज दोपहर मेरे पास भी आया था तो तुम्हारे पास क्यों होता था? अगर उसने एक हफ्ते के अंदर अंदर तेरह खून न कर दिया तो वो अपने आप से पैदा नहीं और भूषण के शरीर में खौफ की लहर दौड गई । उसके गले की घंटे जोर से ऊपर उछली लेकिन लेकिन जो आदमी तो अदालत से लेकर भारत भूषण तो वो कौन था? और और सारा दिन कहा रहा और भूषण उस दिन की घटना तमाम घटनाएं मंत्रा को बता दूँ । मेरे परमात्मा मंत्रा के नेत्र ऍम मूर्तियां पीतल की गई । हाँ जाॅन मंत्र स्तर पकडकर हम सब वहीं चारपाई पर बैठी हूँ । भगवान हमारी कैसे परीक्षा ले रहा है तो कौन से पापों की सजा दे रहा है । हमें एक मंत्र हूँ । अब इस तरह माता मनाने से कुछ नहीं होगा तो जल्दी से मुझे मूर्तियां लेकर देखो । बाहर दर्शन पांडे मेरा इंतजार कर रहा है तो तो मूर्तियां लेकर वापस स्टेट के पास जाएगा तो पागल हुआ है क्या? तो हो गया तेरा वो भले लोग नहीं अभूषण तो जब वहाँ किसी भी हालत में लौटकर नहीं जाना चाहिए लेकिन जैसा कह रही हूँ मैं सकता । भूषण इसी में तेरी भलाई है । एक बात बोलूँ क्या मुझे तो लगता है जिसे बुधवार की रात से आज तक तेरे साथ जितनी भी घटनाएं घटी है, उस टॉपिक फर्क नहीं । आभूषण जरूर किसी की साजिश का हिस्सा है । कोई किसी चक्र में फंसाना चाहता है तुझे ऍम फांसी का मुझे देख भूषण तो मैं भी नहीं जानती है । लेकिन मेरा तो चीज चीखकर गवाही दे रहा है कि एक के बाद एक ये सनसनीखेज घटनाएं ऐसे ही नहीं घट रही । इन घटनाओं के पीछे जरूर कोई गहरी साजिश है । मुझे तो सारी साजिश मैं सबसे बडा हाथ उस सेट का ही नजर आता है । फॅस हाँ, वहीं तो भूषण सोच में डूब गया । पिछले एक घंटे से यही बात उसके दिमाग से घूम रही थी । लेकिन लेकिन फिलहाल मुझे वो मूर्तियां लेकर तो सेट के पास जरूर जाना पडेगा । जो फॅमिली यहाँ आ जाएगा उसका भी एक तरीका है । क्या हम अभी की अभी किशनपुरा छोडकर कहीं बाहर जाते हैं? नहीं नहीं हो सकता । मंत्रा तो लोगों को नहीं जानती हो । बडे खतरनाक लोग हैं । मैं यहाँ से बहुत चाहे कहीं भी चार्ज हूँ तो मुझे जरूर ढूंढ निकालेंगे । और इतना ही नहीं इस वक्त मेरे ऊपर थोडा बहुत यकीन कर रहे हैं । फिर भी नहीं करेंगे । मंत्रा का जहर हुई की तरह सफेद पड गया । सर क्या करेगा तो मुझे मूर्तियां देने जाना ही होगा । ठीक है अगर मूर्तिया देना इतना ही जरूरी है तो तू ट्यूशन पांडेय को दिया । उसके साथ सिड दीवानचंद के अड्डे तक किसी हालत में बचाना हूँ और भूषण ने मंत्रा की वो बात मान ले और अगले ही पल मंत्रा बरामदे में बडी छोटी सी क्यारी हो जल्दी जल्दी खोदकर उसको से नटराज की मोरदिया निकाल रही थी तो पांचों नटराज की मूर्तियां । कुलभूषण ने अपनी फॅमिली के नीचे अच्छी तरह कसकर बांध नहीं और ऊपर से शर्ट ठक लेंगे । नटराज की मूर्तियां दिखाई दे । नहीं बिल्कुल बंद हो गई है । कुलभूषण ने मंत्रा के घर से बाहर कदम रखा । अब अभी हमारे साथ चलो मंत्रा बोली नहीं तो यही रहे प्रदर्शन पांडेय को मूर्तियाँ देकर अभी तो मिनट में वापस आता हूँ, लेकिन चिंता मत कर मंत्रा मुझे कुछ नहीं होगा और भूषण लंबे लंबे तक भरता हुआ शर्ट पर चल दिया । मंत्रालय से डर ही रही, आंखों से तब तक जाते देखती रही जब तक वो नजरों से पूरी तरह से ओझल हो गया । मुझे बडी हैरानी की बात थी कि बुधवार की रात के बाद से हर पल, हर सेकंड कोई न कोई नई घटना घट रही थी और हर घटना ऐसी होती है जिससे प्रदूषण षड्यंत्र के चक्रव्यू में और अभी को लग जाता हूँ । फिर एक घटना घटी । दरअसल कुलभूषण जैसे ही किशनपुरा की पहली सडक का मोड काटा था तभी उसके शरीर में बिजली से दौडी हो यू कापा मानो किसी शैतान के दर्शन कर लिया होगा । सामने ब्लॅक योगी खडा था हैलो कुलभूषण आप आप इतनी रात को यहाँ क्या कर रहे साहब तो हमारा इंतजार कर रहा हूँ । कुलभूषण मेरा इंतजार मुझे फिर कोई गलती हो गई तो मैं अभी इसी वक्त मेरे साथ पुलिस स्टेशन चला है । लेकिन मेरा अपराध क्या है? साहब कुलभूषण शुष्क लहजे में बोला खीरा पहलवान की हत्या का इल्जाम से तो कोर्ट ने मुझे सुबह ही बरी किया है । मैं तो मैं चीना पहलवान की हत्या का इल्जाम में गिरफ्तार नहीं कर रहा तो फिर मुझे चार मिनट पहले ही टेलीफोन पर गुमनाम से पहले है । मुझे बताया गया है कि दिल्ली शहर में संग्रहालयों की दुर्लभ वस्तुओं की चोरी करने वाला जो हो, सक्रिय है तो उसके रहो के मेंबर हो । मैं भूषण के मुझसे ठीक ही खारिज हुई । मैं इस गिरोह का नंबर हूँ । हाँ और इसीलिए मैं टोमॅटो शक के बिना पर पुलिस हिरासत में ले रहा हूँ ताकि मामले की आगे जांच पडताल कर सकूँ । क्योंकि दुर्लभ वस्तुओं की चोरी का मामला काफी संगीन मामला है और आजकल इस तरह की चोरियों को लेकर दिल्ली पुलिस में काफी हडकंप बचा है और भूषण की जान हलक में आपसे उॅचे बंदी थी । इस और उसके पीछे हाथ धोकर पड गया था । उस वक्त उसे वो मूर्ति ऍम लगे । ऐसा टाइम बॉल जो किसी भी क्षण फट सकता था । साहब जरूर किसी ने आपको गलत टिप दी है । मेरा किसी गिरोह से कोई संबंध नहीं । मैं किसी की रोका मेम्बर नहीं रे ट्यूशन तो जो कुछ कहना है पुलिस स्टेशन जाकर कहना लेकिन ऍम योगी ने उसे जबरदस्त फटकार लगाई । फिर उसके हाथों में हथकडियां पहनाने के उद्देश्य से जैसे ही बुलेट से नीचे उतरा, फॅमिली तूफानी गति से दौडती हुई, सब फॅमिली सीधी योगी के चेहरे पर पडे उसमें प्रतियोगी दुर्घटना का अनुमान लगा पाता उससे पहले ही काम धुआधार रफ्तार से दौडती हुई योगी के ही होगी । आतंकित मुद्रा में पढता हूँ लेकिन वो वहाँ तक हूँ किधर भागता ऍम है जिससे सडक पर कोई पत्थर टकरा गया हूँ । टकराते योगी का शरीर कई फट के ऊपर हवा में चुनाव फिर उत्तेज धोनी करता हूँ । वो सडक पर जा गिरा । नीचे गिरता ही इंस्पेक्टर योगी के पाँच सहित एक ऐसी फॅमिली खारिज होना है ऍम लगा दे की तरह तो दूर हो जी उसी प्रकार के ब्रेक चरमराए उसके पहले देखते हुए होंगे । फिर ठंडा प्रकार का टोमॅटो होते ही भूषण एकदम चीते की तरह तेज जम्प लगा । सरकार के भीतर घुस गया फॅस और को गेयर में डाल दिया तत्काल होंडा सिटी कार बंदूक से छोटी गोली की तरह किशन पूरा सब खडी हुई हैं । उनसे पूरी तरह लगभग योगी की जब बेहोशी टूटी तो खुद कोई चारपाई पर लेटे पाया । उसके पर जगह जगह पट्टियां बनी थी । योगी ने हडबडाकर खडे होने की कोशिश की तो फौरन किसी ने उसकी कहाँ पकडेंगे ऍम डॉक्टर ने थोडी देर का नाम करने के लिए कहा है । योगी की दृष्टि खुदबखुद आवाज की दिशा में उठ गई और अगले ही पल उसके जिसमें करंट प्रवाहित हो गया था तो सामने बल्ले खडा था तो हाँ मुझे देखकर हैरानी हो रही है साहब बल्ले मुस्कराया लेकिन मैं यहाँ आया कैसे? योगी ने पूछा मेरा एक्सीडेंट हुआ था, ऍम हुआ ठीक उसी वक्त मैं क्रिशन पुराने आया था आपको खून से लथपथ सडक पर पडे देखा तो मुझे रहा ना गया । मैं फौरन आपको अपने घर लिया तो तो तो मुझे उठा करना है था लेकिन तुम कानून के मुस्लिम हो, जस्ट राज खन्ना के खोरी हो और उस वक्त पूरी दिल्ली के पुलिस तुम्हारे पीछे है । उसका सहयोगी के चेहरे पर दो हजार के बाहर उभर आए थे । मुझे बचाता समर्थन ने ये नहीं सोचा बल्ले होश बात ही न तो मैं भी कर सकता हूँ सो जाता साहब । सोचा था आपको देखकर मेरे दिमाग में सबसे पहले यही सवाल कौन था? लेकिन आप की हालत इतनी नाजुक थी, उस रहा नहीं गया और मैं आपको उठा कर ले आया । योगी अतिरिक्त से बल्ले को देख रहा था ऍम मैंने यश राज खन्ना का खून जरूर किया है लेकिन आवेश में जरूर मैं और यकीन मानो अभी मेरे दिमाग में जरूर उतरा नहीं है मेरे अंदर आप धधक रही है ज्वालामुखी धधक रहा है फॅार मेरे चाचा का ही खोल नहीं किया बल्कि उसका संस्थान का खून किया है । जिसमें बचपन से आज तक मेरी परवरिश की थी । अपनी कोर्ट में खिलाया था उसने मुझे जी ना पहली बार ही वाॅटर साहब जिससे मेरे माँ बाप के स्वर्गवासी होने के बाद सारी दुनिया करते यार मेरे ऊपर न्योछावर कर दिया । ऍम हर खून माफ कर सकता हूँ, लेकिन जितना पहलवान का कौन बात नहीं कर सकता मेरे अंदर धडक तो यार अब उसी दिन मुझे ऍम मैं कुलभूषण के कौन से अपने हाथ रंग लूंगा । मेरा दावा है ऐसा करने से आप दिल्ली पुलिस पर मुझे नहीं रख सकते हैं । योगी बातें फटे नेत्रों से बल्ले को देखता रह गया । डॉक्टर्स के होश में आने से पहले ही जा चुका था और उस वक्त उस पूरे घर में इंस्पेक्टर योगी और पालने के अलावा कोई था क्योंकि कुछ देर आराम करता रहा । ठीक है वो सस्ता से बस्तर छोडकर उठा मेरी मोटर साइकिल कहाँ है? बाहर ही खडे हैं । बल्ले बोला मैं उसे भी ले आया था । योगी संभाल संभाल कर दरवाजे की तरफ पडा । मुझे गिरफ्तार नहीं करोगे इंस्पेक्टर साहब योगी कदम अटक गए । वो ऍम एक ऍम होने के नाते मेरा फर्ज बनता है बाल रहेगी मैं तो मैं अभी और उसी वक्त गिरफ्तार कर लो ऍम मेरे सामने वकील प्रशांत खन्ना का ग्यारह नहीं बल्कि सबसे के इंसान खडा है । एक ऐसा इंसान जस्ट सीधे में भावनाएं हैं जिस बात है और जिसने अभी अभी एक आदमी की जान बचाई है । मैं नहीं जानता बल्ले कि तुम्हारा ये रोक सकता है या फिर तुम ये कोई नाटक खेल रहे हो हूँ, एक बार जरूर का होगा । मैं तुम्हारे रूप से प्रभावित जरूर हुआ हूँ लेकिन एक बात का खयाल जरूर रखना बाल लेंगे एक योगी की आवाज में चेतावन कपडा गया । आज के बाद तो इंस्पेक्टर योगी कहीं भी मिले बस गलत फॅार किस्मत रहना वो तो मैं पक्ष देगा । इस पर योगी का कहर तुम्हारे ऊपर बिल्कुल उसी तरह टूटेगा जिस तरह किसी अपराधी के ऊपर इंस्पेक्टर का कहना होता है ऍफ एक ही रिश्ता हो सकता है और वो रिश्ता है अपराधी और इंस्पेक्टर के बीच का रिश्ता । मुझे उस पल का बेसब्री से इंतजार रहेगा साहब बाल लेना भी बेखौफ जवाब दिया जब कानून के रखवाले से मेरी मुलाकात होगी । फिलहाल चाहते जाते आपने हमारा नहीं चाहिए हमारे था अब बल्ले वहीँ स्कूल पर रखिए । नटराज की मूर्ति उठाकर योगी की तरफ पढा नहीं । नटराज की मूर्ति को देखते ही योगी के दबाव धमाका हुआ । ये मूर्ति तुम्हारे पास काॅल किश्नपुरा हैं । जिस जगह ॅ वहीँ मूर्ति भी बडी थी हूँ । लेकिन बात किया है आपस मूर्ति को देखकर चौथी क्यों छानते हो? ये मूर्ति के स्थानों की बनी है साइड दस है । किस था तो की है सवाल का जवाब तो मैं नहीं बल्कि तल देश के तमाम अखबारों में छपा मिलेगा । हो सकता है तब तो मैं इस बात कर सकता हूँ । सोचती हूँ कि तुम ने मुझे ये मूर्ति सौंपी है तो क्यों सौंपे? ये शब्द कहने के बाद इंस्पेक्टर योगी मुड गया फिर मूर्ति लेकर तेज तेज कदमों से बाहर खडी बुलेट मोटरसाइकिल की तरफ पड गया लेके होठों पर मुस्कान थी । एक जहरीली मुस्का सेट दीवानचंद के अड्डे पर पहुंचने के बाद नहीं । कुलभूषण कितनी देर तक यूज हफ्ता रहा था जैसे सैकडों मील लंबी मैराथन दौड में हिस्सा लेकर अभी अभी वहाँ आया हूँ । उसकी आंखों में दहशत ही दहशत । कुलभूषण का सबसे पहले ऍसे सामना हुआ । उसका नाम दशक पाटिल था तो पूरा का रहने वाला था और एकदम ओरिजिनल मराठा था लेकिन ऍसे तो दिल्ली शहर में आकर बस चुका रहा और अब दिल्ली के कुछ ऐसे गाढे रंग में रंग चुका था की आपने सभी महाराष्ट्रीयन संस्कारों को भूल चुका था । यहाँ तक कि वह जवान भी अब दिल्ली वाली बोलता था । अब उसकी जिंदगी में आगे की चीज का महत्व था । पैसा, बैसा और पैसा कुलभूषण कितनी बुरी तरह फॅमिली चौका क्या हुआ तो नहीं हो रहे हो । तभी से दीवानचंद के आते ही दुश्मन पांडे ने उन्हें आठ दस पत्ते योगी से हुई मुठभेड के बारे में सब कुछ बता दिया । दीवानचंद के नेत्र आश्चर्य पहले बडी इस बत्तर योगी से गिरफ्तार क्यों करना चाहता था? नहीं तो बोलता था कि दिल्ली में आजकल दुर्लभ वस्तुओं की चोरी करने वाला चक्कर हो सक्रिय है । मैं उस गिरोह का सक्रिय सदस्य हूँ । किसी ने उसे बात फोन पर कम दाम टिप देकर बताई थी । हम और एक फॅमिली तो योगी को भी नहीं मालूम । लेकिन वो शिक्षा ही जो भी है साहब वही सारे प्रसाद की जड है । उसी ने मेरी हस्ती खेलती जिंदगी को यू षड्यंत्र रचकर नरक के हवाले कर दिया है । ऍम चाहिए नीरज रखडी जो आंदोलित होने से परेशान होने से कुछ नहीं होने वाला ये बताऊँ क्या और क्या और क्या लेकर आया की नहीं? आॅडी कुलभूषण पाँचों मूर्तिया निकालने का मकसद से अपनी शर्ट ऊपर की फिर उसकी नजर जैसे ही नटराज की मूर्तियों पर बडी गुस्सा रह गया एक दम सर कैसे? पूर्ति शायद नहीं तो सिर्फ चार क्या है दर्शक बॉटल का मुझे संस्कारी छोटे कुलभूषण परसों से लगभग हो गया । हाँ लेकिन लेकिन मैं मतलब की घर से पांच मूर्ति ही लेकर चला था । बडी फिर एक मूर्ति की तरह नहीं एस आई । एक मूर्ति करते रहो पेट निकल गया नहीं पर हवा खा नहीं ऍम उसी जगह गिर पडी है जहाँ जहाँ पत्थर योगी और हमारी मुठभेड हुई थी । एक था सिर्फ मूर्ति योगी के हाथ अभी तक तो क्या होगा सब के सब तब रह गए । अगले दिन एक ऐसी रिटायर विदारक घटना घटी जिसने कुलभूषण के रहे सही हौसले भी पस्त कर दी । सुबह का वक्त था रात कुलभूषण अड्डे नहीं गुजारी थी । उस अड्डे के बारे में कुलभूषण को अभी सिर्फ ही मालूम हो सकता था कि वो किसी इमारत के बेसमेंट में बडा था । उसने आठ विशालतम हॉल और कमरे थे, बडे बडे गलियारे थे, चार टेस्ट बाथरूम थे । एक बातचीत करने के लिए पडा साॅस । कुल मिलाकर वहाँ सुख सुविधा के तमाम साधन मौजूद थे । ताॅबे वही होते थे जबकि सेट की अशोक विहार इलाके में बडी भव्य कोठी थी । उस वक्त तक सेट दीवानचंद भी वहाँ आ चुका था । तभी अखबार हाथ फॅसा भराया । उसके चेहरे पर हवाइयां उड रही थी । उसको हाल बेहद बुरा था । क्या बात है । बडी घबरा क्यों राय नहीं अब आप ऍम अखबार नहीं पडा । कोई खास खबर छपी एसाई खबर नहीं बल्कि तोप का गोला समझो बॉस जो भी पडेगा उसके चेहरे पर मेरी तरह हवाइयां उडने लगेगी । अरे बडी ऐसी भी क्या खबर चल गई नहीं, मैं भी तो देखो फॅमिली उसे देखकर तीनों वाकई पूरी तरह उछल पडे । अखबार के कवर पेज पर ही मोटी मोटी सुर्खियों में छपा था दुर्लभ वस्तु चोरी करने वाला संगठन का सुराग पता चला और भूषण के पास से एक मूर्ति बरामद । कल आधी रात के वक्त किशनपुरा की एक गली के अंदर स्पैक्टर योगी और कुख्यात अपराधी कुलभूषण के बीच हुई भीषण भिडंत में दिल्ली पुलिस को सोने के नटराज की मूर्ति बरामद हो गई । उल्लेखनीय है कि नेशनल म्यूजियम से पिछले दिनों सोने की छह देश कीमती नटराज की मूर्तियां चोरी हो गई थी, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में दस करोड रुपये कीमत तो नटराज की मूर्ति बरामद हुई । वो सोने की छह नटराज मूर्तियों में से ही एक है । बताया जाता है कि कल रात उस पत्र योगी को टेलीफोन पर एक गुमनाम टिप मिली थी जिसमें किसी अज्ञात व्यक्ति ने स्पेक्टर योगी को बताया कि कुख्यात अपराधी कुलभूषण दुर्लभ वस्तु चोरी करने वाले गिरोह का सक्रिय सदस्य हैं और थोडी देर बाद ही सोने की नटराज की मूर्ति लेकर किशनपुरा से फरार होने वाला है । स्टेप मिलते हैं फॅमिली पूरा पहुंचकर कुलभूषण को ज्यादा होता है लेकिन योगी उसे गिरफ्तार कर पाता उससे पहले ही कुलभूषण अपने एक साथी की मदद से उस पर हमला करके धाक खडा हुआ । सार्वजनिक हैं की विभिन्न संग्रहालयों से दुर्लभ वस्तु चोरी करने वाला यह संगठन पिछले दो साल से दिल्ली शहर में सक्रिय है । इतना ही नहीं ये संगठन अब तक लगभग बाईस करोड रुपये मूल्य की अनेक ऐतिहासिक वस्तुएं चोरी कर चुका है । उसका सहयोगी ने कुलभूषण से बरामद मूर्ति पुरातत्व संग्रहालय को सौंप दी है । ऍसे प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर इस साबित हो चुका है कि बरामद मूर्ति संग्रहालय से पूरी गई असनी नटराज मूर्ति ही है । दिल्ली पुलिस पूरी सरगर्मी से कुलभूषण को तलाश कर रही है और कुलभूषण को गिरफ्तार कराने वाले किसी भी व्यक्ति को एक लाख रुपए का नगद इनाम देने की घोषणा भी पुलिस की तरफ से कर दी गई है हूँ ।
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