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भाग दस मुझे सच में नहीं पता मैं खुद हैरान हूँ । सच सच बता दूँ सांखे रहना को तुम्हारे अलावा कौन जानता था? सच में इंस्पेक्टर साहब मुझे नहीं पता आप लोग मुझ पर शक करना, छोड देना को खोजने में समय लगाइए । मुझे लगता है तो मैं नहीं बताओ फॅार रजत चला है तुम जरूर कोई बडी साजिश रच रहे । मैं पहला ऐसा क्यों करूंगा? वही तो जाना है क्या? वजह साहब का उतना होता तो अब तक बाहर मारकर तुमसे सच उगल पा लेते हैं । ऍम नहीं जाते हैं । बॅायकॅाट वहाँ से चला गया । जोकर हैरान था, परेशान था और गहरी सोच में पड गया । आगे रहना को कौन लेगा उस फोन से बच्चे को यदि कुछ हो गया मैं खुद को कभी माफ नहीं करता हूँ । हो सकता है जो करके आंखे बंद हो गए पर वो ध्यान से सोचने लगा वो ना के साथ कहाँ कहाँ गया था और कौन कौन मिला था? किस पर शक किया जा सकता है । उसके दिमाग के घोडे दौडने लगे । कुछ देर तक को सोचता रहा पर उसे कुछ आप नहीं हुआ और तभी बजाये और खास परधन सात में थाणे में प्रवेश किये हैं । हर्षवर्धन आती जो करके गिरेबान पकडकर चलाया अब क्या चाहिए तुझे मेरी मैं तो पूरी हो गई ना मैंने आप को बदनाम करके और जेल भिजवाकर और वापिस मैंने कोई हाथ नहीं तडा छूट बोलता हूँ अच्छा प्रदान ने जो कर कोई थप्पड रसीद क्या तभी बच्चा साहब बोले उसे छोडी हर साहब ये काम इसका नहीं है । काम इसका नहीं है । हैरान होकर हर्ष बोला तीस करेंगे तो रिकॉर्ड है ये मुझे नहीं पता पर जोकर का काम नहीं है । अगर विजय साहब ने रजत को कुछ इशारा किया अब एक टेबल के दोनों साइड में कौन से लगा दी गई हैं? एक तरफ एक कुर्सी और दूसरी तरफ दो कब से दोनों कुर्सियों पर बजाय और हर्ष बैठ कर सामने वाली कुर्सी पर जो कर बैठ गया और एक दूसरे स्कूल पर रजत अपने हाथ में कलम और रात लेकर बैठ गया । कुछ पलों के शांति के बाद विजय ने खामोशी तोडी और बोला मुझे तो एक एक कदम का प्यार है तो जहाँ तो सेना को लेकर गए थे वो हर एक जगह जहाँ तुम रुके या किसी से मिले, फिर कोई ऐसी जगह जहाँ पर तुमने मार्ग किया गया हो या फिर किसी पसंद करते हैं जो करने एक एक रास्ते रोकने की जगह का प्यारा लिखवाना शुरू कर दिया । कौन सी जगह कितना रोका, कहाँ से खाने का सामान लाया था वो? हर एक दुकान जहाँ बैठकर चाय पी थी या खाना खाया था, सजाते सभी जगहों पर है ना की तस्वीर लेकर तक करुँ । मुझे शाखा किया ना को पालों किया गया और फिर वापस अब नहीं सर, जो कर भावुक होकर बोलता हूँ । मुझे ऐसा नहीं लगता है । फिर क्या लगता है तो मैं मेरा यही कहीं आसपास है जो करके आंखों से आंसू आ गया है । नहीं दोषियों मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा भी हो सकता है तो आप मुझे आजाद कर तो मैं वादा करता हूँ ना को वापस ले आऊंगा । ये संभव नहीं तो जानते हो तो हमें बताओ । हम तो मैं यहाँ से रिहा नहीं कर सकते हैं तो साहब है ना तो आप कभी नहीं पकडता आएंगे । मुझे कोई गहरी साजिश की बुआ हैं जो कर के अंदर कुछ उथल पुथल चल रहा था । जैसे समंदर में पानी हिलोरे लेता है, हवाओं के झोंकों के साथ घूमता है । ऐसा आदमी है तो उसके और सामरिक पापा में क्या अंतर रह जाएगा । आखिर रहना कई कहाँ? प्रगति बहुत नहीं गए तो उसे कौन ले गया जो कर के मन में यही सब चल रहा था हूँ क्या सोचते हो चुका है? बताओ हमें विजय साहब जो करके तंद्रा भंग करते हुए बोले मुझे पता है तुम सच बोल रहा हूँ । एक मैं ही हूँ जो तुम पर भरोसा कर सकता हूँ । सिर्फ मैं जानता हूँ कि कहना को तुम ने गाया था । नहीं किया मेरे अलावा सभी तो मैं कच्चा चबा जाने को व्याकुल । खुद हर्षवर्धन रहा है उसे किसी तरह हमने रोक कर रखा हुआ है । सर इसीलिए तो बोल रहा हूँ कि मुझे जाने दीजिए । मुझ पर भरोसा रखिए । मैं ना को वापस ले आऊंगा । चाहे कुछ भी हो जाए । इसलिए बोल रहा हूँ कि एना को वापस जाने में हमारी मदद करो । साहब वही तो कर रहा हूँ । आपसे साधा चलता । मुझे इस बात किया । सब लोग यही समझते होंगे कि मैंने एना को वहां से हटाया । यह सच्चाई है कि मैं ना को रत्ती भर भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता । जोकर बजाय के सामने गिर गिर आने लगा । आप मुझे तो दिन के लिए छोड दो, मैं कहीं से भी फोन करो से लिया होगा । और यदि इसमें तुम्हारी कोई साजिश हुई तो बहुत देर से चुपके साले रजत बैठा था तो बोल पडा तुम्हारा क्या भरोसा साहब आप इतना भरोसा तो करना ही पडेगा और यदि नहीं किया नहीं छोडा तो तब तो दावे के साथ कह सकता हूँ वापस नहीं आएगी । दावे के साथ कैसे कह सकते हैं क्योंकि मुझे बताया कि ये काम किसी आम इंसान का नहीं है, इसमें जरूर कोई राहत है । बहुत बडी साजिश ठीक है जो करते हैं हम तो मैं छोड देंगे पर सिर्फ दो दिनों के लिए सिर्फ अडतालीस घंटों के लिए । उसके बाद तुम वापस आ जाओगे । पर सर ये कैसे होगा? सभी को पता है तो कर कस्टडी में है । चलो मैं तो मैं बताता हूँ । ऍसे बोला अभी थोडी देर में कांस्टेबल आएगा, एक दवा देगा, उसे खा लेना । उसे खाने के बाद तो मैं गहरी नहीं आ जाएगी । फिर तुम जहाँ चाहते हो बता दो तो मैं छोड दिया जाएगा । इतना कहकर वजह रजत के साथ बाहर निकल गया और जो कर उन्हें शुक्रिया कहने लगा । ठीक है साथ में शुक्रिया आपका चुनाव रजत बहुत ध्यान से ये काम करना है सबसे पहले तो जो कर के किसी भी अंग में जहाँ उसे भी चोट लगी है, फॅमिली और उसके बताए गए स्थान पर छोड कर उसे होश मिला देना । दर्द की दवा इतनी मात्रा में रखो की उसे घंटे तक होगा । जी सर रजत बोला अब मैं समझ गया हम ऐसे ट्रैक करेंगे हाँ पर सिर्फ ऑफिस में बैठ कर और वो भी अडतालीस घंटे । उसके बाद यदि ऐसा लगा कि भागने की कोशिश कर रहा है तो उसका पीछा करके से पकड लेंगे । पर उसके पहले से पूरा मौका मिलना चाहिए ना को वापस लाने का । जी बिलकुल ऐसा ही होगा । जरूरी बात और मेरे को जो कर से मिलना चाहिए । ये पूछे तो बता देना अडतालीस घंटे के स्पेशल विमान पर हैं । कोई नहीं मिल सकता है उसके साथ बाबा तामेश्वरनाथ और सामरिक काॅल एक अच्छे से गद्दीदार कौन सी लगी हुई थी और उसके सामने देश का सबसे बडा वकील नीचे जमीन पर बैठकर बाबा से पूछताछ कर रहा था । बाबा जी बहुत आसान है । ये बयान दीजिए कि अपनी पोती को वापस लाने के खाते हैं । आपने झूठ बोला मैं कोई सामरिक महाराज नहीं । मैं तो तामेश्वरनाथ जी महाराज अपने पारिवारिक और मानसिक दबाव में आकर ऐसा किया था । किसी भी तरह बिल्कुल हूँ अपने बयान बदलने को तैयार हूँ जी बाबा जी! अब आप खुद ही देख लो फॅमिली नहीं जरूर जो करने उसे मार दिया होगा या छुपा दिया होगा । कपडे वकील पापा को छुडाने के लिए अपने मोहरे बिठा रहा था और बाबा को सच में ऐसा लगने लगा कि ऐसा हो सकता है वो ये बोल कर निकल सकता है । उसके बाद तुमने सही कही ऐसा बिल्कुल हो सकता है । अकेले ना नहीं कहा ये बात हजम नहीं हुई । मुझे तो लगता है कि इसमें जोकर की कोई बहुत बडी साजिश है । आपको फंसा अगर वह बाहर होना चाहता है पर कैसे? उसने तो खुद अपने जुर्म कबूल किया है और अब वापस है ना । शायद यही बात तो समझ में नहीं आ पाता । आप इस पर दस्तखत करिए । मैं बेल के लिए अपील करता हूँ और बाबा ने उस कागज पर अपने दस्तखत किए । अपनी आजादी के लिए नहीं चलता हूँ, बहुत जल्दी मिलता हूँ, आपसे मेरी डील याद रखेगा । अपनी फाइल बैंक को संभालता हुआ और मुस्कुराता हुआ वकील बोला ताकत आपेश्वर भी मुस्कुराने लगे हैं और वकील की तरफ हाथ खडा करके आशीर्वाद की मुद्रा में बोले तथा तो बहुत जैसे वकील गया विजय साहब दादा के साल पे कदम रखें आप आओ विजय बाबो पड गई दिल में ठंडक क्या मतलब मतलब बहुत साफ बजे मुझे बाहर निकालो । मेरी पोती कहाँ है मैं अपनी पोती की वजह से जो कर के कहे अनुसार सब कहता गया और अंत में क्या हुआ तो मिली भी नहीं । सात । अपने बयान बदल रहे बाबा जी क्या बदल नहीं रहा हूँ । मैं सच बोल रहा हूँ । पहले जो बोला था वो एक कहानी थी । एक ऐसे कहानी जो जो करने मुझे दी थी ताकि मैं हूँ और वो बाहर हो जाए पर क्यों आगे रहना के अलावा ऐसी क्या मजबूरी थी पर सर पे की वजह से और वह वजह नहीं है । आबाजी बात कुछ पालने नहीं पढ रही है । आप अच्छे से बताएंगे कि आखिर बात क्या है, आपको कैसे बताऊँ? बाबा के अंदर तूफान चल रहा था, भावनाएँ बढ रही है । चेहरे पर व्यवस्था का भाव था तो हाथों की उंगलियां एक दूसरे के साथ लड रहे थे । ऐसा लग रहा था जैसे उनके अंदर कुछ कुछ साल से हो रहे हैं और वो कुछ कहना चाहते हैं । बातचीत तक आकर वापस चली जा रही है । आप जब तक बताएंगे नहीं तब तक हमें कैसे पता चलेगा । पाँच बजे जब का कहना जो कर के पास थी तब तक वो सुरक्षित थे पर अपना जाने आना कहाँ है? मतलब आप ये कहना चाहते हैं साहब कि जो करने को नहीं हो पाया है बिल्कुल फिर तो मेरे बच्चे खतरे में यहाँ वही तो समझाने की कोशिश कर रहा हूँ आपको आप कब से गुत्थी सुलझाते जा रहे हैं? हमें बताइए कि आखिर आपके मन में चल क्या रहा है मुझे अभी मेरा वकील आपके सामने ही यहाँ से गया । अगर आपने पहल के लिए उसे डील कर रखी है पर मुझे लगता है मैं ये सब करके करूंगा तो चाहता था वो तो हो गया मेरे आप में मेरी अपनी बच्ची बनी चल जाएगी । मुझे ये नहीं पता था । अब तक मैं दोषी था । अब तक होकर भी दोषी था । जो करना मुझे सब उगलवा लिया । उसने भी खुद को कानून के हवाले कर दिया । अब समझ में ही नहीं आता कि अकेले रहना कहाँ गई । मुझे बडी चतुराई से बात की बातें सुन रहा हूँ । उसे अभी भी दाल में कुछ काला लग रहा था । अभी भी कुछ ऐसी बात थी जो बाबा छुपा रहे थे । जोकर बिना कुछ ज्यादा सोचे समझे वोक्कालिगाओं पहुंच गया था और गांव के उसे मंदिर वाले खंडर में जाकर एना को ढूंढने लगा ऍम ऍम खण्डर की दीवार भी सामने से रानी साहिबा रानी साहिबा चला रही थी पर है ना कि आवाज नहीं आई । ऍम हूँ तो ऐसे नहीं जा सकती तो ऐसे नहीं भाग सकती । तुम समझदार हो मैं जानता हूँ और इतनी ज्यादा नहीं । रानी ऍम पागलों की तरह जो करे धरोधर खंडर में ढूंढ रहा था है ना पर वो वहाँ मिली नहीं कुछ देर तक को पिसा हुआ इन को ढूंढते ढूंढते थक हारकर एक पत्थर बनाकर रह गया चौक रेंगल तभी उसे ना की आवाज सुनाई तो पलट कर उसने आवाज की तरफ देखा है ना उसके सामने खडी थी आंखों में ढेर सारे आंसू लिए कॅश जो करके मुझे सकती हुई आवाज निकली आपको कुछ हो जाता तो हम यहाँ कैसे आई, क्यों आई? मुझे नहीं पता । आश्चर्य से जो कर देना को देख रहा था और अचंभित होकर बोला मुझे नहीं पता मतलब मैं सच में हैरान हूँ । चोकर अंकल एन आप जो कर के बिल्कुल करीब आ कर बैठ गए पर बोली मैं यहाँ अपनी बहनों की सिसकियों को महसूस कर सकती हूँ, उनकी चीजों को महसूस कर सकते हैं । कैसे मैं हैरान ओं अखिल ये सब के सब आपको जहाँ का पता नहीं जहाँ मैंने आपको रखा था । वहाँ से इस जगह पर आना इतना आसान नहीं आई । कैसे मुझे सच में नहीं पता । मैंने पापा तामेश्वर सामरिक की सारी बातें संदिली और तेरी फॅमिली जब आप होटल के कमरे में उनसे सारी बातें गलवा रहे थे था कैसे आपके लेपटॉप से उसमें वहाँ की सारी बातें मुझे लाइट दिख रही थी और रिकॉर्ड हो रही थी हूॅं जो करने अपना सर पका लिया उसे समझ में आ गया । दरअसल जोकर नहीं वो सेटिंग कर रखी थी उसके शर्ट में । कैमरा फिट था और वहाँ के सारे रिकॉर्डिंग लेपटॉप में से बोल रही थी और एना ने उसकी लाइफ तो अपने सब देख लिया था पर तुम यहाँ क्यों आएंगे? बताया तो मुझे नहीं पता । ऐसा लगा जैसे मुझे कोई बुला रहा है । कोई एक ही आवाज, कोई शक्ति की आवाज जैसे कोई मुझे बुला रहा हूँ । जब आठ साल की लडकी मुझे अगर अंकल सच बताओ, ये वही लडकी आना । उनकी बाली यहाँ पर इसी मंदिर में माता को खुश करने के लिए दे दी गई थी और उनकी बलि देकर इसी यही मंदिर के नीचे से सारा धन चलाकर मेरे दादा जी ले गए थे । हाँ अच्छा, ये वही जगह वो वही लडकियाँ हैं जिनके मरने के बाद मैं पैदा हुआ था । अब सब खत्म हो चुका है ना अब घर चल रहा है हमारे घर वाले तो मैं ढूंढ रहे हैं । लोग मुझे दोषी कह रहे हैं मैं कैसे होंगे? मैं नहीं होंगे । है ना तो जैसे पागल सी हो गई थी । मैं नहीं जाउंगी मुझे । माता ने बुलाया महम लडकियों के पास होंगे उन चारों के पास पानी । साइबर मेरी हरियाणा बिटिया कितना करूँ चलो यहाँ से मैं बचाना कहना का रूप बिकराल जैसा हो गया । चिल्लाने लगे और उसकी आवाज में बोले चला जाएगा, आते हैं, होंगे जगह कॅश वर्धन से आप कभी वापस नहीं आएगी । चुकर को ये नहीं पता था । उसका पीछा दो कांस्टेबल कर रहे थे और जब कांस्टेबलों ने सेना का ये रूप देखा तो सीधा रजत को फोन किया और रजत ने भेजा । साहब को सारी बात बताई । कुछ देर में बजाय रजत हर्षवर्धन वहाँ गए । उस समय एक पत्थर पर बैठे थे । पैरों को मोडकर, पालथी मारकर किस तरह जैसे कोई देवी बैठी हूँ । आखिर बडी पडी खूंखार जैसे अभी अभी कोई खून हुआ हूँ और आंखों की पुतलियां चौडी हो गई । ऍम हर्षवर्धन सेना के पास जाकर बोल मेरी बेटी और है ना कुछ होने के लिए जैसे हाथ आगे बढाया एक स्टोर का झटका लगा और हर्षवर्धन को और वह कडक कर दूर जाकर । हाँ क्या क्या हुआ है ना और क्योंकि तो पुलिस कस्टडी में था यहाँ क्या कर रहा है आप? प्रश्न न करो तो अच्छा है । अचानक कहना चल रहा है मुझे हो सकता है जिसके मन में मेरे लिए साथ हो और जो मेरा का इतना चाहता हूँ । अचानक कहना के अंदर आए इस बदलाव को देख कर सभी हैरान थी । विजय ने जोकर की तरफ किया और पूछा चुका है मामला क्या है मुझे नहीं पता था । पुलिस वालो ने मुझे छोडा तो मैं सबसे पहले दौड कर नहीं आया । मैंने इस जगह का जिक्र लेना से पहले किया था उसके बाद है ना । यहाँ ये पूछने पर बताते हैं कि उन चार बहुत लडकियों की आत्मा उसे बुलाकर लाई । ऍम वाली बात है कुछ भी नहीं हो रहा है । एक नौ साल की लडकी इस तरह नहीं कर सकती है तभी मुझे कुछ नहीं पता । मैं अपनी बेटी को ले जा रहा हूँ । जोकर को वापस भी तेल भेजे सर और मेरे आपको कडी से कडी सजा दिलवाई क्योंकर को उसके किए की सजा जो भी मिले पर मेरे पाप को कम से कम फांसी होनी चाहिए । मेरी बेटी है ना, तुम देखो तुम्हारे सामने खडा हूँ अपनी बाहें पसारे हैना चलो ना तुम्हारी महाबला और ये बता चलो चलो बहुत हो गया चलो भावुक होकर हर्षवर्धन अपनी बेटी के पास नहीं जा रहा था जब की एक बार झटका खा चुका था । अभी भी अपनी आंखें गोल गोल करके उसे हो रही थी । ऐसा लग रहा था जैसे उस पर किसी भूत प्रेत या आत्मा कराया हो या किसी जो डाल की माया । क्या यह सच नहीं कि उन चारों लडकियों की आत्मा उसके अंदर आ गई? धीरे धीरे सेना के पास गया और दूसरी बार सेना के हाथ को पकडता है । उसके पंजे पर अपनी उंगलियों से सहलाता और कहता है मेरी बेटी हम इतने दिन तक तो रहे थे । सबके अपने डायट को मार डाल होगी । चलो देखो तुम्हारी माँ कितनी परेशान है और घर आ जाना कहना नॉर्मल हो जाती है और रोती हुई हर्षवर्धन से चिपक जाती है । ऍम चली मुझे वहाँ की बहुत याद आ रही है । मैं घर चलना चाहूंगी । डॉक्टर बिना एक पल गंवाए हर्ष विजय को देखता है और गाडी की तरफ बढ जाता है । अभी हर्षवर्धन के साथ गाडी की तरफ धीरे धीरे बढती है तो उसके नजर जोकर की तरह होती है होकर बहुत ध्यान से है ना कि आपको पडता है । ऐसा लगता है जैसे वो कुछ कह रही है पर वो समझ नहीं था और अब सोच करके विजय की गाडी में बैठ जाता है । पुलिस की गाडी आगे बढते और हर्षवर्धन की गाडी एक दूसरी तरफ पडती है पर अभी भी है ना सिर्फ जोकर को देख रही होती है एक बडी कामयाबी कहेंगे क्राइम की दुनिया में एसीपी विजय साहब रजत को डिपार्टमेंट की तरफ से पता या मेरी रजत को इसके लिए प्रमोशन भी मिला । अखबारों में सुर्खियां भी टीवी चैनलों पर हो रहे थे । बाबा के पकडे जाने का बहुत बडा हंगामा हुआ तो आप सारे रहे मगर उन्होंने इसका विरोध किया । न्यूज चैनलों पर करीब एक महीने तक सुर्खियों में यही समाचार था कि बाबा तामेश्वरनाथ जी महाराज एक बहुत बडे पाखंडी थे और उन्होंने अपने जीवनकाल में कई सारी हत्याएं की थी । बहुत सारे लूट पाट की थी और नहीं लूट पाट और हत्याओं का एक जीता जागता सबूत था जो कर जो जेल में बंद था जो करने अपने बयान में सारी गलतियों को मान लिया था । किताब लिख रहा था जिसका नाम था जो फॅमिली लाइफ में कुछ अच्छा तो नहीं किया पर उसने बोला क्या क्या क्या इन बातों का विवरण उस किताब में था? पता नहीं क्यों? ऐसा लग रहा था क्या ना कि आप हैं । कुछ तो कह रही थी कुछ तो गडबड थी । सारी बातें झूठी थे और कुछ तो गडबड था । तो ये मानने को तैयार ही नहीं था कि आना वहाँ किसी आत्माओं के वश में होकर पहुंच सकते थे । क्या अभी भी उन चार लडकियों की आत्मा वहाँ पर बैठक रही थी? यदि ऐसा होता तो मैं तो उन लडकियों के ही खून का उप अच्छा मुझे भी दिखाई देती है । वो ये बात मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं था कि आखिर है ना । वहाँ कई कैसे और उसके अंदर इतनी ताकत कैसे आई कि वह हर्षवर्धन को धक्का देकर गिरा दिया । पागलों की तरह चला रही थी ऐसा तो उसने पहले कभी नहीं देखा था तो जैसा वापस चले गए थे एक बडी उपलब्धि लेकर एक बडा तमगा भी मिला था । उन्हें लाइन पर विजय हासिल करने के लिए इतने बडे कांड का पर्दाफाश करने के कारण वो सुर्खियों में थे । वजह साहब की भी वाहवाही थी । उन दिनों बडे बडे अपराधी डर कर चुके थे और अपराध सिरो लेवल पर था । पर उन अपराधियों को या पब्लिक को ये नहीं पता था की वजह से आप ने कुछ ज्यादा नहीं किया था बल्कि एक संयोग था और जो भी किया था जोकर की वजह से हुआ था । जो कर यदि खुद गिरफ्तार नहीं होता तो उसे पकड पाना नाको तले चने चबाने जैसा था । बाबा कामेश्वर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और मंदिर का ट्रस्ट था हर्षबर्धन बाबा नहीं, उसे ट्रस्टी बनाया था क्या नियम हर्षवर्धन उस मंदिर का असली कर्ता धर्ता था । बाबा तामेश्वरनाथ बस एक बार और जैसा आपसे बात करना चाहते थे पर जैसा तो निकल चुके थे । रजत जी हैं बस एक बार वजह सबसे बात करवा तो बहुत जरूरी है जैसा आप निकल चुके हैं और बात करने से क्या फायदा निवेदन है? बेटा कैसे? सच में बहुत जरूरी है । एक वही है जो मेरी बात को समझ सकते हैं । बाबा जी अब समझने को बाकी कह रह गया । कुछ है ऐसा तो मैं सर को नहीं बता सकता हूँ । ठीक है मैं फोन लगता हूँ और बहुत निवेदन के बाद रजत ने फोन लगाया ऍम सर बाबा तामेश्वर आपसे बस अंतिम बार कुछ कहना चाहते हैं । ठीक है बात करूँ लीजिए बात की थी जी सर लाइन करेंगे, बाबा जी का ही है । सरहना के बारे में कुछ कहना था आप क्या हुआ है आपको पहले मत बताना । बाबा सेना के चक्कर में पूरा दिमाग का दही बना पडा है । सब थोडा रुक चाहिए । आप को झटका लगेगा क्या मतलब? सरहना हर्ज की नहीं बल्कि मेरी बेटी है क्या? क्या उधर फोन पर बजाये और इधर रजत दोनों चौक करो, चल पडेंगे । यहाँ खर्च और उसकी पत्नी की बेटी नहीं बल्कि मेरी बेटी है । मेरी एक ऐसी पत्नी की जैसे मैंने समाज में कभी पत्नी नहीं मानी । वर्ष की अपनी कोई औलाद नहीं थी । तब मैंने अपना को और उसकी बीवी की कोर्ट में रख दिया तो उसकी माँ का है । वो मैं नहीं बता सकता है और उसका इसके से कोई लेना देना भी नहीं । बाबा बोला पर अब केस है कहाँ? सब साल तो हो गया क्या बोला नहीं सर, असली खिलाडी तो अभी बाहर है । मतलब फॅमिली खिलाडी असली जोकर कौन ये पता करना आपका काम है । हाँ फोन रखता हूँ