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मुकदमा फिर पहले की तरह ही गर्मजोशी के साथ शुरू हो गया बल्कि अब उसमें पहले से भी ज्यादा गर्मी थी । मिलावट किस राजेश खन्ना ने अपना काला चोगा दुरुस्त करके बोलना शुरू किया । सबसे पहले तो मैं मिस्टर कुलभूषण के बचाव पक्ष का वकील होने के नाते ये कहना चाहूंगा कि मेरे बेहद कादल और सही दो पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और इंस्पेक्टर योगी ने मिलकर मेरे क्लाइंट पर चीन और पहलवान की हत्या का जो इल्जाम लगाया है तो बिल्कुल बेतुका और झूठा है । मिला जस्ट राज खन्ना ने अपनी आवाज थोडी तेज की । सच्चाई ये है की अभी तक मेरा भोला भाला और निर्दोष लाइन अदालत के शब्दजाल से बचने की कोशिश नहीं करता रहा, बल्कि मेरे काबिल दोस्त, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर साहब खुद इंस्पेक्टर योगी की गलत इन्वेस्टिगेशन के कारण दिशाभ्रमित होते रहे हैं और ऍम पब्लिक प्रोसीक्यूटर आदत के मुताबिक हाल फाडकर चलाया । खन्ना साहब इंस्पेक्टर योगी जैसे बेहद कर्तव्यनिष्ठ इंस्पेक्टर की काबिलियत पर उंगली उठा रहे हैं । वो इस्पेक्टर योगी जो दिल्ली पुलिस में एक मिसाल है, एक आदर्श है । किसी देखकर दिल्ली पुलिस के दूसरे जवान प्रेरणा लेते हैं और कल्पना करते हैं कि काश वो भी इंस्पेक्टर योगी की तरह ही बन जाए । ये बडे अफसोस की बात है । मिलावट खन्ना साहब उसी स्पेक्टर योगी कि कर्तव्य निष्ठा पर इल्जाम लगा रहे हैं । ऍम बिल्कुल गलत है । यश राज खन्ना ने बिना उत्तेजित हुएकहा मैंने इंस्पेक्टर योगी कि कर्तव्य निष्ठा पर कोई इल्जाम नहीं लगाया । मिला सच्चाई तो यह है कि मैं खुद इस बात को तहेदिल से कबूल करता हूँ । सब इंस्पेक्टर योगी जैसे बेहद कर्मठ और ईमानदार पुलिस अफसर हमारी दिल्ली पुलिस में कुछ एक ही है और जो चंद है वह दिल्ली पुलिस की नाक है । लेकिन मैं ये भी नहीं बोलना चाहिए मिलावट राज खन्ना ने फौरन चाल चली इंस्पेक्टर योगी एक कर्तव्य पाॅवर होने के साथ साथ एक इंसान भी हैं इंसान जिससे हमारे शास्त्रीय वेद पुराणों में गलतियों के पुतले की संज्ञा दी गई है । कहा गया है कि बडे बडे तपस्वी और ऋषि मुनियों से भी जाने अनजाने कोई ना कोई गलती अवश्य हो जाती है और ऐसी गलती इंस्पेक्टर योगी से हो चुकी है मिलावट उन्होंने इस पूरे ऍम तो पूरी लगन और मेहनत की लेकिन वो सबूत इकट्ठे करना है बस थोडा सा धोखा खा गए लेकिन नहीं पब्लिक प्रोसीक्यूटर अपनी बात पूरी कर पता उससे पहले ये शायद खन्ना ने उसकी बात कर दी और प्रभावपूर्ण ढंग से आगे बोला मालूम है पब्लिक प्रॉसिक्यूटर साहब की आप क्या कहना चाहते हैं? वही ना मेरे पास इस बात का क्या सबूत है कि इंस्पेक्टर योगी ने जो इन्वेस्टिगेशन की वो गलत है? उसके जवाब में मैं सिर्फ ये कहना चाहूंगा प्रोसीक्यूटर साहब, मैं भी एक वकील हूँ और कम से कम इतना जहीन भी हूँ की अदालत में ऐसी कोई बात अपनी जबान से नहीं निकालूंगा जिसका मेरे पास कोई जवाब ना हो । जहाँ तक इंस्पेक्टर योगी द्वारा मेरे क्लाइंट पर लगाए गए बेबुनियाद इल्जामों का सवाल है तो मैं अभी अभी चंद मिनट बाद उसका सबूत भरी अदालत में पेश करूंगा और अगर मैं सबूत पेश न कर सकूँ तो मेरे काबिल तो सिर्फ मेरे ऊपर ऑब्जेक्शन लगातार ही खामोश ना बैठे बल्कि वह खुशी खुशी मेरे ऊपर इंस्पेक्टर योगी की तरफ से मान खाने का मुकदमा भी दायर कर सकते हैं और ऍम जरूर । जज ने फौरन ही पब्लिक आॅक्शन प्रस्ताव खारिज कर दिया । ऍम प्रश्वास खन्ना ने जज के सामने चल चुका है जब की पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अपनी पहली ही पराजय पर पूरी तरह से तिलमिला उठा । हाँ तो मिलावट प्रशांत खन्ना ने थोडा रुककर पुराना शुरू किया । मैं कह रहा था कि मेरे काबिल तो पब्लिक प्रॉसिक्यूटर साहब खुद इंस्पेक्टर योगी की गलत इन्वेस्टिगेशन के कारण सहमत हो रहे हैं । जबकि सच्चाई ये है कि फ्लाइंग स्क्वॉड दस्ते के सब इंस्पेक्टर ने जब बुधवार की रात को मंडी हाउस जाने वाले मार्ग पर कुलभूषण की ऑटो रिक्शा रोकी तो उसमें सचमुच चीना पहलवान की लाश नहीं थी, बल्कि उसके अंदर वास्तव में एक लडकी थी जो पेट से नहीं । लेकिन सवाल यह है खन्ना साहब अपनी पराजय से बुरी तरह चलाया पब्लिक प्रॉसिक्यूटर फिर चला उठा । अगर ऑटो रिक्शा में उस वक्त लडकी थी तो वो लडकी कौन थी? फिर अगर वास्तव में ही पेट से भी तो मिस्टर कुलभूषण ने उसे किसी हॉस्पिटल के मॅन में भर्ती क्यों नहीं कराया । और इन सब से बडा सवाल तो यह है मिस्टर कुलभूषण उस लडकी का नाम बताने से अतरासी क्यों कर रहे हैं? फॅस राज खन्ना प्रॉसिक्यूटर्स अहा फॅस करना गंभीरतापूर्वक बोला देखिए हर खामोशी के पीछे ना कोई ना कोई वजह होती है । फर्क सिर्फ इतना है कि कोई उस खामोशी के आवाज को सुन लेता है और कोई नहीं चल पाता । इस मामले में मैं शायद आपसे ज्यादा सौभाग्यशाली हूँ तो मैंने खामोशी की वो आवाज सुन ली है । मिलावट यश राज खन्ना जज की तरफ कुमार मैं कुलभूषण की खामोशी की वजह बया करने से पहले अदालत से प्रार्थना करूंगा कि वह प्रोसिक्यूटर के ही एक गवाह बल्ले को विटनेस बॉक्स में पेश करने की इजाजत दें । इजाजत है दर्शकदीर्घा में बैठे वाले भर रात बल्ले का दिल का पूरी तरह खडा था । हालांकि वो काफी ऍम था लेकिन यश राज खन्ना जैसे धुरंधर वकील के सामने खडे होने की कल्पना मात्र से ही उसकी पिंडलियां कपडा उठी । पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और इंस्पेक्टर योगी की भी कुछ ऐसी ही हालत हुई । नहीं समझ पा रहे थे कि अब आखिर होने वाला है । कुछ होने वाला था । कुछ बडा मरता क्या ना करता है । ऍम बॉक्स में जाकर खडा हुआ । फिर उसमें सबसे पहले गीता पर हाथ रखकर सच बोलने की कसम खाएंगे । उसके बाद कुछ औपचारिक अदालती सवालों के बाद यश राज खन्ना ने बल्ले को घूमते हुए पहला प्रश्न पूछा डबल क्या यह सच है कि तुम कुलभूषण की गिरफ्तारी के बाद पुलिस स्टेशन गए थे? आप भले ने कप कपालेश्वर में कहा ये इस सच है । वहाँ तुम स्पैक्टर योगी से भी मिले । हाँ, ये भी सच है और ये ये भी सच है कि तुम ने पुलिस स्टेशन में घुसकर स्पेक्टर योगी के सामने ये घोषणा की थी कि तुम उस रहस्यमय लडकी को जानते हो तो हादसे की रात कुलभूषण के साथ मंडी हाउस जाने वाले मार्ग पर देखी गई बाल लेने अब सब पकाकर योगी की तरफ देखा । उधर मत देखो चल रहा है । जिस राज खन्ना मेरी था मेरी तरफ देखो पल लेने फॉर्म योगी की तरफ से नहीं हटा ली । जवाब तो क्या तुमने पुलिस स्टेशन में पहुंचकर ऐसी ही घोषणा की थी? हाँ, मैंने यही कहा था मुस्कराया यश राज खन्ना । फिर तो तुमने स्पेक्टर योगी को उस लडकी का नाम भी जरूर बताया होगा । हाँ नाम बताया था क्या नाम बताया था भले ने बेचैनी पूर्वक पहलू बदला । इतना तो समझ चुका था कि यह शायद खन्ना उसके ही चलाया तीर से कोई शिकार करना चाहता है । डबल है क्या तुम्हें उस लडकी का नाम अदालत के सामने दोहराने से कोई ऐतराज है? नहीं । मुझे बोला क्या हो सकता है तो फिर बोलते क्यों नहीं है? क्या नाम तो उस लडकी का मंत्रा मंत्रा नाम था जी नाम नोट किया जाए में लौट । जिस राज खन्ना बिजली जैसी तेजी के साथ जज की तरफ घुमा और चला ये नाम अदालत की कार्यवाही में खासतौर पर दर्ज किया जाए । उसके अलावा मैं अदालत को एक बात और बताना चाहूंगा कि मंत्रा नाम की लडकी किशनपुरा में ही रहती है और एक ऑफिस के अंदर टाइप इसके तौर पर काम करती है । दर्शकदीर्घा में सन्नाटा था । ऐसा सन्नाटा की अगर वहाँ कोई स्वीट भी गिरे तो आवाज हो वो नाम अदालत की कार्यवाही में दर्ज कराने के बाद यश राज खन्ना दोबारा बल्ले की तरफ खुल गया था । चारा बल्ले उसे ऐसा लग रहा था मानो आज वो किसी शेर के जबडे में आप ऐसा होगा मुझे बल्ले । यश राज खन्ना बोला अब मैं तुमसे ये पूछना चाहूंगा की तुमने स्पेक्टर योगी के सामने जाकर मंत्रा का ही नाम क्यों लिया? किश्नपुरा में तो और भी दर्जनों लडकियाँ रहती है । तुमने उनमें से किसी का नाम क्यों नहीं लिया? क्या मतलब बच्चों का मतलब बिल्कुल ऍम? क्या तुमने बुधवार की रात मंत्रा को अपनी आंखों से चीना पहलवान की लाश के ऊपर लेते देखा था? नहीं जशरथ खन्ना चला उठा । फिर तुमने पुलिस स्टेशन में जाकर ये घोषणा किस आधार पर कि उस रात मंत्रा कुलभूषण की ऑटो रिक्शा में थी । तुमने सिर्फ मंत्रा का ही नाम क्यों लिया? जबकि तुमने मंत्रा को कुलभूषण ऑटो रिक्शा में देखा तक नहीं था और एक्शन मिलार्ड पब्लिक ऍम कर रहे हैं तो उससे उलझन और गहरी पेशोपेश में डालकर होस्टाइल करार देने की कोशिश कर रहे हैं । और ना इन तमाम सवालों का केस से क्या था? लोग हैं, ताल्लुक है में लौट ताल्लुक है । यश राज खन्ना ने बिना विचलित हुए अपनी बंद मुट्ठी हवा में लहराए मेरे तमाम सवालों का कुलभूषण की उस खामोशी से गहरा ताल्लुक है जो बेगुना होकर भी विटनेस बॉक्स में एक अपराधी बना खडा हुआ है । आखिर कौन सा राज है जिसे भोलेभाले इंसान ने अपने सीने में दफन कर रखा है । आप सब लोग चिल्ला चिल्लाकर उस पर एक झूंठा इल्जाम लगा रहे हैं कि बुधवार की रात उसके ऑटोरिक्शा के अंदर चीना पहलवान की लाश थी । इतना बडा झूंठा इल्जाम लगने के बावजूद वो चुप है । आखिर क्यों चुप है? क्या है इस खामोशी की वजह से अब विटनेस बॉक्स में खडे कुलभूषण की आंखों में भी हराने के निशान उभरे, उसे भी लगा की यश राज खन्ना सब मुझे कोई गेम खेलने वाला है । दरअसल में बल्ले से जो भी सवाल पूछता हूँ मिलावट उन सवालों का जवाब न सिर्फ कुलभूषण की खामोशी को तोडेंगे बल्कि वह पूरे केस को भी एक ही झटके में हाल कर देंगे । ठीक है आप सवाल पूछ सकते हैं फॅस यशराज खन्ना ने एक बार फिर जज के सामने आदर से गर्दन चुकाई और पुनः बनने से संबोधित होकर बोला हाँ तो डबल है । तुमने बिना देखे ये अंदाजा कैसे लगाया कि तीन जुलाई की रात कुलभूषण की ऑटो रिक्शा में मंत्रा रही होगी । लेकिन जवान इस तरह की घोषणा करने के पीछे कोई तो वजह होगी । बल्ले पागलों की तरह इधर उधर देखने लगा । मैं तुमसे कोई सवाल पूछ रहा हूँ । मिस्टर बल्ले करना थोडा गुस्से में बोलेंगे? जवाब दो एक मैं क्या किश्नपुरा में रहने वाला कोई भी व्यक्ति ये अंदाजा बडी आसानी से लगा सकता है कि वह मंत्रा रही होगी जो ऐसा अंदाजा क्यों लगा सकता है क्योंकि कुलभूषण और मंत्रा एक दूसरे से बेहद प्रेम करते हैं । जान छिडकते हैं, दूसरे पर फिर भला मंत्रा के अलावा और कौन लडकी इसकी मदद कर सकती है । तो ये कहना चाहते हो कि कुलभूषण और मंत्रा एक दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते हैं । जी हाँ मैंने इन दोनों के विषय में एक बात और भी सुनी है जिस राज खन्ना का तो एक का एक बेहद है । इस समय हो उठा और बल्ले के थोडा करीब पहुंचकर बोला मैंने सुना है ये दोनों अपने अपने घर में रहते भी अकेले हैं । आपने बिल्कुल ठीक सुना है साहब । बल्ले ने इस पर थोडा उत्साह के साथ जवाब दिया । मंत्रा तो बहुत पहले से किशनपुरा में रहती है । शायद बचपन से ही पहले वो अपनी माँ के साथ रहती थी जिनका पिछले साल ही देहांत हो गया । अब घर में बिल्कुल अकेली है । ऍम भूषण भूषण ने तो अभी सिर्फ एक महीना पहले से ही किशनपुर में रहना शुरू किया है । सिर्फ एक महीना पहले से जी साहब और इसे एक महीने में ही कुलभूषण मंत्रा की मोहब्बत इस मुकाम तक पहुंच गई । ये एक दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते हैं । इस यकीन नहीं होता । ॅ आप आप गलत समझ रहे है । मिस्टर वकील साहब बल्ले बोला कुलभूषण को किशनपुरा में रहते जरूर एक महीना हुआ है, लेकिन मंत्री और कुलभूषण की दोस्ती तो बहुत पुरानी है । मैंने सुना है कि मंत्रा पहले कुलभूषण ऑटो रिक्शा में बैठकर अक्सर ऑफिस जाती थी । बस तभी से उन दोनों के बीच प्रेम हो गया । फिर तो कुलभूषण को किशनपुरा में घर भी मंत्रा नहीं दिलाया होगा । जहाँ खुशी नहीं दिलाया था वॅार वाकई है काफी जबरदस्त प्रेम है खून अब कुलभूषण की कनपटी पर ठोकरे सी मारने लगा । वो समझ नहीं पा रहा था की जगह राज खन्ना वहाँ उसे बाइज्जत बरी कराने आया है । क्या उसकी इज्जत के परखच्चे उडाने आया है मिलार्ड वैसे मैंने ये भी सुना है किसी ऍम योगी कुलभूषण को गिरफ्तार करना किशनपुरा में पहुंचा । उस वक्त कुलभूषण मंत्रा के घर में था जब गलता कीजिए मिलार्ड एक नौजवान लडका एक नौजवान लडके के साथ घर में बिल्कुल अकेला बंद है । रात का समय है दरवाजे की उन दोनों ने अंदर से सडक नहीं भी चढा रखी है । पूरी डाॅन आपके सामने हैं क्या ये पूरी सिचुएशन इस बात की तरफ इशारा नहीं करती । इन दोनों के बीच सिर्फ प्रेम संबंधी नहीं थे बल्कि शारीरिक संबंध भी कायम हो चुके थे । वैसे भी जब दो हफ्ते हुए जिसमें तन्हाई में दूसरे के कितना करीब हो तो फिर आग लगने से कैसे बच सकती है । ये सब झूठ है । कुलभूषण धाड था । डाॅन और मंत्रा के बीच से कोई संबंध नहीं थे । तुम दोनों के बीच संबंध थे । कुलभूषण शशांक खन्ना उससे भी ज्यादा पहुंॅचा संबंध थे । पता ही नहीं तीन जुलाई बुधवार की रात तुम्हारी ऑटो रिक्शा में जो लडकी देखी गयी वो भी मंत्रा ही थी । सिर्फ और सिर्फ मंत्रालय पूरी को रूम सब दंग रह गए । इसी तरह सन्नाटा स्थापित हो गया । जब से लेकर सरकारी वकील और इंस्पेक्टर योगी तक बेहद पहुंचक की मुद्रा में ये देखते रह गए और सोचते रह गए कि आखिर यश राज खन्ना जैसा धान धान वकील अपने ही क्लाइंट के विरुद्ध हो जा रहा है । क्या वजह है? क्या कारण है? बहुत जल्दी उस कारण का भी पर्दाफाश हो गया । ऐसा जबरदस्त बम विस्फोट यही बहुत बडा शुक्र ता की कोर्ट रूम में मौजूद प्रत्येक व्यक्ति का सस्पेंस के मारे हार्ट फेल ना हो गया तो आप भी ये कबूल करते हैं खन्ना साहब पब्लिक प्रोसिक्यूटर उत्साह में भरकर बोला कि तीन जुलाई बुधवार की रात जो लडकी चीना पहलवान के ऊपर लेटी देखी गयी वो मंत्रा थी । मैंने कहा मैंने ये कब कहा कि मंत्रालय छीना पहलवान के ऊपर लेटी थी प्रॉसिक्यूटर्स हूँ मैंने तो सिर्फ ये कहा है कि बुधवार की रात जब फ्लाइंग स्क्वाड दस्ते ने कुलभूषण की ऑटो रिक्शा मंडी हाउस जाने वाले मार्ग पर रोक की तो उसमें रहस्यमय लडकी कोई और नहीं बल्कि मंत्रा भी जिसका लाश का तो मैंने अभी तक जिक्र भी नहीं किया है । पहले ही कोर्ट में कह चुका हूँ कि ऐसी कोई लाश है, उस वक्त रिक्शा के अंदर नहीं थी । अब सभी के दिमाग में सिर्फ इतनी सी घूम नहीं । इसका मतलब आप ये कहना चाहते हैं कि बुधवार की रात को मंत्रा के सचमुच बच्चा होने वाला था और कुलभूषण उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए ले जा रहा था । बिल्कुल कुल ये सच है और यही कहना चाहता हूँ लॉर्ड कुलभूषण ऍम लडकी थी । वो हंड्रेड पर्सेंट मंत्रा थी । इतना ही नहीं उसके पेट में पालने वाला वो बच्चा जिससे हमारा समाज ऐसी परिस्थिति में पापा की संज्ञा देता है, वह आप किसी और का नहीं था । मिलावट जैसा खाना कोर्ट रूम में और पूरी तरह खडा तथा उसने अपनी उंगली भाले की तरह कुलभूषण की तरफ उठाएंगे । वो आप किसी का था कुलभूषण का ये झूठ है । ये छूट है । मिलावट मेरे ऊपर और मंत्रा पर सरासर झूठा इल्जाम लगा रहे हैं । टीशर्ट उछाल रहे हम पर मैं कबूल करता हूँ नॉट उस रात चीना पहलवान की लाश मेरे ही ऑटो रिक्शा में थी । घूमते बोलते कुलभूषण की आवाज जज्बाती उठेंगे । मैं ये भी कबूल करता हूँ कि चीना पहलवान की हत्या मैंने की है और मैं ही हत्या रहा हूँ । लेकिन भगवान के लिए मंत्रा पर इतना बडा झूंठा इल्जाम मत लगाओ, उसकी जिंदगी बर्बाद वक्त करूँ । बोलते बोलते कुलभूषण इस बात विंटर्स बॉक्स में खडा खडा हीरो पडा भरभराकर रो पडा । परंतु कुलभूषण को ये कहाँ मालूम था कि आज उसके सामने यश राज खन्ना जैसा बेहद धुरंधर वकील खडा है तो राज खन्ना ने कुलभूषण द्वारा स्वीकार किए गए हत्या के अपराध से भी फायदा उठाया तो देखा है देखा ऍम देखा इसके दिल में बसे मंत्रा के प्रति बेपनाह प्यार को सिर्फ मंत्रा के ऊपर कोई कालिख ना लग जाए इसी वजह से इसी वजह से ये चीन पहलवान की हत्या का इल्जाम अपने सिर पर लेने को तैयार है और फांसी पर चढने को तैयार है । ये बेवकूफ आदमी हैं उन तरह की जब बचाने के लिए ये इस वक्त वो कबूल कर रहा है जो उसने कल स्पेक्टर योगी के जबरदस्त टॉर्चर के सामने भी कबूल नहीं किया और यही मोहब्बत उसकी खामोशी की वजह से मैं लॉर्ड ये इसी कारण चुकता की कहीं इसकी हकीकत का पर्दाफाश हो जाए । अदालत में सन्नाटा हूँ होर सन्नाटा जबकि हकीकत ये ऍम कि तीन जुलाई की रात न तो इसी कल सिनेमा के सामने खडा था और न ही से चीना पहलवान के बारे में ही कुछ पता था । दरअसल बुधवार की रात को मंत्रा के बच्चा होने की बहुत तेज पीडा हुई थी । किसी हॉस्पिटल में ले जाने के लिए कुलभूषण ने मंत्रा को ऑटो रिक्शा की पिछली सीट पर लिटाया । लेकिन जब ये आईटीओ का ओवर ब्रिज पार करके मंडी हाउस जाने वाले मार्ग पर मुड रहा था तभी इत्तेफाक से तेज स्पीड के कारण फॅस के पीछे लग गया । जबकि सच्चा ये ऍम इसलिए देश चला रहा था ताकि ये मंत्रा को लेकर जल्द से जल्द किसी हॉस्पिटल पहुंच सकें । लेकिन उसकी किस्मत खराब थी जो फ्लाइंग स्कॉट के दस तेरे से बीच रास्ते में ही रोक लिया । दस्ते के सब इंस्पेक्टर से कुलभूषण ने वही का जो संस्था फॅमिली लडकी के बच्चा होने वाला है मगर तब तक देर हो चुकी थी । मिला बहुत देर जस्ट राज खन्ना चीखता चला गया । कुलभूषण ब्लाइंड स्पॉट के दोस्तों से निपटकर अभी इंडिया गेट से थोडा आगे ही पहुंचा था की पिछली सीट पर लेटी मंत्रा के प्रसव पीडा हो गई जहां लौटरी मंत्री की डिलीवरी हो गई उसके बच्चा पैदा हुआ लेकिन जिंदा नहीं बल्कि मारा हुआ । भावनाओं के प्रभाव में बोलते बोलते कुछ ठंड के लिए रुका । यश राज खन्ना उसने अपना सोने के प्रेम वाला एनएच दुरुस्त किया । अदालत में अभी भी सन्नाटा था । सब चुप चाप बैठे थे । जबकि कुलभूषण के नेतृत्व हद दर्जे तक फैल गए थे । उसके पास विश्वास खन्ना ने अदालत में उस कहानी का हिस्सा सुरा को मिलार्ड । कुलभूषण और मंत्रालय मिलकर वो मरा हुआ बच्चा उसी रात यमुना नदी में बहा दिया । उसके बाद दोनों नहीं उस मामले में चुप रहना बेहतर समझा । क्योंकि मामला खुद ब खुद ही खत्म हो गया था तो समाज की उठाना का शिकार होने से बच चुके थे । लेकिन अब से एक्टर फाॅर कुलभूषण की बदनसीबी कहा जाएगा । उसी रात को ऑटोड्राइवर चीना पहलवान को रीगल सिनेमा के पास से लेकर फरार हो गया । इतना ही नहीं फिर उसने छीना पहलवान की लाश पर इंडिया गेट पर डाल दी इन दोनों एक तरफ आपको से एक भयानक रिजल्ट । ये निकला इस्पेक्टर योगी की गलत इन्वेस्टिगेशन शुरू हो गए । योगी कश्यक सीधा कुलभूषण पर जा पहुंचा । जबकि कुलभूषण ने इस डर की वजह से नहीं बच्चा होने वाली बात का राज ना खुल जाएगा । पुलिस से बचने कभी प्रयत्न किया लेकिन आकर का जैसा कि सब जानते हैं लौट वो पकडा ही गया । और यही वजह थी जो कुलभूषण इंस्पेक्टर योगी के इतने खौफनाक टॉर्चर के सामने भी अपनी सुबह नहीं खोली और वो जुबान खोलता भी कैसे, उसे तो कुछ मालूम ही नहीं था । कुलभूषण कैसे बताता की चीना पहलवान के ब्रीफकेस में आखिर था क्या? उस सर्वोपरि किसने छीना? या फिर अगर उसके ऑटो रिक्शा में कोई ऐसी लडकी थी, इसके बच्चा होने वाला था तो कुलभूषण ॅ हॉस्पिटल में भर्ती कराया । आप ही बताइए । ऍफ का नाम बताता हूँ तो हॉस्पिटल तक पहुंचने की तो नौबत ही नहीं आई थी और कुलभूषण कानून के सामने सच्चाई इसलिए जाहिर नहीं करना चाहता था क्योंकि इससे मंत्रा की इज्जत की धज्जियां बिखर जाती है । ऍम स्पैक्टर योगी और अदालत में कुलभूषण की इसी बेबसी को इसी खामोशी को उसका इकबालिया जुर्म मान लिया जबकि बेकसूर ॅ बिल्कुल ब्लॅक हूँ । अगर इसका कोई अपराध है तो वो ये है कि इसे मंत्रा से पनाह मोहब्बत है । वो रूम में अब बेचैनी से फैल गई । अब तमाम लोगों की समझ में आया कि अशांत खन्ना जैसा तो अंदर वकील शुरू में क्यों अपने क्लाइंट के विरुद्ध जा रहा था पब्लिक प्रॉसिक्यूटर हिम्मत करके जैसा खन्ना की तरफ बडा हो । अभी अभी आपने जो कहानी सुनाई, खन्ना साहब उससे सच कैसे मान लिया जाए । जबकि खुद आप क्लाइंट कुलभूषण भी उस कहानी को मानने से साफ इनकार कर रहा है । उसे वो खुद सरासर झूठी कहानी करार दे रहा है । खन्ना मुस्कराया उसका ऐसी थी जैसे मजाक उडाते वक्त किसी के होठों पर आ जाती है । आपने ये बडा बेतुका सवाल पूछा है प्रोसेक्यूटर साहब जो सकपकाया प्रोसीक्यूटर सवाल की जगह अगर आप मुझसे ये सवाल पूछा होता कि मुझे तमाम बातों का कैसे पता चला तो मैं समझता हूँ कि आपकी ज्यादा काबिलियत जाहिर होती है क्या मतलब? जाहिर सी बात ऍम किसी भी काबिल वकील के दिमाग में सबसे पहले यही सवाल कौन रहेगा? जिस कहानी को खुद मुलजिम झूठी करार दे रहा है तो उस कहानी के बारे में मुस्लिम के डिफेंस काउंसिल को किस तरह पता चला? तो इस तरह पता चला है मंत्रा से यश राज खन्ना ने एक और भयंकर विस्फोट कर दिया । मंत्रा ऍम बॉक्स में खडे कुलभूषण का दिमाग देवी मंत्रा का नाम सुनकर थमाकर होने लगे और वो भी तेज हम आ गई । जी हां मुझे सारी कहानी मंत्रा ने बताई थी । जब राज खन्ना एक बार फिर वो टू में गरजता हुआ बुला और इतना ही नहीं उसी मंत्रा को मैं गवाह के तौर पर प्रसाद भी लाया हूँ तो उस वक्त बाहर बैठी मेरा इंतजार कर रही है ।
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