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एक पानी पूरीवाला शहर के सबसे अमीर शख्‍स चौधरी साहब की बेटी को किडनैप कर लेता है। उनकी पहुंच मंत्री तक है और घर में कड़ी सुरक्षा भी तैनात होती है, फिर भी यह सब हो जाता है। किडनैपर बच्‍ची को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है और वह उसका दोस्‍त भी बन जाता है। लेकिन किडनैपिंग क्‍यों हुई है यह कोई नहीं जानता?
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भाग पांच ब्लॅक अपनी साइकल संभालता ॅ बदल की आवाज सुनकर पालता और बोला क्या बात है भैया इधर आ कुछ बात करनी है । बदल घर के बाहर बरामदे में बैठा था और किसी गहरी सोच में हूँ भैया काम पर देरी हो जाएगी । दूर जाना पडता है । रात को अगर बात करें तो बहुत जरूरी है । अगर अभी सुन लेते तो अच्छा होता ऍम की तरह फॅमिली के बिल्कुल पास आकर बोला ऐसे भी क्या बात हो गई ना आराम से मैं चाहता हूँ एक गंभीर बात है आराम से कहता हूँ ध्यान देना वो बेचैन अपने बडे भाई बदल के पास ऍम बताऊँ क्या? बात ऍम उम्र में भले ही बडा था, बस घर में पेंशन की पहुंच चलती थी । बदल अपने छोटे भाई से अदब से बात करता था क्योंकि बेचन बहुत होशियार है और काम आ सकते हैं तो कोई अमल भी नहीं करता था । भाई मेरा कोई बेटा नहीं हूँ । खानदान कैसे आगे पडेगा तैयार है । भगवान की लीला है, देना होगा तो दे देंगे और क्या कर सकते हैं ये दिया फिर ये बेटे के बारे में बात करने के लिए मुझे रोक रहे तो मैं जा रहा हूँ । सुन तो क्यों कुछ नहीं कर सकते । वे चल मेरे पास एक उपाय तो सुन लेगा तो अच्छा होगा । भैया बोल दीजिए । ऍम से बोला बिना सुने तो आप जाने नहीं हो गया पैदल धीरे से बेचन के कान के पास आकर बोला जनतांत्रिकता अमरीक महाराज के पास जाएंगे सामरिक महाराज चौंकते हुए ऍम था वही बाबा दम रिंग जिन्होंने लोगों के घरों में बेटे दिए फिर उससे क्या होगा? कुछ सोचने के बाद पेंशन बोला पिछले तीन सालों से हम हकीम शायद जहर तो सब करवा लिए । कुछ नहीं हुआ । अब और नहीं भैया भाई, ये तांत्रिक महाराज की बात ही कुछ और है । गूगल पे चैन से निवेदन करते हुए बोला तो बस एक बार हाँ बोल, तो सारा काम मैं कर लूँगा । और भैया मुझे पता इस बाबा में शक्ति है । पर अब मुझे किसी भी तांत्रिक पर भरोसा नहीं । नाना फॅमिली बाबा पर भरोसा करना पडेगा । एक बार तो करना ही पडेगा तो गलत सोच रहा है बेचना की । कुछ ना बोल सकता तो सोच में पड गया । आखिर भारत है तो बडे पहुंचे हुए थे । तो मैं ये बात नहीं दसवीं की अपने घर में बेटा नहीं ये बात करती नहीं । तुझे तो हो गया । देख भाई मैं तो अपने जीते जी इस घर को लडते हुए नहीं देख सकता हूँ । मुझे तो बेटा चाहिए करती है । भाई होता करते हैं । परेश्वर के आगे क्या कर सकते हैं । मायूस होकर बेचैन बोला जब भुगतानों की बौछार करते हैं तो मन में बहुत पीडा होती है । हाथों में आंसू तक आ जाते हैं मेरे भाई । इसीलिए मैं तुमसे कहता हूँ मेरी भी बात मान के चलो हम लोग चलते तांत्रिक बाबा के पास उन्होंने बहुतों की वो धर्म है हमारी पत्तियों की गोदी पर ही भरेंगे वहीं होंगे हमारे खानदान में चलाया चलाने वाले हमें उन पर पूरा विश्वास है । ठीक नहीं है । मैं आपकी बात को मान लेकिन एक बात याद रखिएगा बेटे की चाहत में वशीभूत होकर हम अपनी चारों लडकियों के साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सकते हैं । आपका उन लोगों के साथ तो पडता है वो मुझे बहुत बुरा लगता है । आखिर भगवान ने उन्हें हमारे घर कुछ सोच समझकर भेजा है । वो भी उतनी हकदार है जितने बैठे होते हैं । ठीक है ठीक है मैं मैं तुम्हारी बात से सहमत हूँ तो अब उन लोगों के साथ कभी इस तरह का बर्ताव नहीं करूंगा । पर मैं तो कहूंगा वो तो करना पडेगा । हम साथ में मिलकर बजा के पास जा रहा है । बाबा जो भी आपकी बताएंगे उसे हमें करना पडेगा । इस तरह हमारे घर में कम से कम एक बार ऐसा जाएगा और उस के आ जाने से हमारा घर आॅल हमारा खानदान भी आगे बढेगा । पेट और बदल के चेहरे पर खुशी थी । दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे और तभी दोनों की पत्नियों का मन होता है । दोनों पूछती हूँ कि आप काम पर क्यों नहीं हैं और दोनों बैठ कर बातें कर रहे हैं तो दल अपनी पत्नी और भाई की पत्नी को सारे कहानी बताता है और कहता है कि तुम लोगों को भी इंसानों को सुनना पडता है, अपने ही सुनना पडेगा । हमारे भी दिन अच्छे होंगे । बदल और बेचैन अच्छी तरह से अपनी पत्नियों को समझाते हैं और कहते हैं अमित किसी तरह से तांत्रिक पापा को बनाकर उनकी बातों को मानकर अपने खानदान में वापस लाने की कोशिश करनी चाहिए । दोनों इमारतों को और क्या चाहिए था आखिर उनका भी मन था के घर में एक लल्ला हो । आज पडोस की ओर तो ने तो जीना हराम कर दिया था । कम से कम बहुत कम हो जाएगा और उनका खानदान भी आगे बडेगा । चारो पति पत्नी अपने अपने सपना हो गए । उनके सामने उनका लल्ला हस्ता खेलता हूँ । आंगन में दिखाई देने लगा । छमछम करती हूँ कि कांग्रेस सुनाई देने लगी । बच्चे की खिलखिलाहट सुनाई देने लगी । उसकी हंसी सुनाई देने लगे । यहाँ तक कि बच्चे के साथ दादा दादी की लोरियां सुनाई देने लगी । भारी भरकम शरीर वाले बाबा सामरिक के चेहरे पर बडा देश है । बडी बडी आंखें लाख के फल की तरह उठे हैं । भले सर के बाल कमाल तक लहराते हुए, मस्तक पर बहुत गले में रुद्राक्ष की ढेर सारी मालाएं, हाथों की सभी उंगलियों में अलग अलग प्रकार के अंगूठी और शरीर पर एकमात्र लिपटा हुआ काले रंग का कपडा । उनके पास बैठे उनके दो शिष्य धीरे धीरे लगातार मंत्रोच्चारण कर रहे थे । उन्हें किसी के बातों से कोई लेना देना नहीं था । जब तक खुद बाबा सामरिक उन्हें कुछ न कहते, दोनों मंत्रोच्चार में ही मगन है । ये जगह किसी को पैसे कम नहीं खंडर था शायद कोई बडे मंदिर या मटका । वो खंडर घने जंगलों के बीच मोटे पेडों की आड में खिला हुआ था । उस जगह को उनका आश्रम या क्या कह सकते हैं । उनके सामने रूदल और बेच निवेदित मुद्रा में हाथ जोडे बैठे थे । आप तांत्रिक अपनी आंखों को बंद करके कुछ देर तक मौन में हैं और एक साधक की तरह शांत बिल्कुल शांत है । फिर अचानक में उन्होंने अपनी आंखें खोली और बहुत पढाते हुए बोले, इतना आसान नहीं है मानव तेरे घर में बच्चा इतना आसान नहीं है । भगवान ऐसा ना बोलो । हम आपके चरण होकर मिलेंगे । हम पूरी उमर आपकी सेवा करेंगे । बस बस आप मेरे घर में भी आशीर्वाद बना तो बाबा तेरे घर मैं बच्चे का कोई आसार दिखाई नहीं । मेरा अमरीका पानी बहुत को अपने माल भेजा लगाते हुए गा । बाबा सुना आपने बहुत उनके घर को बेटों से हरा भरा क्या? बहुत सीमाओं के सोनी गोद भरिये । बेचन क्रिकेट आते हुए बोला बहुत आशा के साथ आए । बाबा शांत रहे और बस दोनों भाइयों की मुद्रा को पढ रहे थे । तब हम कुछ भी करने को तैयार है । तब फिर मतलब अब जो कहोगे मैं वो करूँगा । हाँ अपने घर जाऊँ । मेरे बस की बात नहीं है तो निकल पाएगा । कुछ भी ऍम कुछ भी करने को तैयार है । जी जाएगा एक तरीका बाबा गंभीर होकर तुम दोनों में से किसी भी तरह का त्याग करने को कौन तैयार? मैं मैं तो बाबा मैं तैयार हूँ । मैं कुछ भी कर सकता हूँ और तुम बाला क्वेश्चन की तरफ देखते हुए हैं । गर्म तैयार नहीं ऍम ऐसी कोई बात नहीं पेजल हर बढाते हुए पडा क्या शर्त है क्या करना होगा? मैं ऍम लगाया दावा नहीं तेरी बातों से लगता है तो सक्षम नहीं है क्या आपको? ऍम इन दोनों के बस की बात नहीं देखा? ऍम नहीं बाबा नहीं ऐसा मत करो तो होते हुए बोला आप मुझे बोलो मैं सब कुछ करने को तैयार हूँ । ऍर निकलवा दूँगा । एक बार मैंने कह दिया था की तुम दोनों के बस की बात ही नहीं है । ऍम दोबारा कभी बता रहा हूँ । उस से मैं ज्यादा बोलते हुए अपनी आंखों को बंद करके वापस ध्यान में लीन हो गए । तेरी वजह से हुआ है । बदल कराते समय रास्ते में बेच उनको कहने लगा फॅार बोलने की बाबा कोई शक हो गए तो काबिल ही नहीं । उनकी शर्त मानने के तो बात तो सही है । भैया पे चल चलते चलते करनी चाहिए । हुए बोला पता नहीं बाबा क्या शर्तें रखते हैं? ऐसे तो समझता क्यों नहीं कोई भी शहर तो हम इतना कुछ कोई तो बेटा नहीं मिलने वाला ना या मुझे माफ कर ये पर मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है । तांत्रिक की बातों से मुझे किसी गहरी साजिश या कुछ गडबड नहीं हो जाए । ऐसी बुआ है ठीक है अब तो भी नहीं चाहते । हमारा खानदान आगे बढे तो क्या कर सकता है तो हो गया और कुछ अपने कदम को तेजी से घर की तरफ बढा दिया । आज की रात बडे चिंतित थे । काटे नहीं कट रही थी । रिजल् और बेचन की आंखों में नींद आती है । उनके सामने बाधा की कही हुई बातें घूम रही है । दोनों की पत्नियां बहस हुई थी । अचानक में बेचैन अपने प्रचार पाई से उठा और घर के बाहर मैदान में पहले लेगा । उसके अंदर बेचैनी थी और वह बेचैनी । शायद रुदल को पता लग गए वो भी बाहर निकल आया । क्या हुआ विटन अब तो ठीक है ना । हाँ भैया तबियत ठीक हो गया । आप क्या कर रहे हो? ऐसे चलाया । दोनों ने एक दूसरे से अपने मन की बात नहीं बताया । पर असली बात ये थी कि दोनों पहचानते दोनों परेशान थे । ठीक हो जाएगा । मैंने सोच लिया कि क्या करना है? हाँ आप हो जाऊँ । मैंने भी सोच लिया है कि है क्या करना है और दोनों वहाँ से अपने अपने चारपाई पर चलेगा । अब दोनों के चेहरे पर एक शांति थी तो उन्होंने सोच लिया था कि घर में चिराग चाहिए क्या नहीं सुबह होते रूदल निकल पडा जंगल की तरफ और वहाँ पहुंचने ही वो बाबा सामरिक के पैरों में गिर गया । मेरा भाई दादा ने बागा, उसे माफ करो । आप जो हो गया वो करूंगा और मुझे बेटा चाहिए । तेरे आने का कारण मुझे पता है । बाबा सामरिक में बदल की मजबूरी को समझते हुए बोला बडी कठिन है डगर बच्चे जितना आसान तो समझ रहा है । उत्तर आसान नहीं है आप । आप जो भी हो मुझे फर्क नहीं पडता । कुछ भी करने को तैयार प्रसाद मुझे ये बताओ करना क्या है? तो दल एक सांस में बोलता चला गया । छह गए मैं दिलाऊंगा, मैं दिलाऊंगा । तुझे बेटा बनेगा तो वहाँ पे एक पुत्र रखने का साथ अपने आंखों कि मोदी मामा को उठाते हुए हैं । पर मुझे एक बार करना होगा । पता कहाँ मैं करूंगा बाद मैं करूंगा । मेरे बेटे की चाहत में हम सब मिलकर छोटी पूजा करेंगे । बहुत सब तो किसी को भी बताएगा नहीं । नहीं नहीं मैं किसी को भी नहीं बताऊंगा चलेगा । ये बहुत अपने हाथ पर रख और मेरे साथ कसम का सामरिक काबालेरो दल के हाथ पर सबूत रखते हुए बोल ठीक है, मैं कसम खाता हूँ । हे इश्वर तंत्र की दुनिया के काले साए देख काली नरबलि लेने वाली हाँ मैं कसम खाता हूँ कि मैं ये प्रक्रिया कभी किसी को नहीं बताऊंगा । यदि मेरे ये बात किसी को भी बताई तो मेरा पूरा परिवार नष्ट हो जाएगा । ये सब मैं अपने पुत्र की चाहत में कर रहा हूँ । बाबा सामरिक के कथन को बदल ने दौर आया । बहुत बढिया गया तो मुँह अब अपने हाथ पैर रखे हुए इस बाबू को निकल जाए जी, बाबा जी और फिर मतलब साबूत को निकल गया । सुबह का धूप खिलकर दोपहर में बदल रहा था, पर उसी समय तेज हवाओं के जो कहने का ले सहायको निमंत्रण दिया और पूरा आसमान काला हो गया । ऐसा लग रहा था जैसे मैं एक अभी बना चाहेगा । पता है हमें करना क्या है? धर्मत मोर अब तो किसी बात से डर नहीं लगेगा । मैं टर नहीं रे बाबा तो पूछ रहा हूँ करना क्या है? देवी को खुश करना है । देवी रहेगी तो पुत्र अदायें देवी को खुश कर रहे हैं । कैसे क्या करो देवी के लिए एक की जिंदगी के बदले दूसरे की मौत मैं समझा नहीं । बाबा जी मुझे चक्कर आ रहा है । आप बताओ थी देवी कैसे खुश करूँ वाले क्या देवी बाली चाहती है? किस जानवर की बलि दूँ आपदाओं में मोर इंसान आपका बडा किया देवी इंसान की वाली चाहती है तब तक बदल पूरी तरह से बाबा के मजबूत की वजह से अपने होश में नहीं था । आज रात को वाली की व्यवस्था कर नहीं तो देवी नाराज हो जाएगी । ठीक थी के बाहर एक बात याद रखना इंसान अपने खानदान का होना चाहिए और जिसकी शादी ना हुई हो मतलब अपने होश में ही नहीं था । उसके दिमाग पर बेटा पानी का भूत सवार था । उसे समझ में सब कुछ आ रहा था पर अब वो सब कुछ बाबा के इशारे पर कर रहा है । खानदान का नाम आया तो से पहुंच जाना चाहिए क्योंकि ऐसा कोई नहीं अपने घर के सदस्य की बाली चलाएगा । बोल तू कर सकेगा या नहीं या भी हिम्मत नहीं है तेरे अंदर । अब अपनी रफ्तार आवाज में बोले मुझे करना ही होगा । रीबेट है कि ज्यादा रखता है तो माता तुम्हारी मानती है । देखो बारी चढा अपने घर की किसी भी लडकी की वाली देखते ऐसे नहीं होगा तेरे घर में लडका तो हाँ ऐसा करूंगा, करूंगा करवानी है फैलाऊंगा अपने घर से एक लडकी मैं भी घर में चार लडकियाँ हैं हूँ हूँ बदल हसने लगा मेरा बेटा होगा मेरे घर का चिराग हो बाबा आपका वाला हूँ आपका बुलाओ बाबा का हो और बाबा सामरिक के शहरों में गिर पडा मेरे बेटे के लिए आप की माता को मेरी एक बेटी कुर्बान बाबा एक बेटी कुमार जो मेरे बच्चे जो दम हो इसलिए भक्त माता के अब ध्यान से सुनो बात तो जब बोल दिया पूरा चंद्रमा अपनी रोशनी के लिए निकलेगा तब उसी समय अपनी लडकी को लेकर आओ ये काम रात के बारह बजे से पहले हो जाना चाहिए मुझे क्या बाबा हो जाएगा हो जाएगा और अगर खुश होकर वहाँ से घर की तरफ चल दिया रमजान जी पाउँगा ऍम अल पडे प्यार सभी बडी लडकी को बुलाता है जी बहुत सभी बच्चों को बोला हूँ देखो तो मैं आज क्या लाया तुम सब के लिए क्या है मुझे ऍम जलेबियाँ क्या है बडे बाबू जी क्या है बाबू जी तभी संकोच करते हुए बाकी की लडकियाँ भी वहाँ करेंगे आओ सभी मेरे पास आओ आप के लिए लाया हूँ मैं जलेबियाँ पैदल हस्कर बोला रंजन सबको बराबर बाढ रहे पर बहुत जी ये तो फिर भी ज्यादा है । पहले दादा दादी को लेकर आती हूँ फिर चाची को अम्मा को चाचा को फिर आपको फिर हम से बात करेंगे । रंजन बहुत हो जाते हैं तो ये बात भूल गई की बहुत ही नहीं आज तक कभी इस तरह से बात नहीं किए तो जाना चाहता लाते थे कुछ ना कुछ पर आज पाव जिला है । क्यों मारा? परमाल मान प्यार का भूखा होता है और मिला तो चाहे लिए लिपट ली है । क्या बात है जितना प्यार पर्स पडा बच्चों पर ऐसी भी क्या बात हो गई तो दल की पत्नी उसके पास आकर बोले ऐसे ही जिंदगी का आभास हो गया । फिर कब तक अकेला बेजन करेगा? बादल की पत्नी मुस्कुराती हुई बोली चलो ये बात ठीक है, दे रहा है । पर आए तो सही बच्चों से हमेशा लगा रखना बिल्कुल हमेशा लगा रखूँ । ऍम को देखे जा रहा था । चाहे जितना भी कठोर है, बुलाया था उसका पर था तो वो पाल कैसे चढा देता अपनी ऍम और उसकी नजर अपने भाई की बेटी पर गई पर वो भी तो उत्तरी अपनी बदल समझ नहीं आता था कि आखिर कर रहे तो क्या करें । मजा आएगा तो भी ले लेंगे । और तो मिले । रंजन पढो का हिस्सा लगाने के बाद अब खुद अपनी बहनों में बता रही थी । बांटने के बाद बहुत बदल के पास आई और बडे प्यार से बोली पहुंची आप खालो ना ट्राॅफी को बदल के मुझे लगा दिया । रूदल के आंखों से आज सुबह गए पर अगले ही पल खुद को संभालते हुए बोला मैं खान हुआ तो हूँ, खडा खडा हूँ, कहेगा गए का कहा गए, बहुत ही आ गए । तभी बाहर बेचन की साइकिल की आवाज सुनाएगी और चारों बच्चे बाहर की तरफ निकल भागे । काका आज बाॅबी खिलाई हाँ बाॅधने, जलेबी खिलाई देखो बेचैन की छोटी लडकी अपने हाथ और मुंह में पाते हैं । जलेबी के रस को दिखाते हुए बोले बहुत अच्छा लगा अरे वाह बडे । बाबू जी ने जलेबी खिलाई । ब्लॅक चेहरे पर झूठी मुस्कुराहट लाते हुए बोला चलो अंदर चलो आप के लाए होगा का कुछ नहीं किया । आज पैसे नहीं मिले ना, इसलिए कोई बात नहीं । काका ऍम के हाथ से खाली छोडा लेते हुए बोली अब हाथ मत बोलो, मैं पीने के लिए पानी लाती हूँ । पिक्चर बहुत शानदार कमजोर था । उसके हाथ मौत हो गया और चारपाई पर जाकर लेट गया । क्या हुआ आपको? उसकी पत्नी पास आकर बोले तबियत ठीक नहीं है क्या? ब्रिटेन कुछ ना बोला पचास मान की तरफ देख रहा था । कुछ बताओगे भी क्या बता रहे हो गए । तभी वहां ऍम से कहता है आज किसने ताने मारे तो बता मुझे नहीं भैया, हम तानों की परवाह करेंगे । नुकसान अपना ही होगा । फिर क्या बात है? क्या सोच रहा है? बेटे के बारे में बेचैन कम होकर बोला ऐसा लगता है कि बेटे के बिना कुछ भी नहीं क्यों नहीं । तभी रूदल की पत्नी भी बाहर गई । अब तुम को हुआ क्या? बार बार खानदान खानदान की रट लगाए बैठे हो तो ना समझेंगे जहाँ खाना लेकर आप हम दोनों के लिए बहुत भूख लगी है । हाँ, मैं तो जा रही हूँ पर बेटे की चाहत में दोनों पागल हो जाना अपनी लडकी कम नहीं है । किसी से पर बढाती हुई अंदर चले गए देते हैं । दोनों लोग थे तो बोल रहे हैं । तभी बेचन की पत्नी ने अपनी जेठानी से का पेन बेटे का घर से खाना नहीं है । खानदान गुजर जाता है और समाज में कोई इच्छा नहीं रह जाती है । चुप कर तो जेठानी ने उसे डपटते हुए गा ही हो गई है तो भी बढिया खानदान वाली मरने के बाद कोई नहीं पूछता । चाहे बेटा या बेटी । इधर बाहर बातचीत चालू थी । पैदल पे जान से बोला तो चिंता मत करना । एक बरस के अंदर हमारे घर में लडका होगा । ब्लॅक कुछ नहीं बोला । आप बदल के दिमाग के किले दौडने लगे थे । उसे अपने मकसद में कामयाब होना था । चाहे किसी भी तरह से खाना आ चुका था तो कल रोटियाँ जोडते हुए मुस्कुरा रहा था । डाॅन शांति से खाना खा रहा था ।

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एक पानी पूरीवाला शहर के सबसे अमीर शख्‍स चौधरी साहब की बेटी को किडनैप कर लेता है। उनकी पहुंच मंत्री तक है और घर में कड़ी सुरक्षा भी तैनात होती है, फिर भी यह सब हो जाता है। किडनैपर बच्‍ची को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है और वह उसका दोस्‍त भी बन जाता है। लेकिन किडनैपिंग क्‍यों हुई है यह कोई नहीं जानता?
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