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एक पानी पूरीवाला शहर के सबसे अमीर शख्‍स चौधरी साहब की बेटी को किडनैप कर लेता है। उनकी पहुंच मंत्री तक है और घर में कड़ी सुरक्षा भी तैनात होती है, फिर भी यह सब हो जाता है। किडनैपर बच्‍ची को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है और वह उसका दोस्‍त भी बन जाता है। लेकिन किडनैपिंग क्‍यों हुई है यह कोई नहीं जानता?
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भाग दो । ये भी बस स्टॉप खाली नहीं जाना चाहिए । जल्दी जल्दी करो । जिस शहर के सभी बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर छानबीन चल रही थी ऍम पुलिस शांति से बैठने का तो याद मिलेगा । एक लडकी के साथ नहीं । नहीं ठीक है । बस स्टेशन के काउंटर लॉबी एक एक जगह पुलिस ने चप्पा चप्पा देखा पर कहीं कुछ भी दिखाई नहीं दिया । रेलवे स्टेशन पर भी कुछ नहीं देखा । तभी रजत के पास में जैसा आपका फोन आया कुछ पता चला गया । कोई भी सुराग गरम पूरी कोशिश में है पर कहीं कुछ नहीं देखा । एक काम करो पुलिस को सादे कपडों में तैनात करेंगे । सब जगह माँ के सभी सीसीटीवी इसको देखो और फिर फोन करो मुझे जी सर । रजत ने सभी बस अड्डे के सीसीटीवी को चाय करवाया । सभी व्यवस्थाओं पर आदमी खडे किए, पर कहीं कुछ बताना चला । उसके बाद रजत नहीं अजय को फोन किया सर, रात के दस बज रहे अंतिम बस निकल चुकी है और रेलवे स्टेशन पर भी । अब ट्रेन नहीं आने जाने वाली । रजत हम वापस आ जाओ पर पुलिस की गतिविधियां होती रहनी चाहिए । मुझे लगता है कि वह शहर से बाहर कहीं गया ही नहीं । जी सर और हर्षवर्धन की लडकी को उठाया है तो जरूर कोई दिमाग चलता ही होगा । वो ऐसी कोई गलती नहीं करेगा जैसे वो पकडा जाएगा । तो मैं सच कह रहा हूँ वो छोटा मोटा चोर उचक्का नहीं या कोई पेशेवर अपहरणकर्ता भी नहीं है । पढना तो ये मामूली इंसान है । ये जरूर किसी दिमाग वाले सनकी का काम हो सकता है । जिस जिस आदमी ने पानीपुरी खिलाया पूरे दस दिन पूरी तैयारी के साथ ही आया होगा । प्रसारि बात समझ नहीं आती कि वह फिरौती के लिए इतने बडे घर की लडकी को उठा सकता है क्या ऍफ की आई है अब देखते हैं आगे क्या होता है? फिलहाल तो मैं यहाँ हूँ । हमें खाश वर्धन के घर चल रहा है । कितनी रात को सकते? हाँ रजत एक काम करो मैं निकलता हूँ तुम भी वहीं से आ जाओ । ठीक है सर, रजत ने फोन कट कर दिया और बोल ये तो सच में आइडियल इतनी आपको क्या करने जायेगा? हाँ, जो भी हो जाएगा जल्दी ऍम कि दर्जा हर्षवर्धन के बंगले पर ठीक है । पांडेटोला फॅार रजत को देखते हुए बोला साहब इतना बडा घर के लडके का अपहरण होना बहुत बडी बात है ना । क्या मतलब सर किसी एक आदमी का काम नहीं होगा ये तो पांडुपोल तो तुम्हारी सही है पर अभी हम सिर्फ खोजबीन कर रहे हैं पर अभी तक हमारे हाथ में कुछ आया नहीं । नायक हजार जरूर आएगा । देखते हैं वो कब तक भागेगा । वहाँ पर लो सच कहा तुम्हें अब जब दिन और रात एक कर ही दिए हैं तो उसे खोज कर ही रहेंगे और सेना को बचाकर ही सांस लेंगे । पांडु जोश में आ गया और गाडी की रफ्तार बढा दिया । बिना पुलिस की गाडी चलाने का मजा ही कुछ और है । पांडों आराम से ये गाडी किराये पर है । ठीक है गाडी हर्षवर्धन के बंगले पर होगी, माफी चाहता हूँ हर्षवर्धन जी पर ये बहुत जरूरी था । कोई बात नहीं जैसा हर्षवर्धन बोला आप के कहे अनुसार घर के सभी सदस्य और घर के सभी राॅड सब मौजूद हैं । विजय पहली नजर से सभी को एक बार देखता और फिर कहता है मैं चाय पीने नहीं आया हूँ क्या एनआरपी करने नहीं आया । बहुत कम बोलता हूँ, मारता चाहता हूँ । जितना पूछूंगा उतना बताना ना ज्यादा ना कम और यदि चुप रहे तो मन में जो कुछ भी चल रहा होगा तो यहाँ रखना है । बहुत हद तक जाकर हलक से बात हो डलवाना जानता हूँ मैं आप बनना चाहिए । क्यों हूँ मैं बताना चाहिए । फिर आपको भी बुलाते हैं । लोगों से कुछ पूछताछ करनी है । ठीक है और हर्षवर्धन की पत्नी अपने कमरे में चले गए । बैठक रूम में रजत टीवी से एक फॅमिली या स्क्रीन पर ऍम शुरू हो गई और उस फिल्म में कुछ राक्षस जैसे लोग इंसानों की आंखें दल, किडनी निकालकर खाते हुए दिखाए जा रहे थे । उंगलियों को काटना, सिद्धार्थ चला कर देना, आंखों में तीन से छः करना इत्यादि टॉप क्या बोला और फिर रजत ने रिमोट से पहुँच बटन पर क्लिक करके रोक दिया । दूसरा से दिखाओ एसीपी ये सब क्या है? हर्षवर्धन चाहते हो तो हमने पीछे सब समझ आ जाएगा । दूसरा वीडियो शुरू हो गया जिसमें विजय दो आदमियों की उंगलियां काटकर उस पर नमक छिडककर कुत्तों को खिला रहा था । एक का कान काटकर उसपर मिर्च का पाउडर डाला । उनकी ठीक से पूरे बैठ अकरम काम किया । बंद करो क्या बोला ये सब के मुझे सब हमें भी समझ नहीं आया । फिर विजय अपनी कुर्सी से उठा और नौकरों की तरफ देखते हुए हारते हुए बोला एक नौ साल की लडकी शाम के चार बजे यहाँ से गायब होती है । तुम लोग क्या कर रहे थे उसके बाहर से सभी काम पर । यानि तुम लोगों ने कुछ छुपाया तो याद रखना, उन लोगों को गाजर, मूली की तरह कार्ड दूंगा जैसा फिल्में दिखाया है और तुम्हारे ही कुत्तों को खिला दूंगा । वहाँ खडे सभी सिक्योरिटी और नौकर सब घबरा गए । साफ देखने में बडे सीधे लग रहे थे और पहले पांच पांच मिनट का फिल्म दिखाया और फिर अपने गांव में आ गए । अब बताओ हम लोग क्या जानते अपहरण करना के बारे में सभी चुप रहे और कुछ ना बोले सकता हूँ । कामो के हो तुम लोग क्या बोला एक एक आदमी जिम्मेदार है ना के गायब होने का पिछले दस दिन से बाहर जाकर और वो भी दीवार पर चढकर तुम लोगों की आंखों में धूल झोंककर पानीपुरी खाती थी खाकर वापस आ जाती थी और तुम लोगों को कुछ भी पता नहीं । पूरे बैठक हॉल में शांति थी । कौन कौन जानता था ये बात बताओ नहीं तो फिल्म में दिखाया है वो याद रहेगा । वह सचमुच का करके दिखाऊंगा । बताओ तो सब मुझे पता है ये बात किसे पता होगी । एक सिक्योरिटी वाला बोला कौन है वो अच्छा बर्तन चलते हुए बोला ना खराबियों मैं तुम लोगों का चिंता न करवा दूंगा । यदि ॅ खरोच भी आई तो तो साहब वो मालिका का उसे पता है क्योंकि शाम को वही तो कार्ड नहीं करता है । ऍम नहीं, सबको इस समय नहीं । हाँ उसे अभी कभी लेकर आओ । जाॅन बजाने रजत को बोला और रजत उॅची को साथ लेकर वहाँ से निकल गया मालिका का को लाने । जब तक माली नहीं आ जाता तब तुम लोग कुछ और याद करूँ । किसी ने उस आदमी को देखा था तो कैसा दिखता था हूँ? तीन सिक्योरिटी वहाँ हमेशा तैनात रहते थे और कभी कभी तो उन्होंने भी पानी पूरी खाया था । चीज आप ये सच है । हम लोगों ने खाया था, खाकर अंदर आ जाते थे और वो आगे की तरफ निकल जाता था । हर्षवर्धन के नथुने फूल और पिचक रहे थे । एक एक जिंदगी तबाह नहीं करती मैंने तो मेरा नाम हर्षवर्धन रायचौधरी नहीं तो तुम्हारे पास को भी बुलाता हूँ और हर्षवर्धन ने उसे समय सेक्युरिटी एजेंसी के मालिक को फोन कर दिया और तुरंत आने को कहा तो उससे साहब मैं बिल्कुल भी पता नहीं था कि छोटी मालकिन दीवार के पास भी जाती है करते हुए इससे करती वाला बोला उसका हुलिया बताऊँ और इस पोस्टर को देखकर बताऊँ क्या ऐसा चाहिए जी साहब, बिल्कुल ऐसा ही यही था । वो पानी पूरी वाला पिछले अपने मोबाइल से वो फोटो दिखायेगा जो थाने में बैठकर स्कैच पडा था । एक बात तो तय थी की सेना का अपहरण पानीपुरी वाले नहीं किया था और तभी रजत माली को लेकर आ जाता है । मालिक मैंने क्या किया था? हर्षवर्धन एक समाज हमारा । उस पूरे से मालिक आका को और काका जमीन पर गिरते गिरते बचा । उसके दाल से खून आने लगा और आप फिलहाल हो गई । उसे जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि बडे साहब इस तरह की हरकत करेंगे । पर काका का तो कुछ मालूम ही नहीं था । रुपये हर्षवर्धन चाहते हैं क्या बोला थोडी ठंडक रखे हैं । पूछताछ मैं कर रहा हूँ, आप खुद पर काबू रखिये हॉल में अब सभी की निगाहें काका पर थे । आखिर काका को कुछ पता होगा पर यदि पता है तो क्या सोफे पर बैठा विजय सामने काका को एक स्कूल पर बैठाकर बडे ध्यान से देख रहा था । काका आपको पता है इतनी रात को आपको हमने यहाँ के बुलाया । आप मुझे हमको कुछ नहीं मालूम साहब हमें क्यों मारे ये भी नहीं पता होते हुए काका बोला परसों की तपस्या का ये फल मिला मुझे रोज मत का का मैं आपको बताता हूँ । मुझे बोला सेना मीडिया का अपहरण हो गया क्या? काका चौंक गया? ऐसा कैसे हो सकता है? और काका आश्चर्य के बाद ये है कि उसका अपहरण पानी पुरी वाले नहीं किया । ऍम पानी पूरी वाला वही जो दीवार के पीछे तथा क्या मुझे बोला मतलब का का आपको पता था के एना उस रास्ते से दीवार फांदकर पानी पूरी खाने जाती थी और आप मदद भी करते थे । अचानक में काका हर्षवर्धन के पैरों में गिर गया । साहब मुझे नहीं पता था ऐसा कुछ भी होगा । हर्षवर्धन ने अपना सिर्फ कर लिया । काका बस एक प्रश्न ये बताओ किसके कहने पर इतनी बडी गलती कर गया था सब फॅार वो जब मैं आ गयी कि मुझे पानी पूरी खानी है वो तो घर में भी मिल सकती थी । बाहर का खाना इस घर में नौकरों को इजाजत नहीं तो अपना कैसे खाएंगे ऍफ करने लगे और कहने लगी कि बाहर के ठेले पर पानी पूरी बहुत अच्छी होती है । मतलब जिद करने लगी और कसम भी दिया कि मुझे वही खाना या आप किसी से कहना मत । बहुत और आप मान भी गए । होटल मुस्कान ये बोला एक बच्चे की जितने देखो क्या से क्या कर दिया अब एक बात ये बताओ हैना को कैसे पता की दीवार के उस पार पानीपुरी वाला आता है । अब सच में वो मुझे नहीं पता ऐसे नहीं बताएगा इस को रिमांड पर लीजिए तब ये बताएगा नहीं हर्षवर्धन जा रुकिए कागावा जितना बोलना था बोल दिया गलती उनकी नहीं और बोलती है ना की भी नहीं ऐसा कैसे गलती नहीं हर्षवर्धन बोला कितनी बडी गलती कैसे कर सकते हैं ये सब सबसे अच्छे सिक्योरिटी एजेंसी के लोग हमारे पास सुरक्षा के लिए घर में कोने कोने पर कैमरे लगे हैं एक एक काम के लिए अलग अलग नौकर तैनात है फिर भी ये गलती हो गई । एक बच्चे के बहकावे में आकर के लोग अच्छा, अब आप लोग जाओ विजय सभी नौकरों सेक्योरिटी को बोला हर्षवर्धन साहब याद रहे कल का दिन, कुछ तो समाचार देगा आप मालिका का को कुछ मत कहना । बिचारे बुड्ढे है । उन्होंने जो भी मदद की है आपकी बिटिया की खुशी के लिए क्या अस्पताल कप लगने लगा कि कमिश्नर ने जो इस एसीपी को इसके इसके लिए तैनात किया है, वह सच में माहिर है । अब आपकी मैम को बुलाती है । जब हर्षवर्धन की पत्नी आगे तो वैज्ञानिक प्रश्न किया मुझे एक बात बताइए, मैं आपको पानीपुरी की इतनी लत कैसे लग गई की उसने इतना बडा कदम उठा लिया । मैं सच कहूँ तो मुझे नहीं पता और दीवार के उस पार कोई आता भी है ये कैसे पता चल गया । ये भी नहीं समझ में आया ये गंभीर विषय कुछ ज्यादा है तो बताइएगा गिनती के दस दिन वो आदमी दीवार के उस पर आता है और दस दिन वह बडे आराम से एना को गायब कर देता है । मैंने सोचने वाली बात इतना कहकर वजह तो पैसे उठ गया और बोला अब हम चलते हैं । आपको इस दिलासा देकर जा रहा हूँ कि नैना को कुछ नहीं होने दूंगा और फिर बचा रजत के साथ बाहर निकल गया और बच्चा बोला रजत मालिका का पर ध्यान रखना । तीसरा सर्व अब आप भी करता हूँ और आराम करो । विजय मुस्कुराकर बोला आराम कहाँ है तो का मैं घर जाता हूँ । तुम भेजा मैं कहाँ हूँ? मेरा हाथ भी हो, लोग कहाँ गए और ऍम करते रहना के सामने नजर आया । बहुत में क्या हुआ ही साइबर मेरे आपको लोग बाथरूम जाना है । मुझे ठीक है । ठीक है अभी खोलता हूँ और जैसे ही लेना का हाथ खुला, ॅ लपक कर उस आदमी के ऊपर एक घूसा मारा और वहाँ से भागने लगे । वो एक छोटा सा कमरा था लकडी की दीवार छब्बी लकडी की दरवाजे की तरफ लडकी और एक झटके के साथ बाहर निकल गए । जिस गति से वो भागी थी ठीक उसी गति से वो अंदर आएगा । हम कहाँ है ये तो एक नदी है, घबराकर बोलिये ना, हम एक नाव पर है, ऍम हूँ । बाद में हसने लगा घनी लंबी मुझे पर सर में पे माल नहीं और ताडी उतनी ही घंटे आपको क्या लगा रानी साहिबा कि आप मुझे मारकर यहाँ से भाग जाओगे । कभी नहीं जी बाथरूम जाना है । कहाँ जाऊ मैं इस तरह और उस आदमी ने इशारा किया किधर भी एक दरवाजा और दरवाजे के बाहर एक छोटा सा बात नहीं, मुझे किनारे ले चलो अच्छा था की आप वहाँ से को नहीं मैं नहीं होंगे चुपचाप से उस तरफ जाकर जो कर रहे हैं और पानी में कूदने की कोशिश मत करना । पानी में बडे बडे मगर मच हैं । एक मिनट में आपके शरीर का पिज्जा बर्गर कर खा जाएंगे और यहाँ से निकल जाने तो फिर मैं देख लूंगा तो मैं चलती जाओ । रानी साहिबा जब यहाँ से निकल जाऊँ तब देखते हैं अभी फिलहाल जाकर वापस आ जाएगा और है ना? बाहर निकल गए । बाहर निकलते हैं । छोटा बाथरूम था जो लकडियों से ही खेर कर बनाया गया था । सेना को ना चाहते हुए भी उस गंदे से बातों में जाना पडा और जब बाहर आई तो बडबडाने लगे कहाँ गए मैं? किस राक्षस के जाल में फस गई मैं पानी पुरी ने बाहर का नजारा देखा तो देखती रह गई । एक छोटी सी नदी थी जिस के दोनों किनारों पर घने जंगल है । एक पे आदमी नजर नहीं आ रहा था । उसने ऐसा दृश्य फिल्मों में देखा था । पापा ने कहीं भी नहीं आया । टूर के नाम पर हर बार बुआ के वहाँ छोड देते थे । हिंदी सारा कितना था, कितना अच्छा था ऍम तभी उस आदमी ने पका अंदर राजा रानी साहिबा उन्होंने सुन तो लिया था पर जवाब नहीं दिया । फिर वो भी बाहर आ गया । एक बात बताऊँ नाम कौन चला रहा है फिलहाल नाम अपने आप चल रही है । रानी जाएगा पानी के बहाव के साथ थी । रही थी रे चल रही है बस वही तो ऍम मैं वही से लेते हैं । फिर उस आदमी ने एना का हाथ पकडकर उसे अंदर लिया और बोला कुछ खाने के लिए सामान पडा है खाना हाँ मुझे धूप तो लगी है ऍफ कर बोले क्या क्या है खाने में राॅ तो आदमी पिकनिक पर नहीं है जो है खाली फिर शायद कल ही मिलेगा नहीं पे रहना नहीं करने का बॉक्स खोला उसमें कुछ वॅार से पढे थे ये क्या है मैं ये नहीं होंगे ठीक है भोगीराम मैं आपका बेहिस रखा जाऊंगा ऍम की तो बहुत ही इसलिए उसने तुरंत मना कर दिया । नहीं नहीं मैं खा रही हूँ और बेहतर का पैकेट खोलते हुए हैं । बिल्कुल भी अच्छा नहीं हूँ वो मुझे पता है वैसे तुम्हारा नाम क्या है जो कर कि अरे ये ऍम जोकस मेरा यही ना मैं चोकर नहीं ये नाम नहीं हो सकता बताओ मुझे मैं जानना चाहती हूँ जो करिए मैं तुम क्या करोगी जानता है हाँ नाराज होकर बोला तो कर ही कहूँ । यदि कुछ कहना है तो ठीक है हूँ । कुछ सहमत करो तो ये बताओ क्या चाहिए तो मैं मेरे पापा को फोन करो, सब मिल जाएगा इधर उधर खूब ने से क्या फायदा ऍम ऍम हो ऍम तो आप हमें अपने पापा से दिलवा होगी, हाँ बोलो परनानी सहायता के बाद के पास भी बहुत नहीं है जो मुझे चाहिए क्या चाहिए आपको एना पेपर खत्म कर चुकी थी और चॉकलेट करें पर भारतीय हुए बोले हैं देखो एक बार तुमने मुझे मारा था और एक बार मैंने तो मैं मार दिया । अब मैं तुम्हारी मदद करेंगे । पता क्या चाहिए तो मैं जो हो रहा है शांति से बैठी हूँ । नहीं नहीं सच में मेरे पापा बहुत अमीर है । तुम्हें पता है ऐसा कोई शहर नहीं मेरे पापा का शोरूम ना हो । कई सारी बडी बडी कपडे के कारखाने एक बार मांग कर तो देखो सच बोल रहा हूँ चुप रहूं नहीं तो नदी में फेंक दूंगा । समझे ऍम मुझे पता है ऍम मेरा साथ कुछ नहीं करेंगे ।

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एक पानी पूरीवाला शहर के सबसे अमीर शख्‍स चौधरी साहब की बेटी को किडनैप कर लेता है। उनकी पहुंच मंत्री तक है और घर में कड़ी सुरक्षा भी तैनात होती है, फिर भी यह सब हो जाता है। किडनैपर बच्‍ची को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है और वह उसका दोस्‍त भी बन जाता है। लेकिन किडनैपिंग क्‍यों हुई है यह कोई नहीं जानता?
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