महाराज विशाल केसरी के पुत्र समर सिंह और शक्ति सिंह गुरूकुल से शिक्षा पूरी कर महल आते हैं। राजा अपने पुत्रों से उनकी शिक्षा के बारे में पूछते हैं। जवाब में उनका छोटा पुत्र शक्ति सिंह बताता है कि उसने चोरी करने की विद्या में महारत हासिल की है। इस पर राजा बहुत क्रोधित होते हैं और अपने मंत्री से सलाह करके शक्ति सिंह को चोरी करने की चुनौती देते हैं। जिस बात पर महाराज खुद क्रोधित थे उसी बात को उन्होंने स्वीकार क्यों किया? इस मुहिम के साथ शुरू होता है कहानी में रहस्य और रोमांच का सफर... महाराजा ने शक्ति सिंह को किस चीज की चोरी के लिए भेजा और क्यों? इस काम के दौरान शक्ति सिंह को कई धोखेबाज और गद्दारों का भी पता चलता है.. कौन है ये गद्दार? सुनें पूरी कहानी!
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महाराज विशाल केसरी के पुत्र समर सिंह और शक्ति सिंह गुरूकुल से शिक्षा पूरी कर महल आते हैं। राजा अपने पुत्रों से उनकी शिक्षा के बारे में पूछते हैं। जवाब में उनका छोटा पुत्र शक्ति सिंह बताता है कि उसने चोरी करने की विद्या में महारत हासिल की है। इस पर राजा बहुत क्रोधित होते हैं और अपने मंत्री से सलाह करके शक्ति सिंह को चोरी करने की चुनौती देते हैं। जिस बात पर महाराज खुद क्रोधित थे उसी बात को उन्होंने स्वीकार क्यों किया? इस मुहिम के साथ शुरू होता है कहानी में रहस्य और रोमांच का सफर... महाराजा ने शक्ति सिंह को किस चीज की चोरी के लिए भेजा और क्यों? इस काम के दौरान शक्ति सिंह को कई धोखेबाज और गद्दारों का भी पता चलता है.. कौन है ये गद्दार? सुनें पूरी कहानी!