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Story | hindi | Society and Culture
11 minsभाग पांच वृंदा की शादी पक्की हो ना । एक दिन मैं वृंदा के साथ अपने घर के बाहर बनीपार्क में बैठा था । वो कुछ उदास लग रही थी । मैंने उसे कहा क्या हुआ युवराज क्यों बैठी हूँ? कुछ नहीं कुछ नहीं मतलब कुछ तो है । आज तुमने कोई शोर नहीं मचाया । यूँ उदास बैठी हो । घर में कुछ बात हुई है क्या? ऍम नाम कुछ नहीं हुआ । रिन्दा तुम सबसे छुपा सकती हो लेकिन मुझ से कुछ नहीं छुपा सकती । मुझे पता है आज फिर घर में कोई न कोई बात हुई होगी । ऍम अगर तुम नहीं बताना चाहती तो मत बताओ । एक न्यू मूल लटका के मत बैठो । घर में छोटी मोटी बातें चलती रहती हैं तो हमारे लिए ये बातें छोटी मोटी होगी लेकिन मेरे लिए बहुत मायने रखती हैं । तुम नहीं समझता हो गए लडके होना लडके होना इस बात से तुम्हारा क्या मतलब? जब तुम इस बात का मतलब ही नहीं समझ पा रहे हो तो मेरी बातें कैसे समझ सकते हो? पहली अहमद मुझे हूँ और सीधा सीधा बताओ कि तुम कहना क्या चाहती हूँ । सीधा साधा बताऊँ तो जो मेरे और मेरे परिवार के बारे में थोडा जानता हूँ । तुम तो मेरे और मेरे परिवार के बारे में सब कुछ जानते हो । लगता है आज फिर तुम्हारा या तो घर वालों के साथ झगडा हुआ है या फिर तुम्हारी दादी ने तुम्हें बुरा भला कहा है । नहीं ऐसी कोई बात नहीं है । तो फिर क्या बात है? मुझे समझ में नहीं आ रहा क्या समझ में नहीं आ रहा क्या तुम लडकियों को न समझना बहुत मुश्किल है । सच बात ये है कि तुम मुझसे बात छिपाना भी नहीं चाहती और बात बता भी नहीं पा रही हो । खैर कोई बात नहीं नहीं बताना चाहती हूँ तो मत पता होगा नहीं, ऐसी कोई बात नहीं हो तो मैं नहीं बताउंगी तो और किसी बताउंगी तो बताओ ना । फिर बात ये है कि कल मेरी बहन साधना दीदी के साथ हमारे घर आई थी तो उसमें परेशान होने वाली क्या बात है । पूरी बात तो सुन लोग वो अपने किसी रिश्तेदार के बेटे के लिए मेरी बहन देविका के लिए रिश्ता लेकर आई थी । ये तो बहुत खुशी की बात है । मैंने कहा ना कि पहले पूरी बात सुन लो उसके बाद बात करना बीच में टोका करो । अच्छा बाबा पूरी बात बताओ । अब मैं पूरी बात सुने बिना बीच में नहीं बोलूंगा । साधना दीदी की साझदेारी का के लिए रिश्ता लेकर आई थी । लेकिन उसके साथ आई एक और आपने मुझे पसंद कर लिया । ये बात सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई और मैं चुप हो गया । मैं कुछ भी ना बोलने की हालत में था तो मैं तो वृद्धा से प्यार करता था । ऍम बंदा अभी तक मुझे अपना सिर्फ दोस्ती मानती थी जिस वजह से वो अपने दिल की हर बात मुझसे आकर साझा किया करती थी । है । कुछ देर चुप रहने के बाद मैंने धीरे से वृंदा से कहा, फिर इसमें बुरा क्या है तुम समझ नहीं पा रहे । साधना देवी की सास के साथ जो बताई थी उस की दूर की रिश्तेदार थी और उसके किसी रिश्तेदार का बेटा विदेश में रहता है । वो उसके लिए देविका का रिश्ता लेकर आई थी लेकिन लेकिन क्या? लेकिन जब मैं उनके सामने आई तो उसने देरी का को ना पसंद करके मुझे पसंद कर लिया और मेरी माँ मेरे बारे में बात करने लग गई । फिर मैंने क्या कहा ऐसे तो माने हाय आना । ऐसा कुछ भी नहीं कहा । मतलब मतलब ये कि माने उनसे ये कह दिया कि वह मेरे पिता जी से बात करके उन्हें बता देंगे । यार ये रिश्ता पक्का नहीं हुआ है । अरे पक्का ही समझो वो किस से मैंने हैरानी से पूछा । मैंने उनसे कहा कि वह पिताजी और दादी माँ से पूछ कर उन्हें इसके बारे में बताएंगी और जहाँ तक मेरा मानना है कोई भी इस रिश्ते को ना नहीं कहेगा । वृंदा की बात सुनकर मेरे दिल टूट गया । मैंने किसी ना किसी तरह अपने आप को संभाला और वृंदा को अपनी हालत का एहसास ना होने दिया । मैंने मजाकिया लहजे से वृंदा को कहा, इसका मतलब ये हुआ के तुम जल्दी शादी करने वाली हूँ । इतनी जल्दी भी नहीं । मैंने उनसे ये भी कहा है कि जब तक देरी का की शादी नहीं हो जाती तब तक वो मेरी शादी के बारे में सोच भी नहीं सकते । वो सब तो ठीक है लेकिन हम पहले ये बताओ कि तुम उदास क्यों बैठी हो? मेरा मतलब किसने उदास होने वाली क्या बात है? पता नहीं मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है । ये कहकर जिंदा वहाँ से चली जाती है और मैं दिल छोटा करके वहीं बैठा रहता हूँ । अंदर से बहुत प्यार करता था । मैं अपने दिल की बात कभी भी उसे बता नहीं पाया जिस वजह से आज भी वो मुझ को अपना दोस्त भी मानती है । मैं छोटा समूह लेकर मुक्त माँ के घर चला गया । मुझे यू उदासर देखकर मुझे बोली क्या हुआ? अशोर नहीं मचाना गया । खाने के लिए भी कुछ नहीं मांगा । अरे बात क्या है? कृष नहीं मार ऐसे ही शिखा से डांट पडी है क्या? नहीं ऐसी कोई बात नहीं । तो फिर पत्ता वृंदा से झगडा हुआ होगा । अब झगडने को बचा ही क्या है? क्यों क्या हुआ? क्या फिर से तुम उन्होंने लडाई कर लिया? नहीं ऐसी कोई बात नहीं है और आज के बाद मेरे सामने उसका नाम भी नहीं लेना । बेटा बता तो देख क्या हुआ है? हाँ बोल दिया ना कि मेरे सामने आज के बाद उसका नाम नहीं लेना । आज के बाद मेरे से कोई लेना देना नहीं है । ठीक है जैसा तुमको हूँ लेकिन बता तो देखी बात क्या हुई है? पढना मुझे वृंदा या उसकी माँ से पूछना पडेगा । वृंदा के लिए रिश्ता आया है और वह शादी कर रही है । इसके बाद को वृंदा से हुई सारी वार्तालाप मुक्ता को सुना देता है । मैं ये बात है बेटा जीवन में ऐसी बातें तो होती रहती हैं लेकिन लेकिन क्या वो शादी के लिए किसी और को हाँ कैसे कह सकती है? बेटा जी वृंदा तुम्हारी दोस्त है । प्रेमिका नहीं तो सिर्फ तुमसे ही शादी कर सकती है और इसमें सारा का सारा दोष तोहरा है । मेरा दोष वो कैसे था तुम्हारा दोष क्योंकि तुमने कभी वृंदा को अपने दिल की बात करी बताई ही नहीं । अगर बता देता पांच तो यू लटका कर बैठना पडता है वो तो तुम्हें आज तक अपना दोस्ती मानती आ रही है । ऍम कोई बात नहीं समय पर घाव भर देता है । और फिर क्या पता तो भारी किस्मत में वृंदा से भी अच्छी कोई और लडकी लिखी हूँ । मेरी बात सुन जिन बातों में तुम्हारा कोई वर्ष नहीं चल सकता हम बातों को भगवान के भरोसे छोड देना चाहिए । अगर भगवान की मर्जी होगी तो एक दिन वो खुद चलकर तेरे पास आएगी तो छोड इन सब बातों को मैं चाय बना कर रहती है । हम दोनों बैठ कर देते हैं । माँ के समझाने पर मैं उनकी बात मान जाता हूँ और अपने एकतरफा प्यार को भगवान भरोसे छोड देता हूँ । कुछ समय के बाद माँ चाय बना कर रहती है हो आज एक अजीब सके जा रहा है । अजीब सके अब कहना चाहती हैं क्या है उसके? इसमें उसके इसमें एक साल के व्यक्ति नहीं शादी कर ली है तो इसमें जी वाली क्या बात है । कुछ लोग अक्सर देर से शादी करते हैं लेकिन इस केस में व्यक्ति के बेटों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया है । माँ यू केस के बारे में घुमा फिरा कर मत करूँ, सीधे सीधे बताओ कि केस क्या है? हमें इस केस में क्या करना है और किस की मदद करनी है । अगर ये बात है तो सुनो एक आदमी है उसका नाम है पवन मेहता । उसके दो बेटे और तीन बेटियां हैं और सभी की शादी हो चुकी है । तीनों बेटियाँ शादी करके अपने ससुराल में रहती हैं और दोनों बेटे शादी करके अपनी पत्नियों और बच्चों के साथ इकट्ठे रहते हैं । कुल मिलाकर एक बहुत बडा परिवार है तो समस्या गया है । समस्या यह है कि इतना बडा परिवार होने के बावजूद भी पवन को कोई खाना तक नहीं देता । तीन बहुए हैं और तीनों में से कोई भी उसका खयाल नहीं रखता और उसके बेटियाँ मेरे कहने का मतलब है कि वह तो ख्याल रखते हैं ना । बेटियाँ तो अपने ससुराल में है । वो कैसे उसका खयाल रख सकती हैं । उसके पास पैसा वगैरह कितना है? क्यों इससे क्या फर्क पडता है और पडता है । हाँ अगर वो पैसे वाला है तो पहली दो चार नौकर रख ले । बेटा नौकर वैसी देखभाल नहीं कर सकते जैसे उसके परिवार के लोग कर सकते हैं और शायद इसी वजह से उसने शादी कर ली । लेकिन अब समस्या कहाँ आ रही है? मेरे कहने का मतलब है की समस्या है क्या? समस्या ये है की पवन के तीनों बेटों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया है और उसे घर में नहीं रहने दे रहे हैं । लेकिन इसमें हम क्या कर सकते हैं? तब ठीक कह रहे हो इस केस में हम कुछ नहीं कर सकते हैं लेकिन हम उसके बारे में विचार विमर्श तो कर ही सकते हैं ना । ऐसा विचार विमर्श यही किस व्यक्ति ने सही किया कि गलत किया तुम क्या कहते हूँ हमारे साथ से व्यक्ति ने शादी करके सही किया या गलत किया मैं ये तो उसकी शादी करने के उद्देश्य से पता चलता है । उसका सही किया कि भारत क्या काम जैसे आप बता रहे हैं । उसके दो बेटे और तीन बेटियां हैं यानी बहुत बडा परिवार है । उसे तहस के परिवार में से कोई भी सदस्य की देखभाल न करता हूँ । जिस वजह से उसने दोबारा शादी करने जैसा कदम उठा लिया होगा । कहना चाहते हो हाँ सीधी सी बात है पहले साल की उम्र में कोई व्यक्ति शादी अपने शौक के लिए तो करेगा नहीं । वो भी जब उसका परिवार इतना पडा हो कौन? मेहता इसके बारे में आप बोल रहे हो । आप के अनुसार उन के दो बेटे और तीन बेटियां हैं और वो सभी शादीशुदा हैं । मैंने अपने अपने परिवार में व्यस्त हैं । हो सकता है वो अपने पिता का खयाल ना रखते हो । उन की जरूरत का ध्यान नहीं रखते हो । यूँ कह लो कि उनको खाना पीना वगैरह समय पे ना देते हो । हाँ, उसके बारे में मैंने भी सुना है कि पवन मेहता था । उसके बेटे और बहुत ख्याल नहीं रखते । वो पिछले कई महीनों से अपनी बेटियों के घर में रहकर गुजारा कर रहा था । उनकी खाना पीने को लेकर अक्सर उनके बेटों के बीच विवाद चलता रहता था । तो अगर ये बात सही है तो मेरे हिसाब से मैंने शादी करके कोई गलती नहीं की । मीठा हो तो ठीक है । लेकिन अब अगर पवन मेहता ये उनके परिवार से कोई सदस्य हमारे पास आता है, हमने क्या सलाह देंगे? माहम किसी के परिवार में ज्यादा दखलंदाजी नहीं कर सकते हैं । आप भी जानते हो कि पवन मेहता ने जो किया वो सही किया और उनकी शादी टूट हो सकती नहीं । इसी अगर वो या उनके परिवार से कोई भी सदस्य हमारे पास सलाह लेने को आता है तो हम उन की बात सुन लेंगे और उन्हें प्यार से इस शादी को भगवान की मर्जी कहकर स्वीकार करने की सलाह दे देंगे । ठीक है बेटा जो होगा देखा जाएगा ।
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